"कलियंग रासो": अवतरणों में अंतर

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*यह अलि रासिक गोविन्द की रचना हैं।  
*यह अलि रासिक गोविन्द की रचना हैं।  
*इसकी रचना तिथि सं. 1835 तथा [[छन्द]] संख्या 70 है।<ref>{{cite web |url=http://knowhindi.blogspot.com/2011/02/blog-post_4165.html |title=रासो काव्य : वीरगाथायें|accessmonthday=15 मई|accessyear=2011|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिन्दी}}</ref>
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
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कलियंग एक रासो काव्य है।

  • कलियंग रासो में कलियुग का वर्णन है।
  • यह अलि रासिक गोविन्द की रचना हैं।
  • इसकी रचना तिथि सं. 1835 तथा छन्द संख्या 70 है।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. रासो काव्य : वीरगाथायें (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 15 मई, 2011।

बाहरी कड़ियाँ

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