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'''गंधक या सल्फर''' ([[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेज़ी]]:Sulfur) [[आवर्त सारणी]] के उपवर्ग VIA का एक [[तत्त्व]] है। 'सल्फर' शब्द की उत्पत्ति [[संस्कृत]] शब्द शुल्वारि से हुई है, जिसका अर्थ होता है - [[ताम्र|ताँबे]] का शत्रु। इसका संकेत 'S', [[परमाणु संख्या]] 16 तथा [[परमाणु भार]] 32.1 होता है। इसका [[इलेक्ट्रॉनिक विन्यास]]- 1s<sup>2</sup>, 2s<sup>2</sup> 2p<sup>6</sup>, 3s<sup>2</sup> 3p<sup>4</sup> होता है। गंधक (सल्फर) के [[परमाणु]] की बाह्यतम कक्षा में 6 [[इलेक्ट्रॉन]] रहते हैं। यह परिवर्तनशील संयोजकता प्रदर्शित करता है। | |||
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==प्राप्ति== | ==प्राप्ति== | ||
प्रकृति में गंधक मुक्त और संयुक्त दोनों ही अवस्थाओं में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। भूपटल पर गंधक की प्रतिशतता 0.05% है। [[संयुक्त राज्य अमरीका|संयुक्त राज्य अमेरिका]] (USA) के लुसियाना एवं टेक्सास राज्यों में [[पृथ्वी ग्रह|पृथ्वी]] की सतह से लगभग 800 फुट नीचे गंधक प्रचुर मात्रा में पायी जाती है। संसार में गंधक के कुल उत्पादन का 80% भाग लुसियाना और टेक्सास से (USA) प्राप्त होता है। मुक्त अवस्था में गंधक ज्वालामुखी क्षेत्रों मुख्यतः [[इटली]] के सिसली द्वीप तथा [[जापान]] में पायी जाती है। संयुक्त अवस्था में गंधक मुख्यतः [[धातु|धातुओं]] के सल्फाइड और सल्फेट के रूप में पायी जाती है। प्याज, लहसुन, अंडा, सरसों तेल आदि [[पदार्थ|पदार्थों]] में भी गंधक पायी जाती है। प्याज में कड़वाहट का कारण गंधक के [[यौगिक]] की उपस्थिति है। गंधक की प्राप्ति फ्रॉश विधि तथा सिसिली विधि द्वारा की जाती है। | प्रकृति में गंधक मुक्त और संयुक्त दोनों ही अवस्थाओं में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। भूपटल पर गंधक की प्रतिशतता 0.05% है। [[संयुक्त राज्य अमरीका|संयुक्त राज्य अमेरिका]] (USA) के लुसियाना एवं टेक्सास राज्यों में [[पृथ्वी ग्रह|पृथ्वी]] की सतह से लगभग 800 फुट नीचे गंधक प्रचुर मात्रा में पायी जाती है। संसार में गंधक के कुल उत्पादन का 80% भाग लुसियाना और टेक्सास से (USA) प्राप्त होता है। मुक्त अवस्था में गंधक [[ज्वालामुखी]] क्षेत्रों मुख्यतः [[इटली]] के सिसली द्वीप तथा [[जापान]] में पायी जाती है। संयुक्त अवस्था में गंधक मुख्यतः [[धातु|धातुओं]] के सल्फाइड और सल्फेट के रूप में पायी जाती है। प्याज, लहसुन, अंडा, सरसों तेल आदि [[पदार्थ|पदार्थों]] में भी गंधक पायी जाती है। प्याज में कड़वाहट का कारण गंधक के [[यौगिक]] की उपस्थिति है। गंधक की प्राप्ति फ्रॉश विधि तथा सिसिली विधि द्वारा की जाती है। | ||
==प्रकृति== | ==प्रकृति== | ||
गंधक के अणु में गंधक के 8 परमाणु परस्पर जुड़कर वलय जैसी संरचना बनाते हैं। गंधक ठोस होता है, क्योंकि इसके 8 अणु परस्पर जटिल रूप से जुड़े रहते हैं। साधारण गंधक हल्का पीला, भंगुर एवं रवेदार होता है। यह [[जल]] में अविलेय किंतु कार्बन डाइ सल्फाइड में विलेय होता है। यह [[ऊष्मा]] और [[विद्युत]] का कुचालक होता है। धातुओं के साथ गंधक संयोग कर धातुओं के सल्फाइड का निर्माण करती है। [[लोहा|लोहे]] के बुरादे और गंधक के चूर्ण के मिश्रण को गर्म करने पर [[काला रंग|काले रंग]] का फेरस सल्फाइड (FeS) बनता है। गंधक के [[ऊर्ध्वपातन]] के फलस्वरूप प्राप्त होने वाले बारीक चूर्ण को गंधक का फूल कहा जाता है। | गंधक के [[अणु]] में गंधक के 8 [[परमाणु]] परस्पर जुड़कर वलय जैसी संरचना बनाते हैं। गंधक ठोस होता है, क्योंकि इसके 8 अणु परस्पर जटिल रूप से जुड़े रहते हैं। साधारण गंधक हल्का पीला, भंगुर एवं रवेदार होता है। यह [[जल]] में अविलेय किंतु कार्बन डाइ सल्फाइड में विलेय होता है। यह [[ऊष्मा]] और [[विद्युत]] का कुचालक होता है। धातुओं के साथ गंधक संयोग कर धातुओं के सल्फाइड का निर्माण करती है। [[लोहा|लोहे]] के बुरादे और गंधक के चूर्ण के [[मिश्रण]] को गर्म करने पर [[काला रंग|काले रंग]] का फेरस सल्फाइड (FeS) बनता है। गंधक के [[ऊर्ध्वपातन]] के फलस्वरूप प्राप्त होने वाले बारीक चूर्ण को गंधक का फूल कहा जाता है। | ||
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*विषयलम्बाक्ष या अष्टफलकीय या a- गंधक, गंधक का सबसे स्थायी अपरूप है। | *विषयलम्बाक्ष या अष्टफलकीय या a- गंधक, गंधक का सबसे स्थायी अपरूप है। | ||
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07:07, 17 फ़रवरी 2021 के समय का अवतरण
गंधक | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||
हल्के पीले रंग के गन्धक के क्रिस्टल गंधक की वर्णक्रम रेखाएँ | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||
साधारण गुणधर्म | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||
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नाम, प्रतीक, संख्या | गंधक, S, 16 | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||
तत्व श्रेणी | अधातु | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||
समूह, आवर्त, कक्षा | 16, 3, p | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||
मानक परमाणु भार | 32.065g·mol−1 | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||
इलेक्ट्रॉन विन्यास | 1s2 2s2 2p6, 3s2 3p4 | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||
इलेक्ट्रॉन प्रति शेल | 2, 8, 6 | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||
भौतिक गुणधर्म | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||
अवस्था | ठोस | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||
घनत्व (निकट क.ता.) | (अल्फ़ा) 2.07 g·cm−3 | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||
घनत्व (निकट क.ता.) | (बीटा) 1.96 g·cm−3 | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||
घनत्व (r.t.) | (गामा) 1.92 g·cm−3 | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||
तरल घनत्व (गलनांक पर) |
1.819 g·cm−3 | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||
गलनांक | 388.36 K, 115.21 °C, 239.38 °F | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||
क्वथनांक | 717.8 K, 444.6 °C, 832.3 °F | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||
संकट बिंदु | 1314 K, 20.7 MPa | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||
संलयन ऊष्मा | (मोनो) 1.727 किलो जूल-मोल | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||
वाष्पन ऊष्मा | (मोनो) 45 किलो जूल-मोल | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||
विशिष्ट ऊष्मीय क्षमता |
22.75
जूल-मोल−1किलो−1 | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||
वाष्प दाब | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||
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परमाण्विक गुणधर्म | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||
ऑक्सीकरण अवस्था | 6, 5, 4, 3, 2, 1, -1, -2 (अम्लीय ऑक्साइड) | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||
इलेक्ट्रोनेगेटिविटी | 2.58 (पाइलिंग पैमाना) | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||
आयनीकरण ऊर्जाएँ (अधिक) |
1st: 999.6 कि.जूल•मोल−1 | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||
2nd: 2252 कि.जूल•मोल−1 | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||
3rd: 3357 कि.जूल•मोल−1 | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||
सहसंयोजक त्रिज्या | 105±3 pm | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||
वैन्डैर वाल्स त्रिज्या | 180 pm | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||
विविध गुणधर्म | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||
क्रिस्टल संरचना | विषमलंबाक्ष | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||
चुम्बकीय क्रम | प्रतिचुम्बकीय | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||
वैद्युत प्रतिरोधकता | (20 °C) एम्फोटेरिक ऑक्साइड 2×1015Ω·m | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||
ऊष्मीय चालकता | (300 K) एम्फोटेरिक ऑक्साइड 0.205 W·m−1·K−1 | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||
स्थूल मापांक | 7.7 GPa | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||
मोह्स कठोरता मापांक | 2.0 | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||
सी.ए.एस पंजीकरण संख्या |
7704-34-9 | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||
समस्थानिक | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||
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गंधक या सल्फर (अंग्रेज़ी:Sulfur) आवर्त सारणी के उपवर्ग VIA का एक तत्त्व है। 'सल्फर' शब्द की उत्पत्ति संस्कृत शब्द शुल्वारि से हुई है, जिसका अर्थ होता है - ताँबे का शत्रु। इसका संकेत 'S', परमाणु संख्या 16 तथा परमाणु भार 32.1 होता है। इसका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास- 1s2, 2s2 2p6, 3s2 3p4 होता है। गंधक (सल्फर) के परमाणु की बाह्यतम कक्षा में 6 इलेक्ट्रॉन रहते हैं। यह परिवर्तनशील संयोजकता प्रदर्शित करता है।
प्राप्ति
प्रकृति में गंधक मुक्त और संयुक्त दोनों ही अवस्थाओं में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। भूपटल पर गंधक की प्रतिशतता 0.05% है। संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) के लुसियाना एवं टेक्सास राज्यों में पृथ्वी की सतह से लगभग 800 फुट नीचे गंधक प्रचुर मात्रा में पायी जाती है। संसार में गंधक के कुल उत्पादन का 80% भाग लुसियाना और टेक्सास से (USA) प्राप्त होता है। मुक्त अवस्था में गंधक ज्वालामुखी क्षेत्रों मुख्यतः इटली के सिसली द्वीप तथा जापान में पायी जाती है। संयुक्त अवस्था में गंधक मुख्यतः धातुओं के सल्फाइड और सल्फेट के रूप में पायी जाती है। प्याज, लहसुन, अंडा, सरसों तेल आदि पदार्थों में भी गंधक पायी जाती है। प्याज में कड़वाहट का कारण गंधक के यौगिक की उपस्थिति है। गंधक की प्राप्ति फ्रॉश विधि तथा सिसिली विधि द्वारा की जाती है।
प्रकृति
गंधक के अणु में गंधक के 8 परमाणु परस्पर जुड़कर वलय जैसी संरचना बनाते हैं। गंधक ठोस होता है, क्योंकि इसके 8 अणु परस्पर जटिल रूप से जुड़े रहते हैं। साधारण गंधक हल्का पीला, भंगुर एवं रवेदार होता है। यह जल में अविलेय किंतु कार्बन डाइ सल्फाइड में विलेय होता है। यह ऊष्मा और विद्युत का कुचालक होता है। धातुओं के साथ गंधक संयोग कर धातुओं के सल्फाइड का निर्माण करती है। लोहे के बुरादे और गंधक के चूर्ण के मिश्रण को गर्म करने पर काले रंग का फेरस सल्फाइड (FeS) बनता है। गंधक के ऊर्ध्वपातन के फलस्वरूप प्राप्त होने वाले बारीक चूर्ण को गंधक का फूल कहा जाता है।
अपरूप
- रवेदार अपरूप
- विषमलम्बाक्ष या अष्टफलकीय गंधक या a - गंधक
- प्रिज्मीय या एकनताक्ष गंधक या b गंधक
- बेरवादार अपरूप
- प्लास्टिक गंधक
- श्वेत गंधक
- दुधिया गंधक
- विशेष
- विषयलम्बाक्ष या अष्टफलकीय या a- गंधक, गंधक का सबसे स्थायी अपरूप है।
- उबलते हुए गंधक को जल में डाल देने पर प्लास्टिक गंधक प्राप्त होता है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
आवर्त सारणी | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
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H | He | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
Li | Be | B | C | N | O | F | Ne | ||||||||||||||||||||||||||||||||||
Na | Mg | Al | Si | P | S | Cl | Ar | ||||||||||||||||||||||||||||||||||
K | Ca | Sc | Ti | V | Cr | Mn | Fe | Co | Ni | Cu | Zn | Ga | Ge | As | Se | Br | Kr | ||||||||||||||||||||||||
Rb | Sr | Y | Zr | Nb | Mo | Tc | Ru | Rh | Pd | Ag | Cd | In | Sn | Sb | Te | I | Xe | ||||||||||||||||||||||||
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