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__TOC__
नवीनतम घटनाओं और समसामयिक विषयों पर अद्यतन (अपडेट) सूचनाओं को '''समाचार''' कहते हैं, जिन्हें [[समाचार पत्र]], समाचार टी.वी. चैनल, अंतर्जाल (इंटरनेट) या अन्य माध्यमों की सहायता से पाठकों, दर्शकों और श्रोताओं तक पहुंचाया जाता है।  
==पीएसएलवी ने तीन उपग्रहों को किया अंतरिक्ष में स्थापित==
{{seealso|समाचार 2010|समाचार 2011|समाचार 2012|समाचार 2013|समाचार 2014|समाचार 2015|समाचार 2016}}
====20 अप्रॅल, 2011, बुधवार====
;हाल ही के कुछ प्रमुख राष्ट्रीय समाचार निम्नलिखित हैं-
अंतरिक्ष कार्यक्रमों में भारतीय वैज्ञानिकों ने फिर कामयाबी का परचम लहराया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान (इसरो) के उपग्रह प्रक्षेपण यान 'पीएसएलवी' ने 20 अप्रॅल, 2011 बुधवार को तीन उपग्रहों को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में स्थापित कर दिया। गत वर्ष [[दिसंबर]] में जीएसएलवी के प्रक्षेपण में मिली दो लगातार विफलताओं के बाद इसरो की यह कामयाबी बेहद अहम है। पीएसएलवी का यह 18वां मिशन था। इससे पहले पीएसएलवी के जरिये किये गये 17 प्रक्षेपणों में से लगातार 16 मिशन में सफलता हासिल हुई थी, जिससे इसकी विश्वसनीयता का पता चलता है। पीएसएलवी ने सफलता के क्रम को बनाये रखते हुए आज 17वें प्रक्षेपण को भी सफलतापूर्वक अंजाम दिया।
==हम है दुनिया की 5वीं बड़ी शक्ति==
[[चित्र:Indian-Army-2.jpg|thumb||[[भारतीय थलसेना]]]]
====14 अप्रॅल, 2011, गुरुवार====
राष्ट्रीय सुरक्षा सूचकांक (एनएसआई) द्वारा हाल ही में किए सर्वेक्षण में [[भारत]] को दुनिया का पांचवा सर्वाधिक शक्तिशाली देश माना गया। सूची में [[अमेरिका]] को पहले तथा [[चीन]] दूसरे स्थान पर है। [[जापान]] और रूस को क्रमश: तीसरा और चौथा स्थान मिला है। सूची में दक्षिण कोरिया को छठा स्थान दिया गया है। उसके बाद नॉर्वे (7) जर्मनी (8) फ्रांस (9) और ब्रिटेन (10) को रखा गया है। कार्य-कुशल जनसंख्या के मामले में भारत तीसरे स्थान पर है, चीन पहले स्थान पर है। रक्षा की दृष्टि से भारत चौथी महाशक्ति है।
==भारत 28 साल बाद फिर क्रिकेट का बादशाह==
[[चित्र:India-win-icc-world-cup-2011.jpg|thumb|विश्व कप ट्रॉफी के साथ भारतीय टीम]]
====2 अप्रॅल, 2011, शनिवार====
क्रिकेट इतिहास में आखिरकार भारत ने वह इतिहास फिर से रच दिया, जिसका इंतज़ार देश को 28 साल से था। धोनी के धुरंधरों ने [[मुंबई]] के वानखेड़े स्टेडियम में श्रीलंका को हराकर आईसीसी विश्व कप, 2011 की ट्रॉफी अपने नाम कर ली। भारत अपनी धरती पर वर्ल्डकप जीतने वाला पहला देश बन गया है। ये टीम इंडिया का दूसरा वर्ल्डकप है। धोनी के धुरंधरों ने 28 साल बाद वो कर दिखाया जो 1983 में [[कपिल देव]] एंड कंपनी ने [[इंग्लैंड]] में किया था। कप्तान '''महेन्द्र सिंह धोनी''' ने शानदार पारी खेलते हुए नाबाद 91 रन बनाए। मैच के 48.2 ओवर में धोनी ने छक्का जमाकर भारत को ऐतिहासिक जीत दिलाई।
==भारत की जनसंख्या बढ़कर हुई 121 करोड़==
====31 मार्च, 2011, गुरुवार====
जनगणना के ताजा आंकड़ों के मुताबिक [[भारत]] की आबादी बढ़ कर 121 करोड़ (1 अरब 21 करोड़) हो गई है। दस साल पहले हुई गणना के मुकाबले यह 17.64 फ़ीसदी ज़्यादा है। संतोष की बात यह है कि आबादी बढ़ने की हमारी रफ़्तार कम हुई है और आज़ादी के बाद यह सबसे निचले स्तर पर है। पिछली जनगणना के मुकाबले जनसंख्या दर क़रीब चार फ़ीसदी कम दर्ज की गई है। इसी तरह महिलाओं की तत्परता के कारण अब हमारी कुल 74 फ़ीसदी आबादी साक्षर हो चुकी है। लेकिन चिंता की बात है कि इस दौरान गर्भ में बच्चियों की हत्या के मामले में हमने सारे रिकार्ड तोड़ दिए। छह साल तक की आबादी में इस समय एक हज़ार लड़कों के मुकाबले सिर्फ 914 लड़कियाँ ही हैं।
==भारत में बाघों की संख्या 1706 हुई, 295 बाघ बढ़े==
[[चित्र:Tiger-01.jpg| [[बाघ]]|thumb]]
====28 मार्च, 2011, सोमवार====
देश में बाघों की संख्या बढ़ गई है। वर्ष [[2006]] में इनकी संख्या 1411 थी जो 21 फ़ीसदी बढ़कर 1706 हो गई है। बाघों की ताज़ा गणना में ये आंकड़े सामने आए। पर्यावरण मंत्री '''जयराम रमेश''' ने सोमवार को देशभर के बाघों की संख्या से जुड़े आंकड़े तीन दिवसीय इंटरनेशनल बाघ कॉन्फ्रेंस में जारी किए। उन्होंने कहाँ कि बाघों की संख्या में इजाफा एक अच्छी खबर है। हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि [[2009]] और [[2010]] में बाघों की मृत्यु दर सामान्य से अधिक रही। कैमरा ट्रैप विधि से डेढ़ साल से अधिक उम्र के 615 बाघों के फ़ोटोग्राफ खींचे गए हैं। मध्य भारत में बाघों पर हमले की घटना में कमी आई है। खासकर [[आंध्र प्रदेश]] व [[मध्य प्रदेश]] के गलियारे में।
==पृथ्वी-2 और धनुष मिसाइलों का सफल परीक्षण==
[[चित्र:Missile Dhanush.jpg|thumb|धनुष प्रक्षेपास्त्र]]
====11 मार्च, 2011, शुक्रवार====
भारतीय रक्षा वैज्ञानिकों ने [[11 मार्च]], [[2011]] (शुक्रवार) को [[उड़ीसा]] के समुद्र तट पर 350 किलोमीटर दूर तक मार करने वाली '''धनुष''' और '''पृथ्वी''' मिसाइलों का सफल परीक्षण किया।
धनुष मिसाइल किसी युद्धपोत पर तैनात करने के लिए विकसित की गई है, जो समुद्र तटीय ठिकाने पर हमला कर सकती है। डीआरडीओ के प्रवक्ता ने बताया कि धनुष मिसाइल को नौसेना के युद्धपोत आईएनएस सुवर्ण से छोड़ा गया। इसके एक घंटे बाद ही पृथ्वी मिसाइल को भी छोड़ा गया। धनुष मिसाइल पृथ्वी मिसाइल की नौसैनिक किस्म है। धनुष और पृथ्वी मिसाइलों को तीनों सेनाओं की साझा सामरिक बल कमांड (एसएफसी) के सैनिकों द्वारा अभ्यास के लिए छोड़ा गया था। प्रवक्ता ने बताया कि ये मिसाइलें भारतीय सैनिकों की ट्रेनिंग के तहत छोड़ी गईं। इन मिसाइलों को सैनिकों ने खुद डिपो से निकाला और इन्हें चला कर देखा। उल्लेखनीय है कि पांच दिनों पहले ही डीआरडीओ के वैज्ञानिकों ने दुश्मन की मिसाइलों को नष्ट करने वाली एंटी मिसाइल का सफल परीक्षण किया था। प्रवक्ता ने कहा कि इन मिसाइलों के सफल परीक्षणों से वैज्ञानिकों का मनोबल बढ़ा है। दोनों मिसाइल परीक्षणों को रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. वी.के. सारस्वत और अन्य वैज्ञानिकों ने देखा।
==34वें राष्ट्रीय खेलों में सेना शीर्ष पर==
====25 फ़रवरी, 2011, शुक्रवार====
सेना ने [[झारखंड]] में जारी 34वें राष्ट्रीय खेलों में 62 स्वर्ण पदकों के साथ तालिका में पहला स्थान बनाए रखा है, जबकि [[मणिपुर]] ने तमाम उतार-चढ़ाव के बाद दूसरा स्थान हासिल कर लिया है। सेना ने निशानेबाजी के 12, रोइंग, कैनोइंग एवं कयाकिंग में जीते गए 16, एथलेटिक्स के सात और साइकिलिंग के पांच स्वर्ण पदकों के साथ कुल 62 स्वर्ण जीते हैं। इसके अलावा उसके खाते में 46 रजत और 38 कांस्य भी दर्ज हैं। मणिपुर ने अब तक कुल 46 स्वर्ण, 33 रजत और 29 कांस्य के साथ कुल 108 पदक अपने नाम किए हैं। सेना के नाम सर्वाधिक 146 पदक हैं।
==अब बदल जाएगा इंटरनेट के काम करने का तरीक़ा==
[[चित्र:Internet-news.gif|thumb]]
====4 फ़रवरी, 2011, शुक्रवार====
अब दुनिया भर में इंटरनेट के काम करने का तरीक़ा बदल जाएगा। दरअसल 4 फ़रवरी से अंकों के रूप में दिखने वाले आईपी (इंटरनेट प्रोटोकॉल) पते उपलब्ध नहीं होंगे, क्योंकि इस प्रकार के उपलब्ध सभी आईपी पते आवंटित किए जा चुके हैं। अब पुराने आईपी एड्रेस वर्जन-4 के स्थान पर एक नई प्रणाली इंटरनेट प्रोटोकॉल वर्जन-6 (आईपीवी6) उपयोग में लाई जाएगी। आईपीवी-4 की क्षमता सिर्फ़ 32 बिट थी, जबकि आईपीवी-6 की क्षमता को 128 बिट तक ले जाया गया है। इससे इंटरनेट की कार्यप्रणाली और मज़बूत होगी।
==भारतीय मूल के शुवो राय ने कृत्रिम वृक्क बनाया==
[[चित्र:Shuvo-Roy.jpg|thumb|शुवो राय]]
====04 दिसम्बर, 2010, शनिवार====
भारतीय मूल के वैज्ञानिक और उनकी टीम ने '''कृत्रिम वृक्क''' बनाने का दावा किया है। कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के भारतीय वैज्ञानिक '''शुवो राय''' और उनके साथियों ने इस वृक्क को तैयार किया है। उनका कहना है कि यह कृत्रिम वृक्क न केवल [[रुधिर]] से जहरीले [[पदार्थ]] को [[उत्सर्जी तन्त्र|उत्सर्जित]] करता है बल्कि वास्तविक वृक्क की कोशिकाओं का इस्तेमाल करके दूसरे महत्त्वपूर्ण कार्य भी करता है। यह वृक्क रुधिर के दबाब पर नियंत्रण रखता है और [[विटामिन]] डी बनाता है। शुवो राय और उनकी टीम चूहों व अन्य प्राणियों पर कृत्रिम वृक्क का परीक्षण कर चुकी है। अब वह मनुष्य पर इसका परीक्षण करना चाहती है।
==लूला डी सिल्वा को इंदिरा गांधी शांति पुरस्कार==
[[चित्र:Luiz-Inacio-Lula-Da-Silva.jpg|thumb|लुइज इनासियो लूला डी सिल्वा]]
====19 नवंबर, 2010, शुक्रवार====
ब्राज़ील के पूर्व राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डी सिल्वा को [[शुक्रवार]] [[19 नवंबर]], [[2010]] के प्रतिष्ठित '''इंदिरा गांधी शांति, निरस्त्रीकरण और विकास पुरस्कार''' के लिए चयनित किया गया। प्रधानमंत्री [[मनमोहन सिंह]] की अध्यक्षता में एक अंतरराष्ट्रीय निर्णायक समिति ने इस पुरस्कार के लिए लूला डी सिल्वा का चयन किया है। [[इंदिरा गांधी]] मेमोरियल ट्रस्ट ने अपने एक बयान में कहा है कि लूला डी सिल्वा को यह पुरस्कार ब्राज़ील में भुखमरी खत्म करने में अभूतपूर्व योगदान देने, विकास को बढ़ावा देने, विकासशील देशों के साथ मजबूत रिश्तों की वकालत करने और [[भारत]]-ब्राज़ील के बीच व्यापक सहभागिता स्थापित करने के लिए दिया जा रहा है।
==ब्रिटिश कालीन स्मारक होंगे राष्ट्रीय धरोहर==
====12 नवंबर, 2010, शुक्रवार====
ब्रिटिश काल में छावनी क्षेत्र में बनाए गए ऐतिहासिक स्थल अब राष्ट्रीय धरोहर माने जाएंगे। केंद्र सरकार ने ये आदेश जारी किए हैं कि स्मारकों को चिह्नित करने के बाद इनके संरक्षण और बेहतर रखरखाव की व्यवस्था की जाएगी। छावनी के सैन्य एवं सिविल क्षेत्र की संपत्तियों का संरक्षण रक्षा संपदा विभाग करता है, जिसके चलते छावनी में मौजूद कई ऐतिहासिक धरोंहरों का संरक्षण नहीं हो पा रहा था। इनके संरक्षण की एक याचिका कोर्ट में दाख़िल की गई थी। इसी के बाद रक्षा मंत्रालय ने देश की समस्त 62 छावनियों को एक माह में ऐसे स्थानों एव इमारतों को तलाशने के आदेश दिए हैं, जिनका संबंध प्राचीन एवं ब्रिटिश कालीन इतिहास से रहा हो। [[आगरा]] छावनी बोर्ड द्वारा इस संबंध में स्मारकों के चिह्नीकरण की तैयारी शुरू कर दी गई है। सीईओ संजीव कुमार ने बताया कि इनका विवरण जुटाने के लिए स्टेशन कमांडर एवं डीईओ से संपर्क किया गया है।
==भारत ने जीती संयुक्त राष्ट्र की यूएन वीमेन संस्था सीट==
====12 नवंबर, 2010, शुक्रवार====
संयुक्त राष्ट्र की तरफ से महिलाओं की समानता और उनकी सशक्तिकरण के लिए बनाई गई नई संस्था यूएन वीमेन के लिए [[भारत]] ने सीट जीत ली है। संस्था की सीट जीतने के बाद संयुक्त राष्ट्र में [[भारत]] के दूत हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि भारत एक ऐसा देश है जिसने संयुक्त राष्ट्र में लैंगिक समानता और महिलाओं की सशक्तिकरण को काफ़ी महत्त्व के साथ रेखांकित किया है। राष्ट्र निर्माण में महिलाओं की केंद्रीय भागीदारी को भारत ने जबरदस्त तरीके से अनुभव किया है और इसी अनुभव को हम 'यूएन वीमेन' के प्रबंधक संस्थान में लाना चाहते हैं।
==पिछली सदी में 39 हजार बाघ विलुप्त==
[[चित्र:Tiger2.jpg|[[बाघ]]|thumb|150px]]
====12 नवंबर, 2010, शुक्रवार====
एक अनुमान के मुताबिक सौ साल पहले [[भारत]] में बाघों की संख्या 40,000 थी। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण ऑथारिटी के अनुसार सन [[2002]] के सर्वेक्षण में जहाँ बाघों की संख्या 3500 आंकी गई थी, वहीं [[2008]] में यह घटकर 1411 हो गई है। यानि कि अब भारत में मात्र 1411 बाघ बचे हैं। बताया जाता है कि पिछले पांच वर्षों में बाघों की संख्या में भारी गिरावट दर्ज़ की गई है। वन्य जीवों के लिए काम करने वालों का मानना है कि साल 2025 तक बाघों के विलुप्त हो जाने का खतरा है। बाघों की कुल आबादी के 40 फ़ीसदी बाघ भारत में पाए जाते हैं। भारत के 17 प्रदेशों में बाघों के 23 संरक्षित क्षेत्र हैं।
==आदिवासी सहकारी समितियों की बदलेगी सूरत==
====4 नवम्बर, 2010, गुरुवार====
किसानों व ग्रामीण इलाकों में कर्ज़ देने वाली प्राथमिक [[कृषि]] कर्ज़ समितियाँ और आदिवासी सहकारी समितियाँ शीघ्र ही मजबूत संस्थानों के तौर पर काम करने लगेंगी। केंद्र सरकार इन समितियों को सीमित आधार वाले मजबूत वित्तीय संस्थानों में तब्दील करने पर विचार कर रही है, ताकि दूर-दराज के इलाकों व बेहद पिछड़े वर्ग में तेजी से बैंकिंग सेवा पहुंचाई जा सके। वित्तीय संस्थान में तब्दील होने पर इन समितियों के काम करने का दायरा बढ़ेगा। ये तमाम बैंकिंग उत्पाद भी बेच सकेंगी। वित्त मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक इस बारे में भारतीय रिजर्व बैंक, नाबार्ड और कुछ राज्य सरकारों के प्रतिनिधियों को मिलाकर एक समिति गठित की गई है। यह समिति देश में कृषि ऋण समितियों (पीएसी), बड़ी आदिवासी बहुउद्देश्यीय सहकारी समितियों (एलएएमपी), किसान सेवा समितियों (एफएसएस) के काम करने के तरीके का अध्ययन कर रही है। देश में फिलहाल 220 ऐसी पीएसी, एलएएमपी या एफएसएस हैं, जो बेहद सफलता से काम कर रही हैं।
==इंसुलिन प्रतिरोधी हार्मोन का पता चला==
[[चित्र:Aqua-cheque.jpg|thumb|एक्वा चेक]]
====4 नवम्बर, 2010, गुरुवार====
[[भारत]] को मधुमेह की राजधानी कहा जाता है क्योंकि भारत में मधुमेह एक महामारी की तरह फैल रहा है। खानपान की खराबी और शारीरिक श्रम की कमी के कारण पिछले दशक में मधुमेह होने की दर दुनिया के हर देश में बढ़ी है। भारत में इसका सबसे विकृत स्वरूप उभरा है जो बहुत भयावह है। जीवनशैली में अनियमितता मधुमेह का बड़ा कारण है। जल्द ही प्रकार 2 मधुमेह का सफल इलाज किया जा सकेगा। [[जापान]] में कानाजावा यूनिवर्सिटी ग्रेजुएट स्कूल ऑफ़ मेडिकल साइंस के वैज्ञानिकों ने इंसुलिन प्रतिरोधी हॉर्मोन की खोज करने का दावा किया है। उनका कहना है कि इससे मधुमेह की नई दवाएँ तैयार करने में बहुत मदद मिलेगी। अध्ययन में वैज्ञानिकों ने पाया कि प्रकार 2 मधुमेह के मरीज में यकृत से निकलने वाले इंसुलिन प्रतिरोधी हार्मोन का प्रवाह बहुत ज़्यादा हो जाता है।
====खोज====
गौरतलब है कि इंसुलिन प्रतिरोधी (आईआर) एक भौतिक अवस्था है। इसमें यकृत से निकलने वाला इंसुलिन हॉर्मोन कम सक्रिय हो पाता है। इस वजह से खून में ग्लूकोज़ का स्तर बढ़ जाता है, जो प्रकार 2 मधुमेह के लिए ज़िम्मेदार है। नया शोध जर्नल 'सेल मेटाबोलिज्म' में प्रकाशित हुआ। दल का नेतृत्व कर रहे वैज्ञानिक हीरोफूमी मिशू ने कहा, 'इस अध्ययन में यकृत की उस कार्यप्रणाली पर रोशनी डाला गया है जिसे पहले नहीं खोजा गया था। यह इंसुलिन प्रतिरोधी हॉर्मोन के प्रवाह के बारे में जानकारी देता है।' वैज्ञानिकों ने आरंभ में प्रकार 2 मधुमेह वाले लोगों के यकृत में ज़्यादातर पाए जाने वाले प्रवाह वाले प्रोटीन (हीपैटोकींस) से युक्त जीन की खोज की थी। इस खोज के आधार पर उन्हें लगा कि प्रकार 2 मधुमेह और इंसुलिन प्रतिरोधी के विकास में यकृत का भी योगदान हो सकता है।
==हैरी पॉटर के कारण आया भारतीय उल्लूओं पर ख़तरा==
[[चित्र:Owl-news.jpg|thumb|[[उल्लू]]|100px]]
====4 नवम्बर, 2010, गुरुवार====
पर्यावरण मंत्री जयराम नरेश ने कहा है कि मशहूर किताब और फ़िल्म हैरी पॉटर से प्रभावित हो कर माता-पिता अपने बच्चों को उपहार में असली उल्लू (पक्षी) दे रहे हैं। इससे उल्लूओं की संख्या में कमी आ रही है। विलुप्त हो रही प्रजातियों के पक्षियों के गैर-कानूनी व्यापार पर ट्रैफिक नामक एक गैर-सरकारी संगठन द्वारा जारी रिपोर्ट के बाद केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने कहा कि हैरी पॉटर की फ़िल्म ने शहरी मध्यमवर्गीय परिवार को ख़ासा प्रभावित किया है। फ़िल्म से प्रभावित बच्चे अपने मां-बाप से असली उल्लू की मांग कर रहे हैं और उनकी मांग को पूरा करने के लिए मां-बाप पशु-पक्षियों का गैर-क़ानूनी रूप से व्यापार करने वालों से संपर्क कर रहे हैं।
==57वें राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार==
[[चित्र:Amitabh-news.jpg|thumb|राष्ट्रपति [[प्रतिभा पाटिल]] से पुरस्कार ग्रहण करते [[अमिताभ बच्चन]]]]
====22 अक्टूबर, 2010, शुक्रवार====
राष्ट्रपति [[प्रतिभा पाटिल]] ने शुक्रवार को 57वें राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कारों से कलाकारों को सम्मानित किया। उन्होंने बॉलीवुड के महानायक [[अमिताभ बच्चन]] को फ़िल्म "पा" के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार प्रदान किया। 57वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में बॉलीवुड ने 15 राष्ट्रीय पुरस्कार जीते हैं। मलयालम फिल्म "कुट्टी स्त्रंक" को सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किया गया। इसके अलावा रितुपर्णो घोष को फिल्म "अबोहोमन" के लिए सर्वश्रेष्ठ निर्देशक और इसी फिल्म के लिए अनन्या चटर्जी को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार प्रदान किया गया। सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का पुरस्कार अरूंधती नाग को दिया गया। उन्होंने फिल्म "पा" में बिग बी की दादी की भूमिका निभाई थी। आमिर खान अभिनीत "3 इडियट्स" को भरपूर मनोरंजन करने वाली "सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय फिल्म" का राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किया गया।
==पौधों की प्रजातियों के विलुप्त होने का ख़तरा==
[[चित्र:Ecotask-news.jpg|thumb]]
====29 सितंबर, 2010, बुधवार====
वैज्ञानिकों का कहना है कि दुनिया के पौधों की प्रजातियों के पाँचवां हिस्से पर लुप्त होने का ख़तरा है। वैज्ञानिकों का यह भी कहना है कि ये अब तक पौधों की प्रजातियों पर किया गया अब तक सबसे अहम अध्ययन है। इस अध्ययन का नेतृत्व लंदन के रॉयल बॉटेनिकल गार्डन के वैज्ञानिकों ने किया है। अध्ययन के अनुसार दुनिया की लगभग तीन लाख 80 हज़ार पादप प्रजातियों को विलुप्त होने का ख़तरा मंडरा रहा है। 


{{प्रचार}}
==राष्ट्रमंडल खेल 2018 : भारत 66 पदक के साथ तीसरे स्थान पर==
{{लेख प्रगति
[[चित्र:Gost-Coast-India-Medal-Tally.jpg|thumb|भारतीय दल के कुल पदक]]
|आधार=
;15 अप्रैल, 2018, रविवार
|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक3
गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेल में [[भारत]] का शानदार सफर समाप्त हो गया। भारत ने इन खेलों में 26 स्वर्ण पदक समेत कुल 66 (20 रजत, 20 कांस्य) पदक जीते। 2014 ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेल में जीते 64 पदकों से इस बार भारतीय दल का प्रदर्शन बेहतर रहा। गोल्ड कोस्ट में भारतीय दल ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बाद तीसरे पायदान पर रहा। यहाँ भारत ने 15 खेलों में हिस्सा और 9 खेलों में पदक जीते। बता दें कि भारत ने [[राष्ट्रमंडल खेल 2010|दिल्ली कॉमनवेल्थ खेलों]] में कुल 101 पदक जीते थे। वहीं 2002 के मैनचेस्टर खेलों में कुल 69 मेडल मिले थे। भारत का कुल मिलाकर खेलों के इतिहास में तीसरा सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा।
|माध्यमिक=
====समाचार विभिन्न स्रोतों पर पढ़ें====
|पूर्णता=
* [https://navbharattimes.indiatimes.com/sports/commonwealth-games/news/cwg-2018-india-finishes-commonwealth-games-campaign-with-66-medals/articleshow/63768635.cms नवभारत टाइम्स]
|शोध=
* [https://www.jagran.com/other-sports/headlines-saina-nehwal-won-gold-medal-against-pv-sindhu-17826637.html जागरण डॉट कॉम]
}}
* [https://khabar.ndtv.com/news/sports/commonwealth-games-2018-live-india-at-gold-cost-on-10th-and-last-day-1837734 एनडीटीवी खबर]
* [https://www.jansatta.com/khel/other-sports/commonwealth-games-india-finish-in-gold-coast-with-a-total-of-66-medals/632198/ जनसत्ता]
* [https://results.gc2018.com/en/all-sports/medal-standings.htm राष्ट्रमंडल खेल 2018 की पदक सूची]
==65वें राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कारों की घोषणा; विनोद खन्ना को दादा साहब फाल्के पुरस्कार==
; 13 अप्रैल, 2018 शुक्रवार
[[चित्र:Sridevi-1.jpg|thumb|[[श्रीदेवी]]]]
65वें फ़िल्म पुरस्कारों की घोषणा कर दी गयी है। [[श्रीदेवी]] को सर्वश्रेष्‍ठ अभिनेत्री का अवॉर्ड जबकि इस साल का [[दादा साहब फालके पुरस्कार]] दिवंगत अभिनेता [[विनोद खन्ना]] को दिया गया है। राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार कमेटी के चेयरमैन जाने-माने फ़िल्मकार [[शेखर कपूर]] ने इसका ऐलान किया। सर्वश्रेष्ठ हिंदी फ़िल्म की घोषणा करते हुए शेखर ने बताया कि राजकुमार राव की फ़िल्म 'न्यूटन' को यह पुरस्कार दिया गया। वहीं 'न्यूटन' फ़िल्म के लिए अभिनेता पंकज त्रिपाठी को विशेष पुरस्कार दिया गया है। शेखर कपूर की अध्यक्षता वाली दस सदस्यीय जूरी में गीतकार महबूब, राजेश मापुस्कर, त्रिपुरारी शर्मा, अभिनेत्री गौतमी ताडीमाला, निर्देशक पी शेषाद्रि, अनिरुद्ध रॉय चौधरी, रंजीत दास, पटकथा लेखक इम्तियाज हुसैन और रूमी जाफी शामिल थे। [[अक्षय कुमार]] की फ़िल्म टॉयलेट एक प्रेम कथा के गाने ‘गोरी तू लट्ठ मार’ के लिए गणेश आचार्य को सर्वश्रेष्ठ कोरियोग्राफर चुना गया है। राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार [[3 मई]], [[2018]] राष्ट्रपति [[रामनाथ कोविंद]] के हाथों को [[दिल्ली]] में दिए जाएंगे।
[[चित्र:Vinod-Khanna.jpg|thumb|[[विनोद खन्ना]]]]
;सम्मानित होने वाले लोगों की सूची 
* सर्वश्रेष्ठ अभिनेता - ऋद्धि सेन (नगर कीर्तन)
* सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री - [[श्रीदेवी]] (मॉम)
* सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म - विलेज रॉकस्टार्स (असमिया भाषा)
* दादा साहेब फाल्के - [[विनोद खन्ना]]
* इंटरटेनर फ़िल्म ऑफ द ईयर - बाहुबली (द कन्क्लूजन)
* सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री - दिव्या दत्ता (इरादा)
* सर्वश्रेष्ठ डायरेक्टर - जयराज
* सर्वश्रेष्ठ हिंदी फ़िल्म - न्यूटन
* सर्वश्रेष्ठ तेलगु फ़िल्म - गाजी
* सर्वश्रेष्ठ तमिल फ़िल्म - टू लेट
* सर्वश्रेष्ठ बंगाली फ़िल्म - मयूरक्षी
* सर्वश्रेष्ठ कन्नड़ फ़िल्म - हेब्बत रामाक्का
* सर्वश्रेष्ठ मलयालम फ़िल्म - थोंडीमुथलम दृक्शियम
* सर्वश्रेष्ठ उड़िया फ़िल्म - हेलो आर्सी
* सर्वश्रेष्ठ मराठी फ़िल्म - कच्चा लिंबू
* सर्वश्रेष्ठ गुजराती फ़िल्म - दह..
* सर्वश्रेष्ठ असम फ़िल्म - इशू
* सर्वश्रेष्ठ एक्शन डायरेक्शन अवार्ड - अब्बास अली मोगुल (बाहुबली- द कन्क्लूजन)
* सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक - [[ए. आर. रहमान]] ('कात्रु वेलियिदाई' के लिए)
* सर्वश्रेष्ठ गीतकार - जे एम प्रहलाद
* सर्वश्रेष्ठ कोरियोग्राफर - गणेश आचार्य ('गोरी तू लठ्ठ मार...' गाने के लिए; फ़िल्म- टॉयलेट एक प्रेम कथा)
====समाचार को विभिन्न स्रोतों पर पढ़ें====
*[https://khabar.ndtv.com/news/bollywood/65th-national-film-awards-sridevi-best-actress-newton-best-hindi-movie-see-full-list-1837093 एनडीटीवी इंडिया]
*[http://abpnews.abplive.in/bollywood/65th-national-film-awards-announcement-national-film-award-winner-list-hindi-news-832261 एबीपी न्यूज]
* [https://www.jagran.com/entertainment/bollywood-newton-win-the-best-film-in-65th-national-film-awards-17817507.html जागरण डॉट कॉम]
* [http://zeenews.india.com/hindi/entertainment/bollywood/65th-national-film-awards-pankaj-tripathi-bags-special-mention-award-for-film-newton/390554 ज़ी न्यूज़]
==इसरो ने लॉन्च किया जीसेट-6A सैटेलाइट==
[[चित्र:GSLV-GSAT-6A.jpg|thumb|[[भूतुल्यकाली उपग्रह प्रक्षेपण यान|जीसैट 6-A सैटेलाइट]]]]
; 29 मार्च, 2018 गुरुवार
[[भारत]] का दमदार संचार सैटलाइट जीसैट 6-A [[श्रीहरिकोटा]] के अंतरिक्ष प्रक्षेपण केंद्र से [[29 मार्च]], [[2018]] को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष की कक्षा में स्थापित कर दिया। यह [[भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन]] (इसरो) और [[भारतीय सेना|भारतीय सेनाओं]] को सशक्त बनाने की दिशा में एक और मील का पत्थर साबित होगा। प्रधानमंत्री [[नरेंद्र मोदी]] ने इसरो की इस सफल लॉन्चिंग के लिए उसे बधाई भी दी है। इस सेटेलाइट का वजन 2,140 किलोग्राम है। यह श्रीहरिकोटा के सेकंड स्टेशन से लॉन्च किया गया और 17 मिनट में अपनी कक्षा में प्रवेश कर लेगा। इस सेटेलाइट की सबसे बड़ी खासियत मल्टी बीम कवरेज सुविधा है। इसके जरिये भारत को नेटवर्क मैनेजमेंट तकनीक में मदद मिलेगी। यही नहीं, इसमें एस-बैंड कम्युनिकेशन लिंक के लिए 6 मीटर व्यास का एक एंटीना भी है। [[प्रक्षेपण यान]] जीएसलवी की 12वीं उड़ान है। रॉकेट की लंबाई 49.1 मीटर है। भारत सैटेलाइट के जरिए इंटरनेट की दुनिया में नई क्रांति लाने की तैयारी कर रहा है। जीसैट-6ए सैटेलाइट उसी कड़ी का एक हिस्सा है। इसरो इस समय देश का सबसे वजनी कम्युनिकेशन सैटेलाइट जीसैट-11 पर काम कर रहा है। इसका वजन 5.6 टन है। हालांकि, भारत के पास चार टन से ज्यादा वजनी सैटेलाइट भेजने की क्षमता रखने वाले रॉकेट नहीं हैं। भारत इसे साउथ अमेरिकी आइलैंड फ्रेंच गुयाना से एरियन-5 रॉकेट के जरिए लॉन्च करेगा। सैटेलाइट की कामयाब लॉन्चिंग से भारत के पास खुद का सैटेलाइट बेस्ड इंटरनेट होगा। सैटेलाइट बेस्ड इंटरनेट से हाई स्पीड कनेक्टिविटी बढ़ जाएगी।


{{संदर्भ ग्रंथ}}
; समाचार को विभिन्न स्रोतों पर पढ़ें
* [https://www.isro.gov.in/launcher/gslv-f08-gsat-6a-mission GSLV-F08/GSAT-6A Mission]
* [https://navbharattimes.indiatimes.com/state/other-states/bangalore/chennai/isro-launches-of-gslv-f08-carrying-the-gsat6a-communication-satellite-from-aps-sriharikota/articleshow/63532907.cms नवभारत टाइम्स]
* [https://aajtak.intoday.in/story/isro-gsat-6a-satellite-launched-sriharikota-mobile-communication-space-science-nasa-1-992925.html आज तक]
* [http://zeenews.india.com/hindi/india/isro-launches-gslv-f08-carrying-gsat-6a-satellite/384857 ज़ी न्यूज]
* [https://khabar.ndtv.com/news/file-facts/isro-successfully-launches-gsat-6a-communications-satellite-10-facts-1830337 एनडीटीवी इंडिया]
==भारत चौथी बार बना अंडर-19 क्रिकेट विश्व कप विजेता==
; 3 फ़रवरी, 2018 शनिवार
[[चित्र:India-U19-2018-Champian.jpg|thumb|विश्व कप ट्रॉफ़ी के साथ अंडर-19 भारतीय टीम]]
आईसीसी अंडर-19 विश्व कप के फ़ाइनल में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 8 विकेट से हराकर विश्व कप पर अपना कब्ज़ा जमा लिया। 217 रनों के लक्ष्य को भारत ने 38.5 ओवरों में 2 विकेट खोकर हासिल कर लिया। इस मैच में भारत की ओर से मनजोत कालरा (101 नाबाद) ने शानदार शतक बनाया। मनजोत के अलावा इस मैच में भारतीय गेंदबाजों का भी रहा, जिन्होंने ऑस्ट्रेलियाई पारी को 216 रन पर ही समेट दिया। मनजोत के शतक के अलावा हार्विक देसाई (47 नाबाद), शुभमन गिल (31) और कप्तान पृथ्वी शॉ (29) ने बेहतरीन योगदान दिया। टीम इंडिया इस मैच में ऑस्ट्रेलिया पूरी तरह हावी दिखी। [[राहुल द्रविड़]] की कोचिंग में विश्व कप में उतरी टीम इंडिया पूरे टूर्नामेंट में अजेय रही उसे कोई भी टीम हरा नहीं पाई।
;चौथी बार बने चैम्पियन
ये चौथी बार है जब भारतीय टीम ने अंडर-19 विश्व कप जीता है। इससे पहले भारत 2000, 2008, 2012 में मोहम्मद कैफ, विराट कोहली, उन्मुक्त चंद की कप्तानी में अंडर-19 विश्व कप जीत चुका है। इसके साथ ही भारत इस ख़िताब को सबसे ज्यादा बार जीतने वाली टीम बन गई है। अंडर 19 विश्व कप के इतिहास में टीम इंडिया सबसे ज़्यादा फ़ाइनल खेलने वाली टीम बन गई है। भारतीय टीम ने 6 बार अंडर 19 विश्व कप का फ़ाइनल खेला है। 2002, 2006, 2008, 2012, 2016 और 2018 में इस टूर्नामेंट के फ़ाइनल तक का सफर तय किया है। भारत ने 2000, 2008, 2012 और 2018 में ये ख़िताब अपने नाम किया। 2006 और 2016 में टीम इंडिया फ़ाइनल में तो पहुंची थी, लेकिन वो इस ट्रॉफी को नहीं उठा पाई थी। भारत को बाद पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया ने इस टूर्नामेंट में सबसे ज़्यादा बार खिताबी मुकाबले खेले हैं। इन दोनों टीमों ने पांच-पांच बार अंडर 19 विश्व कप फ़ाइनल में शिरकत की है। इस टूर्नामेंट के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को मात देने वाला एकलौता देश भारत ही है। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच दो बार अंडर 19 विश्व कप का ख़िताबी मुकाबला खेला गया है और दोनों ही बार टीम इंडिया ने कंगारुओं को धूल चटाकर ट्रॉफी अपने नाम की है। 2018 से पहले 2012 में भी इन दोनों टीमों का सामना अंडर 19 विश्व कप के फ़ाइनल में हुआ था। उस मुकाबले में भारत ने कंगारुओं को 6 विकेट से मात देकर विश्व कप जीत लिया था। वो पहला मौक़ा था जब किसी टीम ने अंडर 19 विश्व कप के फ़ाइनल में ऑस्ट्रेलिया को मात दी थी।
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*[https://www.jagran.com/cricket/bouncer-jagran-special-india-u-19-team-make-a-world-record-after-beating-australia-in-the-final-u-19-world-cup2018-17455584.html जागरण डॉट कॉम]
*[https://navbharattimes.indiatimes.com/sports/cricket/cricket-news/under-19-world-cup-final-india-vs-australia-live-updates-tauranga-new-zealand/articleshow/62763909.cms नवभारत टाइम्स]
*[http://zeenews.india.com/hindi/sports/cricket/live-indvsaus-under-19-world-cup-final/370661 ज़ी न्यूज]
*[https://khabar.ndtv.com/news/cricket/india-vs-australia-u19-final-this-cash-reward-would-be-given-by-bcci-to-under-19-champions-including-1808154 एनडीटीवी इंडिया]
==भारत ने लगातार दूसरी बार नेत्रहीन क्रिकेट विश्व कप जीता==
[[चित्र:Blind-Indian-cricket-team-2018-winner-world-cup.jpg|thumb|विश्वकप ट्रॉफी के साथ नेत्रहीन भारतीय क्रिकेट टीम]]
; 20 जनवरी, 2018 शनिवार
शारजाह में खेले गए फ़ाइनल में भारत ने पाकिस्तान को दो विकेट से हराया। भारत के सामने जीत के लिए 309 रनों का लक्ष्य था, जिसे उसने 8 विकेट खोकर हासिल कर लिया। भारत ने यह जीत 38.2 ओवर में हासिल की। इससे पहले टॉस हारकर पहले बल्लेबाज़़ी करते हुए पाकिस्तान ने निर्धारित 40 ओवर में 8 विकेट खोकर 308 रन बनाए। सुनील रमेश की 93 रनों की शानदार पारी की बदौलत भारत ने एक बार फिर नेत्रहीन क्रिकेट विश्व कप का ख़िताब जीत लिया है। प्रधानमंत्री [[नरेंद्र मोदी]] ने भी इस जीत पर भारतीय टीम को बधाई दी है। भारत ने मैच में तेज शुरुआत की और 15 ओवरों में 111/1 का स्कोर खड़ा कर लिया। इसके बाद भारत के दो बल्लेबाज़ रन आउट हो गये और 16 ओवर में टीम का स्कोर 116/3 हो गया। सुनील और कप्तान अजय  (62) ने यहां से भारतीय पारी को संभाला और भारतीय स्कोर को 25 ओवर में तीन विकेट पर 190 तक ले गए। 35 ओवर में 271 के स्कोर पर भारत को रमेश के रूप में चौथा झटका लगा। रमेश को आमिर इशफाक ने बोल्ड किया। भारत सधी हुई गति से लक्ष्य की ओर बढ़ रहा था तब कप्तान अजय आउट हो गए। इसके बाद भी भारत को लगातार दो झटके लगे लेकिन टीम ने अंतिम ओवरों में संयम बनाए रखा और जीत हासिल की। इससे पहले बदर मुनीर की हाफ सेंचुरी की बदौलत पाकिस्तान ने टूर्नमेंट के पांचवें एडिशन के फ़ाइनल में 308 का बड़ा लक्ष्य दिया।
; विश्व कप में अजेय रहा भारत
भारत ने सेमीफ़ाइनल में बांग्लादेश को 7 विकेट से हराया था। वहीं पाकिस्तान ने श्रीलंका को मात देकर ख़िताबी मुकाबले में जगह बनायी थी। इससे पहले ग्रुप मुकाबले में भी भारत ने पाकिस्तान को 7 विकेट से हराया था। भारत ने पूरे टूर्नामेंट में शानदार खेल दिखाया। हालांकि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला गया पहला मैच बारिश की भेंट चढ़ गया था, लेकिन उसके बाद भारत ने श्रीलंका को 6 विकेट से हराया। इस मैच में भारत के सामने जीत के लिए 359 रनों का लक्ष्य था जो उसने दीपक मलिक के 179 रनों की मदद से 6 विकेट खोकर हासिल किया। श्रीलंका के बाद भारत ने पाकिस्तान को 7 विकेट से और बांग्लादेश को 10 विकेट से हराया। अपने अंतिम ग्रुप मैच में भारत ने नेपाल को 8 विकेट से हराया। सेमीफ़ाइनल में भारत ने बांग्लादेश को 7 विकेट से हराया था। इस तरह अजेय रहते हुए भारत ने पांचवें नेत्रहीन विश्व कप को लगातार दूसरी बार अपने नाम किया। पाकिस्तान नेत्रहीन क्रिकेट काउंसिल ने आईसीसी सीईओ डेव रिचर्डसन, पूर्व पाकिस्तानी कप्तान ज़हीर अब्बास और पूर्व भारतीय विकेटकीपर सैयद किरमानी को फ़ाइनल मैच के लिए विशेष अतिथि के तौर पर बुलाया था। 2014 में भारतीय टीम ने दक्षिण अफ़्रीका के केपटाउन में पाकिस्तान को ही हराकर यह ख़िताब जीता था।
;समाचार को विभिन्न स्रोतों पर पढ़ें
*[https://www.bbc.com/hindi/sport-42760444 बीबीसी हिन्दी]
*[https://navbharattimes.indiatimes.com/sports/cricket/cricket-news/india-beat-pakistan-to-win-blind-cricket-world-cup/articleshow/62582517.cms नवभारत टाइम्स]
*[https://www.jansatta.com/khel/cricket/blind-cricket-world-cup-2018-final-live-cricket-score-streaming-india-vs-pakistan-final-live-score-ind-vs-pak-blind-world-cup-2018-final-live-score/553183/ जनसत्ता]
*[https://www.jagran.com/cricket/match-report-india-won-blind-cricket-world-cup-2018-beat-pakistan-by-2-wickets-17389833.html जागरण]
 
==इसरो ने लॉन्च किया 100वाँ उपग्रह, एक साथ भेजे 31 सैटेलाइट्स==
[[चित्र:PSLV-C40 Cartosat-2.jpg|thumb|[[ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान|पीएसएलवी-सी 40 कार्टोसैट-2]]]]
; 12 जनवरी, 2018 शुक्रवार
[[भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन|भारतीय अंतरिक्ष एवं अनुसंधान संगठन]] (इसरो) ने  12 जनवरी, 2018 को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से [[ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान]] पीएसएलवी-40 सी के जरिये पृथ्वी अवलोकन उपग्रह कार्टोसैट-2 सहित 31 उपग्रहों का सफल प्रक्षेपण किया। इसरो ने बताया कि पीएसएलवी-सी40 ने कार्टोसैट-2 श्रृंखला उपग्रह को सूर्य स्थैतिक कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया गया है। पीएसएलवी-सी40 रॉकेट का पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सुबह 9:28 पर अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपण किया गया जो बादलों से भरे आसमान को चीरता हुआ अपने गंतव्य की ओर बढ़ गया। [[31 अगस्त]], [[2017]] को इसी तरह के राकेट से नौवहन उपग्रह आई.आर.एन.एस.एस.1-एच लांच किया गया था, लेकिन हीट शील्ड न खुलने की वजह से सैटेलाइट राकेट के चौथे चरण में असफल हो गया था। पीएसएलवी-सी40 वर्ष 2018 की पहली अंतरिक्ष सफल परियोजना है। सैटेलाइट केन्द्र निदेशक एम. अन्नादुरई ने बताया कि माइक्रो उपग्रह अंतरिक्ष में भारत का 100वां उपग्रह है। अंतरिक्ष वैज्ञानिक और इंजीनियरों ने गुरुवार को राकेट के निचले, मध्य और ऊपरी हिस्से की तेल की टंकी में द्रव्य और ठोस ईंधन गुरुवार को ही भरना शुरू कर दिया था। बता दें कि 15 फरवरी 2017 को एक साथ 104 उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजकर ISRO ने ऐसा इतिहास लिखा था, जिसे अब तक कोई दोहरा नहीं सका है।
 
इस रॉकेट के जरिए कार्टोसैट-2 के साथ 28 अंतर्राष्ट्रीय सह-यात्री उपग्रहों में से 19 अमेरिका, पांच दक्षिण कोरिया और एक-एक कनाडा, फ्रांस, ब्रिटेन और फिनलैंड के हैं। इसके साथ ही दो अन्य भारतीय उपग्रह-पांच किलो वजनी नैनो अंतरिक्ष यान और लगभग 100 किलो वजनी सूक्ष्म उपग्रह शामिल हैं। सभी 31 उपग्रहों का वजह 1323 किलोग्राम है। इसरो ने इतिहास रचते हुए अपना 100वाँ सैटेलाइट लॉन्च कर दिया है। पीएसएलवी श्रृंखला के सैटेलाइट का नाम कार्टोसैट-2, है। इस सैटलाइन को 'आई इन द स्काइ' के नाम से भी जाना जा रहा है, क्योंकि ये अतंरिक्ष से तस्वीरें लेने के लिए ही बनाया गया है। खास बात है कि ये [[पाकिस्तान]] स्थित आतंकी ठिकानों पर पैनी नजर बनाए रखेगा। सैटेलाइट की सफल लॉन्चिंग पर प्रधानमंत्री [[नरेन्द्र मोदी]] ने इसरो को बधाई दी है। प्रधानमंत्री ने इस नए साल का तोहफा करार देते हुए कहा कि तकनीकी में ये बदलाव देश के नागरिकों, किसानों और मछुआरों की मदद में सहयोगी देगी। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने श्रीहरिकोटा से पीएसएलवी-सी 40 के साथ एक साथ 31 उपग्रह अंतरिक्ष में भेजे हैं। भारत के लिए ये बहुत बड़ी उपलब्धि है क्योंकि पिछले साल अगस्त में पीएसएलवी-सी 39 का मिशन फेल हो गया था। इसके बाद [[प्रक्षेपण यान]] पीएसएलवी को फिर से तैयार किया गया। कोई रॉकेट फेल हो जाए तो उसे मरम्मत करके दोबारा नया जैसा बनाकर लांचिंग पैड पर उतारना बहुत बड़ी बात है। ये भारत का 'वर्कहॉर्स रॉकेट' है जिसके फेल होने से भारत की दिक्कतें बहुत बढ़ जाती हैं।
; समाचार को विभिन्न स्रोतों पर पढ़ें
* [http://www.bbc.com/hindi/science-42637838 बीबीसी न्यूज़]
* [http://www.punjabkesari.in/national/news/isro-launch100th-satellite-in-the-country-today-737073 पंजाब केसरी]
* [https://khabar.ndtv.com/news/file-facts/isro-launch-100th-pslv-satellite-today-from-sriharikota-in-andhra-pradesh-1799071 एनडीटीवी इंडिया]
*[https://www.amarujala.com/india-news/bigg-opportunity-for-nation-because-isro-is-launches-its-100th-satellite-cartosat-2 अमर उजाला]
 
==महान शायर ग़ालिब का जन्मदिन, गूगल ने बनाया ख़ास डूडल==
; 27 दिसम्बर, 2017 बुधवार
[[चित्र:Mirza-Ghalib-Google-Doodle.jpg|thumb|200px|मिर्ज़ा ग़ालिब पर जारी गूगल-डूडल]]
[[आगरा]], [[दिल्ली]] और [[कलकत्ता]] में अपनी ज़िन्दगी गुजारने वाले [[मिर्ज़ा ग़ालिब]] को मुख्यतः उनकी उर्दू ग़ज़लों के लिए याद किया जाता है। गूगल ने [[27 दिसम्बर]], [[2017]] को उर्दू के महान शायर मिर्ज़ा ग़ालिब की 220वीं जयंती पर उनको अपना डूडल समर्पित किया है। गूगल के इस डूडल में मिर्ज़ा हाथ में पेन और [[काग़ज़]] के साथ दिख रहे हैं और उनके बैकग्राउंड में बनी इमारत [[मुग़ल कालीन स्थापत्य एवं वास्तुकला|मुग़लकालीन वास्तुकला]] के दर्शन करा रही है। गूगल ने अपने ब्लॉग में लिखा कि- "उनके छंद में उदासी सी दिखती है जो उनके उथल-पुथल और त्रासदी से भरी जिंदगी से निकल कर आई है, चाहे वो कम उम्र में अनाथ होना हो, या फिर अपने सात नवजात बच्चों को खोना या चाहे [[भारत]] में [[मुग़ल|मुग़लों]] के हाथ से निकलती सत्ता से राजनीति में आई उथल-पुथल हो। उन्होंने वित्तीय कठिनाई झेली और उन्हें कभी नियमित सैलरी नहीं मिली। इन कठिनाइयों के बावजूद मिर्ज़ा ग़ालिब ने अपनी परिस्थितियों को विवेक, बुद्धिमत्ता, जीवन के प्रति प्रेम से मोड़ दिया। उनकी उर्दू कविता और शायरी को उनके जीवन काल में सराहना नहीं मिली, लेकिन आज उनकी विरासत को काफी सराहा जाता है, विशेषकर उर्दू [[ग़ज़ल|ग़ज़लों]] में उनकी श्रेष्ठता को।'
; समाचार को विभिन्न स्रोतों पर पढ़ें
*[https://khabar.ndtv.com/news/zara-hatke/today-is-the-birthday-of-great-poet-mirza-ghalib-google-has-created-a-special-doodle-1792504 एनडीटीवी इंडिया]
*[https://navbharattimes.indiatimes.com/india/google-remembers-mirza-galib-through-its-doodle/articleshow/62259900.cms नवभारत टाइम्स]
==राष्ट्रमंडल कुश्ती चैंपियनशिप में भारत ने जीते 30 में से 29 स्वर्ण==
; 18 दिसंबर, 2017 सोमवार
[[चित्र:Sushil-Kumar.jpg|thumb|150px|[[सुशील कुमार पहलवान]]]]
भारतीय पहलवानों ने [[दक्षिण अफ़्रीका]] के जोहानसबर्ग में आयोजित राष्ट्रमंडल कुश्ती चैंपियनशिप में कमाल का प्रदर्शन करते हुए 30 में से कुल 29 स्वर्ण पदक अपने नाम किये। [[भारत]] ने टूर्नामेंट में 29 स्वर्ण के अलावा 24 रजत और 6 कांस्य सहित कुल 59 पदक जीते। प्रतियोगिता के पहले दिन शनिवार को भारत ने 10 स्वर्ण पदक जीते थे। चैंपियनशिप में भारतीय पहलवानों का ग्रीको रोमन स्टाइल कुश्ती में प्रदर्शन एकतरफा रहा जहाँ उन्होंने दांव पर लगे सभी 10 वजन श्रेणियों के स्वर्ण पदक जीते थे। ओलंपिक में दो बार के पदकधारी [[सुशील कुमार पहलवान|सुशील कुमार]] ने राष्ट्रमंडल कुश्ती चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर अंतरराष्ट्रीय मंच पर शानदार वापसी की है। अंतरराष्ट्रीय कुश्ती में तीन साल के बाद वापसी कर रहे सुशील ने 74 किग्रा फ्रीस्टाइल वर्ग में न्यूजीलैंड के आकाश खुल्लर को चित कर सोने का तमगा हासिल किया। ग्लासगो राष्ट्रमंडल खेल (2014) में स्वर्ण जीतने के बाद यह उनका पहला पदक था। ग्लासगो राष्ट्रमंडल खेल (2014) में स्वर्ण जीतने के बाद यह उनका पहला पदक था। रियो ओलिंपिक में कांस्य पदक विजेता [[साक्षी मलिक]] ने भी कॉमनवेल्‍थ कुश्ती चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक अपने नाम किया। साक्षी ने न्यूजीलैंड की तायला तुअहिने फोर्ड को महिलाओं के फ्रीस्टाइल प्रतियोगिता के 62 किग्रा वर्ग के एकतरफा फाइनल मुकाबले में 13-2 से करारी शिकस्त देकर स्वर्ण जीता।
; समाचार को विभिन्न स्रोतों पर पढ़ें
* [http://sports.punjabkesari.in/other-games/news/commonwealth-wrestling-championship-724317 पंजाब केसरी स्पोर्ट्स]
* [https://khabar.ndtv.com/news/sports/sushil-kumar-sakshi-malik-win-gold-at-commonwealth-wrestling-1789027 एनडीटीवी इंडिया]
* [http://www.prabhasakshi.com/news/sports/sushil-kumar-wins-commonwealth-wrestling-championship-gold/117065.html प्रभा साक्षी]
* [https://www.jagran.com/other-sports/headlines-sushil-kumar-wins-gold-medal-in-commonwealth-championship-after-three-walkovers-in-indore-17219760.html जागरण डॉट कॉम]
* [http://www.sanjeevnitoday.com/sports/wrestling-fougat-sisters-win-4-medals-including-three-gold/18-12-2017/128866 संजीवनी टुडे]
 
==भारत की मानुषी छिल्लर ने जीता 'मिस वर्ल्ड 2017' का ख़िताब==
[[चित्र:Manushi-Chhillar.jpg|thumb|[[मानुषी छिल्लर]]]]
; 18 नवंबर, 2017
[[चीन]] के सान्या शहर में शनिवार रात [[18 नवंबर]], [[2017]] को मिस इंडिया मानुषी छिल्लर को इस साल की मिस व‌र्ल्ड 2017 घोषित किया गया। स्पर्धा में दुनियाभर की 118 सुंदरियों ने हिस्सा लिया था। 20 वर्षीय मानुषी ने सभी प्रतिस्पर्धियों को पीछे छोड़ खिताब अपने नाम किया। मिस व‌र्ल्ड प्रतियोगिता के अंतिम राउंड में जब जजों ने मानुषी से पूछा- किस पेशे को सबसे ज़्यादा सैलरी मिलना चाहिए अौर क्यों?  इस पर मानुषी ने कहा- चूंकि मैं अपनी माँ के अत्यधिक क़रीब हूँ। इसलिए सोचती हूँ कि माँ सबसे अधिक सम्मान की हकदार है। जहाँ तक सैलरी की बात है तो इसका मतलब धन से नहीं, बल्कि मान और सम्मान से है। सभी माँएं अपने बच्चों के लिए बहुत कुछ कुर्बान करती हैं। इसलिए मेरा मानना है कि माँ ही वह पेशा है, जिसे सर्वोच्च सम्मान और वेतन मिलना चाहिए। मानुषी के इस जवाब ने उन्हें ख़िताब दिला दिया। मानुषी ने मिस फ़ोटोजेनिक का अवॉर्ड भी जीता। [[भारत]] में इससे पहले आख़िरी बार 2000 में [[प्रियंका चोपड़ा]] को मिस व‌र्ल्ड चुना गया था। संयोग से वे भी [[हरियाणा]] के [[अंबाला]] की हैं। इस प्रतियोगिता में दूसरे नंबर पर मिस मेक्सिको एंड्रिया मेझा और तीसरे नंबर पर मिस इंग्लैंड स्टिफेनी हिल रहीं। मानुषी 67वीं मिस व‌र्ल्ड हैं। मानुषी वर्ष 2017 मिस इंडिया और मिस हरियाणा रह भी चुकी हैं। साथ ही मानुषी छिल्लर मिस वर्ल्ड का ख़िताब पाने वाली छठी भारतीय हैं।
* 2017- मानुषी छिल्लर
* 2000- [[प्रियंका चोपड़ा]]
* 1999- युक्ता मुखी
* 1997- डायना हेडन
* 1994- [[ऐश्वर्या राय]]
* 1966- [[रीटा फ़ारिया]]
; समाचार को विभिन्न स्रोतों पर पढ़ें
* [https://aajtak.intoday.in/story/manushi-chhillar-miss-world-2017-answer-in-finale-about-mother-haryana-1-965800.html आजतक]
* [https://navbharattimes.indiatimes.com/state/punjab-and-haryana/chandigarh/haryana-soil-manushi-chhillar-touches-sky-with-glory/articleshow/61704033.cms नवभारत टाइम्स]
* [https://khabar.ndtv.com/news/bollywood/reita-faria-to-manushi-chhillar-miss-world-title-holders-from-india-1777348 एनडीटीवी इंडिया]
* [http://www.bbc.com/hindi/india-42042213 बीबीसी हिन्दी]
==कोरिया ओपन सुपर सीरीज़ जीतने वाली पहली भारतीय शटलर बनीं पी.वी. सिंधु==
[[चित्र:P.V. Sindhu-Korea-Open-Winner-2017.jpg|thumb|कोरिया ओपन ख़िताब के साथ [[पी. वी. सिंधु|सिंधु]]]]
; 17 सितंबर, 2017
[[भारत]] की बैडमिंटन स्टार वर्ल्ड नंबर-4 [[पी.वी. सिंधु]] ने कोरिया ओपन सुपर सीरीज़ पर क़ब्ज़ा जमा लिया है। रियो ओलंपिक की रजत पदक विजेता सिंधु ने रविवार को फाइनल में वर्ल्ड नंबर-9 जापान की नोजोमी ओकुहारा को एक घंटे 24 मिनट तक चले मुकाबले में 22-20, 21-11, 21-18 से हराया। इसके साथ ही 22 साल की हैदराबादी बाला सिंधु ने न सिर्फ इतिहास रच डाला, बल्कि हमउम्र ओकुहारा से बदला भी ले लिया। इसी जापानी शटलर ने अगस्त में पिछले महीने वर्ल्ड चैंपियनशिप के फाइनल में सिंधु को हराया था। सिंधु कोरिया ओपन पर क़ब्ज़ा करने वाले पहली भारतीय खिलाड़ी बन गई हैं। 1991 में शुरू हुए इस टूर्नामेंट के 26 साल के इतिहास में इससे पहले किसी भारतीय शटलर को खिताबी सफलता नहीं मिली थी। सिंधु ने साल के 7वें सुपर सीरीज मुकाबले के फाइनल में ओकुहारा से दमदार मुकाबला किया और पहला गेम 22-20 से जीत लिया। दूसरे गेम में ओकुहारा हावी रहीं, सिंधु ने यह गेम 11-21 से गंवाया, लेकिन निर्णायक गेम में सिंधु का संकल्प काम आया और वह जापानी चुनौती ध्वस्त कर चैंपियन बन गईं। अब सिंधु ने अपना बदला पूरा करते हुए न केवल कोरिया ओपन का खिताब जीता, बल्कि ओकुहारा के खिलाफ खेले गए मुकाबलों का आंकड़ा भी 4-4 से बराबर कर लिया। सिंधु का यह तीसरा सुपर सीरीज़ खिताब है। इससे पहले, उन्होंने पिछले साल चाइना ओपन सुपर सीरीज़ प्रीमियर खिताब जीता था उसके बाद इस साल उन्होंने स्पेन की कैरोलीना मारिन को मात देकर इंडिया ओपन का खिताब जीता था।
 
; विस्तृत समाचार निम्न स्रोतों पर पढ़ें
* [http://navbharattimes.indiatimes.com/sports/other-sports/pv-sindhu-beats-nozomi-okhuhara-of-japan-to-win-her-third-super-series/articleshow/60718515.cms नवभारत टाइम्स]
* [http://aajtak.intoday.in/sports/story/korea-open-final-pv-sindhu-1-952866.html  आजतक]
* [http://www.amarujala.com/sports/other-sports/pv-sindhu-wins-korea-open-title-with-victory-over-okuhara अमर उजाला]
==सिंधु ने बैडमिंटन विश्व चैंपियनशिप में रजत जीता==
; 28 अगस्त, 2017
[[चित्र:P-V-Sindhu.jpg|thumb|[[पी. वी. सिंधु]]]]
[[भारत]] की नंबर एक बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु का विश्वचैंपियनशिप बैडमिंटन 2017 में स्वर्ण पदक जीतने का सपना टूट गया। तीन गेम और तकरीबन 2 घंटे (110 मिनट) तक चले मुकाबले में निजोमी ओकुहारा ने 19-21, 22-20, 20-22 से मात दी। दोनों खिलाड़ियों ने अंत तक हार नहीं मानी। दोनों के बीच एक-एक अंक के लिए आखिर तक लड़ाई चलती रही। आखिरी और निर्णायक सेट में मुकाबला कांटे का रहा। तीसरे सेट के पहले हाफ में सिंधू ने 11-9 से बढ़त बना ली थी लेकिन इसके बाद दोनों ने एक दूसरे को एक-एक अंक के लिए कड़ी मशक्कत करने को मजबूर कर दिया। दोनों के बीच 13-13, 14-14,15-15, 16-16, 17-17, 19-19 और 20-20 की बराबरी हुई। ऐसे में आखिर में सिंधू को सिल्वर मेडल से ही संतोष करना पड़ा। तीनों गेम के पहले हाफ में सिंधू के नाम रहा लेकिन दूसरे हाफ में वो अपनी लय बरकरार नहीं रख पाईं। हर बार दूसरे हाफ में वो जापानी खिलाड़ी से पिछड़ती दिखाई दीं। पहले गेम के पहले हाफ में सिंधू 11-5 से आगे थीं। दूसरे हाफ में ओकुहारा ने शानदार वापसी करते हुए। पहले 14-14 की बराबरी की। इसके बाद लगातार अंक बटोरती रहीं। 19-19 की बराबरी के बाद रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता ने लगातार 2 अंक बटोरे और पहला गेम 21-19 से अपने नाम कर 1-0 की बढ़त हासिल कर ली।
 
दूसरे गेम के पहले हाफ में भी सिंधू ने अच्छी शुरुआत की और 11-9 की बढ़त हासिल कर ली लेकिन इसके बाद ओकुहारा ने शानदार वापसी करते हुए सिंधू को जीत के लिए संघर्ष करने पर मजबूर कर दिया। 20-18 के स्कोर पर सिंधू ने तीन गेम प्वाइंट गंवाए। लेकिन इसके बाद 20-20 की बराबरी पर सिंधू ने शानदार खेल दिखाया। गेम प्वाइंट के लिए आखिर में मैच की सबसे लंबी 73 शॉट्स की रैली हुई जिसे देखकर हर कोई रोमांच से भर गया। और सिंधू ने 22-20 के अंतर से गेम अपने नाम कर 1-1 से बराबरी हासिल कर ली। इसके बाद हार-जीत का फैसला तीसरे और अंतिम गेम में हुआ जहां दोनों खिलाड़ियों ने हार नहीं मानी। यह हाल के दिनों में महिला वर्ग में खेला गया सबसे कड़ा फाइनल मुकाबला था जिसे देखने वाला हर शख्श रोमांच से भर गया। सिंधू का विश्व चैंपियनशिप में ये तीसरा पदक है। इससे पहले वो साल 2013, 2014 में कांस्य पदक जीत चुकी हैं।
====समाचार को विभिन्न स्रोतों पर पढ़ें====
*[http://www.jagran.com/news/sports-happy-with-silver-but-upsetting-to-lose-said-pv-sindhu-16615201.html जागरण डॉट कॉम]
*[https://khabar.ndtv.com/news/sports/world-badminton-championship-sindhu-goes-down-to-okuhara-finishes-with-silver-1742681 एनडीटीवी ख़बर]
*[http://www.amarujala.com/sports/badminton/world-badminton-championship-2017-women-s-singles-final-nizomi-okuhara-beat-pv-sindhu अमर उजाला]
 
 
==श्रीकान्त ने ऑस्ट्रेलिया ओपन सुपर सीरीज़ का ख़िताब जीता==
; 25 जून, 2017, रविवार
[[चित्र:Kidambi-Srikanth.jpg|thumb|[[किदम्बी श्रीकान्त]]]]
भारतीय [[बैडमिंटन]] खिलाड़ी [[किदम्बी श्रीकांत]] ने अपने शानदार फॉर्म को जारी रखते हुए [[रविवार]] को ऑस्ट्रेलिया ओपन सुपर सीरीज़ के पुरुष एकल वर्ग के फाइनल में भी उलटफेर कर डाला और मौजूदा ओलिम्पिक और विश्व चैम्पियन चीन के चेन लॉन्ग को 22-20, 21-16 से हराकर खिताब पर कब्ज़ा जमा लिया। पुरुष एकल वर्ग के फाइनल में 11वीं वरीयता प्राप्त किदाम्बी श्रीकांत का यह लगातार दूसरा सुपर सीरीज़ खिताब है, और इसी के साथ वह लगातार दो सुपर सीरीज़ खिताब जीतने वाले पहले भारतीय पुरुष बैडमिंटन खिलाड़ी बन गए हैं। श्रीकांत ने कुछ ही दिन पहले इंडोनेशिया ओपन सुपर सीरीज़ खिताब भी जीता था, जो उनके करियर का पहला सुपर सीरीज़ खिताब था, और पहली बार किसी भारतीय पुरुष खिलाड़ी ने उसे हासिल किया था। किदाम्बी श्रीकांत ऑस्ट्रेलिया ओपन टूर्नामेंट से पहले इंडोनेशिया ओपन सुपर सीरीज़ के अलावा सिंगापुर ओपन के फाइनल में भी पहुंचे थे, सो वह, ऑस्ट्रेलिया ओपन के फाइनल में पहुंचते ही दुनिया के पांचवें ऐसे खिलाड़ी बने, जिन्होंने लगातार तीन सुपर सीरीज़ फाइनल में प्रवेश किया। जहां तक ऑस्ट्रेलिया ओपन सुपर सीरीज़ का सवाल है, किदाम्बी श्रीकांत इसे जीतने वाले भी पहले भारतीय पुरुष खिलाड़ी हैं।
; समाचार को विभिन्न स्रोतों पर पढ़ें
* [https://khabar.ndtv.com/news/sports/kidambi-srikanth-beats-reigning-olympic-champ-chen-long-to-lift-australian-open-super-series-title-1716667 एनडीटीवी इंडिया]
*[http://navbharattimes.indiatimes.com/sports/other-sports/kidambi-srikanth-wins-two-titles-in-two-weeks-ad-deals-line-up/articleshow/59317280.cms नवभारत टाइम्स]
*[http://www.livehindustan.com/sports/story-companies-trying-to-fix-deal-with-kidambi-shrikant-to-make-their-brand-ambassador-or-promote-their-products-1156767.html हिन्दुस्तान लाइव]
 
==सबसे भारी रॉकेट जीएसएलवी मार्क-3 डी-1 का सफल प्रक्षेपण==
; 5 जून, 2017, सोमवार
[[चित्र:GSLV-Mark-3-D1.jpg|thumb|[[जीएसएलवी|जीएसएलवी मार्क-3 डी-1]]]]
[[भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन]] (इसरो) ने भारी भरकम सैटलाइट लॉन्च वीइकल जीएलएलवी मार्क-3 डी1 को प्रक्षेपित कर एक और बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है। [[भारत]] के सबसे वजनी रॉकेट को सोमवार को शाम 5:28 बजे श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया। 16 मिनट बाद सैटलाइट को अंतरिक्ष की कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित किया गया। रॉकेट करीब 200 हाथियों जितना भारी है। जीएसएलवी मार्क-3 अन्य देशों के चार टन श्रेणी के उपग्रहों को प्रक्षेपित करने की दिशा में भारत के लिए अवसर खोलेगा। राष्ट्रपति [[प्रणब मुखर्जी]] और प्रधानमंत्री [[नरेंद्र मोदी]] ने इस सफलता के लिए इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई दी है। मोदी ने ट्वीट के जरिए कहा, 'जीएसएलवी एमके-3 डी1/जीएसएटी-19 मिशन ने भारत को नेक्स्ट जेनरेशन लॉन्च वीइकल और उपग्रह क्षमता के नजदीक पहुंचाया है। देश को गर्व है।' यह रॉकेट अपने साथ 3,136 किलोग्राम वजन का संचार उपग्रह जीसैट-19 लेकर गया है। अब तक 2,300 किलो से ज्यादा वजन वाले संचार उपग्रहों के प्रक्षेपण के लिए इसरो को विदेशी प्रक्षेपकों पर निर्भर रहना पड़ता था। जीएसएलवी एमके3-डी1 भूस्थैतिक कक्षा में 4000 किलो तक के पेलोड ले जाने की क्षमता रखता है। इसरो के अध्यक्ष ए एस किरण कुमार ने कहा था कि यह अभियान अहम है क्योंकि "देश से प्रक्षेपित किया जाने वाला यह अब तक का सबसे भारी रॉकेट और उपग्रह है।" इससे पहले इसरो ने 3,404 किलो के संचार उपग्रह जीसैट-18 को फ्रेंच गुयाना स्थित एरियाने से प्रक्षेपित किया था। जीएसएलवी मार्क-3 लॉन्च करने के लिए उच्च गति वाले क्रायोजेनिक इंजन का इस्तेमाल किया गया है। बता दें कि करीब 30 साल की रिसर्च के बाद इसरो ने यह इंजन बनाया था। यह अभियान भारत के संचार संसाधनों को बढ़ावा देगा क्योंकि अकेला एक जीसैट-19 उपग्रह पुरानी किस्म के 6-7 संचार उपग्रहों के बराबर होगा। जीएसएलवी मिशन के डायरेक्टर जी अय्यप्पन ने कहा, 'यह जीएसएलवी मार्क-5 लॉन्च 'मेक इन इंडिया' स्पेस प्रॉजेक्ट की सफलता के साथ-साथ सामग्री, डिजाइन और प्रौद्योगिकी के मामले में भी पूरी तरह से स्वदेशी है।' उन्होंने बताया कि इसकी खासियतों में दोहरा अतिरेक, स्वास्थ्य निगरानी और दोष का पता लगाकर उसे ठीक करना शामिल है। 
इस प्रोजेक्ट से जुड़े एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने कहा कि यह इसरो का स्मार्ट और सबसे "आज्ञाकारी लड़का" है। आज की सफलता से भारत ने जटिल क्रायोजेनिक तकनीक में महारत हासिल कर ली है और उन चुनिंदा देशों की श्रेणी में शामिल हो गया है, जिनके पास यह तकनीक है।
; क्रायोजेनिक तकनीक
क्रायोजेनिक इंजन में इस्तेमाल होने वाली पेचीदा तकनीक है। क्रायोजेनिक इंजन शून्य से बहुत नीचे यानी क्रायोजेनिक तापमान पर काम करते हैं। माइनस 238 डिग्री फॉरेनहाइट (-238'F) को क्रायोजेनिक तापमान कहा जाता है। इस तापमान पर क्रायोजेनिक इंजन का ईंधन ऑक्सीजन और हाइड्रोजन गैसें तरल यानी लिक्विड बन जाती हैं। लिक्विड ऑक्सीजन और लिक्विड हाइड्रोजन को क्रायोजेनिक इंजन में जलाया जाता है। लिक्विड ईंधन जलने से इतनी ऊर्जा पैदा होती है जिससे क्रायोजेनिक इंजन को 4.4 किलोमीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार मिल जाती है।
====जीएसएलवी एमके III-डी1====
4 टन के उपग्रहों को भूतुल्यकालिक स्थानांतरण कक्षा (जीटीओ) में प्रमोचन करने के लिए जीएसएलवी-एमके III सक्षम है। यह दो ठोस मोटर स्ट्रैप-ऑन (एस 200), एक द्रव नोदक कोर चरण (एल -110) और एक क्रायोजेनिक चरण (सी 25) वाला तीन चरण वाला वाहन है। जीएसएलवी-एमके।।।-डी 1 की यह पहली विकासात्मक उड़ान है, जो 3136 किलो जीसैट-19 उपग्रह को भू-तुल्यकाली स्थानान्तरण कक्षा (जीटीओ) के लिए वहन करेगा। वायुगतिकी मजबूती प्रदान करने के लिए वाहन को 5 एम ओगिव पेलोड फेयरिंग और त्रियक स्ट्रैप-ऑन नासिका कोन के साथ संरूपित किया गया है।
; समाचार को विभिन्न स्रोतों पर पढ़ें
* [http://navbharattimes.indiatimes.com/india/isro-launches-gslv-mark-3-its-heaviest-rocket-from-sriharikota/articleshow/59001350.cms नवभारत टाइम्स]
* [https://khabar.ndtv.com/news/india/isro-gslv-mk-3d-marc-3d-launch-1707993 एनडीटीवी ख़बर]
*[http://www.livehindustan.com/national/story-international-media-appreciate-the-successful-launch-of-gslv-mk3-by-isro-1125919.html हिन्दुस्तान लाइव]
* [http://zeenews.india.com/hindi/india/isro-new-journey-in-space-launched-gslv-mark-3-gsat-19-through-fat-boy-rocket-from-sriharikota/329059 ज़ी न्यूज़]
==इसरो ने सफलता पूर्वक लॉन्‍च किया साउथ एशिया सैटेलाइट==
[[चित्र:GSLV-F09.jpg|thumb|जीएसएलवी-एफ09]]
; 5 मई, 2017 शुक्रवार
करीब 450 करोड़ की लागत से बने उपग्रह (जीसैट-9) को [[5 मई]], [[2017]] को [[भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन|भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान]] (ISRO) ने लॉन्च किया। इससे उपग्रह से सार्क देशों के बीच संपर्क को बढ़ावा मिलेगा लेकिन पाकिस्तान इससे बाहर है। इसका उपग्रह को [[चेन्नई]] से करीब 135 किलोमीटर दूर [[श्रीहरिकोटा]] स्थित [[सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र]] से लॉन्च किया गया। प्रधानमंत्री [[नरेंद्र मोदी]] ने कहा, दक्षिण एशियाई उपग्रह का सफल प्रक्षेपण ऐतिहासिक क्षण, इससे संबंधों के नए आयाम की शुरुआत होगी। जीसैट-9 को भारत की ओर से उसके दक्षिण एशियाई पड़ोसी देशों के लिए उपहार माना जा रहा है। इस उपग्रह को इसरो का रॉकेट जीएसएलवी-एफ09 लेकर जाएगा। इसरो के अध्यक्ष ए.एस किरण कुमार ने गुरुवार को बताया था कि इससे आठ सार्क देशों में से सात [[भारत]], [[श्रीलंका]], [[भूटान]], [[अफ़ग़ानिस्तान]], [[बांग्लादेश]], [[नेपाल]] और [[मालदीव]] परियोजना का हिस्सा हैं। पाकिस्तान ने यह कहते हुए इससे बाहर रहने का फैसला किया कि उसका अपना अंतरिक्ष कार्यक्रम है। बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना ने कहा, ' इस लॉन्च से हमारे आपसी रिश्ते मजबूत होंगे। इससे लोगों को आपस में जोड़ा जा सकेगा। लैंड, वॉटर और स्पेस में हमारा आपसी सहयोग बढ़ेगा।' भूटान के पीएम शेरिंग तोबगे ने कहा, 'दक्षिण एशिया उपग्रह लॉन्च ऐतिहासिक पल है। यह दुनिया के इतिहास में एक बड़ी उपलब्धि है। भारत को इसके लिए बधाई। आपसी सहयोग के लिए यह बड़ा कदम है। सैटलाइट बेस्ट संचार अब ज़रूरी हो गया है। हमारे क्षेत्र के लिए यह बेहतर होगा। यह भूटान जैसे देश के लिए काफ़ी अहम होगा।'
मालदीव के राष्ट्रपति यमीन अब्दुल गयूम ने कहा, 'दक्षिण एशिया में यह 'सबका साथ सबका विकास' है। यह सैटलाइट इस क्षेत्र के लिए काफ़ी अहम होगा। यह पीएम मोदी का शानदार विजन है। इससे क्षेत्र के जनता के बीच सहयोग बढ़ेगा।'
नेपाल के पीएम पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' ने इस शानदार लॉन्चिंग के लिए भारत को बधाई दी। उन्होंने कहा, 'यह क्षेत्र के विकास और टेलिमेडिसिन और आपदा प्रबंधन के लिए बेहतर होगा। संचार सेवा के लिए भी यह उपग्रह बेहतरीन होगा।'
श्रीलंका के राष्ट्रपति एम. सिरीसेना ने भी कहा, 'यह लॉन्च सभी सार्क देशों के लिए फायदेमंद होगा। शिक्षा, पर्यावरण, मौसम अनुमान के लिए लाभदायक होगा। यह क्षेत्र के लोगों को अच्छा जीवन देगा।'
; समाचार को विभिन्न स्रोतों पर पढ़ें
* [https://khabar.ndtv.com/news/india/narendra-modi-s-south-asia-satellite-dream-isro-to-launch-today-1689780 एनडीटीवी इंडिया]
* [http://navbharattimes.indiatimes.com/india/pm-modi-addresses-post-launch-of-south-asian-satellite-says-we-have-started-a-journey-to-build-the-most-advanced-frontier-of-our-partnership/articleshow/58535565.cms नवभारत टाइम्स]
* [http://www.jagran.com/news/national-reactions-after-south-asia-satellite-launched-by-isro-on-friday-15973383.html जागरण डॉट कॉम]
* [http://www.livehindustan.com/national/story-isro-launches-south-asia-satellite-gsat-9-from-andhra-pradesh-s-srikharikota-1101332.html हिन्दुस्तान लाइव]
==इसरो ने एक साथ रिकार्ड 104 सैटेलाइट लॉन्च करके इतिहास रचा==
[[चित्र:PSLV-c37.jpg|thumb|250px|[[पीएसएलवी|पीएसएलवी-C34]]]]
; 15 फ़रवरी, 2017 बुधवार
अंतरिक्ष में [[भारत]] ने [[15 फ़रवरी]], [[2017]] बुधवार को एक बहुत बड़ी कामयाबी हासिल की है। [[भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन]] (इसरो) के [[प्रक्षेपण यान]] [[पीएसएलवी]] ने [[श्रीहरिकोटा]] स्थित अंतरिक्ष केन्द्र से एक एकल मिशन में रिकार्ड 104 उपग्रहों का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया। यहां से क़रीब 125 किलोमीटर दूर श्रीहरिकोटा से एक ही [[प्रक्षेपास्त्र]] के जरिये रिकॉर्ड 104 उपग्रहों का प्रक्षेपण सफलतापूर्वक किया गया। भारत ने एक रॉकेट से 104 उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजकर इस तरह का इतिहास रचने वाला पहला देश बन गया है। प्रक्षेपण के कुछ देर बाद पीएसएलवी-सी37 ने भारत के काटरेसैट-2 श्रृंखला के पृथ्वी पर्यवेक्षण उपग्रह और दो अन्य उपग्रहों तथा 103 नैनो उपग्रहों को सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित कर दिया। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सफल अभियान को लेकर इसरो को बधाई दी है। उन्‍होंने कहा कि पूरे देश के लिए यह गौरव का क्षण है। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो के प्रमुख एएस किरण कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 104 उपग्रहों के सफल प्रक्षेपण पर इसरो दल को बधाई दी। प्रधानमंत्री ने एक ही रॉकेट के जरिए 104 उपग्रहों के सफल प्रक्षेपण के लिए वैज्ञानिकों की सराहना करते हुए कहा कि इस अहम उपलब्धि ने भारत को गौरवांवित किया है।
; 104 में 3 स्वदेशी एवं 101 विदेशी उपग्रह
प्रक्षेपण के बारे में महत्वपूर्ण बात यह है कि इतनी बड़ी संख्या में रॉकेट से उपग्रहों का प्रक्षेपण किया गया। रूसी अंतरिक्ष एजेंसी की ओर से एक बार में 37 उपग्रहों के सफल प्रक्षेपण की तुलना में भारत एक बार में 104 उपग्रह प्रक्षेपित करने में सफलता हासिल कर इतिहास रचने वाला पहला देश बन गया है। भारत ने इससे पहले जून 2015 में एक बार में 23 उपग्रहों को प्रक्षेपण किया था। यह उसका दूसरा सफल प्रयास है। पीएसएलवी पहले 714 किलोग्राम वजनी काटरेसेट-2 श्रृंखला के उपग्रह का पृथ्वी पर निगरानी के लिए प्रक्षेपण करेगा और उसके बाद 103 सहयोगी उपग्रहों को पृथ्वी से करीब 520 किलोमीटर दूर ध्रुवीय सन सिंक्रोनस ऑर्बिट में प्रविष्ट कराएगा जिनका अंतरिक्ष में कुल वजन 664 किलोग्राम है। इन 104 उपग्रहों में भारत के तीन और विदेशों के 101 सैटेलाइट शामिल है। इसरो के वैज्ञानिकों ने एक्सएल वैरियंट का इस्तेमाल किया है जो सबसे शक्तिशाली रॉकेट है और इसका इस्तेमाल महत्वाकांक्षी चंद्रयान में और मंगल मिशन में किया जा चुका है। इनमें 96 उपग्रह अमेरिका के, पांच क्रमश: इसरो के अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों- इजरायल, कजाकिस्तान, नीदरलैंड, स्विट्जरलैंड, संयुक्त अरब अमीरात के हैं।
; समाचार को विभिन्न स्रोतों पर पढ़ें
* [http://zeenews.india.com/hindi/india/isro-launches-record-104-satellite-from-sriharikota-indias-big-success-in-the-field-of-space-and-made-history/318752 ज़ी न्यूज़]
*[http://navbharattimes.indiatimes.com/india/isro-launches-104-satellites-know-10-important-facts/articleshow/57160674.cms नवभारत  टाइम्स]
*[http://www.livehindustan.com/news/national/article1-isro-launched-104-satellite-from-sriharikota%C2%A0-705043.html लाइव हिन्दुस्तान]
*[http://aajtak.intoday.in/story/isro-makes-history-will-launch-104-satellite-in-a-row-1-912311.html आजतक]
 
 
 
 
 
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
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[[Category:समाचार जगत]]
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14:07, 9 मई 2021 के समय का अवतरण

नवीनतम घटनाओं और समसामयिक विषयों पर अद्यतन (अपडेट) सूचनाओं को समाचार कहते हैं, जिन्हें समाचार पत्र, समाचार टी.वी. चैनल, अंतर्जाल (इंटरनेट) या अन्य माध्यमों की सहायता से पाठकों, दर्शकों और श्रोताओं तक पहुंचाया जाता है। इन्हें भी देखें: समाचार 2010, समाचार 2011, समाचार 2012, समाचार 2013, समाचार 2014, समाचार 2015 एवं समाचार 2016

हाल ही के कुछ प्रमुख राष्ट्रीय समाचार निम्नलिखित हैं-

राष्ट्रमंडल खेल 2018 : भारत 66 पदक के साथ तीसरे स्थान पर

भारतीय दल के कुल पदक
15 अप्रैल, 2018, रविवार

गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेल में भारत का शानदार सफर समाप्त हो गया। भारत ने इन खेलों में 26 स्वर्ण पदक समेत कुल 66 (20 रजत, 20 कांस्य) पदक जीते। 2014 ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेल में जीते 64 पदकों से इस बार भारतीय दल का प्रदर्शन बेहतर रहा। गोल्ड कोस्ट में भारतीय दल ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बाद तीसरे पायदान पर रहा। यहाँ भारत ने 15 खेलों में हिस्सा और 9 खेलों में पदक जीते। बता दें कि भारत ने दिल्ली कॉमनवेल्थ खेलों में कुल 101 पदक जीते थे। वहीं 2002 के मैनचेस्टर खेलों में कुल 69 मेडल मिले थे। भारत का कुल मिलाकर खेलों के इतिहास में तीसरा सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा।

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65वें राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कारों की घोषणा; विनोद खन्ना को दादा साहब फाल्के पुरस्कार

13 अप्रैल, 2018 शुक्रवार
श्रीदेवी

65वें फ़िल्म पुरस्कारों की घोषणा कर दी गयी है। श्रीदेवी को सर्वश्रेष्‍ठ अभिनेत्री का अवॉर्ड जबकि इस साल का दादा साहब फालके पुरस्कार दिवंगत अभिनेता विनोद खन्ना को दिया गया है। राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार कमेटी के चेयरमैन जाने-माने फ़िल्मकार शेखर कपूर ने इसका ऐलान किया। सर्वश्रेष्ठ हिंदी फ़िल्म की घोषणा करते हुए शेखर ने बताया कि राजकुमार राव की फ़िल्म 'न्यूटन' को यह पुरस्कार दिया गया। वहीं 'न्यूटन' फ़िल्म के लिए अभिनेता पंकज त्रिपाठी को विशेष पुरस्कार दिया गया है। शेखर कपूर की अध्यक्षता वाली दस सदस्यीय जूरी में गीतकार महबूब, राजेश मापुस्कर, त्रिपुरारी शर्मा, अभिनेत्री गौतमी ताडीमाला, निर्देशक पी शेषाद्रि, अनिरुद्ध रॉय चौधरी, रंजीत दास, पटकथा लेखक इम्तियाज हुसैन और रूमी जाफी शामिल थे। अक्षय कुमार की फ़िल्म टॉयलेट एक प्रेम कथा के गाने ‘गोरी तू लट्ठ मार’ के लिए गणेश आचार्य को सर्वश्रेष्ठ कोरियोग्राफर चुना गया है। राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार 3 मई, 2018 राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों को दिल्ली में दिए जाएंगे।

विनोद खन्ना
सम्मानित होने वाले लोगों की सूची
  • सर्वश्रेष्ठ अभिनेता - ऋद्धि सेन (नगर कीर्तन)
  • सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री - श्रीदेवी (मॉम)
  • सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म - विलेज रॉकस्टार्स (असमिया भाषा)
  • दादा साहेब फाल्के - विनोद खन्ना
  • इंटरटेनर फ़िल्म ऑफ द ईयर - बाहुबली (द कन्क्लूजन)
  • सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री - दिव्या दत्ता (इरादा)
  • सर्वश्रेष्ठ डायरेक्टर - जयराज
  • सर्वश्रेष्ठ हिंदी फ़िल्म - न्यूटन
  • सर्वश्रेष्ठ तेलगु फ़िल्म - गाजी
  • सर्वश्रेष्ठ तमिल फ़िल्म - टू लेट
  • सर्वश्रेष्ठ बंगाली फ़िल्म - मयूरक्षी
  • सर्वश्रेष्ठ कन्नड़ फ़िल्म - हेब्बत रामाक्का
  • सर्वश्रेष्ठ मलयालम फ़िल्म - थोंडीमुथलम दृक्शियम
  • सर्वश्रेष्ठ उड़िया फ़िल्म - हेलो आर्सी
  • सर्वश्रेष्ठ मराठी फ़िल्म - कच्चा लिंबू
  • सर्वश्रेष्ठ गुजराती फ़िल्म - दह..
  • सर्वश्रेष्ठ असम फ़िल्म - इशू
  • सर्वश्रेष्ठ एक्शन डायरेक्शन अवार्ड - अब्बास अली मोगुल (बाहुबली- द कन्क्लूजन)
  • सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक - ए. आर. रहमान ('कात्रु वेलियिदाई' के लिए)
  • सर्वश्रेष्ठ गीतकार - जे एम प्रहलाद
  • सर्वश्रेष्ठ कोरियोग्राफर - गणेश आचार्य ('गोरी तू लठ्ठ मार...' गाने के लिए; फ़िल्म- टॉयलेट एक प्रेम कथा)

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इसरो ने लॉन्च किया जीसेट-6A सैटेलाइट

जीसैट 6-A सैटेलाइट
29 मार्च, 2018 गुरुवार

भारत का दमदार संचार सैटलाइट जीसैट 6-A श्रीहरिकोटा के अंतरिक्ष प्रक्षेपण केंद्र से 29 मार्च, 2018 को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष की कक्षा में स्थापित कर दिया। यह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और भारतीय सेनाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक और मील का पत्थर साबित होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसरो की इस सफल लॉन्चिंग के लिए उसे बधाई भी दी है। इस सेटेलाइट का वजन 2,140 किलोग्राम है। यह श्रीहरिकोटा के सेकंड स्टेशन से लॉन्च किया गया और 17 मिनट में अपनी कक्षा में प्रवेश कर लेगा। इस सेटेलाइट की सबसे बड़ी खासियत मल्टी बीम कवरेज सुविधा है। इसके जरिये भारत को नेटवर्क मैनेजमेंट तकनीक में मदद मिलेगी। यही नहीं, इसमें एस-बैंड कम्युनिकेशन लिंक के लिए 6 मीटर व्यास का एक एंटीना भी है। प्रक्षेपण यान जीएसलवी की 12वीं उड़ान है। रॉकेट की लंबाई 49.1 मीटर है। भारत सैटेलाइट के जरिए इंटरनेट की दुनिया में नई क्रांति लाने की तैयारी कर रहा है। जीसैट-6ए सैटेलाइट उसी कड़ी का एक हिस्सा है। इसरो इस समय देश का सबसे वजनी कम्युनिकेशन सैटेलाइट जीसैट-11 पर काम कर रहा है। इसका वजन 5.6 टन है। हालांकि, भारत के पास चार टन से ज्यादा वजनी सैटेलाइट भेजने की क्षमता रखने वाले रॉकेट नहीं हैं। भारत इसे साउथ अमेरिकी आइलैंड फ्रेंच गुयाना से एरियन-5 रॉकेट के जरिए लॉन्च करेगा। सैटेलाइट की कामयाब लॉन्चिंग से भारत के पास खुद का सैटेलाइट बेस्ड इंटरनेट होगा। सैटेलाइट बेस्ड इंटरनेट से हाई स्पीड कनेक्टिविटी बढ़ जाएगी।

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भारत चौथी बार बना अंडर-19 क्रिकेट विश्व कप विजेता

3 फ़रवरी, 2018 शनिवार
विश्व कप ट्रॉफ़ी के साथ अंडर-19 भारतीय टीम

आईसीसी अंडर-19 विश्व कप के फ़ाइनल में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 8 विकेट से हराकर विश्व कप पर अपना कब्ज़ा जमा लिया। 217 रनों के लक्ष्य को भारत ने 38.5 ओवरों में 2 विकेट खोकर हासिल कर लिया। इस मैच में भारत की ओर से मनजोत कालरा (101 नाबाद) ने शानदार शतक बनाया। मनजोत के अलावा इस मैच में भारतीय गेंदबाजों का भी रहा, जिन्होंने ऑस्ट्रेलियाई पारी को 216 रन पर ही समेट दिया। मनजोत के शतक के अलावा हार्विक देसाई (47 नाबाद), शुभमन गिल (31) और कप्तान पृथ्वी शॉ (29) ने बेहतरीन योगदान दिया। टीम इंडिया इस मैच में ऑस्ट्रेलिया पूरी तरह हावी दिखी। राहुल द्रविड़ की कोचिंग में विश्व कप में उतरी टीम इंडिया पूरे टूर्नामेंट में अजेय रही उसे कोई भी टीम हरा नहीं पाई।

चौथी बार बने चैम्पियन

ये चौथी बार है जब भारतीय टीम ने अंडर-19 विश्व कप जीता है। इससे पहले भारत 2000, 2008, 2012 में मोहम्मद कैफ, विराट कोहली, उन्मुक्त चंद की कप्तानी में अंडर-19 विश्व कप जीत चुका है। इसके साथ ही भारत इस ख़िताब को सबसे ज्यादा बार जीतने वाली टीम बन गई है। अंडर 19 विश्व कप के इतिहास में टीम इंडिया सबसे ज़्यादा फ़ाइनल खेलने वाली टीम बन गई है। भारतीय टीम ने 6 बार अंडर 19 विश्व कप का फ़ाइनल खेला है। 2002, 2006, 2008, 2012, 2016 और 2018 में इस टूर्नामेंट के फ़ाइनल तक का सफर तय किया है। भारत ने 2000, 2008, 2012 और 2018 में ये ख़िताब अपने नाम किया। 2006 और 2016 में टीम इंडिया फ़ाइनल में तो पहुंची थी, लेकिन वो इस ट्रॉफी को नहीं उठा पाई थी। भारत को बाद पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया ने इस टूर्नामेंट में सबसे ज़्यादा बार खिताबी मुकाबले खेले हैं। इन दोनों टीमों ने पांच-पांच बार अंडर 19 विश्व कप फ़ाइनल में शिरकत की है। इस टूर्नामेंट के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को मात देने वाला एकलौता देश भारत ही है। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच दो बार अंडर 19 विश्व कप का ख़िताबी मुकाबला खेला गया है और दोनों ही बार टीम इंडिया ने कंगारुओं को धूल चटाकर ट्रॉफी अपने नाम की है। 2018 से पहले 2012 में भी इन दोनों टीमों का सामना अंडर 19 विश्व कप के फ़ाइनल में हुआ था। उस मुकाबले में भारत ने कंगारुओं को 6 विकेट से मात देकर विश्व कप जीत लिया था। वो पहला मौक़ा था जब किसी टीम ने अंडर 19 विश्व कप के फ़ाइनल में ऑस्ट्रेलिया को मात दी थी।

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भारत ने लगातार दूसरी बार नेत्रहीन क्रिकेट विश्व कप जीता

विश्वकप ट्रॉफी के साथ नेत्रहीन भारतीय क्रिकेट टीम
20 जनवरी, 2018 शनिवार

शारजाह में खेले गए फ़ाइनल में भारत ने पाकिस्तान को दो विकेट से हराया। भारत के सामने जीत के लिए 309 रनों का लक्ष्य था, जिसे उसने 8 विकेट खोकर हासिल कर लिया। भारत ने यह जीत 38.2 ओवर में हासिल की। इससे पहले टॉस हारकर पहले बल्लेबाज़़ी करते हुए पाकिस्तान ने निर्धारित 40 ओवर में 8 विकेट खोकर 308 रन बनाए। सुनील रमेश की 93 रनों की शानदार पारी की बदौलत भारत ने एक बार फिर नेत्रहीन क्रिकेट विश्व कप का ख़िताब जीत लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस जीत पर भारतीय टीम को बधाई दी है। भारत ने मैच में तेज शुरुआत की और 15 ओवरों में 111/1 का स्कोर खड़ा कर लिया। इसके बाद भारत के दो बल्लेबाज़ रन आउट हो गये और 16 ओवर में टीम का स्कोर 116/3 हो गया। सुनील और कप्तान अजय (62) ने यहां से भारतीय पारी को संभाला और भारतीय स्कोर को 25 ओवर में तीन विकेट पर 190 तक ले गए। 35 ओवर में 271 के स्कोर पर भारत को रमेश के रूप में चौथा झटका लगा। रमेश को आमिर इशफाक ने बोल्ड किया। भारत सधी हुई गति से लक्ष्य की ओर बढ़ रहा था तब कप्तान अजय आउट हो गए। इसके बाद भी भारत को लगातार दो झटके लगे लेकिन टीम ने अंतिम ओवरों में संयम बनाए रखा और जीत हासिल की। इससे पहले बदर मुनीर की हाफ सेंचुरी की बदौलत पाकिस्तान ने टूर्नमेंट के पांचवें एडिशन के फ़ाइनल में 308 का बड़ा लक्ष्य दिया।

विश्व कप में अजेय रहा भारत

भारत ने सेमीफ़ाइनल में बांग्लादेश को 7 विकेट से हराया था। वहीं पाकिस्तान ने श्रीलंका को मात देकर ख़िताबी मुकाबले में जगह बनायी थी। इससे पहले ग्रुप मुकाबले में भी भारत ने पाकिस्तान को 7 विकेट से हराया था। भारत ने पूरे टूर्नामेंट में शानदार खेल दिखाया। हालांकि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला गया पहला मैच बारिश की भेंट चढ़ गया था, लेकिन उसके बाद भारत ने श्रीलंका को 6 विकेट से हराया। इस मैच में भारत के सामने जीत के लिए 359 रनों का लक्ष्य था जो उसने दीपक मलिक के 179 रनों की मदद से 6 विकेट खोकर हासिल किया। श्रीलंका के बाद भारत ने पाकिस्तान को 7 विकेट से और बांग्लादेश को 10 विकेट से हराया। अपने अंतिम ग्रुप मैच में भारत ने नेपाल को 8 विकेट से हराया। सेमीफ़ाइनल में भारत ने बांग्लादेश को 7 विकेट से हराया था। इस तरह अजेय रहते हुए भारत ने पांचवें नेत्रहीन विश्व कप को लगातार दूसरी बार अपने नाम किया। पाकिस्तान नेत्रहीन क्रिकेट काउंसिल ने आईसीसी सीईओ डेव रिचर्डसन, पूर्व पाकिस्तानी कप्तान ज़हीर अब्बास और पूर्व भारतीय विकेटकीपर सैयद किरमानी को फ़ाइनल मैच के लिए विशेष अतिथि के तौर पर बुलाया था। 2014 में भारतीय टीम ने दक्षिण अफ़्रीका के केपटाउन में पाकिस्तान को ही हराकर यह ख़िताब जीता था।

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इसरो ने लॉन्च किया 100वाँ उपग्रह, एक साथ भेजे 31 सैटेलाइट्स

पीएसएलवी-सी 40 कार्टोसैट-2
12 जनवरी, 2018 शुक्रवार

भारतीय अंतरिक्ष एवं अनुसंधान संगठन (इसरो) ने 12 जनवरी, 2018 को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान पीएसएलवी-40 सी के जरिये पृथ्वी अवलोकन उपग्रह कार्टोसैट-2 सहित 31 उपग्रहों का सफल प्रक्षेपण किया। इसरो ने बताया कि पीएसएलवी-सी40 ने कार्टोसैट-2 श्रृंखला उपग्रह को सूर्य स्थैतिक कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया गया है। पीएसएलवी-सी40 रॉकेट का पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सुबह 9:28 पर अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपण किया गया जो बादलों से भरे आसमान को चीरता हुआ अपने गंतव्य की ओर बढ़ गया। 31 अगस्त, 2017 को इसी तरह के राकेट से नौवहन उपग्रह आई.आर.एन.एस.एस.1-एच लांच किया गया था, लेकिन हीट शील्ड न खुलने की वजह से सैटेलाइट राकेट के चौथे चरण में असफल हो गया था। पीएसएलवी-सी40 वर्ष 2018 की पहली अंतरिक्ष सफल परियोजना है। सैटेलाइट केन्द्र निदेशक एम. अन्नादुरई ने बताया कि माइक्रो उपग्रह अंतरिक्ष में भारत का 100वां उपग्रह है। अंतरिक्ष वैज्ञानिक और इंजीनियरों ने गुरुवार को राकेट के निचले, मध्य और ऊपरी हिस्से की तेल की टंकी में द्रव्य और ठोस ईंधन गुरुवार को ही भरना शुरू कर दिया था। बता दें कि 15 फरवरी 2017 को एक साथ 104 उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजकर ISRO ने ऐसा इतिहास लिखा था, जिसे अब तक कोई दोहरा नहीं सका है।

इस रॉकेट के जरिए कार्टोसैट-2 के साथ 28 अंतर्राष्ट्रीय सह-यात्री उपग्रहों में से 19 अमेरिका, पांच दक्षिण कोरिया और एक-एक कनाडा, फ्रांस, ब्रिटेन और फिनलैंड के हैं। इसके साथ ही दो अन्य भारतीय उपग्रह-पांच किलो वजनी नैनो अंतरिक्ष यान और लगभग 100 किलो वजनी सूक्ष्म उपग्रह शामिल हैं। सभी 31 उपग्रहों का वजह 1323 किलोग्राम है। इसरो ने इतिहास रचते हुए अपना 100वाँ सैटेलाइट लॉन्च कर दिया है। पीएसएलवी श्रृंखला के सैटेलाइट का नाम कार्टोसैट-2, है। इस सैटलाइन को 'आई इन द स्काइ' के नाम से भी जाना जा रहा है, क्योंकि ये अतंरिक्ष से तस्वीरें लेने के लिए ही बनाया गया है। खास बात है कि ये पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों पर पैनी नजर बनाए रखेगा। सैटेलाइट की सफल लॉन्चिंग पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसरो को बधाई दी है। प्रधानमंत्री ने इस नए साल का तोहफा करार देते हुए कहा कि तकनीकी में ये बदलाव देश के नागरिकों, किसानों और मछुआरों की मदद में सहयोगी देगी। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने श्रीहरिकोटा से पीएसएलवी-सी 40 के साथ एक साथ 31 उपग्रह अंतरिक्ष में भेजे हैं। भारत के लिए ये बहुत बड़ी उपलब्धि है क्योंकि पिछले साल अगस्त में पीएसएलवी-सी 39 का मिशन फेल हो गया था। इसके बाद प्रक्षेपण यान पीएसएलवी को फिर से तैयार किया गया। कोई रॉकेट फेल हो जाए तो उसे मरम्मत करके दोबारा नया जैसा बनाकर लांचिंग पैड पर उतारना बहुत बड़ी बात है। ये भारत का 'वर्कहॉर्स रॉकेट' है जिसके फेल होने से भारत की दिक्कतें बहुत बढ़ जाती हैं।

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महान शायर ग़ालिब का जन्मदिन, गूगल ने बनाया ख़ास डूडल

27 दिसम्बर, 2017 बुधवार
मिर्ज़ा ग़ालिब पर जारी गूगल-डूडल

आगरा, दिल्ली और कलकत्ता में अपनी ज़िन्दगी गुजारने वाले मिर्ज़ा ग़ालिब को मुख्यतः उनकी उर्दू ग़ज़लों के लिए याद किया जाता है। गूगल ने 27 दिसम्बर, 2017 को उर्दू के महान शायर मिर्ज़ा ग़ालिब की 220वीं जयंती पर उनको अपना डूडल समर्पित किया है। गूगल के इस डूडल में मिर्ज़ा हाथ में पेन और काग़ज़ के साथ दिख रहे हैं और उनके बैकग्राउंड में बनी इमारत मुग़लकालीन वास्तुकला के दर्शन करा रही है। गूगल ने अपने ब्लॉग में लिखा कि- "उनके छंद में उदासी सी दिखती है जो उनके उथल-पुथल और त्रासदी से भरी जिंदगी से निकल कर आई है, चाहे वो कम उम्र में अनाथ होना हो, या फिर अपने सात नवजात बच्चों को खोना या चाहे भारत में मुग़लों के हाथ से निकलती सत्ता से राजनीति में आई उथल-पुथल हो। उन्होंने वित्तीय कठिनाई झेली और उन्हें कभी नियमित सैलरी नहीं मिली। इन कठिनाइयों के बावजूद मिर्ज़ा ग़ालिब ने अपनी परिस्थितियों को विवेक, बुद्धिमत्ता, जीवन के प्रति प्रेम से मोड़ दिया। उनकी उर्दू कविता और शायरी को उनके जीवन काल में सराहना नहीं मिली, लेकिन आज उनकी विरासत को काफी सराहा जाता है, विशेषकर उर्दू ग़ज़लों में उनकी श्रेष्ठता को।'

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राष्ट्रमंडल कुश्ती चैंपियनशिप में भारत ने जीते 30 में से 29 स्वर्ण

18 दिसंबर, 2017 सोमवार
सुशील कुमार पहलवान

भारतीय पहलवानों ने दक्षिण अफ़्रीका के जोहानसबर्ग में आयोजित राष्ट्रमंडल कुश्ती चैंपियनशिप में कमाल का प्रदर्शन करते हुए 30 में से कुल 29 स्वर्ण पदक अपने नाम किये। भारत ने टूर्नामेंट में 29 स्वर्ण के अलावा 24 रजत और 6 कांस्य सहित कुल 59 पदक जीते। प्रतियोगिता के पहले दिन शनिवार को भारत ने 10 स्वर्ण पदक जीते थे। चैंपियनशिप में भारतीय पहलवानों का ग्रीको रोमन स्टाइल कुश्ती में प्रदर्शन एकतरफा रहा जहाँ उन्होंने दांव पर लगे सभी 10 वजन श्रेणियों के स्वर्ण पदक जीते थे। ओलंपिक में दो बार के पदकधारी सुशील कुमार ने राष्ट्रमंडल कुश्ती चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर अंतरराष्ट्रीय मंच पर शानदार वापसी की है। अंतरराष्ट्रीय कुश्ती में तीन साल के बाद वापसी कर रहे सुशील ने 74 किग्रा फ्रीस्टाइल वर्ग में न्यूजीलैंड के आकाश खुल्लर को चित कर सोने का तमगा हासिल किया। ग्लासगो राष्ट्रमंडल खेल (2014) में स्वर्ण जीतने के बाद यह उनका पहला पदक था। ग्लासगो राष्ट्रमंडल खेल (2014) में स्वर्ण जीतने के बाद यह उनका पहला पदक था। रियो ओलिंपिक में कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक ने भी कॉमनवेल्‍थ कुश्ती चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक अपने नाम किया। साक्षी ने न्यूजीलैंड की तायला तुअहिने फोर्ड को महिलाओं के फ्रीस्टाइल प्रतियोगिता के 62 किग्रा वर्ग के एकतरफा फाइनल मुकाबले में 13-2 से करारी शिकस्त देकर स्वर्ण जीता।

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भारत की मानुषी छिल्लर ने जीता 'मिस वर्ल्ड 2017' का ख़िताब

मानुषी छिल्लर
18 नवंबर, 2017

चीन के सान्या शहर में शनिवार रात 18 नवंबर, 2017 को मिस इंडिया मानुषी छिल्लर को इस साल की मिस व‌र्ल्ड 2017 घोषित किया गया। स्पर्धा में दुनियाभर की 118 सुंदरियों ने हिस्सा लिया था। 20 वर्षीय मानुषी ने सभी प्रतिस्पर्धियों को पीछे छोड़ खिताब अपने नाम किया। मिस व‌र्ल्ड प्रतियोगिता के अंतिम राउंड में जब जजों ने मानुषी से पूछा- किस पेशे को सबसे ज़्यादा सैलरी मिलना चाहिए अौर क्यों? इस पर मानुषी ने कहा- चूंकि मैं अपनी माँ के अत्यधिक क़रीब हूँ। इसलिए सोचती हूँ कि माँ सबसे अधिक सम्मान की हकदार है। जहाँ तक सैलरी की बात है तो इसका मतलब धन से नहीं, बल्कि मान और सम्मान से है। सभी माँएं अपने बच्चों के लिए बहुत कुछ कुर्बान करती हैं। इसलिए मेरा मानना है कि माँ ही वह पेशा है, जिसे सर्वोच्च सम्मान और वेतन मिलना चाहिए। मानुषी के इस जवाब ने उन्हें ख़िताब दिला दिया। मानुषी ने मिस फ़ोटोजेनिक का अवॉर्ड भी जीता। भारत में इससे पहले आख़िरी बार 2000 में प्रियंका चोपड़ा को मिस व‌र्ल्ड चुना गया था। संयोग से वे भी हरियाणा के अंबाला की हैं। इस प्रतियोगिता में दूसरे नंबर पर मिस मेक्सिको एंड्रिया मेझा और तीसरे नंबर पर मिस इंग्लैंड स्टिफेनी हिल रहीं। मानुषी 67वीं मिस व‌र्ल्ड हैं। मानुषी वर्ष 2017 मिस इंडिया और मिस हरियाणा रह भी चुकी हैं। साथ ही मानुषी छिल्लर मिस वर्ल्ड का ख़िताब पाने वाली छठी भारतीय हैं।

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कोरिया ओपन सुपर सीरीज़ जीतने वाली पहली भारतीय शटलर बनीं पी.वी. सिंधु

कोरिया ओपन ख़िताब के साथ सिंधु
17 सितंबर, 2017

भारत की बैडमिंटन स्टार वर्ल्ड नंबर-4 पी.वी. सिंधु ने कोरिया ओपन सुपर सीरीज़ पर क़ब्ज़ा जमा लिया है। रियो ओलंपिक की रजत पदक विजेता सिंधु ने रविवार को फाइनल में वर्ल्ड नंबर-9 जापान की नोजोमी ओकुहारा को एक घंटे 24 मिनट तक चले मुकाबले में 22-20, 21-11, 21-18 से हराया। इसके साथ ही 22 साल की हैदराबादी बाला सिंधु ने न सिर्फ इतिहास रच डाला, बल्कि हमउम्र ओकुहारा से बदला भी ले लिया। इसी जापानी शटलर ने अगस्त में पिछले महीने वर्ल्ड चैंपियनशिप के फाइनल में सिंधु को हराया था। सिंधु कोरिया ओपन पर क़ब्ज़ा करने वाले पहली भारतीय खिलाड़ी बन गई हैं। 1991 में शुरू हुए इस टूर्नामेंट के 26 साल के इतिहास में इससे पहले किसी भारतीय शटलर को खिताबी सफलता नहीं मिली थी। सिंधु ने साल के 7वें सुपर सीरीज मुकाबले के फाइनल में ओकुहारा से दमदार मुकाबला किया और पहला गेम 22-20 से जीत लिया। दूसरे गेम में ओकुहारा हावी रहीं, सिंधु ने यह गेम 11-21 से गंवाया, लेकिन निर्णायक गेम में सिंधु का संकल्प काम आया और वह जापानी चुनौती ध्वस्त कर चैंपियन बन गईं। अब सिंधु ने अपना बदला पूरा करते हुए न केवल कोरिया ओपन का खिताब जीता, बल्कि ओकुहारा के खिलाफ खेले गए मुकाबलों का आंकड़ा भी 4-4 से बराबर कर लिया। सिंधु का यह तीसरा सुपर सीरीज़ खिताब है। इससे पहले, उन्होंने पिछले साल चाइना ओपन सुपर सीरीज़ प्रीमियर खिताब जीता था उसके बाद इस साल उन्होंने स्पेन की कैरोलीना मारिन को मात देकर इंडिया ओपन का खिताब जीता था।

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सिंधु ने बैडमिंटन विश्व चैंपियनशिप में रजत जीता

28 अगस्त, 2017
पी. वी. सिंधु

भारत की नंबर एक बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु का विश्वचैंपियनशिप बैडमिंटन 2017 में स्वर्ण पदक जीतने का सपना टूट गया। तीन गेम और तकरीबन 2 घंटे (110 मिनट) तक चले मुकाबले में निजोमी ओकुहारा ने 19-21, 22-20, 20-22 से मात दी। दोनों खिलाड़ियों ने अंत तक हार नहीं मानी। दोनों के बीच एक-एक अंक के लिए आखिर तक लड़ाई चलती रही। आखिरी और निर्णायक सेट में मुकाबला कांटे का रहा। तीसरे सेट के पहले हाफ में सिंधू ने 11-9 से बढ़त बना ली थी लेकिन इसके बाद दोनों ने एक दूसरे को एक-एक अंक के लिए कड़ी मशक्कत करने को मजबूर कर दिया। दोनों के बीच 13-13, 14-14,15-15, 16-16, 17-17, 19-19 और 20-20 की बराबरी हुई। ऐसे में आखिर में सिंधू को सिल्वर मेडल से ही संतोष करना पड़ा। तीनों गेम के पहले हाफ में सिंधू के नाम रहा लेकिन दूसरे हाफ में वो अपनी लय बरकरार नहीं रख पाईं। हर बार दूसरे हाफ में वो जापानी खिलाड़ी से पिछड़ती दिखाई दीं। पहले गेम के पहले हाफ में सिंधू 11-5 से आगे थीं। दूसरे हाफ में ओकुहारा ने शानदार वापसी करते हुए। पहले 14-14 की बराबरी की। इसके बाद लगातार अंक बटोरती रहीं। 19-19 की बराबरी के बाद रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता ने लगातार 2 अंक बटोरे और पहला गेम 21-19 से अपने नाम कर 1-0 की बढ़त हासिल कर ली।

दूसरे गेम के पहले हाफ में भी सिंधू ने अच्छी शुरुआत की और 11-9 की बढ़त हासिल कर ली लेकिन इसके बाद ओकुहारा ने शानदार वापसी करते हुए सिंधू को जीत के लिए संघर्ष करने पर मजबूर कर दिया। 20-18 के स्कोर पर सिंधू ने तीन गेम प्वाइंट गंवाए। लेकिन इसके बाद 20-20 की बराबरी पर सिंधू ने शानदार खेल दिखाया। गेम प्वाइंट के लिए आखिर में मैच की सबसे लंबी 73 शॉट्स की रैली हुई जिसे देखकर हर कोई रोमांच से भर गया। और सिंधू ने 22-20 के अंतर से गेम अपने नाम कर 1-1 से बराबरी हासिल कर ली। इसके बाद हार-जीत का फैसला तीसरे और अंतिम गेम में हुआ जहां दोनों खिलाड़ियों ने हार नहीं मानी। यह हाल के दिनों में महिला वर्ग में खेला गया सबसे कड़ा फाइनल मुकाबला था जिसे देखने वाला हर शख्श रोमांच से भर गया। सिंधू का विश्व चैंपियनशिप में ये तीसरा पदक है। इससे पहले वो साल 2013, 2014 में कांस्य पदक जीत चुकी हैं।

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श्रीकान्त ने ऑस्ट्रेलिया ओपन सुपर सीरीज़ का ख़िताब जीता

25 जून, 2017, रविवार
किदम्बी श्रीकान्त

भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी किदम्बी श्रीकांत ने अपने शानदार फॉर्म को जारी रखते हुए रविवार को ऑस्ट्रेलिया ओपन सुपर सीरीज़ के पुरुष एकल वर्ग के फाइनल में भी उलटफेर कर डाला और मौजूदा ओलिम्पिक और विश्व चैम्पियन चीन के चेन लॉन्ग को 22-20, 21-16 से हराकर खिताब पर कब्ज़ा जमा लिया। पुरुष एकल वर्ग के फाइनल में 11वीं वरीयता प्राप्त किदाम्बी श्रीकांत का यह लगातार दूसरा सुपर सीरीज़ खिताब है, और इसी के साथ वह लगातार दो सुपर सीरीज़ खिताब जीतने वाले पहले भारतीय पुरुष बैडमिंटन खिलाड़ी बन गए हैं। श्रीकांत ने कुछ ही दिन पहले इंडोनेशिया ओपन सुपर सीरीज़ खिताब भी जीता था, जो उनके करियर का पहला सुपर सीरीज़ खिताब था, और पहली बार किसी भारतीय पुरुष खिलाड़ी ने उसे हासिल किया था। किदाम्बी श्रीकांत ऑस्ट्रेलिया ओपन टूर्नामेंट से पहले इंडोनेशिया ओपन सुपर सीरीज़ के अलावा सिंगापुर ओपन के फाइनल में भी पहुंचे थे, सो वह, ऑस्ट्रेलिया ओपन के फाइनल में पहुंचते ही दुनिया के पांचवें ऐसे खिलाड़ी बने, जिन्होंने लगातार तीन सुपर सीरीज़ फाइनल में प्रवेश किया। जहां तक ऑस्ट्रेलिया ओपन सुपर सीरीज़ का सवाल है, किदाम्बी श्रीकांत इसे जीतने वाले भी पहले भारतीय पुरुष खिलाड़ी हैं।

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सबसे भारी रॉकेट जीएसएलवी मार्क-3 डी-1 का सफल प्रक्षेपण

5 जून, 2017, सोमवार
जीएसएलवी मार्क-3 डी-1

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने भारी भरकम सैटलाइट लॉन्च वीइकल जीएलएलवी मार्क-3 डी1 को प्रक्षेपित कर एक और बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है। भारत के सबसे वजनी रॉकेट को सोमवार को शाम 5:28 बजे श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया। 16 मिनट बाद सैटलाइट को अंतरिक्ष की कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित किया गया। रॉकेट करीब 200 हाथियों जितना भारी है। जीएसएलवी मार्क-3 अन्य देशों के चार टन श्रेणी के उपग्रहों को प्रक्षेपित करने की दिशा में भारत के लिए अवसर खोलेगा। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सफलता के लिए इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई दी है। मोदी ने ट्वीट के जरिए कहा, 'जीएसएलवी एमके-3 डी1/जीएसएटी-19 मिशन ने भारत को नेक्स्ट जेनरेशन लॉन्च वीइकल और उपग्रह क्षमता के नजदीक पहुंचाया है। देश को गर्व है।' यह रॉकेट अपने साथ 3,136 किलोग्राम वजन का संचार उपग्रह जीसैट-19 लेकर गया है। अब तक 2,300 किलो से ज्यादा वजन वाले संचार उपग्रहों के प्रक्षेपण के लिए इसरो को विदेशी प्रक्षेपकों पर निर्भर रहना पड़ता था। जीएसएलवी एमके3-डी1 भूस्थैतिक कक्षा में 4000 किलो तक के पेलोड ले जाने की क्षमता रखता है। इसरो के अध्यक्ष ए एस किरण कुमार ने कहा था कि यह अभियान अहम है क्योंकि "देश से प्रक्षेपित किया जाने वाला यह अब तक का सबसे भारी रॉकेट और उपग्रह है।" इससे पहले इसरो ने 3,404 किलो के संचार उपग्रह जीसैट-18 को फ्रेंच गुयाना स्थित एरियाने से प्रक्षेपित किया था। जीएसएलवी मार्क-3 लॉन्च करने के लिए उच्च गति वाले क्रायोजेनिक इंजन का इस्तेमाल किया गया है। बता दें कि करीब 30 साल की रिसर्च के बाद इसरो ने यह इंजन बनाया था। यह अभियान भारत के संचार संसाधनों को बढ़ावा देगा क्योंकि अकेला एक जीसैट-19 उपग्रह पुरानी किस्म के 6-7 संचार उपग्रहों के बराबर होगा। जीएसएलवी मिशन के डायरेक्टर जी अय्यप्पन ने कहा, 'यह जीएसएलवी मार्क-5 लॉन्च 'मेक इन इंडिया' स्पेस प्रॉजेक्ट की सफलता के साथ-साथ सामग्री, डिजाइन और प्रौद्योगिकी के मामले में भी पूरी तरह से स्वदेशी है।' उन्होंने बताया कि इसकी खासियतों में दोहरा अतिरेक, स्वास्थ्य निगरानी और दोष का पता लगाकर उसे ठीक करना शामिल है। इस प्रोजेक्ट से जुड़े एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने कहा कि यह इसरो का स्मार्ट और सबसे "आज्ञाकारी लड़का" है। आज की सफलता से भारत ने जटिल क्रायोजेनिक तकनीक में महारत हासिल कर ली है और उन चुनिंदा देशों की श्रेणी में शामिल हो गया है, जिनके पास यह तकनीक है।

क्रायोजेनिक तकनीक

क्रायोजेनिक इंजन में इस्तेमाल होने वाली पेचीदा तकनीक है। क्रायोजेनिक इंजन शून्य से बहुत नीचे यानी क्रायोजेनिक तापमान पर काम करते हैं। माइनस 238 डिग्री फॉरेनहाइट (-238'F) को क्रायोजेनिक तापमान कहा जाता है। इस तापमान पर क्रायोजेनिक इंजन का ईंधन ऑक्सीजन और हाइड्रोजन गैसें तरल यानी लिक्विड बन जाती हैं। लिक्विड ऑक्सीजन और लिक्विड हाइड्रोजन को क्रायोजेनिक इंजन में जलाया जाता है। लिक्विड ईंधन जलने से इतनी ऊर्जा पैदा होती है जिससे क्रायोजेनिक इंजन को 4.4 किलोमीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार मिल जाती है।

जीएसएलवी एमके III-डी1

4 टन के उपग्रहों को भूतुल्यकालिक स्थानांतरण कक्षा (जीटीओ) में प्रमोचन करने के लिए जीएसएलवी-एमके III सक्षम है। यह दो ठोस मोटर स्ट्रैप-ऑन (एस 200), एक द्रव नोदक कोर चरण (एल -110) और एक क्रायोजेनिक चरण (सी 25) वाला तीन चरण वाला वाहन है। जीएसएलवी-एमके।।।-डी 1 की यह पहली विकासात्मक उड़ान है, जो 3136 किलो जीसैट-19 उपग्रह को भू-तुल्यकाली स्थानान्तरण कक्षा (जीटीओ) के लिए वहन करेगा। वायुगतिकी मजबूती प्रदान करने के लिए वाहन को 5 एम ओगिव पेलोड फेयरिंग और त्रियक स्ट्रैप-ऑन नासिका कोन के साथ संरूपित किया गया है।

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इसरो ने सफलता पूर्वक लॉन्‍च किया साउथ एशिया सैटेलाइट

जीएसएलवी-एफ09
5 मई, 2017 शुक्रवार

करीब 450 करोड़ की लागत से बने उपग्रह (जीसैट-9) को 5 मई, 2017 को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) ने लॉन्च किया। इससे उपग्रह से सार्क देशों के बीच संपर्क को बढ़ावा मिलेगा लेकिन पाकिस्तान इससे बाहर है। इसका उपग्रह को चेन्नई से करीब 135 किलोमीटर दूर श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, दक्षिण एशियाई उपग्रह का सफल प्रक्षेपण ऐतिहासिक क्षण, इससे संबंधों के नए आयाम की शुरुआत होगी। जीसैट-9 को भारत की ओर से उसके दक्षिण एशियाई पड़ोसी देशों के लिए उपहार माना जा रहा है। इस उपग्रह को इसरो का रॉकेट जीएसएलवी-एफ09 लेकर जाएगा। इसरो के अध्यक्ष ए.एस किरण कुमार ने गुरुवार को बताया था कि इससे आठ सार्क देशों में से सात भारत, श्रीलंका, भूटान, अफ़ग़ानिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल और मालदीव परियोजना का हिस्सा हैं। पाकिस्तान ने यह कहते हुए इससे बाहर रहने का फैसला किया कि उसका अपना अंतरिक्ष कार्यक्रम है। बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना ने कहा, ' इस लॉन्च से हमारे आपसी रिश्ते मजबूत होंगे। इससे लोगों को आपस में जोड़ा जा सकेगा। लैंड, वॉटर और स्पेस में हमारा आपसी सहयोग बढ़ेगा।' भूटान के पीएम शेरिंग तोबगे ने कहा, 'दक्षिण एशिया उपग्रह लॉन्च ऐतिहासिक पल है। यह दुनिया के इतिहास में एक बड़ी उपलब्धि है। भारत को इसके लिए बधाई। आपसी सहयोग के लिए यह बड़ा कदम है। सैटलाइट बेस्ट संचार अब ज़रूरी हो गया है। हमारे क्षेत्र के लिए यह बेहतर होगा। यह भूटान जैसे देश के लिए काफ़ी अहम होगा।' मालदीव के राष्ट्रपति यमीन अब्दुल गयूम ने कहा, 'दक्षिण एशिया में यह 'सबका साथ सबका विकास' है। यह सैटलाइट इस क्षेत्र के लिए काफ़ी अहम होगा। यह पीएम मोदी का शानदार विजन है। इससे क्षेत्र के जनता के बीच सहयोग बढ़ेगा।' नेपाल के पीएम पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' ने इस शानदार लॉन्चिंग के लिए भारत को बधाई दी। उन्होंने कहा, 'यह क्षेत्र के विकास और टेलिमेडिसिन और आपदा प्रबंधन के लिए बेहतर होगा। संचार सेवा के लिए भी यह उपग्रह बेहतरीन होगा।' श्रीलंका के राष्ट्रपति एम. सिरीसेना ने भी कहा, 'यह लॉन्च सभी सार्क देशों के लिए फायदेमंद होगा। शिक्षा, पर्यावरण, मौसम अनुमान के लिए लाभदायक होगा। यह क्षेत्र के लोगों को अच्छा जीवन देगा।'

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इसरो ने एक साथ रिकार्ड 104 सैटेलाइट लॉन्च करके इतिहास रचा

पीएसएलवी-C34
15 फ़रवरी, 2017 बुधवार

अंतरिक्ष में भारत ने 15 फ़रवरी, 2017 बुधवार को एक बहुत बड़ी कामयाबी हासिल की है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रक्षेपण यान पीएसएलवी ने श्रीहरिकोटा स्थित अंतरिक्ष केन्द्र से एक एकल मिशन में रिकार्ड 104 उपग्रहों का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया। यहां से क़रीब 125 किलोमीटर दूर श्रीहरिकोटा से एक ही प्रक्षेपास्त्र के जरिये रिकॉर्ड 104 उपग्रहों का प्रक्षेपण सफलतापूर्वक किया गया। भारत ने एक रॉकेट से 104 उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजकर इस तरह का इतिहास रचने वाला पहला देश बन गया है। प्रक्षेपण के कुछ देर बाद पीएसएलवी-सी37 ने भारत के काटरेसैट-2 श्रृंखला के पृथ्वी पर्यवेक्षण उपग्रह और दो अन्य उपग्रहों तथा 103 नैनो उपग्रहों को सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित कर दिया। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सफल अभियान को लेकर इसरो को बधाई दी है। उन्‍होंने कहा कि पूरे देश के लिए यह गौरव का क्षण है। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो के प्रमुख एएस किरण कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 104 उपग्रहों के सफल प्रक्षेपण पर इसरो दल को बधाई दी। प्रधानमंत्री ने एक ही रॉकेट के जरिए 104 उपग्रहों के सफल प्रक्षेपण के लिए वैज्ञानिकों की सराहना करते हुए कहा कि इस अहम उपलब्धि ने भारत को गौरवांवित किया है।

104 में 3 स्वदेशी एवं 101 विदेशी उपग्रह

प्रक्षेपण के बारे में महत्वपूर्ण बात यह है कि इतनी बड़ी संख्या में रॉकेट से उपग्रहों का प्रक्षेपण किया गया। रूसी अंतरिक्ष एजेंसी की ओर से एक बार में 37 उपग्रहों के सफल प्रक्षेपण की तुलना में भारत एक बार में 104 उपग्रह प्रक्षेपित करने में सफलता हासिल कर इतिहास रचने वाला पहला देश बन गया है। भारत ने इससे पहले जून 2015 में एक बार में 23 उपग्रहों को प्रक्षेपण किया था। यह उसका दूसरा सफल प्रयास है। पीएसएलवी पहले 714 किलोग्राम वजनी काटरेसेट-2 श्रृंखला के उपग्रह का पृथ्वी पर निगरानी के लिए प्रक्षेपण करेगा और उसके बाद 103 सहयोगी उपग्रहों को पृथ्वी से करीब 520 किलोमीटर दूर ध्रुवीय सन सिंक्रोनस ऑर्बिट में प्रविष्ट कराएगा जिनका अंतरिक्ष में कुल वजन 664 किलोग्राम है। इन 104 उपग्रहों में भारत के तीन और विदेशों के 101 सैटेलाइट शामिल है। इसरो के वैज्ञानिकों ने एक्सएल वैरियंट का इस्तेमाल किया है जो सबसे शक्तिशाली रॉकेट है और इसका इस्तेमाल महत्वाकांक्षी चंद्रयान में और मंगल मिशन में किया जा चुका है। इनमें 96 उपग्रह अमेरिका के, पांच क्रमश: इसरो के अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों- इजरायल, कजाकिस्तान, नीदरलैंड, स्विट्जरलैंड, संयुक्त अरब अमीरात के हैं।

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