"उपदेश -शिवदीन राम जोशी": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
छो (उपदेश-शिवदीन राम जोशी का नाम बदलकर उपदेश -शिवदीन राम जोशी कर दिया गया है)
छो (Adding category Category:शिवदीन राम जोशी (को हटा दिया गया हैं।))
 
(इसी सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
{{पुनरीक्षण}}<!-- कृपया इस साँचे को हटाएँ नहीं (डिलीट न करें)। इसके नीचे से ही सम्पादन कार्य करें। -->
{{Poemopen}}
'''आपको नया पन्ना बनाने के लिए यह आधार दिया गया है'''
<poem>
 
प्रेम नहीं  घट  में  जिसके, फिर  पूजन  लाख  विचार  करे  वो।
==उपदेश-शिवदीन राम जोशी==
नहीं चीन परी जो दया इक मानव, तो गुण कोटिन और भरे वो।
प्रेम नहीं  घट  में  जिसके, फिर  पूजन  लाख  विचार  करे  वो |
श्री गुरु के शब्द सुने न सुने, फिर शास्त्र पुराण हृदय में धरे वो।
नहीं चीन परी जो दया इक मानव, तो गुण कोटिन और भरे वो |
शिवदीन मिले कछु  ज्ञान तभी, गुरु गोविन्द  के शरण परे वो।
श्री गुरु के शब्द सुने न सुने, फिर शास्त्र पुराण हृदय में धरे वो |
----
शिवदीन मिले कछु  ज्ञान तभी, गुरु गोविन्द  के शरण परे वो |
तात  व  मात की  सेवा  करें, उपकार  करे  वो  बतावनो  ना।
-------------
शिवदीन हरी गुण गान करें, कभी दिन दुखी को सतावनो ना।
तात  व  मात की  सेवा  करें, उपकार  करे  वो  बतावनो  ना |
सन्मार्ग सुसंगत सार  गाहे, व समुद्र  में कूद के  न्हावनो ना।
शिवदीन हरी गुण गान करें, कभी दिन दुखी को सतावनो ना |
सुख देख के फूल न फूलो अरे ! दु:ख देख घनो घबरावनो ना।      
सन्मार्ग सुसंगत सार  गाहे, व समुद्र  में कूद के  न्हावनो ना |
</poem>
सुख देख के फूल न फूलो अरे ! दु:ख देख घनो घबरावनो ना |      
{{Poemclose}}
'''बोल्ड पाठ'''
 
 
===शीर्षक उदाहरण 2===
 
====शीर्षक उदाहरण 3====
 
=====शीर्षक उदाहरण 4=====
 
<!-- कृपया इस संदेश से ऊपर की ओर ही सम्पादन कार्य करें। ऊपर आप अपनी इच्छानुसार शीर्षक और सामग्री डाल सकते हैं -->
 
<!-- यदि आप सम्पादन में नये हैं तो कृपया इस संदेश से नीचे सम्पादन कार्य न करें -->
 
 
{{लेख प्रगति|आधार=आधार1|प्रारम्भिक= |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
 
==बाहरी कड़ियाँ==


{| width="100%"
|-
|
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
 
{{समकालीन कवि}}
[[Category:नया पन्ना 13 मार्च-2012]]
[[Category:कविता]][[Category:हिन्दी कविता]][[Category:काव्य कोश]][[Category:पद्य साहित्य]][[Category:साहित्य कोश]]
 
[[Category:समकालीन साहित्य]]
[[Category:शिवदीन राम जोशी]]
|}
__NOTOC__
__NOEDITSECTION__
__INDEX__
__INDEX__

07:05, 17 मार्च 2012 के समय का अवतरण

प्रेम नहीं घट में जिसके, फिर पूजन लाख विचार करे वो।
नहीं चीन परी जो दया इक मानव, तो गुण कोटिन और भरे वो।
श्री गुरु के शब्द सुने न सुने, फिर शास्त्र पुराण हृदय में धरे वो।
शिवदीन मिले कछु ज्ञान तभी, गुरु गोविन्द के शरण परे वो।


तात व मात की सेवा करें, उपकार करे वो बतावनो ना।
शिवदीन हरी गुण गान करें, कभी दिन दुखी को सतावनो ना।
सन्मार्ग सुसंगत सार गाहे, व समुद्र में कूद के न्हावनो ना।
सुख देख के फूल न फूलो अरे ! दु:ख देख घनो घबरावनो ना।


संबंधित लेख