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भावुक तकरीर दी,
भावुक तकरीर दी,
भीड़ भावनाओं से चीर दी।
भीड़ भावनाओं से चीर दी।
फिर मानव कल्याण के लिए
फिर मानव कल्याण के लिए,
दिल खोल दान के लिए
दिल खोल दान के लिए,
अपनी टोपी घुमवाई,
अपनी टोपी घुमवाई,
पर अफ़सोस
पर अफ़सोस
कि खाली लौट आई।
कि ख़ाली लौट आई।


टोपी को देखकर
टोपी को देखकर
नेता जी बोले-अपमान जो होना है सो हो ले।
नेता जी बोले - अपमान जो होना है सो हो ले।
पर धन्यवाद,
पर धन्यवाद,
आपकी इस प्रतिक्रिया से
आपकी इस प्रतिक्रिया से

05:43, 24 दिसम्बर 2011 के समय का अवतरण

कम से कम -अशोक चक्रधर
अशोक चक्रधर
अशोक चक्रधर
कवि अशोक चक्रधर
जन्म 8 फ़रवरी, 1951
जन्म स्थान खुर्जा, उत्तर प्रदेश
मुख्य रचनाएँ बूढ़े बच्चे, भोले भाले, तमाशा, बोल-गप्पे, मंच मचान, कुछ कर न चम्पू , अपाहिज कौन , मुक्तिबोध की काव्यप्रक्रिया
बाहरी कड़ियाँ आधिकारिक वेबसाइट
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
अशोक चक्रधर की रचनाएँ



एक घुटे हुए नेता ने
छंटे हुए शब्दों में
भावुक तकरीर दी,
भीड़ भावनाओं से चीर दी।
फिर मानव कल्याण के लिए,
दिल खोल दान के लिए,
अपनी टोपी घुमवाई,
पर अफ़सोस
कि ख़ाली लौट आई।

टोपी को देखकर
नेता जी बोले - अपमान जो होना है सो हो ले।
पर धन्यवाद,
आपकी इस प्रतिक्रिया से
प्रसन्नता छा गई,
कम से कम
टोपी तो वापस आ गई।