"राजुबुल": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
आदित्य चौधरी (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "ई0" to "ई.") |
No edit summary |
||
(6 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 11 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
'''राजबुल | '''राजबुल / राजवुल / रजुबुल / रंजुबुल / राजुल'''<br /> | ||
[[चित्र:Kambojika-1.jpg|महाक्षत्रप राजुल की अग्रमहिषी महाराज्ञी [[कम्बोजिका]]<br /> Female Statue Probably Representing Kambojika Chief Queen of Mahakshatrapa Rajula |thumb|250px]] | [[चित्र:Kambojika-1.jpg|महाक्षत्रप राजुल की अग्रमहिषी महाराज्ञी [[कम्बोजिका]]<br /> Female Statue Probably Representing Kambojika Chief Queen of Mahakshatrapa Rajula |thumb|250px]] | ||
राजबुल अथवा राजवुल (प्रथम शताब्दी) [[मथुरा]] का इन्डो सीथियन | राजबुल अथवा राजवुल (प्रथम शताब्दी) [[मथुरा]] का इन्डो सीथियन शासक। 1869 ई. में मथुरा से पत्थर का यह 'सिंह-शीर्ष' मिला जो [[लंदन]] के 'ब्रिटिश म्यूज़ियम में रखा हुआ है। [[चित्र:Lion-capitol.jpg|सिंह शीर्ष|thumb|left|250px]] इस पर [[खरोष्ठी|खरोष्ठी लिपि]] और [[प्राकृत]] भाषा में कई लेख हैं। इनमें [[क्षत्रप]] शासकों के नाम मिलते हैं। एक शिलालेख में [[महाक्षत्रप]] राजुबुल की पटरानी [[कंबोजिका|कमुइअ]] (कंबोजिका) के द्वारा [[बुद्ध]] के अवशेषों पर एक [[स्तूप]] तथा एक 'गुहा विहार' नामक मठ बनवाने का उल्लेख मिलता है। संभवत: यह मठ [[मथुरा]] में [[यमुना नदी|यमुना]]-तट पर वर्तमान सप्तर्षि टीला पर रहा होगा। यहीं से ऊपर उल्लेखित 'सिंह-शीर्ष' मिला था। इसके नाम रजुबुल, रंजुबुल और राजुल भी मिलते हैं। यह पहले [[शाकल]] का शासक था। हगान और हगामष से इसका क्या संबंध था, यह स्पष्ट नहीं। | ||
[[Category:इतिहास कोश]] | {{लेख प्रगति |आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक=|पूर्णता=|शोध=}} | ||
==संबंधित लेख== | |||
{{शक साम्राज्य}}{{प्राचीन विदेशी शासक}} | |||
[[Category:इतिहास कोश]][[Category:शक एवं कुषाण काल]][[Category:शक साम्राज्य]] | |||
__INDEX__ | __INDEX__ |
10:33, 18 अगस्त 2014 के समय का अवतरण
राजबुल / राजवुल / रजुबुल / रंजुबुल / राजुल
राजबुल अथवा राजवुल (प्रथम शताब्दी) मथुरा का इन्डो सीथियन शासक। 1869 ई. में मथुरा से पत्थर का यह 'सिंह-शीर्ष' मिला जो लंदन के 'ब्रिटिश म्यूज़ियम में रखा हुआ है।
इस पर खरोष्ठी लिपि और प्राकृत भाषा में कई लेख हैं। इनमें क्षत्रप शासकों के नाम मिलते हैं। एक शिलालेख में महाक्षत्रप राजुबुल की पटरानी कमुइअ (कंबोजिका) के द्वारा बुद्ध के अवशेषों पर एक स्तूप तथा एक 'गुहा विहार' नामक मठ बनवाने का उल्लेख मिलता है। संभवत: यह मठ मथुरा में यमुना-तट पर वर्तमान सप्तर्षि टीला पर रहा होगा। यहीं से ऊपर उल्लेखित 'सिंह-शीर्ष' मिला था। इसके नाम रजुबुल, रंजुबुल और राजुल भी मिलते हैं। यह पहले शाकल का शासक था। हगान और हगामष से इसका क्या संबंध था, यह स्पष्ट नहीं।
|
|
|
|
|