"अर्ज़ियाँ -कुलदीप शर्मा": अवतरणों में अंतर
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<poem> | <poem> | ||
वह एक बड़ा अफसर है | |||
इस बड़े से दफ़्तर में | |||
जहाँ बहुत सारे लोग | |||
ताँता लगा देते हैं हर रोज़ | ताँता लगा देते हैं हर रोज़ | ||
अपनी अर्जियों के साथ | अपनी अर्जियों के साथ | ||
अर्जियों में भरपूर कोशिश से | अर्जियों में भरपूर कोशिश से | ||
लिखवाते हैं | लिखवाते हैं | ||
अपनी दु:खभरी कहानियाँ | अपनी दु:खभरी कहानियाँ | ||
अपनी सारी व्यग्रता, सारा असंतोष | अपनी सारी व्यग्रता, सारा असंतोष | ||
प्रार्थनाओं से भरा मन | प्रार्थनाओं से भरा मन | ||
उंडेल देते हैं अर्जियों में | उंडेल देते हैं अर्जियों में | ||
देवता के यहां | देवता के यहां | ||
मन्नत मांग कर आते हैं वे | मन्नत मांग कर आते हैं वे | ||
अर्जियां देने से पहले | अर्जियां देने से पहले | ||
इस उम्मीद के साथ | इस उम्मीद के साथ | ||
कि पढ़ी जाएँगी वे सारी | कि पढ़ी जाएँगी वे सारी | ||
और पढ़ी गई | और पढ़ी गई | ||
तो यकीनन निजात पाएँगे | तो यकीनन निजात पाएँगे | ||
वे अपने दु:ख स़े | वे अपने दु:ख स़े | ||
रूठी हुई खुशियों को पतियाकर | |||
रूठी हुई | |||
लौटा ही लाएंगे किसी तरह | लौटा ही लाएंगे किसी तरह | ||
वे समझते हैं | वे समझते हैं | ||
भाग्य बदलने के लिए ज़रूरी है | |||
भाग्य बदलने के लिए | |||
लिखी जाएं अर्जियां | लिखी जाएं अर्जियां | ||
अर्जियों से या | अर्जियों से या | ||
अर्जियों की ही तरह | अर्जियों की ही तरह | ||
लिखा जाता है भाग्य | लिखा जाता है भाग्य | ||
बड़ा अफसर | बड़ा अफसर | ||
इत्मीनान से पढ़ता हैं सारी अर्जियाँ | इत्मीनान से पढ़ता हैं सारी अर्जियाँ | ||
डतनी देर | डतनी देर | ||
एक ओर हाथ बाँधे खड़ा रहता है | एक ओर हाथ बाँधे खड़ा रहता है | ||
सारा आक्रोश सारा असंतोष | सारा आक्रोश सारा असंतोष | ||
समर्पण और जिज्ञासा की मुद्रा में | समर्पण और जिज्ञासा की मुद्रा में | ||
उतनी देर में जिमणू चपरासी | उतनी देर में जिमणू चपरासी | ||
ढो चुका होता है | ढो चुका होता है | ||
कितनी ही फाईलें | कितनी ही फाईलें | ||
बराबर बुड़बुड़ाता हुआ | बराबर बुड़बुड़ाता हुआ | ||
बड़ा अफसर | बड़ा अफसर | ||
डसी बड़े मेज़ पर से | डसी बड़े मेज़ पर से | ||
जारी करता है आदेश | |||
जारी करता है | |||
कि दूर किये जाएँ सारे दु:ख़ | कि दूर किये जाएँ सारे दु:ख़ | ||
मुश्किल यह है | मुश्किल यह है | ||
कि उनके जीवन में | कि उनके जीवन में | ||
होता है जितना दु:ख | होता है जितना दु:ख | ||
उतना लिख नहीं पाता है अर्जीनवीस | उतना लिख नहीं पाता है अर्जीनवीस | ||
जितना लिख पाता है अर्जीनवीस | जितना लिख पाता है अर्जीनवीस | ||
उतना पढ़ नहीं पाता है अफसर! | उतना पढ़ नहीं पाता है अफसर! | ||
डसके बड़े से मेज़ पर | डसके बड़े से मेज़ पर | ||
तरतीबदार रखी फाईलों से | तरतीबदार रखी फाईलों से | ||
थोड़ा छुपकर | थोड़ा छुपकर | ||
घात लगाए | घात लगाए | ||
बैठा रहता है चालाक समय | बैठा रहता है चालाक समय | ||
और हर कार्रवाई पर बराबर | और हर कार्रवाई पर बराबर | ||
जमाए रखता है गिद्घदृष्टि | जमाए रखता है गिद्घदृष्टि | ||
कि कब निकले फाईल | कि कब निकले फाईल | ||
ओर कब झोंकूँ उसकी ऑंखों में धूल | ओर कब झोंकूँ उसकी ऑंखों में धूल | ||
यही है जो नहीं पढ़ने देता | यही है जो नहीं पढ़ने देता | ||
अफसर को सारा दु:ख | अफसर को सारा दु:ख | ||
इतने ताकतवर चश्मे के बावजूद | इतने ताकतवर चश्मे के बावजूद | ||
कि तब तक अर्जियों में | कि तब तक अर्जियों में | ||
सपना डाल कर निकले लोग | सपना डाल कर निकले लोग | ||
जमा हो जाते हैं | जमा हो जाते हैं | ||
चाय वाले रोशनू की रेहड़ी के गिर्द | चाय वाले रोशनू की रेहड़ी के गिर्द | ||
अपनी अपनी अर्जियों की | अपनी अपनी अर्जियों की | ||
ईबारतें दोहराते हुए मन ही मऩ | ईबारतें दोहराते हुए मन ही मऩ | ||
इन्हें खुश देख | इन्हें खुश देख | ||
रोशनू के हाथ तेज़ 2 चलते हैं | रोशनू के हाथ तेज़ 2 चलते हैं | ||
चाय के खौलते पानी की पतीली | चाय के खौलते पानी की पतीली | ||
और चीनी वाले डिब्बे के बीच़ | और चीनी वाले डिब्बे के बीच़ | ||
अफसर पर एक निरापद | अफसर पर एक निरापद | ||
चुटकुला कसते हुए | चुटकुला कसते हुए | ||
उबलती चायपत्ती की महक से सराबोर | उबलती चायपत्ती की महक से सराबोर | ||
एक ठहाके के साथ | एक ठहाके के साथ | ||
छिटका कर दूर गिरा देते है सारा तनाव | छिटका कर दूर गिरा देते है सारा तनाव | ||
झटके के साथ लौट आते हैं | झटके के साथ लौट आते हैं | ||
सहज मुद्रा में | सहज मुद्रा में | ||
अदालत में मनमर्र्जी की तारीख मिल जाने पर | अदालत में मनमर्र्जी की तारीख मिल जाने पर | ||
रहते हैं उमंग में। | रहते हैं उमंग में। | ||
जैसे न्याय तक पहुँचाने वाले रास्ते का | जैसे न्याय तक पहुँचाने वाले रास्ते का | ||
मिल गया हो सुराग़ | मिल गया हो सुराग़ | ||
उन लोगों की जेब में हैं | उन लोगों की जेब में हैं | ||
कुछ गिने चुने शब्द | |||
कुछ गिने चुने | |||
एक निश्छल दिल | एक निश्छल दिल | ||
थोड़े से पैसे | थोड़े से पैसे | ||
और नेक इरादे की खनक | और नेक इरादे की खनक | ||
इन से ही चलाएँगे | इन से ही चलाएँगे | ||
घर गृहस्थी और जीवऩ | घर गृहस्थी और जीवऩ | ||
जो जीवन भर उलीचते रहेंगे रेत | जो जीवन भर उलीचते रहेंगे रेत | ||
कि भाग्य की तरह निकलेगा पानी | कि भाग्य की तरह निकलेगा पानी | ||
मैंने कब कहा | मैंने कब कहा | ||
कि इसके बाद नहीं लिखेंगे वे अर्जियाँ | कि इसके बाद नहीं लिखेंगे वे अर्जियाँ | ||
इसी तरह लिखी जाएंगी वे | इसी तरह लिखी जाएंगी वे | ||
इसी तरह पढ़ी जाएंगी | इसी तरह पढ़ी जाएंगी | ||
इसी तरह बनता जाएगा | इसी तरह बनता जाएगा | ||
दु:ख का लम्बा इतिहास़ | दु:ख का लम्बा इतिहास़ | ||
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{{Poemclose}} | {{Poemclose}} | ||
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{{समकालीन कवि}} | {{समकालीन कवि}} | ||
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10:45, 2 जनवरी 2018 के समय का अवतरण
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