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'''वुलर झील''' [[जम्मू और कश्मीर]] के [[बांदीपुर ज़िला|बांदीपुर ज़िले]] में स्थित एक प्रसिद्ध [[झील]] है। यह [[भारत]] की सबसे बड़ी ताजे पानी की झीलों में से एक है। | |||
*वुलर [[एशिया]] की मीठे पानी की सबसे बडी झील थी | |||
*कहा जाता है कि वुलर शब्द शायद [[उल्लोल]] | *कुछ [[वर्ष]] पूर्व तक वुलर [[एशिया]] की मीठे पानी की सबसे बडी झील हुआ करती थी, किंतु अब यह मात्र हरित क्षेत्र रह गयी है। | ||
*कहा जाता है कि 'वुलर' शब्द शायद '[[उल्लोल]]'<ref>ऊँची चंचल लहरियों वाली</ref> का [[अपभ्रंश]] है। [[झील]] का प्राचीन नाम '[[महापद्मसर]]' था।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= भारतकोश पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=867|url=}}</ref> | |||
*वुलर झील [[पर्यटन]] की दृष्टि से भी बहुत महत्त्वपूर्ण | *यह झील30 से 260 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैली हुई है। | ||
*[[झेलम नदी]] इसमें अपना अस्थायी डेल्टा बनाती है। | *वुलर झील [[पर्यटन]] की दृष्टि से भी बहुत महत्त्वपूर्ण है। | ||
*[[झेलम नदी]] इसमें अपना अस्थायी [[डेल्टा]] बनाती है। | |||
*वर्तमान समय में इसका क्षेत्रफल तेज़ी से घट रहा है। | *वर्तमान समय में इसका क्षेत्रफल तेज़ी से घट रहा है। | ||
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यह [[द्वीप]] वुलर झील के पूर्वोत्तरी कोने में स्थित है। इसे [[कश्मीरी भाषा]] में 'जैनुल लंक'<ref>'लंक' कश्मीरी भाषा में 'द्वीप' के लिए शब्द है।</ref> जाता है। यह एक कृत्रिम द्वीप है, जो 1444 ई. में [[कश्मीर]] के शासक [[जैनुल अबादीन]] ने बनवाया था। जैनुल अबादीन अपनी धार्मिक सहनशीलता के लिए जाने जाते थे और उन्हें [[हिन्दू]] व [[मुस्लिम]] कश्मीरी लोग आदर से 'बुड शाह'<ref>यानि 'बड़े शाह' या 'महान शाह'</ref> के नाम से याद करते हैं। | |||
15वीं सदी के कश्मीरी [[इतिहासकार]] जोनराज के अनुसार यह द्वीप बुड शाह ने नाविकों को वुलर झील में तूफ़ानी स्थितियों में आश्रय देने के लिए बनवाया था। इस पर अभी भी [[खंडहर]] मौजूद हैं। जिस समय यह द्वीप बनवाया गया था, उस समय वुलर थोड़ी अधिक बड़ी थी और टापू [[झील]] के बीच में था। धीरे-धीरे वुलर झील एक तरफ़ से सूखकर सिकुड़ गई और [[द्वीप]] अब एक कोने दिखाई देता है। | |||
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वुलर झील
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नाम | वुलर झील |
देश | भारत |
राज्य | जम्मू और कश्मीर |
नगर/ज़िला | बांदीपुर |
निर्देशांक | उत्तर - 34°20 ; पूर्व - 74°36 |
अधिकतम लंबाई | 16 किमी (लगभग) |
अधिकतम गहराई | 14 मीटर (लगभग) |
अधिकतम चौड़ाई | 9.6 किमी (लगभग) |
गूगल मानचित्र | गूगल मानचित्र |
अन्य जानकारी | वुलर झील का प्राचीन नाम महापद्मसर था। |
अद्यतन | 16:09, 10 फ़रवरी 2012 (IST)
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वुलर झील जम्मू और कश्मीर के बांदीपुर ज़िले में स्थित एक प्रसिद्ध झील है। यह भारत की सबसे बड़ी ताजे पानी की झीलों में से एक है।
- कुछ वर्ष पूर्व तक वुलर एशिया की मीठे पानी की सबसे बडी झील हुआ करती थी, किंतु अब यह मात्र हरित क्षेत्र रह गयी है।
- कहा जाता है कि 'वुलर' शब्द शायद 'उल्लोल'[1] का अपभ्रंश है। झील का प्राचीन नाम 'महापद्मसर' था।[2]
- यह झील30 से 260 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैली हुई है।
- वुलर झील पर्यटन की दृष्टि से भी बहुत महत्त्वपूर्ण है।
- झेलम नदी इसमें अपना अस्थायी डेल्टा बनाती है।
- वर्तमान समय में इसका क्षेत्रफल तेज़ी से घट रहा है।
जैनुल द्वीप
यह द्वीप वुलर झील के पूर्वोत्तरी कोने में स्थित है। इसे कश्मीरी भाषा में 'जैनुल लंक'[3] जाता है। यह एक कृत्रिम द्वीप है, जो 1444 ई. में कश्मीर के शासक जैनुल अबादीन ने बनवाया था। जैनुल अबादीन अपनी धार्मिक सहनशीलता के लिए जाने जाते थे और उन्हें हिन्दू व मुस्लिम कश्मीरी लोग आदर से 'बुड शाह'[4] के नाम से याद करते हैं।
15वीं सदी के कश्मीरी इतिहासकार जोनराज के अनुसार यह द्वीप बुड शाह ने नाविकों को वुलर झील में तूफ़ानी स्थितियों में आश्रय देने के लिए बनवाया था। इस पर अभी भी खंडहर मौजूद हैं। जिस समय यह द्वीप बनवाया गया था, उस समय वुलर थोड़ी अधिक बड़ी थी और टापू झील के बीच में था। धीरे-धीरे वुलर झील एक तरफ़ से सूखकर सिकुड़ गई और द्वीप अब एक कोने दिखाई देता है।
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