"तोरण दुर्ग": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
No edit summary |
कात्या सिंह (वार्ता | योगदान) |
||
(2 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 2 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
{{बहुविकल्प|बहुविकल्पी शब्द=तोरण|लेख का नाम=तोरण (बहुविकल्पी)}} | {{बहुविकल्प|बहुविकल्पी शब्द=तोरण|लेख का नाम=तोरण (बहुविकल्पी)}} | ||
[[चित्र:Toran-Fort.jpg|thumb|250px|तोरण दुर्ग का द्वार]] | |||
'''तोरण दुर्ग''' [[महाराष्ट्र]] में [[छत्रपति शिवाजी]] के [[पिता]] [[शाहजी भोंसले]] की जागीर के दक्षिणी सीमांत प्रांत पर स्थित था। यह दुर्ग [[पूना]] के दक्षिण-पश्चिम में 30 किलोमीटर की दूरी पर था। | '''तोरण दुर्ग''' [[महाराष्ट्र]] में [[छत्रपति शिवाजी]] के [[पिता]] [[शाहजी भोंसले]] की जागीर के दक्षिणी सीमांत प्रांत पर स्थित था। यह दुर्ग [[पूना]] के दक्षिण-पश्चिम में 30 किलोमीटर की दूरी पर था। | ||
पंक्ति 5: | पंक्ति 6: | ||
*यह दुर्ग शाहजी भोंसले की जागीर के अंतर्गत दक्षिण सीमांत पर स्थित था। | *यह दुर्ग शाहजी भोंसले की जागीर के अंतर्गत दक्षिण सीमांत पर स्थित था। | ||
*यहाँ से शिवाजी को पूर्व समय का गढ़ा हुआ बहुत-सा धन प्राप्त हुआ था। | *यहाँ से शिवाजी को पूर्व समय का गढ़ा हुआ बहुत-सा धन प्राप्त हुआ था। | ||
*इस धन की सहायता से उन्होंने [[अस्त्र शस्त्र|अस्त्र-शस्त्र]] तथा गोला बारूद | *इस धन की सहायता से उन्होंने [[अस्त्र शस्त्र|अस्त्र-शस्त्र]] तथा गोला बारूद ख़रीदा और तोरण के क़िले से छ: मील दूर मोरबंद के पर्वत श्रृंग पर राजगढ़ नामक दुर्ग बनवाया। | ||
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक= | {{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=410|url=}} | ||
<references/> | <references/> | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{महाराष्ट्र के ऐतिहासिक स्थान}} | {{महाराष्ट्र के ऐतिहासिक स्थान}} | ||
[[Category:महाराष्ट्र]][[Category:महाराष्ट्र के ऐतिहासिक स्थान]][[Category:ऐतिहासिक स्थल]][[Category:ऐतिहासिक स्थान कोश]] | [[Category:महाराष्ट्र]][[Category:महाराष्ट्र के ऐतिहासिक स्थान]][[Category:ऐतिहासिक स्थल]][[Category:ऐतिहासिक स्थान कोश]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
12:39, 17 जून 2013 के समय का अवतरण
तोरण | एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- तोरण (बहुविकल्पी) |
तोरण दुर्ग महाराष्ट्र में छत्रपति शिवाजी के पिता शाहजी भोंसले की जागीर के दक्षिणी सीमांत प्रांत पर स्थित था। यह दुर्ग पूना के दक्षिण-पश्चिम में 30 किलोमीटर की दूरी पर था।
- इस प्रसिद्ध दुर्ग को महाराष्ट्र केसरी शिवाजी ने बीजापुर के सुल्तान से 1646 ई. में छीन लिया था।
- यह दुर्ग शाहजी भोंसले की जागीर के अंतर्गत दक्षिण सीमांत पर स्थित था।
- यहाँ से शिवाजी को पूर्व समय का गढ़ा हुआ बहुत-सा धन प्राप्त हुआ था।
- इस धन की सहायता से उन्होंने अस्त्र-शस्त्र तथा गोला बारूद ख़रीदा और तोरण के क़िले से छ: मील दूर मोरबंद के पर्वत श्रृंग पर राजगढ़ नामक दुर्ग बनवाया।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार |पृष्ठ संख्या: 410 |