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*इस व्रत को करने से सभी पाप कट जाते हैं, क्योंकि उस दिन उस नदी में सभी पवित्र नदियाँ एवं समुद्र उपस्थित माने जाते हैं <ref>वर्षक्रियाकौमुदी (522, कालिकापुराण एवं भविष्योत्तपुराण 77|85-59 से उद्धरण | *इस व्रत को करने से सभी पाप कट जाते हैं, क्योंकि उस दिन उस नदी में सभी पवित्र नदियाँ एवं समुद्र उपस्थित माने जाते हैं <ref>वर्षक्रियाकौमुदी (522, कालिकापुराण एवं भविष्योत्तपुराण 77|85-59 से उद्धरण</ref>। | ||
12:54, 27 जुलाई 2011 के समय का अवतरण
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- चैत्र शुक्ल अष्टमी को ब्रह्मपुत्र (इसे लोहित्य भी कहा जाता है) नदी में स्नान करना चाहिए।
- इस व्रत को करने से सभी पाप कट जाते हैं, क्योंकि उस दिन उस नदी में सभी पवित्र नदियाँ एवं समुद्र उपस्थित माने जाते हैं [1]।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ वर्षक्रियाकौमुदी (522, कालिकापुराण एवं भविष्योत्तपुराण 77|85-59 से उद्धरण
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