"वैजयिकी-ज्ञान कला": अवतरणों में अंतर
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[[चौंसठ कलाएँ जयमंगल के मतानुसार|जयमंगल के मतानुसार]] चौंसठ कलाओं में से यह एक कला है। विजय प्राप्त करने की विद्या अर्थात् शस्त्रविद्या जानने की कला। पैर आदि अंगों के विशिष्ट संचालनपूर्वक (पैतरा बदलते हुए) शस्त्रों का लक्ष्य स्थिर करना और उनका चलाना कला है। | [[चौंसठ कलाएँ जयमंगल के मतानुसार|जयमंगल के मतानुसार]] चौंसठ कलाओं में से यह एक [[प्रांगण:कला|कला]] है। विजय प्राप्त करने की विद्या अर्थात् शस्त्रविद्या जानने की कला। पैर आदि अंगों के विशिष्ट संचालनपूर्वक (पैतरा बदलते हुए) शस्त्रों का लक्ष्य स्थिर करना और उनका चलाना [[प्रांगण:कला|कला]] है। | ||
==संबंधित लेख== | |||
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10:21, 13 अक्टूबर 2011 के समय का अवतरण
जयमंगल के मतानुसार चौंसठ कलाओं में से यह एक कला है। विजय प्राप्त करने की विद्या अर्थात् शस्त्रविद्या जानने की कला। पैर आदि अंगों के विशिष्ट संचालनपूर्वक (पैतरा बदलते हुए) शस्त्रों का लक्ष्य स्थिर करना और उनका चलाना कला है।