"बिहार पर्यटन": अवतरणों में अंतर
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*राज्य के प्रमुख पर्यटन केंद्र हैं- [[राजगीर]], [[नालंदा]], [[वैशाली]], [[पावापुरी]] जहाँ भगवान [[महावीर]] ने अंतिम सांस ली और निर्वाण को प्राप्त हुए, [[बोधगया]], विक्रमशिला उच्च शिक्षा के बौद्ध विश्वविद्यालय के अवशेष, [[पटना]] पाटलीपुत्र का प्राचीन नगर और [[सासाराम]] | [[बिहार]] पर्यटन स्थलों, ऐतिहासिक धरोहरों, [[धर्म]], अध्यात्म और [[संस्कृति]] का केन्द्र रहा है। यहाँ की परम्पराएं, [[संस्कृति]], रीति-रिवाज और जीवन-पद्धतियां, मेले, पर्व, त्योहार हमेशा से पर्यटकों को आकर्षित करते रहे हैं। | ||
*अन्य महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल हैं : मुंडेश्वरी मंदिर, कैमूर, रोहतासगढ़ | *राज्य के प्रमुख पर्यटन केंद्र हैं- [[राजगीर]], [[नालंदा]], [[वैशाली]], [[पावापुरी]] जहाँ भगवान [[महावीर]] ने अंतिम सांस ली और निर्वाण को प्राप्त हुए, [[बोधगया]], [[विक्रमशिला]] उच्च शिक्षा के बौद्ध विश्वविद्यालय के [[अवशेष]], [[पटना]] [[पाटलीपुत्र]] का प्राचीन नगर और [[सासाराम]] [[शेरशाह सूरी का मक़बरा]] और [[मधुबनी]]। | ||
पर्यटन स्थल नेपुरा, नालंदा, केसरिया | *अन्य महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल हैं : मुंडेश्वरी मंदिर, कैमूर, [[रोहतासगढ़]], रोहतास, जैन तीर्थ स्थल, कुंडलपुर, [[नालंदा]], बिहार योग केंद्र, [[मुंगेर]], [[मनेर शरीफ]], [[पटना]], ग्रामीण पर्यटन स्थल नेपुरा, [[नालंदा]], [[केसरिया, बिहार|केसरिया]], पूर्वी चंपारन।<br /><br /> | ||
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|[[पटना]]|| यह बिहार प्रदेश की राजधानी है। [[अजातशत्रु]] के पुत्र उदयभद्र ने 444 - 460 ई. पू. में [[पाटलिपुत्र]] की स्थापना की थी और उसे अपनी राजधानी बनाया था। पटना में ऐतिहासिक स्थल, | |[[पटना]]|| यह [[बिहार]] प्रदेश की राजधानी है। [[अजातशत्रु]] के पुत्र उदयभद्र ने 444 - 460 ई. पू. में [[पाटलिपुत्र]] की स्थापना की थी और उसे अपनी राजधानी बनाया था। पटना में ऐतिहासिक स्थल, [[सिक्ख|सिक्खों]] के दसवें गुरु का जन्म स्थल प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं। | ||
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|[[राजगीर]]|| राजगीर गर्म झरनों के लिए जाना जाता है। शीतकाल में भ्रमण और स्वास्थ्य के लिए उत्तम है। यहाँ प्रथम विश्व [[बौद्ध]] संगीति का आयोजन हुआ था। यहाँ [[जैन]] व हिन्दुओं के अनेक पवित्र धार्मिक स्थल हैं। | |[[राजगीर]]|| राजगीर गर्म झरनों के लिए जाना जाता है। शीतकाल में भ्रमण और स्वास्थ्य के लिए उत्तम है। यहाँ प्रथम विश्व [[बौद्ध]] संगीति का आयोजन हुआ था। यहाँ [[जैन]] व [[हिन्दु|हिन्दुओं]] के अनेक पवित्र धार्मिक स्थल हैं। | ||
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|[[नालन्दा]] || प्राचीनकाल में नालन्दा विश्वविद्यालय था, जहां देश-विदेश के छात्र शिक्षा के लिए आते थे। आजकल इसके अवशेष दिखलाई देते हैं। | |[[नालन्दा]] || प्राचीनकाल में [[नालन्दा विश्वविद्यालय]] था, जहां देश-विदेश के छात्र शिक्षा के लिए आते थे। आजकल इसके [[अवशेष]] दिखलाई देते हैं। | ||
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|[[गया]] || गया हिन्दुओं का महत्त्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। यहाँ पूर्वजों की आत्मा की शान्ति के लिए पिण्डदान किया जाता है। भगवान श्री [[राम|रामचन्द्र]] ने अपने पिता [[दशरथ]] का पिण्डदान यहाँ किया था। | |[[गया]] || गया हिन्दुओं का महत्त्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। यहाँ पूर्वजों की आत्मा की शान्ति के लिए [[पिण्डदान]] किया जाता है। भगवान श्री [[राम|रामचन्द्र]] ने अपने पिता [[दशरथ]] का पिण्डदान यहाँ किया था। | ||
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|[[बक्सर]]|| बक्सर में गुरु [[विश्वामित्र]] का आश्रम था। यहीं पर राम और [[लक्ष्मण]] का प्रारम्भिक शिक्षण-प्रशिक्षण हुआ। प्रसिद्ध [[ताड़का]] राक्षसी का वध राम द्वारा यहीं पा किया गया था। 1764 ई. का 'बक्सर युद्ध' भी इतिहास प्रसिद्ध है। | |[[बक्सर]]|| बक्सर में गुरु [[विश्वामित्र]] का आश्रम था। यहीं पर राम और [[लक्ष्मण]] का प्रारम्भिक शिक्षण-प्रशिक्षण हुआ। प्रसिद्ध [[ताड़का]] राक्षसी का वध राम द्वारा यहीं पा किया गया था। 1764 ई. का '[[बक्सर का युद्ध|बक्सर युद्ध]]' भी इतिहास प्रसिद्ध है। | ||
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|[[मनेर]]|| मनेर बिहार प्रदेश की राजधानी पटना से 29 किलोमीटर की दूरी पर है। यहाँ शाहदौलत और शेख याहिया मनेरी के मक़बरे हैं। | |[[मनेर]]|| मनेर बिहार प्रदेश की राजधानी पटना से 29 किलोमीटर की दूरी पर है। यहाँ शाहदौलत और शेख याहिया मनेरी के मक़बरे हैं। | ||
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|[[मधुबनी]]|| मधुबनी नगर | |[[मधुबनी]]|| मधुबनी नगर [[मधुबनी चित्रकला]] के लिए प्रख्यात है। 2003 ई. में लन्दन में आयोजित कला प्रदर्शनी में मधुबनी पेंटिंग्स को बहुत प्रशंसा मिली थी। | ||
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|[[मुंगेर]]|| मुंगेर में ऐतिहासिक क़िला है। यहीं पर प्रसिद्ध योग विश्वविद्यालय भी है। प्राचीन अंग साम्राज्य का मुंगेर प्रमुख केन्द्र था। | |[[मुंगेर]]|| मुंगेर में ऐतिहासिक क़िला है। यहीं पर प्रसिद्ध योग विश्वविद्यालय भी है। प्राचीन अंग साम्राज्य का मुंगेर प्रमुख केन्द्र था। | ||
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|[[सोनपुर]]|| सोनपुर में कार्तिक माह में एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला लगता है। सोनपुर में प्रसिद्ध ऐतिहासिक हरिहरनाथ जी का मन्दिर है। | |[[सोनपुर]]|| सोनपुर में [[कार्तिक]] [[माह]] में [[एशिया]] का सबसे बड़ा पशु मेला लगता है। सोनपुर में प्रसिद्ध ऐतिहासिक हरिहरनाथ जी का मन्दिर है। | ||
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|[[वैशाली]]|| छठी सदी ई. पू. में वैशाली नगर गणतन्त्र था। वैशाली विश्व के प्राचीनतम गणतन्त्र के लिए प्रसिद्ध है। प्रसिद्ध [[जैन]] [[तीर्थंकर]] [[महावीर]] का जन्म स्थल है। | |[[वैशाली]]|| छठी [[सदी]] ई. पू. में वैशाली नगर गणतन्त्र था। वैशाली विश्व के प्राचीनतम गणतन्त्र के लिए प्रसिद्ध है। प्रसिद्ध [[जैन]] [[तीर्थंकर]] [[महावीर]] का जन्म स्थल है। | ||
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|वाल्मीकि नगर|| यह स्थान [[वाल्मीकि]] ॠषि के जन्म स्थल के लिए प्रसिद्ध है। प्राचीन काल में वाल्मीकि ॠषि का आश्रम यहाँ था। वाल्मीकि नगर में एक प्रसिद्ध अभयारण्य भी है। | |वाल्मीकि नगर|| यह स्थान [[वाल्मीकि]] ॠषि के जन्म स्थल के लिए प्रसिद्ध है। प्राचीन काल में वाल्मीकि ॠषि का आश्रम यहाँ था। वाल्मीकि नगर में एक प्रसिद्ध अभयारण्य भी है। | ||
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|[[विक्रमशिला]]|| विक्रमशिला [[भागलपुर]] | |[[विक्रमशिला]]|| विक्रमशिला [[भागलपुर ज़िला|भागलपुर ज़िले]] में [[गंगा नदी|गंगा]] के [[तट]] पर स्थित है। प्राचीन समय में विख्यात [[विक्रमशिला विश्वविद्यालय]] था। उसके ऐतिहासिक अवशेष अब भी यहाँ हैं। | ||
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|[[जीरादेयू]]|| जीरादे्यू भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. [[राजेन्द्र प्रसाद]] का जन्म स्थल है। | |[[जीरादेयू]]|| जीरादे्यू भारत के प्रथम [[राष्ट्रपति]] डॉ. [[राजेन्द्र प्रसाद]] का जन्म स्थल है। | ||
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|[[सासाराम]]|| [[सूर वंश]] के संस्थापक अफग़ान शासक [[शेरशाह सूरी]] | |[[सासाराम]]|| [[सूर वंश]] के संस्थापक अफग़ान शासक [[शेरशाह सूरी का मक़बरा]] सासाराम में है और देश का प्रसिद्ध '[[ग्रांड ट्रंक रोड]]' भी इसी शहर से होकर गुजरता है। | ||
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|[[सीतामढ़ी]]|| सीतामढ़ी हिन्दुओं का प्रमुख तीर्थ स्थल है। सीतामढ़ी के पूनौरा नामक स्थान पर जब राजा [[जनक]] ने खेत में हल जोता था, उस समय धरती से [[सीता]] का जन्म हुआ था। सीता जी के जन्म के कारण इस नगर का नाम सीतामढ़ी पड़ा। | |[[सीतामढ़ी]]|| सीतामढ़ी [[हिन्दु|हिन्दुओं]] का प्रमुख [[तीर्थ]] स्थल है। सीतामढ़ी के पूनौरा नामक स्थान पर जब राजा [[जनक]] ने खेत में हल जोता था, उस समय [[धरती]] से [[सीता]] का जन्म हुआ था। सीता जी के जन्म के कारण इस नगर का नाम सीतामढ़ी पड़ा। | ||
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|[[विसपी]]|| यह स्थान मधुबनी / दरभंगा ज़िले में है। विसपी में मैथिली कवि विद्यापति का जन्म हुआ था। | |[[विसपी]]|| यह स्थान [[मधुबनी ज़िला|मधुबनी]] / [[दरभंगा ज़िला|दरभंगा ज़िले]] में है। विसपी में मैथिली कवि [[विद्यापति]] का जन्म हुआ था। | ||
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|[[पावापुरी]]|| पावापुरी पटना से 104 किलोमीटर और नालन्दा से 25 किमी दूरी पर स्थित है। यहीं जैन धर्म के प्रवर्तक महावीर जी ने निर्वाण प्राप्त किया था। यहाँ का जल | |[[पावापुरी]]|| पावापुरी [[पटना]] से 104 किलोमीटर और नालन्दा से 25 किमी दूरी पर स्थित है। यहीं [[जैन धर्म]] के प्रवर्तक [[महावीर]] जी ने निर्वाण प्राप्त किया था। यहाँ का [[जल मंदिर]], मनियार मठ तथा वेनुवन दर्शनीय स्थल हैं। | ||
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|[[बरौनी]]|| बरौनी उत्तरी बिहार का प्रमुख औद्योगिक नगर है। यहाँ तेल शोधन | |[[बरौनी]]|| बरौनी उत्तरी बिहार का प्रमुख औद्योगिक नगर है। यहाँ तेल शोधन कारख़ाना, गंगा पर सड़क और रेल पुल है। | ||
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|[[भागलपुर]]|| भागलपुर बिहार के ऐतिहासिक नगरों में से एक है। भागलपुर विश्वविद्यालय यहाँ का प्रमुख शिक्षा केन्द्र हैं। बरारी की गुफाएं दर्शनीय हैं। विष्णु मन्दिर, शिव मन्दिर प्रसिद्ध है । यहाँ 'टसर रेशम' का उत्पादन होता है। | |[[भागलपुर]]|| भागलपुर बिहार के ऐतिहासिक नगरों में से एक है। भागलपुर विश्वविद्यालय यहाँ का प्रमुख शिक्षा केन्द्र हैं। बरारी की गुफाएं दर्शनीय हैं। विष्णु मन्दिर, शिव मन्दिर प्रसिद्ध है । यहाँ 'टसर रेशम' का उत्पादन होता है। | ||
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|[[आरा]]|| आरा पटना से 32 मील की दूरी पर है। आरा के दर्शनीय स्थलों में आरण्य देवी, मढ़िया का राम मन्दिर प्रसिद्ध है। | |[[आरा]]|| आरा पटना से 32 मील की दूरी पर है। आरा के दर्शनीय स्थलों में आरण्य देवी, मढ़िया का राम मन्दिर प्रसिद्ध है। | ||
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|[[कटिहार]]|| कटिहार ज़िले में बरारी गुरु बाज़ार का गुरुद्वारा प्रसिद्ध है। | |[[कटिहार]]|| कटिहार ज़िले में बरारी गुरु बाज़ार का गुरुद्वारा प्रसिद्ध है। [[सिक्ख|सिक्खों]] के नवें गुरु [[तेगबहादुर सिंह गुरु|तेगबहादुर]] द्वारा लंगर का आयोजन किया गया था। सालमारी स्टेशन के पास [[शिव]] जी का गोरखनाथ मन्दिर, रानी इन्द्रावती की राजधानी सौरिया प्रसिद्ध हैं। | ||
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|[[बिहार शरीफ़]]|| बिहार शरीफ़ पटना से 85 किलोमीटर की दूर दक्षिण-पूर्व में है। यह [[मुस्लिम]] संस्कृति का प्रमुख केन्द्र है । यहाँ मख़दूम साहब की दरग़ाह तथा मलिक इब्राहिम वयां का मक़बरा है। | |[[बिहार शरीफ़]]|| बिहार शरीफ़ पटना से 85 किलोमीटर की दूर दक्षिण-पूर्व में है। यह [[मुस्लिम]] संस्कृति का प्रमुख केन्द्र है । यहाँ मख़दूम साहब की दरग़ाह तथा मलिक इब्राहिम वयां का मक़बरा है। | ||
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|[[पूर्णिया]]|| पूर्णिया [[महाभारत]] कालीन धर्म-स्थल था। यह उत्तर-पूर्वी बिहार में है। यहाँ से [[नेपाल]] जाने का रास्ता है। बनभाखी के सिकलीगढ़ प्राचीन गरिमापूर्ण स्थल है। | |[[पूर्णिया]]|| पूर्णिया [[महाभारत]] कालीन धर्म-स्थल था। यह उत्तर-पूर्वी बिहार में है। यहाँ से [[नेपाल]] जाने का रास्ता है। बनभाखी के सिकलीगढ़ प्राचीन गरिमापूर्ण स्थल है। | ||
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|[[बराबर पहाड़ी]] || बराबर पहाड़ी में सात प्राचीन गुफाएँ विस्तृत प्रकोष्ठों के रूप में निर्मित हैं। इन सात गुफाओं में से तीन में [[अशोक]] के अभिलेख अंकित हैं। | |[[बराबर पहाड़ी]] || बराबर पहाड़ी में सात प्राचीन गुफाएँ विस्तृत प्रकोष्ठों के रूप में निर्मित हैं। इन सात गुफाओं में से तीन में [[अशोक]] के [[अभिलेख]] अंकित हैं। | ||
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बिहार पर्यटन स्थलों, ऐतिहासिक धरोहरों, धर्म, अध्यात्म और संस्कृति का केन्द्र रहा है। यहाँ की परम्पराएं, संस्कृति, रीति-रिवाज और जीवन-पद्धतियां, मेले, पर्व, त्योहार हमेशा से पर्यटकों को आकर्षित करते रहे हैं।
- राज्य के प्रमुख पर्यटन केंद्र हैं- राजगीर, नालंदा, वैशाली, पावापुरी जहाँ भगवान महावीर ने अंतिम सांस ली और निर्वाण को प्राप्त हुए, बोधगया, विक्रमशिला उच्च शिक्षा के बौद्ध विश्वविद्यालय के अवशेष, पटना पाटलीपुत्र का प्राचीन नगर और सासाराम शेरशाह सूरी का मक़बरा और मधुबनी।
- अन्य महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल हैं : मुंडेश्वरी मंदिर, कैमूर, रोहतासगढ़, रोहतास, जैन तीर्थ स्थल, कुंडलपुर, नालंदा, बिहार योग केंद्र, मुंगेर, मनेर शरीफ, पटना, ग्रामीण पर्यटन स्थल नेपुरा, नालंदा, केसरिया, पूर्वी चंपारन।
नगर | विवरण |
---|---|
पटना | यह बिहार प्रदेश की राजधानी है। अजातशत्रु के पुत्र उदयभद्र ने 444 - 460 ई. पू. में पाटलिपुत्र की स्थापना की थी और उसे अपनी राजधानी बनाया था। पटना में ऐतिहासिक स्थल, सिक्खों के दसवें गुरु का जन्म स्थल प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं। |
राजगीर | राजगीर गर्म झरनों के लिए जाना जाता है। शीतकाल में भ्रमण और स्वास्थ्य के लिए उत्तम है। यहाँ प्रथम विश्व बौद्ध संगीति का आयोजन हुआ था। यहाँ जैन व हिन्दुओं के अनेक पवित्र धार्मिक स्थल हैं। |
नालन्दा | प्राचीनकाल में नालन्दा विश्वविद्यालय था, जहां देश-विदेश के छात्र शिक्षा के लिए आते थे। आजकल इसके अवशेष दिखलाई देते हैं। |
गया | गया हिन्दुओं का महत्त्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। यहाँ पूर्वजों की आत्मा की शान्ति के लिए पिण्डदान किया जाता है। भगवान श्री रामचन्द्र ने अपने पिता दशरथ का पिण्डदान यहाँ किया था। |
बक्सर | बक्सर में गुरु विश्वामित्र का आश्रम था। यहीं पर राम और लक्ष्मण का प्रारम्भिक शिक्षण-प्रशिक्षण हुआ। प्रसिद्ध ताड़का राक्षसी का वध राम द्वारा यहीं पा किया गया था। 1764 ई. का 'बक्सर युद्ध' भी इतिहास प्रसिद्ध है। |
मनेर | मनेर बिहार प्रदेश की राजधानी पटना से 29 किलोमीटर की दूरी पर है। यहाँ शाहदौलत और शेख याहिया मनेरी के मक़बरे हैं। |
मधुबनी | मधुबनी नगर मधुबनी चित्रकला के लिए प्रख्यात है। 2003 ई. में लन्दन में आयोजित कला प्रदर्शनी में मधुबनी पेंटिंग्स को बहुत प्रशंसा मिली थी। |
मुंगेर | मुंगेर में ऐतिहासिक क़िला है। यहीं पर प्रसिद्ध योग विश्वविद्यालय भी है। प्राचीन अंग साम्राज्य का मुंगेर प्रमुख केन्द्र था। |
सोनपुर | सोनपुर में कार्तिक माह में एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला लगता है। सोनपुर में प्रसिद्ध ऐतिहासिक हरिहरनाथ जी का मन्दिर है। |
वैशाली | छठी सदी ई. पू. में वैशाली नगर गणतन्त्र था। वैशाली विश्व के प्राचीनतम गणतन्त्र के लिए प्रसिद्ध है। प्रसिद्ध जैन तीर्थंकर महावीर का जन्म स्थल है। |
वाल्मीकि नगर | यह स्थान वाल्मीकि ॠषि के जन्म स्थल के लिए प्रसिद्ध है। प्राचीन काल में वाल्मीकि ॠषि का आश्रम यहाँ था। वाल्मीकि नगर में एक प्रसिद्ध अभयारण्य भी है। |
विक्रमशिला | विक्रमशिला भागलपुर ज़िले में गंगा के तट पर स्थित है। प्राचीन समय में विख्यात विक्रमशिला विश्वविद्यालय था। उसके ऐतिहासिक अवशेष अब भी यहाँ हैं। |
जीरादेयू | जीरादे्यू भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद का जन्म स्थल है। |
सासाराम | सूर वंश के संस्थापक अफग़ान शासक शेरशाह सूरी का मक़बरा सासाराम में है और देश का प्रसिद्ध 'ग्रांड ट्रंक रोड' भी इसी शहर से होकर गुजरता है। |
सीतामढ़ी | सीतामढ़ी हिन्दुओं का प्रमुख तीर्थ स्थल है। सीतामढ़ी के पूनौरा नामक स्थान पर जब राजा जनक ने खेत में हल जोता था, उस समय धरती से सीता का जन्म हुआ था। सीता जी के जन्म के कारण इस नगर का नाम सीतामढ़ी पड़ा। |
विसपी | यह स्थान मधुबनी / दरभंगा ज़िले में है। विसपी में मैथिली कवि विद्यापति का जन्म हुआ था। |
पावापुरी | पावापुरी पटना से 104 किलोमीटर और नालन्दा से 25 किमी दूरी पर स्थित है। यहीं जैन धर्म के प्रवर्तक महावीर जी ने निर्वाण प्राप्त किया था। यहाँ का जल मंदिर, मनियार मठ तथा वेनुवन दर्शनीय स्थल हैं। |
बरौनी | बरौनी उत्तरी बिहार का प्रमुख औद्योगिक नगर है। यहाँ तेल शोधन कारख़ाना, गंगा पर सड़क और रेल पुल है। |
भागलपुर | भागलपुर बिहार के ऐतिहासिक नगरों में से एक है। भागलपुर विश्वविद्यालय यहाँ का प्रमुख शिक्षा केन्द्र हैं। बरारी की गुफाएं दर्शनीय हैं। विष्णु मन्दिर, शिव मन्दिर प्रसिद्ध है । यहाँ 'टसर रेशम' का उत्पादन होता है। |
आरा | आरा पटना से 32 मील की दूरी पर है। आरा के दर्शनीय स्थलों में आरण्य देवी, मढ़िया का राम मन्दिर प्रसिद्ध है। |
कटिहार | कटिहार ज़िले में बरारी गुरु बाज़ार का गुरुद्वारा प्रसिद्ध है। सिक्खों के नवें गुरु तेगबहादुर द्वारा लंगर का आयोजन किया गया था। सालमारी स्टेशन के पास शिव जी का गोरखनाथ मन्दिर, रानी इन्द्रावती की राजधानी सौरिया प्रसिद्ध हैं। |
बिहार शरीफ़ | बिहार शरीफ़ पटना से 85 किलोमीटर की दूर दक्षिण-पूर्व में है। यह मुस्लिम संस्कृति का प्रमुख केन्द्र है । यहाँ मख़दूम साहब की दरग़ाह तथा मलिक इब्राहिम वयां का मक़बरा है। |
पूर्णिया | पूर्णिया महाभारत कालीन धर्म-स्थल था। यह उत्तर-पूर्वी बिहार में है। यहाँ से नेपाल जाने का रास्ता है। बनभाखी के सिकलीगढ़ प्राचीन गरिमापूर्ण स्थल है। |
बराबर पहाड़ी | बराबर पहाड़ी में सात प्राचीन गुफाएँ विस्तृत प्रकोष्ठों के रूप में निर्मित हैं। इन सात गुफाओं में से तीन में अशोक के अभिलेख अंकित हैं। |
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