"पानकरस-रागासव-योजन कला": अवतरणों में अंतर
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[[चौंसठ कलाएँ जयमंगल के मतानुसार|जयमंगल के मतानुसार]] चौंसठ कलाओं में से यह एक कला है। विविध प्रकार के शर्बत, आसव आदि बनाना, जो कि पेयजल के रूप में प्रयुक्त होते हैं। | [[चौंसठ कलाएँ जयमंगल के मतानुसार|जयमंगल के मतानुसार]] चौंसठ कलाओं में से यह एक [[प्रांगण:कला|कला]] है। विविध प्रकार के शर्बत, आसव आदि बनाना, जो कि पेयजल के रूप में प्रयुक्त होते हैं। | ||
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10:21, 13 अक्टूबर 2011 के समय का अवतरण
जयमंगल के मतानुसार चौंसठ कलाओं में से यह एक कला है। विविध प्रकार के शर्बत, आसव आदि बनाना, जो कि पेयजल के रूप में प्रयुक्त होते हैं।