"भूतिवर्मा": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
No edit summary
 
पंक्ति 3: पंक्ति 3:
*बादगंगा चट्टान शिलालेख के अनुसार, जिस पर [[गुप्त काल|गुप्त युग]] की तिथि अंकित कही जाती है, और जो 554 ई. के समकक्ष है, भूतिवर्मा ने [[अश्वमेध यज्ञ]] किया था।
*बादगंगा चट्टान शिलालेख के अनुसार, जिस पर [[गुप्त काल|गुप्त युग]] की तिथि अंकित कही जाती है, और जो 554 ई. के समकक्ष है, भूतिवर्मा ने [[अश्वमेध यज्ञ]] किया था।
*इससे प्रकट होता है कि उसने [[गुप्त वंश|गुप्तों]] के अधिराज्य का परित्याग कर दिया था।
*इससे प्रकट होता है कि उसने [[गुप्त वंश|गुप्तों]] के अधिराज्य का परित्याग कर दिया था।
*भूतिवर्मा ने भारी संख्या में [[ब्राह्मण|ब्राह्मणों]] को कौशिकी नदी के निकट चन्द्रपुरी परगने में पट्टे लिखकर भूमि प्रदान की, जिनका उसके उत्तराधिकारी भास्करवर्मा ने नवीनीकरण किया।
*भूतिवर्मा ने भारी संख्या में [[ब्राह्मण|ब्राह्मणों]] को कौशिकी नदी के निकट चन्द्रपुरी परगने में पट्टे लिखकर भूमि प्रदान की, जिनका उसके उत्तराधिकारी [[भास्करवर्मा]] ने नवीनीकरण किया।


{{प्रचार}}
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{संदर्भ ग्रंथ}}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
{{cite book | last = भट्टाचार्य| first = सच्चिदानन्द | title = भारतीय इतिहास कोश | edition = द्वितीय संस्करण-1989| publisher = उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान| location =  भारत डिस्कवरी पुस्तकालय| language =  हिन्दी| pages = 340 | chapter =}}
{{cite book | last = भट्टाचार्य| first = सच्चिदानन्द | title = भारतीय इतिहास कोश | edition = द्वितीय संस्करण-1989| publisher = उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान| location =  भारत डिस्कवरी पुस्तकालय| language =  हिन्दी| pages = 340 | chapter =}}
पंक्ति 13: पंक्ति 11:
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{गुप्त काल}}
{{गुप्त काल}}
[[Category:इतिहास कोश]]
[[Category:गुप्त काल]][[Category:इतिहास कोश]][[Category:चरित कोश]]
[[Category:गुप्त काल]]
__INDEX__
__INDEX__

13:10, 17 मई 2014 के समय का अवतरण

  • भूतिवर्मा को 'महाभूति वर्मा' अथवा 'भूतवर्मा' भी सम्बोधित किया जाता है।
  • यह कामरूप के 'पुष्यवर्मा' द्वारा प्रवर्तित राजवंश का आरम्भिक राजा था।
  • बादगंगा चट्टान शिलालेख के अनुसार, जिस पर गुप्त युग की तिथि अंकित कही जाती है, और जो 554 ई. के समकक्ष है, भूतिवर्मा ने अश्वमेध यज्ञ किया था।
  • इससे प्रकट होता है कि उसने गुप्तों के अधिराज्य का परित्याग कर दिया था।
  • भूतिवर्मा ने भारी संख्या में ब्राह्मणों को कौशिकी नदी के निकट चन्द्रपुरी परगने में पट्टे लिखकर भूमि प्रदान की, जिनका उसके उत्तराधिकारी भास्करवर्मा ने नवीनीकरण किया।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

भट्टाचार्य, सच्चिदानन्द भारतीय इतिहास कोश, द्वितीय संस्करण-1989 (हिन्दी), भारत डिस्कवरी पुस्तकालय: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, 340।

संबंधित लेख