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आज का दिन - 1 जनवरी 2025 (भारतीय समयानुसार)

भारतकोश कॅलण्डर

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भारतकोश हलचल

विश्व हिन्दी दिवस (10 जनवरी) पुत्रदा एकादशी(10 जनवरी) प्रवासी भारतीय दिवस (09 जनवरी) गुरु गोविंद सिंह जयंती (06 जनवरी) लुई ब्रेल दिवस (04 जनवरी) नववर्ष (01 जनवरी) सोमवती अमावस्या (30 दिसम्बर) मासिक शिवरात्रि (29 दिसम्बर) सफला एकादशी(26 दिसम्बर) क्रिसमस (25 दिसम्बर) सुशासन दिवस (25 दिसम्बर) राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस (24 दिसम्बर) किसान दिवस (23 दिसम्बर) राष्ट्रीय गणित दिवस (22 दिसम्बर)


जन्म
सुकुमार सेन (02 जनवरी) मन्नत्तु पद्मनाभन (02 जनवरी) जैनेन्द्र कुमार (02 जनवरी) डी. एन. खुरोदे (02 जनवरी) बुला चौधरी (02 जनवरी) अश्विनी कुमार चौबे (02 जनवरी) लाखा सिंह (02 जनवरी) चन्द्रशेखर कम्बार (02 जनवरी) सम्पूर्णानंद (01 जनवरी) महादेव देसाई (01 जनवरी) सत्येंद्रनाथ बोस (01 जनवरी) मनीराम बागड़ी (01 जनवरी) उदय प्रकाश (01 जनवरी) काशीनाथ सिंह (01 जनवरी) अद्वैत मल्लबर्मन (01 जनवरी) नूर इनायत ख़ान (01 जनवरी) डिंको सिंह (01 जनवरी) राहत इंदौरी (01 जनवरी) असरानी (01 जनवरी) शकीला (01 जनवरी) आर. के. त्रिवेदी (01 जनवरी) नित्यानंद राय (01 जनवरी) शुभा मुद्गल (01 जनवरी)
मृत्यु
हरे कृष्ण मेहताब (02 जनवरी) विट्ठल रामजी शिंदे (02 जनवरी) बली राम भगत (02 जनवरी) अन्नाराम सुदामा (02 जनवरी) सफ़दर हाशमी (02 जनवरी) रमाकांत आचरेकर (02 जनवरी) राजेन्द्र शाह (02 जनवरी) डॉ. राधाबाई (02 जनवरी) मौलाना मज़हरुल हक़ (02 जनवरी) वसंत गोवारिकर (02 जनवरी) अनवर जलालपुरी (02 जनवरी) अजित प्रसाद जैन (02 जनवरी) बूटा सिंह (02 जनवरी) शान्ति स्वरूप भटनागर (01 जनवरी) हेमचंद दासगुप्त (01 जनवरी) डी. एन. खुरोदे (01 जनवरी) राजेन्द्र सिंहजी जडेजा (01 जनवरी) ग़ुलाम मोहम्मद सादिक़ (01 जनवरी)

भारतकोश सम्पादकीय -आदित्य चौधरी

कौऔं का वायरस

         यह एक तरह की ध्यानावस्था ही है। यह एक ऐसा ध्यान है जो किया नहीं जाता या धारण नहीं करना होता बल्कि स्वत: ही धारित हो जाता है... बस लग जाता है। मनोविश्लेषण की पुरानी अवधारणा के अनुसार कहें तो अवचेतन मस्तिष्क (सब कॉन्शस) में कहीं स्थापित हो जाता है। दिमाग़ में बादाम जितने आकार के दो हिस्से, जिन्हें ऍमिग्डाला (Amygdala) कहते हैं, कुछ ऐसा ही व्यवहार करते हैं। ये दोनों कभी-कभी दिमाग़ को अनदेखा कर शरीर के किसी भी हिस्से को सक्रिय कर देते हैं। असल में इनकी मुख्य भूमिका संवेदनात्मक आपातकालिक संदेश देने की होती है। इस तरह की ही कोई प्रणाली संभवत: अवचेतन के संदेशों के निगमन को संचालित करती है। ऍमिग्डाला की प्रक्रिया को 'डेनियल गोलमॅन' ने अपनी किताब इमोशनल इंटेलीजेन्स में बहुत अच्छी तरह समझाया है। ...पूरा पढ़ें

पिछले सभी लेख सफलता का शॉर्ट-कट -आदित्य चौधरी शहीद मुकुल द्विवेदी के नाम पत्र शर्मदार की मौत


एक आलेख

        संसद भवन नई दिल्ली में स्थित सर्वाधिक भव्य भवनों में से एक है, जहाँ विश्व में किसी भी देश में मौजूद वास्तुकला के उत्कृष्ट नमूनों की उज्ज्वल छवि मिलती है। राजधानी में आने वाले भ्रमणार्थी इस भवन को देखने ज़रूर आते हैं जैसा कि संसद के दोनों सभाएं लोक सभा और राज्य सभा इसी भवन के अहाते में स्थित हैं। संसद भवन संपदा के अंतर्गत संसद भवन, स्वागत कार्यालय भवन, संसदीय ज्ञानपीठ (संसद ग्रंथालय भवन) संसदीय सौध और इसके आस-पास के विस्तृत लॉन, जहां फ़व्वारे वाले तालाब हैं, शामिल हैं। संसद भवन की अभिकल्पना दो मशहूर वास्तुकारों - सर एडविन लुटय़न्स और सर हर्बर्ट बेकर ने तैयार की थी जो नई दिल्ली की आयोजना और निर्माण के लिए उत्तरदायी थे। संसद भवन की आधारशिला 12 फ़रवरी, 1921 को महामहिम द डय़ूक ऑफ कनाट ने रखी थी । इस भवन के निर्माण में छह वर्ष लगे और इसका उद्घाटन समारोह भारत के तत्कालीन गवर्नर जनरल लॉर्ड इर्विन ने 18 जनवरी, 1927 को आयोजित किया। इसके निर्माण पर 83 लाख रुपये की लागत आई। ... और पढ़ें

पिछले आलेख राष्ट्रपति रसखान की भाषा मौर्य काल

एक व्यक्तित्व

        महापण्डित राहुल सांकृत्यायन को हिन्दी यात्रा साहित्य का जनक माना जाता है। वे एक प्रतिष्ठित बहुभाषाविद थे और 20वीं सदी के पूर्वार्द्ध में उन्होंने यात्रा वृतांत तथा विश्व-दर्शन के क्षेत्र में साहित्यिक योगदान किए। बौद्ध धर्म पर उनका शोध हिन्दी साहित्य में युगान्तरकारी माना जाता है, जिसके लिए उन्होंने तिब्बत से लेकर श्रीलंका तक भ्रमण किया था। बौद्ध धर्म की ओर जब झुकाव हुआ तो पाली, प्राकृत, अपभ्रंश, तिब्बती, चीनी, जापानी, एवं सिंहली भाषाओं की जानकारी लेते हुए सम्पूर्ण बौद्ध ग्रन्थों का मनन किया और सर्वश्रेष्ठ उपाधि 'त्रिपिटिका चार्य' की पदवी पायी। साम्यवाद के क्रोड़ में जब राहुल जी गये तो कार्ल मार्क्स, लेनिन तथा स्तालिन के दर्शन से पूर्ण परिचय हुआ। प्रकारान्तर से राहुल जी इतिहास, पुरातत्त्व, स्थापत्य, भाषाशास्त्र एवं राजनीति शास्त्र के अच्छे ज्ञाता थे। ... और पढ़ें

पिछले लेख पण्डित ओंकारनाथ ठाकुर जे. आर. डी. टाटा आर. के. लक्ष्मण

एक पर्यटन स्थल

डल झील
डल झील

        डल झील का प्रमुख आकर्षण केन्द्र तैरते हुए बग़ीचे हैं। पौराणिक मुग़ल किलों में यहाँ की संस्कृति तथा इतिहास के दर्शन होते हैं। डल झील के पास ही मुग़लों के सुंदर एवं प्रसिद्ध पुष्प वाटिका से डल झील की आकृति और उभरकर सामने आती है। कश्मीर के प्रसिद्ध विश्वविद्यालय झील के तट पर स्थित है। शिकारे के माध्यम से सैलानी नेहरू पार्क, कानुटुर खाना, चारचीनारी, कुछ द्वीप जो यहाँ पर स्थित हैं, उन्हें देख सकते हैं। श्रद्घालुओं के लिए हज़रतबल तीर्थस्थल के दर्शन करे बिना उनकी यात्रा अधूरी रह जाती है। शिकारे के माध्यम से श्रद्धालु इस तीर्थस्थल के दर्शन कर सकते हैं। दुनिया भर में यह झील विशेष रूप से शिकारों या हाऊस बोट के लिए जानी जाती है। डल झील के आस-पास की प्राकृतिक सुंदरता अधिक संख्या में लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है। ... और पढ़ें

पिछले पर्यटन स्थल लक्षद्वीप चंडीगढ़ लाल क़िला

एक रोग

         कोरोना विषाणु (अंग्रेज़ी: Corona virus) कई प्रकार के विषाणुओं का एक समूह है, जो स्तनधारियों और पक्षियों में रोग के कारण हैं। यह आर.एन.ए. विषाणु होते हैं। मानव में यह श्वास तंत्र संक्रमण का कारण बनते हैं, जो अधिकांशत: कम घातक लेकिन कभी-कभी जानलेवा सिद्ध होते हैं। गाय और सूअर में कोरोना विषाणु अतिसार और मुर्गियों में ऊपरी श्वास तंत्र के रोग के कारण बनते हैं। इनकी रोकथाम के लिए कोई टीका (वैक्सीन) या एंटीवायरल अभी उपलब्ध नहीं है। साबुन से हाथ धोना ही बचाव का सबसे बेहतरीन तरीका है, क्योंकि कोरोना वायरस की बाहरी परत प्रोटीन या तैलीय लिपिड से बनी होती है, जिसे साबुन का पानी तोड़ देता है। इसके बाद वायरस का स्ट्रेन कमजोर पड़ जाता है। चीन के वूहान शहर से उत्पन्न होने वाला '2019 नोवेल कोरोना विषाणु' इसी समूह के वायरसों का एक उदहारण है, जिसका संक्रमण 2019-2020 से बड़ी ही तेज़ी से पूरे में फैल रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे 'कोविड-19' (COVID-19) नाम दिया है। ...और पढ़ें

पिछले लेख डेंगू मधुमेह ऑटिज़्म

सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी

महत्त्वपूर्ण आकर्षण

भारतकोश पर स्वतंत्र लेखन

कुछ लेख

भारतकोश ज्ञान का हिन्दी-महासागर

  • कुल संपादित- 6,92,068
  • कुल पृष्ठ- 1,94,968
  • कुल लेख- 62,949
  • कुल चित्र- 19,228
  • 'भारत डिस्कवरी' विभिन्न भाषाओं में निष्पक्ष एवं संपूर्ण ज्ञानकोश उपलब्ध कराने का अलाभकारी शैक्षिक मिशन है।
  • कृपया यह भी ध्यान दें कि यह सरकारी वेबसाइट नहीं है और हमें कहीं से कोई आर्थिक सहायता प्राप्त नहीं है।
  • सदस्यों को सम्पादन सुविधा उपलब्ध है।


ब्रज डिस्कवरी

ब्रज डिस्कवरी पर जाएँ
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ब्रज डिस्कवरी पर हम आपको एक ऐसी यात्रा का भागीदार बनाना चाहते हैं जिसका रिश्ता ब्रज के इतिहास, संस्कृति, समाज, पुरातत्व, कला, धर्म-संप्रदाय, पर्यटन स्थल, प्रतिभाओं आदि से है।


चयनित चित्र

पट्टदकल स्थित भैरव की मूर्ति
पट्टदकल स्थित भैरव की मूर्ति

भैरव प्रतिमा, पट्टदकल, कर्नाटक

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