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*तिथि; [[देवता]] [[दुर्गा]]; [[महिषासुर]] को मारने वाली दुर्गा को हल्दी चूर्ण से युक्त जल से स्नान कराना चाहिए। | *तिथि; [[देवता]] [[दुर्गा]]; [[महिषासुर]] को मारने वाली दुर्गा को हल्दी चूर्ण से युक्त जल से स्नान कराना चाहिए। | ||
*प्रतिमा पर चन्दन लेप एवं कर्पूर लगाना, कुमारियों एवं ब्राह्मणों को भोजन एवं दक्षिणा देना; दीप प्रकाश करना चिए। | *प्रतिमा पर चन्दन लेप एवं कर्पूर लगाना, कुमारियों एवं ब्राह्मणों को भोजन एवं दक्षिणा देना; दीप प्रकाश करना चिए। | ||
*इस व्रत को करने से सभी कामनाओं की पूर्ति होती है।<ref>पुरुषार्थचिन्तामणि (109-110 | *इस व्रत को करने से सभी कामनाओं की पूर्ति होती है।<ref>पुरुषार्थचिन्तामणि (109-110</ref>; <ref>स्मृतिकौस्तुभ (138</ref> | ||
12:57, 27 जुलाई 2011 के समय का अवतरण
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- आषाढ़ शुक्ल अष्टमी पर किया जाता है।
- तिथि; देवता दुर्गा; महिषासुर को मारने वाली दुर्गा को हल्दी चूर्ण से युक्त जल से स्नान कराना चाहिए।
- प्रतिमा पर चन्दन लेप एवं कर्पूर लगाना, कुमारियों एवं ब्राह्मणों को भोजन एवं दक्षिणा देना; दीप प्रकाश करना चिए।
- इस व्रत को करने से सभी कामनाओं की पूर्ति होती है।[1]; [2]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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