"मिज़ोरम": अवतरणों में अंतर
छो (Text replace - "पडोस" to "पड़ोस") |
No edit summary |
||
(11 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 68 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
{{सूचना बक्सा राज्य | {{सूचना बक्सा राज्य | ||
|Image=Mizoram-Map.jpg | |Image=Mizoram-Map.jpg | ||
|राजधानी= | |राजधानी=[[आईजोल]] | ||
|जनसंख्या= | |जनसंख्या=10,91,014 <ref name="मिज़ोरम">{{cite web |url=http://mizoram.nic.in/about/glance.htm |title=Mizoram at a glance |accessmonthday=3 जून |accessyear=2011 |last= |first= |authorlink= |format=एच.टी.एम.एल |publisher=मिज़ोरम की आधिकारिक वेबसाइट |language=अंग्रेज़ी}}</ref> | ||
|जनसंख्या घनत्व=42 | |जनसंख्या घनत्व=42<ref name="मिज़ोरम"/> | ||
|क्षेत्रफल= | |क्षेत्रफल=21,087 वर्ग किमी <ref name="मिज़ोरम"/> | ||
|भौगोलिक निर्देशांक=23°22′N 92°00′E | |भौगोलिक निर्देशांक=23°22′N 92°00′E | ||
|स्थापना=1987/ | |स्थापना=20 फ़रवरी, 1987 | ||
| | |साक्षरता=91.85<ref name="मिज़ोरम"/> | ||
|तापमान=20 °C (औसत) | |||
|ज़िले=8<ref name="मिज़ोरम"/> | |||
|ग्रीष्म=29 °C | |ग्रीष्म=29 °C | ||
|शरद=11 °C | |शरद=11 °C | ||
|राज्यपाल= | |लिंगानुपात=1000 / 975 | ||
|राज्यपाल=[[कंभमपति हरिबाबू]]<ref name="मिज़ोरम"/> | |||
|मुख्यमंत्री=[[लालदुहोमा]]<ref name="मिज़ोरम"/> | |||
|विधान सभा सदस्य संख्या=40 | |||
|विधान परिषद सदस्य संख्या= | |||
|लोकसभा क्षेत्र=1 | |||
|राज्यसभा सदस्य= | |||
|बाहरी कड़ियाँ=[http://mizoram.gov.in/home/index.html अधिकारिक वेबसाइट] | |बाहरी कड़ियाँ=[http://mizoram.gov.in/home/index.html अधिकारिक वेबसाइट] | ||
|अद्यतन= | |अद्यतन={{अद्यतन|16:33, 4 जनवरी 2024 (IST)}} | ||
|emblem=Mizoram-Seal. | |emblem=Mizoram-Seal.png | ||
}} | }} | ||
[[ | '''मिज़ोरम''' ([[अंग्रेज़ी]]:''Mizoram'') [[भारत]] गणराज्य में एक पर्वतीय प्रदेश है। मिज़ोरम देश के पूर्वोत्तर हिस्से में स्थित है और इसका क्षेत्रफल 21,081 वर्ग किमी. है। मिज़ोरम के पूर्व और दक्षिण में [[म्यांमार]] और पश्चिम में [[बांग्लादेश]] है। पश्चिमोत्तर में [[त्रिपुरा]], उत्तर में [[असम]] तथा पूर्वोत्तर में [[मणिपुर]] है। मिज़ोरम की राजधानी [[आईजोल]] है। [[फ़रवरी]], [[1987]] को यह भारत का 23वां राज्य बना। [[1972]] में केंद्रशासित प्रदेश बनने से पहले तक यह [[असम]] का एक ज़िला था। मिज़ोरम में प्राकृतिक सौंदर्य बिखरा पड़ा है तथा इस क्षेत्र में प्रकृति की विभिन्न छटाएं देखने को मिलती हैं। यह क्षेत्र विभिन्न प्रजाति के प्राणियों तथा वनस्पतियों से संपन्न है। | ||
==इतिहास== | |||
1891 में ब्रिटिश शासन में जाने के बाद कुछ वर्षो तक उत्तर का लुशाई पर्वतीय क्षेत्र असम के और आधा दक्षिणी भाग [[पश्चिम बंगाल]] के अधीन रहा। [[1898]] में दोनों को मिलाकर एक ज़िला बना दिया गया जिसका नाम 'लुशाई हिल्स ज़िला'। यह असम के मुख्य आयुक्त के प्रशासन में आ गया। 1972 में पूर्वोत्तर क्षेत्र पुनर्गठन अधिनियम लागू होने पर मिज़ोरम केंद्रशासित प्रदेश बन गया। भारत सरकार और मिज़ो नेशनल फ्रंट के बीच 1986 में हुए ऐतिहासिक समझौते के फलस्वरूप 20 फ़रवरी, 1987 को इसे पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया। | |||
==भूगोल== | |||
भूगर्भशास्त्रीय दृष्टि से मिज़ो पहाड़ियाँ अराकान आर्क का हिस्सा है जो सुसंगठित समानांतर पर्वतस्कंधों की उत्तर-दक्षिण दिशा में स्थित श्रृंखला है, जिसका निर्माण तृतीयक बलुआ पत्थर, चूना-पत्थर और स्लेट-पत्थर<ref>16 से 664 लाख वर्ष पुरानी चट्टानें</ref> से हुआ है। संकरी नदी घाटियों से विभक्त पर्वतस्कंधों की ऊँचाई 2,157 मीटर है। [[चित्र:View-of-Mizoram.jpg|thumb|left|250px|मिज़ोरम का एक दृश्य, [[आईजोल]]]] दक्षिण में कलादान और इसकी सहायक नदियाँ दक्षिण दिशा में बहती हुई [[म्यांमार]] में प्रवेश करती हैं, जबकि धालेश्वरी (त्लावंग) और सोनाई (तुइरेल) नदियाँ उत्तर दिशा में [[असम]] की और बहती हैं। आइज़ोल औसत समुद्र तल से 1,132 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। | |||
;जलवायु | |||
मिज़ोरम की जलवायु समशीतोष्ण है। आइज़ोल का वार्षिक औसत [[तापमान]] 20° से. है। [[वर्षा]] मुख्यत: दक्षिण मॉनसून ([[मई]] से [[सितंबर]]) के दौरान होती है और कुछ क्षेत्रों में कुल वार्षिक वर्षों 2,500 मिमी तक होती है। | |||
;पहाड़ियाँ | |||
मिज़ोरम की पहाड़ियां घने सदाबहार वनों से ढकी हैं, जिनमें चंपक, आयरन वुड और गुर्जुन जैसे मूल्यवान इमारती लकड़ी के वृक्ष पाए जाते हैं। वास्तविक वनाच्छादित क्षेत्र 18,775 वर्ग किमी है, जो भौगोलिक क्षेत्रफल का लगभग 89 प्रतिशत है। इन जंगलों में [[हाथी]], [[बाघ]], [[भालू]], हिरन और जंगली भैंसों समेत कई जंतुओं का पर्यावास है। | |||
==अर्थव्यवस्था== | |||
मिज़ोरम के पास संसाधनों की प्रचुरता है जिनका उपयोग राज्य में कई औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के लिए किया जाता है। [[बांस]] की प्रचुरता के अलावा बागवानी वाली कई फ़सलें निवेशकों के लिए कई प्रकार से लाभदायक हो हैं। देश का दूसरा सर्वाधिक साक्षर राज्य होने से मिज़ोरम देश का सर्वाधिक 'आई.टी.' साक्षर राज्य बनने जा रहा है। इसके अतिरिक्त यहाँ की ख़ूबसूरत प्राकृतिक छटा के साथ प्रचुर मात्रा में उपलब्ध सांस्कृतिक विरासत इसे पर्यटकों के लिए आकर्षक स्थान बनाता है। इस प्रकार राज्य के कई क्षेत्रों में निवेश की कई संभावनाएँ हैं।<ref>{{cite web |url=http://business.gov.in/hindi/investment_incentives/investment_opp_miz.php |title=निवेश के अवसर |accessmonthday=[[11 जून]] |accessyear=[[2011]] |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=भारत सरकार |language=हिन्दी }}</ref> | |||
====कृषि==== | |||
[[कृषि]] यहाँ की मुख्य आर्थिक गतिविधि है। मिज़ोरम प्रदेश के लगभग 80 प्रतिशत लोग कृषि कार्यों में लगे हुए हैं। सीढ़ीदार खेती और झूम खेती<ref>जिसमें भूखंड को जला कर साफ़ किया जाया है और मिश्रित फ़सल बोई जाती है</ref> का प्रचलन है। अनुमानत: 21 लाख हेक्टेयर भूमि में से 6.30 लाख हेक्टेयर भूमि बागवानी के लिए उपलब्ध है। वर्तमान में 4127.6 हेक्टेरयर भूमि पर ही विभिन्न फ़सलों की बागवानी की जा रही है, जो कि अनुमानित संभावित क्षेत्र का 6.55 प्रतिशत मात्र है। मिज़ोरम में बागवानी फ़सलों के विकास की विस्तृत संभावनाएँ हैं। बागवानी की मुख्य फ़सलें फल हैं। इनमें मैडिरियन [[संतरा]], [[केला]], सादे फल, [[अंगूर]], हटकोडा, अनन्नास और [[पपीता]] आदि शामिल हैं। {{राज्य मानचित्र|float=right}} इसके अलावा यहाँ एंथुरियम, वर्ड आफ पेराडाइज, आर्किड, चिरासेथिंमम, [[गुलाब]] तथा अन्य कई मौसमी फूलों की खेती भी होती हैं। मसालों में अदरक, हल्दी, [[काली मिर्च]], मिर्च (चिडिया की आंख वाली मिर्च) भी उगाई जाती हैं। यहाँ के लोग पाम आयल, जड़ी-बूटियों तथा सुगंधित पौधों की खेती भी बडे पैमाने पर करने लगे हैं। [[चावल]], मक्का, तिलहन, [[कपास]] और सब्जियाँ यहाँ की मुख्य फसलें हैं। लोग रेशम उद्योग में संलग्न हैं तथा मलबरी, एरी, मूंगा और टसर रेशम का उत्पादन करते हैं। अधिक लोगों द्वारा खेती किए जाने के कारण आठ वर्षों का पारंपरिक झूम-चक्र अब छोटा हो गया है और इसके साथ ही उपज में भी कमी आई है। | |||
== | ====सिंचाई==== | ||
मिज़ोरम में संभावित भूतल सिंचाई क्षेत्र लगभग 70,000 हेक्टेयर है। इसमें से 45,000 हेक्टेयर बहाव क्षेत्र में है और 25,000 हेक्टेयर 70 पक्की लघु सिंचाई परियोजनाओं और छह लिफ्ट सिंचाई परियोजनाओं के पूरा होने से प्राप्त किया जा सकता है, जिनमें वर्ष में दो या तीन फ़सलें ली जा सकती हैं। | मिज़ोरम में संभावित भूतल सिंचाई क्षेत्र लगभग 70,000 हेक्टेयर है। इसमें से 45,000 हेक्टेयर बहाव क्षेत्र में है और 25,000 हेक्टेयर 70 पक्की लघु सिंचाई परियोजनाओं और छह लिफ्ट सिंचाई परियोजनाओं के पूरा होने से प्राप्त किया जा सकता है, जिनमें वर्ष में दो या तीन फ़सलें ली जा सकती हैं। | ||
==उद्योग== | ====उद्योग==== | ||
*संपूर्ण मिज़ोरम अधिसूचित पिछडा क्षेत्र है और इसे ‘उद्योग विहीन क्षेत्र’ के तहत वर्गीकृत किया गया है। 1989 में मिज़ोरम सरकार की औद्योगिक नीति की घोषणा के बाद पिछले दशक में | *मिज़ोरम राज्य में कोई बड़ा उद्योग नहीं है। | ||
*औद्योगिक नीति में राज्य से बाहर के निवेश को आकर्षित करने के लिए ऐसे सभी बडे, मध्यम तथा लघु पैमाने के उद्योगों को, जिनमें कि स्थानीय लोग भागीदारी हों, की स्थापना के लिए साझे उपक्रम लगाने की अनुमति दी गई है। विद्यमान औद्योगिक संपदाओं के विकास के अतिरिक्त संरचनात्मक विकास कार्य जैसे कि लुंआगमुआल, आइजोल में औद्योगिक प्रोत्साहन संस्थान ( | *संपूर्ण मिज़ोरम अधिसूचित पिछडा क्षेत्र है और इसे ‘उद्योग विहीन क्षेत्र’ के तहत वर्गीकृत किया गया है। 1989 में मिज़ोरम सरकार की औद्योगिक नीति की घोषणा के बाद पिछले दशक में यहाँ कुछ आधुनिक लघु उद्योगों की स्थापना हुई है। मिज़ोरम ने उद्योगों का और तेज़ीसे विकास करने के लिए वर्ष 2000 में नई औद्योगिक नीति की घोषणा की। इसमें इलेक्ट्रॉनिक तथा सूचना प्रौद्योगिकी, बांस तथा इमारती लकडी पर आधारित उत्पाद, खाद्य तथा फलों का प्रसंस्करण, वस्त्र, हथकरघा तथा हस्तशिल्प जैसे लघु और कुटीर उद्योग शामिल हैं। | ||
*चाय की वैज्ञानिक तरीके से खेती प्रारंभ की गई है। निर्यातोन्मुखी औद्योगिक इकाइयों ( | *औद्योगिक नीति में राज्य से बाहर के निवेश को आकर्षित करने के लिए ऐसे सभी बडे, मध्यम तथा लघु पैमाने के उद्योगों को, जिनमें कि स्थानीय लोग भागीदारी हों, की स्थापना के लिए साझे उपक्रम लगाने की अनुमति दी गई है। विद्यमान औद्योगिक संपदाओं के विकास के अतिरिक्त संरचनात्मक विकास कार्य जैसे कि लुंआगमुआल, [[आइजोल]] में औद्योगिक प्रोत्साहन संस्थान (आई.आई.डी.सी.), निर्यात प्रोत्साहन, औद्योगिक पार्क, लेंगरी, एकीकृत संरचनात्मक केंद्र (आई.आई.डी.सी.), पुकपुई, लुंगत्तेई तथा खाद्य पार्क, छिंगछिप आदि योजनायें पूरी होने वाली हैं। | ||
*राज्य की शांतिपूर्ण स्थिति, म्यांमार तथा बांग्लादेश की सीमाओं के व्यापार के लिए खुलने तथा भारत की सरकार की ‘पूर्व की ओर देखो नीति’ के कारण मिज़ोरम देश का दूरस्थ राज्य मात्र नहीं रहेगा। | *[[चाय]] की वैज्ञानिक तरीके से खेती प्रारंभ की गई है। निर्यातोन्मुखी औद्योगिक इकाइयों (ई.ओ.यूज.) की स्थापना को बढावा देने के लिए 'एप्परेल प्रशिक्षण तथा डिजाइन केंद्र' और रत्नों की कटाई तथा पॉलिश करने की इकाइयां लगाने की योजना है। कुटीर उद्योगों में हथकरघा तथा हस्तशिल्प को उच्च प्राथमिकता दी गयी है तथा ये दोनों क्षेत्र मिज़ोरम तथा इसके पड़ोसी राज्यों [[मेघालय]] तथा [[नागालैंड]] में उपभोक्ताओं की मांग को पूरा करने के लिए फल-फूल रहे हैं। | ||
== | *राज्य की शांतिपूर्ण स्थिति, म्यांमार तथा बांग्लादेश की सीमाओं के व्यापार के लिए खुलने तथा भारत की सरकार की ‘पूर्व की ओर देखो नीति’ के कारण मिज़ोरम देश का दूरस्थ राज्य मात्र नहीं रहेगा। निकट भविष्य में मिज़ोरम में औद्योगिक की गति में भारी तेज़ीआएगी। | ||
;लघु उद्योग | |||
लघु उद्योगों में रेशम, हथकरघा और हस्तशिल्प उद्योग, आरा मिल तथा फर्नीचर कार्यशालाएँ तेल परिशोधन अनाज की मिल व अदरक प्रसंस्करण शामिल हैं। राज्य के 3,087 लघु उद्योगों में से 287 आइज़ोल ज़िले में स्थित हैं। | |||
==ऊर्जा== | |||
[[चित्र:Palak-Lake-Mizoram.jpg|thumb|250px|[[पलक झील मिज़ोरम|पलक झील]], मिज़ोरम]] | |||
;बिजली | |||
*तुईरियाल पनबिजली परियोजना (60 मेगावाट) का निर्माण कार्य भी प्रगति पर है। | *तुईरियाल पनबिजली परियोजना (60 मेगावाट) का निर्माण कार्य भी प्रगति पर है। | ||
*कोलोडाइन पनबिजली परियोजना (500 मेगावाट) का सर्वेक्षण तथा अन्वेषण कार्य सी.डब्ल्यू.सी. द्वारा दिसबर 2005 तक पूरा कर लिया गया है। इस उपक्रम से 500 मेगावाट बिजली के उत्पादन के अलावा क्षेत्र में जल परिवहन की सुविधाएं प्राप्त होंगी। मिज़ोरम सरकार ने इस परियोजना को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। | *कोलोडाइन पनबिजली परियोजना (500 मेगावाट) का सर्वेक्षण तथा अन्वेषण कार्य सी.डब्ल्यू.सी. द्वारा दिसबर 2005 तक पूरा कर लिया गया है। इस उपक्रम से 500 मेगावाट बिजली के उत्पादन के अलावा क्षेत्र में जल परिवहन की सुविधाएं प्राप्त होंगी। मिज़ोरम सरकार ने इस परियोजना को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। | ||
*तीन मेगावाट क्षमता की तुईपांगुली तथा काऊतलाबंग राज्य पनबिजली परियोजनाओं को हाल | *तीन मेगावाट क्षमता की तुईपांगुली तथा काऊतलाबंग राज्य पनबिजली परियोजनाओं को हाल में ही चालू किया गया है जिसने राज्य की पनबिजली उत्पादन क्षमता को 15 मेगावाट कर दिया है। | ||
*मेशम-II (3 मेगावाट), सेरलुई ‘बी’ (12 मेगावाट) तथा लामसियाल परियोजना के शुरू होने की उम्मीद है। | *मेशम-II (3 मेगावाट), सेरलुई ‘बी’ (12 मेगावाट) तथा लामसियाल परियोजना के शुरू होने की उम्मीद है। | ||
== | ;दूर संचार | ||
मिज़ोरम | राज्य की राजधानी के साथ-साथ सभी ज़िला मुख्यालयों में दूर-संचार सेवा उपलब्ध है। यहाँ एसटीडी सुविधा भी उपलब्ध है। नार्थ-इस्ट टेलकॉम सर्किल। के अंतर्गत तीन एसएसएएस (सेकेंडरी स्विचिंग एरिया) में मिज़ोरम भी एक है, यहाँ का टेलीफोन एक्सचेंज भरोसेमंद ट्रांसमिशन मीडिया, आप्टिक फाइबर केवल से जुड़ा हुआ है साथ ही यह डिजिटल माइक्रोवेव (एम/डब्ल्यू), एमसीपीसी व इंटरमीडिएट डिजिटल रिपीटर (आईडीआर) सिस्टम से जुड़ा है। राज्य में इंडिया टेलीफोन कार्ड (आईटीसी), इंटरसेट व आईएसडीएस सुविधाएं भी उपलब्ध है।<ref>{{cite web |url=http://business.gov.in/hindi/investment_incentives/infrastructure_miz.php |title=मूल संरचना |accessmonthday=[[11 जून]] |accessyear=[[2011]] |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=भारत सरकार |language=हिन्दी }}</ref> | ||
==धर्म== | |||
*राज्य की लगभग की अधिकतर जनसंख्या ईसाई धर्म को मानती है और इनमे से अधिकतर प्रेसबिटेरियन और बैप्टिस्ट हैं। | ==प्रशासन== | ||
भारत के राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त राज्यपाल राज्य का प्रमुख होता है और मुख्यमंत्री, मंत्रिमंडल तथा 40 सदस्यों वाली विधानसभा उसका सहयोग करती इस राज्य को तीन प्रशासनिक ज़िलों में बांटा गया है-आइज़ोल, छिमटुईपुर, लुंग्लेई। | |||
==परिवहन== | |||
बेहतर परिवहन सुविधा के लिए सरकार ने विश्व बैंक के अनुदान की मदद से कुल 350 करोड़ रुपये की लागत से मिज़ोरम राज्य सडक परियोजना शुरू की है। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत मिज़ोरम में 384 गांवो को जोड़ने वाली 2,421 कि.मी. लंबी सड़क बनाने का कार्य तेज़ीसे प्रगति पर है। | |||
[[चित्र:Mizoram-Map.gif|thumb|मिज़ोरम का मानचित्र]] | |||
;सड़क मार्ग | |||
राज्य में सड़कों (सड़क सीमा संगठन तथा राज्य लोक निर्माण विभाग) की कुल लंबाई 5,982.25 किलोमीटर है। राज्य में परिवहन और संचार व्यवस्था की बुरी स्थिति इसके आर्थिक विकास के मार्ग में प्रमुख बाधा है। फिर भी, एक सड़क प्रणाली का विकास किया गया है, जिसके तहत एकल सड़क के ज़रिये आइज़ोल और लुंग्लेई शहरों को असम में सिल्चर तथा [[मेघालय]] में [[शिलांग]] से जोड़ा गया है। उत्तर-दक्षिण में सड़कों की लंबाई 277 किमी तथा पूर्व-पश्चिम में 121 किमी है। | |||
;रेल मार्ग | |||
मिज़ोरम में पहले रेलमार्ग नहीं था पर बाद में राज्य में बैराबी में रेलमार्ग स्थापित किया गया है। राज्य में रेल संपर्क बैराबी में स्थापित किया गया है जो कि राज्य की राजधानी से 110 किलोमीटर दूर स्थित है। सिल्चर (असम) होते हुए रेलमार्ग से यहाँ जाया जा सकता है जो कि एजवाल से 180 किलोमीटर है। | |||
;वायु मार्ग | |||
राज्य की राजधानी आइजोल विमान सेवा से जुड़ी है। [[भारत]] की कम क्षमता और छोटे मार्ग वाली घरेलू हवाई सेना वायुदूत, आइज़ोल से सिल्चर और [[पश्चिम बंगाल]] में [[कोलकाता]] (भूरपूर्व कलकत्ता) तक हवाई सेवा उपलब्ध कराती है। | |||
==शिक्षा== | |||
*मिज़ोरम में शिक्षा की दर तेज़ीसे बढी हैं। वर्तमान में यह 88.8 प्रतिशत है, जो पूरे देश में दूसरे स्थान पर है। | |||
*मिज़ोरम शिक्षा के क्षेत्र में सबसे पहले स्थान पर आने के लिए प्रयासरत है। | |||
*मिज़ोरम में कोई विश्वविद्यालय नहीं है, लेकिन यहाँ [[पूर्वोत्तर पर्वतीय विश्वविद्यालय]] का एक परिसर है। | |||
*मिज़ोरम में कई महाविद्यालय हैं, जिनमें हरांगबाना महाविद्यालय, धर्मशास्त्रीय महाविद्यालय, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, एक पॉलीटेक्निक, महिला पॉलीटेक्निक, शिक्षण प्रशिक्षण महाविद्यालय और शैक्षिक प्रशिक्षण के दो ज़िला संस्थान शामिल हैं। | |||
==संस्कृति== | |||
मिज़ो के सांस्कृतिक जीवन में नृत्य और [[संगीत]] मूल तत्त्व हैं। यहाँ के त्योहारों में ईसाई धर्म के पर्व और स्थानीय कृषि त्योहार (मिज़ो में पर्व को कुट कहते हैं), जैसे चपचारकुट, पाल कुट और मिमकुट शामिल हैं। आइज़ोल में पूर्वोत्तर विश्वविद्यालय का परिसर स्थित है। | |||
====भाषा==== | |||
*मिज़ो तथा [[अंग्रेजी]] यहाँ की प्रमुख व राजकीय भाषाएँ हैं; अपनी लिपि न होने के कारण [[मिज़ो भाषा]] के लिए रोमन लिपि का उपयोग होता है। | |||
*'मिज़ो’ शब्द की उत्पत्ति के बारे में ठीक से ज्ञात नहीं है। | |||
*19 वीं शताब्दी में यहाँ ब्रिटिश मिशनरियों का प्रभाव फैल गया और इस समय अधिकांश मिज़ो नागरिक ईसाई धर्म को ही मानते हैं। | |||
*मिज़ो भाषा की अपनी कोई लिपि नहीं है। मिशनरियों ने मिज़ो भाषा और औपचारिक शिक्षा के लिए 'रोमन लिपि' को अपनाया। | |||
====धर्म==== | |||
1890 के दशक में आरंभ हुए धर्मपरिवर्तन (हालांकि 1920 और 1930 के दशक में अधिकांश परिवर्तन हुए) के कारण लगभग 85.57 प्रतिशत जनता अब ईसाई धर्म का पालन करती है; इनमें अधिकांश प्रोटेस्टेंट हैं। राज्य में [[हिन्दू]] (5 प्रतिशत) और और [[बौद्ध]] (7.83 प्रतिशत) अल्पसंख्यक भी है। | |||
*राज्य की लगभग की अधिकतर जनसंख्या [[ईसाई धर्म]] को मानती है और इनमे से अधिकतर प्रेसबिटेरियन और बैप्टिस्ट हैं। | |||
*चकमा जाति के लोग थेरावाद बौद्ध हैं। | *चकमा जाति के लोग थेरावाद बौद्ध हैं। | ||
*राज्य में | *राज्य में हिंदू और मुस्लिमों की संख्या लगभग ना के बराबर है। | ||
== | [[चित्र:View-of-Mizoram-2.jpg|thumb|250px|मिज़ोरम का एक दृश्य]] | ||
====जनजीवन==== | |||
मिज़ोरम की आबादी विभिन्न समूहों के मेल से बनी है, जिन्हें आमतौर पर मिज़ो कहते हैं, स्थानीय भाषा में जिसका अर्थ उच्च भूमि के निवासी है। इस क्षेत्र की जनजातियों, जिनमें से कई पहले मनुष्यों का शिकार करती थीं, में कूकी, पावी, लखेर और चकमा शामिल हैं। इन्हें तिब्बती-बर्मी लोगों के वर्ग में रखा गया है और ये कई तिब्बती-बर्मी बोलियों का उपयोग करते हैं; कुछ जनजातियाँ इतनी अलग-थलग हैं कि उनकी बोली पड़ोसी घाटी में रहने वालों को भी समझ में नहीं आती है। जनसंख्या का घनत्व 42 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी है। उत्तर से दक्षिण की ओर घनत्व कम होता जाता है, क्योंकि दक्षिण की ओर आर्द्रता तथा [[तापमान]] में वृद्धि होती जाती है, जो निवास के लिए अनुपयुक्त स्थिति है। पश्चिम से पूर्व की ओर भी घनत्व में कमी आती है। इस क्षेत्र में 22 शहर और 699 गांव हैं, जिनमें से 663 तक बिजली पहुँच गई है। लगभग 95 प्रतिशत जनसंख्या अनुसूचित जनजाति की है। | |||
====त्योहार==== | |||
*मिज़ो नागरिक (मिज़ोरम) मूलत: किसान हैं। | |||
*अत: उनकी तमाम गतिविधियां तथा त्योहार भी जंगल की कटाई करके की जाने वाली झूम खेती से ही जुड़े हुए हैं। | |||
==त्योहार== | *त्योहार के लिए मिज़ो शब्द ‘कुट’ है। | ||
मिज़ो नागरिक मूलत: किसान हैं। अत: उनकी तमाम गतिविधियां तथा त्योहार भी जंगल की कटाई करके की जाने वाली झूम खेती से ही जुड़े हुए हैं। त्योहार के लिए मिज़ो शब्द ‘कुट’ है। मिज़ो लोगों के विभिन्न त्योहारों में से आज कल केवल तीन मुख्य त्योहार ‘चपचार’, ‘मिम कुट’ और ‘थालफवांग कुट’ मनाए जाते हैं। | *मिज़ो लोगों के विभिन्न त्योहारों में से आज कल केवल तीन मुख्य त्योहार ‘चपचार’, ‘मिम कुट’ और ‘थालफवांग कुट’ मनाए जाते हैं। | ||
====जनजातियाँ==== | |||
मिज़ोरम की अधिकतर जनसंख्या मिज़ो नागरिकों की है। मिज़ो कई प्रजातियों में बँटे हुए हैं। जो मिज़ो/लुशाई, म्हार, पोई, कमा, राल्ते, पोवाई, [[कुकी जनजाति|कुकी]], है। इनमें लुशाई जाति के नागरिकों की संख्या सबसे अधिक है, जोकि राज्य की कुल जनसंख्या के दो तिहाई भाग से अधिक है। अन्य प्रमुख प्रजातियों में राल्ते, म्हार, कमा, पोई और पोवाई हैं। गैर मिज़ो प्रजातियों में सबसे प्रमुख [[चकमा (जाति)|चकमा जाति]] के लोग हैं। | |||
;जनसंख्या | |||
2001 में मिज़ोरम की जनसँख्या लगभग 8,90,000 थी। 1991-2001 के दशक में वृद्धि दर 29.18 प्रतिशत थी, जो पिछले दशक से कम है (1981-1991 के दौरान 39.70 प्रतिशत)। लिंग अनुपात प्रति 1,000 पुरुषों पर 938 महिलाओं का है। | |||
==पर्यटन स्थल== | ==पर्यटन स्थल== | ||
*समुद्र तल से लगभग 4,000 फुट की उंचाई पर स्थित पर्वतीय नगर आइजोल, मिज़ोरम का एक धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र है। | *समुद्र तल से लगभग 4,000 फुट की उंचाई पर स्थित पर्वतीय नगर आइजोल, मिज़ोरम का एक धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र है। | ||
पंक्ति 60: | पंक्ति 106: | ||
*वानतांग जलप्रपात मिज़ोरम में सबसे ऊंचा और अति सुंदर जलप्रपात है। यह थेनजोल कस्बे से पांच किलोमीटर दूरी पर है। | *वानतांग जलप्रपात मिज़ोरम में सबसे ऊंचा और अति सुंदर जलप्रपात है। यह थेनजोल कस्बे से पांच किलोमीटर दूरी पर है। | ||
*पर्यटन विभाग ने राज्य में सभी बडे कस्बों में पर्यटक आवास गृह तथा अन्य कस्बों में राजमार्ग रेस्तरां तथा यात्री सरायों का निर्माण किया है। | *पर्यटन विभाग ने राज्य में सभी बडे कस्बों में पर्यटक आवास गृह तथा अन्य कस्बों में राजमार्ग रेस्तरां तथा यात्री सरायों का निर्माण किया है। | ||
*जोबौक के निकट | *जोबौक के निकट ज़िला पार्क में अल्पाइन पिकनिक हट तथा बेरो त्लांग में मनोरंजन केंद्र भी बनाए गए हैं। | ||
{{लेख प्रगति | |||
|आधार= | |||
|प्रारम्भिक= | |||
|माध्यमिक=माध्यमिक2 | |||
|पूर्णता= | |||
|शोध= | |||
}} | |||
== | ==बाहरी कड़ियाँ== | ||
*[http://mizoram.nic.in/about/glance.htm Mizoram at a glance]<br /> | *[http://mizoram.nic.in/about/glance.htm Mizoram at a glance]<br /> | ||
*[http://mizoram.gov.in/home/ Mizoram Government Website]<br /> | *[http://mizoram.gov.in/home/ Mizoram Government Website]<br /> | ||
*[http://mizoram.nic.in/ Mizoram Govt Portal]<br /> | *[http://mizoram.nic.in/ Mizoram Govt Portal]<br /> | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | |||
<references/> | |||
==संबंधित लेख== | |||
{ | {{राज्य और के. शा. प्र.}} | ||
{{मिज़ोरम प्रदेश के ज़िले}} | {{मिज़ोरम प्रदेश के ज़िले}} | ||
{{राज्य और के. शा. प्र.2}} | |||
[[Category:भारत के राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश]][[Category:राज्य संरचना]] | |||
[[Category:मिज़ोरम]][[Category:अद्यतन]] | |||
[[Category:चुनाव अद्यतन]] | |||
[[Category: | |||
[[Category: | |||
__INDEX__ | __INDEX__ | ||
__NOTOC__ |
11:03, 4 जनवरी 2024 के समय का अवतरण
मिज़ोरम
| |
राजधानी | आईजोल |
स्थापना | 20 फ़रवरी, 1987 |
जनसंख्या | 10,91,014 [1] |
· घनत्व | 42[1] /वर्ग किमी |
क्षेत्रफल | 21,087 वर्ग किमी [1] |
भौगोलिक निर्देशांक | 23°22′N 92°00′E |
तापमान | 20 °C (औसत) |
· ग्रीष्म | 29 °C |
· शरद | 11 °C |
ज़िले | 8[1] |
साक्षरता | 91.85[1]% |
राज्यपाल | कंभमपति हरिबाबू[1] |
मुख्यमंत्री | लालदुहोमा[1] |
विधानसभा सदस्य | 40 |
लोकसभा क्षेत्र | 1 |
बाहरी कड़ियाँ | अधिकारिक वेबसाइट |
अद्यतन | 16:33, 4 जनवरी 2024 (IST)
|
मिज़ोरम (अंग्रेज़ी:Mizoram) भारत गणराज्य में एक पर्वतीय प्रदेश है। मिज़ोरम देश के पूर्वोत्तर हिस्से में स्थित है और इसका क्षेत्रफल 21,081 वर्ग किमी. है। मिज़ोरम के पूर्व और दक्षिण में म्यांमार और पश्चिम में बांग्लादेश है। पश्चिमोत्तर में त्रिपुरा, उत्तर में असम तथा पूर्वोत्तर में मणिपुर है। मिज़ोरम की राजधानी आईजोल है। फ़रवरी, 1987 को यह भारत का 23वां राज्य बना। 1972 में केंद्रशासित प्रदेश बनने से पहले तक यह असम का एक ज़िला था। मिज़ोरम में प्राकृतिक सौंदर्य बिखरा पड़ा है तथा इस क्षेत्र में प्रकृति की विभिन्न छटाएं देखने को मिलती हैं। यह क्षेत्र विभिन्न प्रजाति के प्राणियों तथा वनस्पतियों से संपन्न है।
इतिहास
1891 में ब्रिटिश शासन में जाने के बाद कुछ वर्षो तक उत्तर का लुशाई पर्वतीय क्षेत्र असम के और आधा दक्षिणी भाग पश्चिम बंगाल के अधीन रहा। 1898 में दोनों को मिलाकर एक ज़िला बना दिया गया जिसका नाम 'लुशाई हिल्स ज़िला'। यह असम के मुख्य आयुक्त के प्रशासन में आ गया। 1972 में पूर्वोत्तर क्षेत्र पुनर्गठन अधिनियम लागू होने पर मिज़ोरम केंद्रशासित प्रदेश बन गया। भारत सरकार और मिज़ो नेशनल फ्रंट के बीच 1986 में हुए ऐतिहासिक समझौते के फलस्वरूप 20 फ़रवरी, 1987 को इसे पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया।
भूगोल
भूगर्भशास्त्रीय दृष्टि से मिज़ो पहाड़ियाँ अराकान आर्क का हिस्सा है जो सुसंगठित समानांतर पर्वतस्कंधों की उत्तर-दक्षिण दिशा में स्थित श्रृंखला है, जिसका निर्माण तृतीयक बलुआ पत्थर, चूना-पत्थर और स्लेट-पत्थर[2] से हुआ है। संकरी नदी घाटियों से विभक्त पर्वतस्कंधों की ऊँचाई 2,157 मीटर है।
दक्षिण में कलादान और इसकी सहायक नदियाँ दक्षिण दिशा में बहती हुई म्यांमार में प्रवेश करती हैं, जबकि धालेश्वरी (त्लावंग) और सोनाई (तुइरेल) नदियाँ उत्तर दिशा में असम की और बहती हैं। आइज़ोल औसत समुद्र तल से 1,132 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है।
- जलवायु
मिज़ोरम की जलवायु समशीतोष्ण है। आइज़ोल का वार्षिक औसत तापमान 20° से. है। वर्षा मुख्यत: दक्षिण मॉनसून (मई से सितंबर) के दौरान होती है और कुछ क्षेत्रों में कुल वार्षिक वर्षों 2,500 मिमी तक होती है।
- पहाड़ियाँ
मिज़ोरम की पहाड़ियां घने सदाबहार वनों से ढकी हैं, जिनमें चंपक, आयरन वुड और गुर्जुन जैसे मूल्यवान इमारती लकड़ी के वृक्ष पाए जाते हैं। वास्तविक वनाच्छादित क्षेत्र 18,775 वर्ग किमी है, जो भौगोलिक क्षेत्रफल का लगभग 89 प्रतिशत है। इन जंगलों में हाथी, बाघ, भालू, हिरन और जंगली भैंसों समेत कई जंतुओं का पर्यावास है।
अर्थव्यवस्था
मिज़ोरम के पास संसाधनों की प्रचुरता है जिनका उपयोग राज्य में कई औद्योगिक इकाइयों की स्थापना के लिए किया जाता है। बांस की प्रचुरता के अलावा बागवानी वाली कई फ़सलें निवेशकों के लिए कई प्रकार से लाभदायक हो हैं। देश का दूसरा सर्वाधिक साक्षर राज्य होने से मिज़ोरम देश का सर्वाधिक 'आई.टी.' साक्षर राज्य बनने जा रहा है। इसके अतिरिक्त यहाँ की ख़ूबसूरत प्राकृतिक छटा के साथ प्रचुर मात्रा में उपलब्ध सांस्कृतिक विरासत इसे पर्यटकों के लिए आकर्षक स्थान बनाता है। इस प्रकार राज्य के कई क्षेत्रों में निवेश की कई संभावनाएँ हैं।[3]
कृषि
कृषि यहाँ की मुख्य आर्थिक गतिविधि है। मिज़ोरम प्रदेश के लगभग 80 प्रतिशत लोग कृषि कार्यों में लगे हुए हैं। सीढ़ीदार खेती और झूम खेती[4] का प्रचलन है। अनुमानत: 21 लाख हेक्टेयर भूमि में से 6.30 लाख हेक्टेयर भूमि बागवानी के लिए उपलब्ध है। वर्तमान में 4127.6 हेक्टेरयर भूमि पर ही विभिन्न फ़सलों की बागवानी की जा रही है, जो कि अनुमानित संभावित क्षेत्र का 6.55 प्रतिशत मात्र है। मिज़ोरम में बागवानी फ़सलों के विकास की विस्तृत संभावनाएँ हैं। बागवानी की मुख्य फ़सलें फल हैं। इनमें मैडिरियन संतरा, केला, सादे फल, अंगूर, हटकोडा, अनन्नास और पपीता आदि शामिल हैं।
|
इसके अलावा यहाँ एंथुरियम, वर्ड आफ पेराडाइज, आर्किड, चिरासेथिंमम, गुलाब तथा अन्य कई मौसमी फूलों की खेती भी होती हैं। मसालों में अदरक, हल्दी, काली मिर्च, मिर्च (चिडिया की आंख वाली मिर्च) भी उगाई जाती हैं। यहाँ के लोग पाम आयल, जड़ी-बूटियों तथा सुगंधित पौधों की खेती भी बडे पैमाने पर करने लगे हैं। चावल, मक्का, तिलहन, कपास और सब्जियाँ यहाँ की मुख्य फसलें हैं। लोग रेशम उद्योग में संलग्न हैं तथा मलबरी, एरी, मूंगा और टसर रेशम का उत्पादन करते हैं। अधिक लोगों द्वारा खेती किए जाने के कारण आठ वर्षों का पारंपरिक झूम-चक्र अब छोटा हो गया है और इसके साथ ही उपज में भी कमी आई है।
सिंचाई
मिज़ोरम में संभावित भूतल सिंचाई क्षेत्र लगभग 70,000 हेक्टेयर है। इसमें से 45,000 हेक्टेयर बहाव क्षेत्र में है और 25,000 हेक्टेयर 70 पक्की लघु सिंचाई परियोजनाओं और छह लिफ्ट सिंचाई परियोजनाओं के पूरा होने से प्राप्त किया जा सकता है, जिनमें वर्ष में दो या तीन फ़सलें ली जा सकती हैं।
उद्योग
- मिज़ोरम राज्य में कोई बड़ा उद्योग नहीं है।
- संपूर्ण मिज़ोरम अधिसूचित पिछडा क्षेत्र है और इसे ‘उद्योग विहीन क्षेत्र’ के तहत वर्गीकृत किया गया है। 1989 में मिज़ोरम सरकार की औद्योगिक नीति की घोषणा के बाद पिछले दशक में यहाँ कुछ आधुनिक लघु उद्योगों की स्थापना हुई है। मिज़ोरम ने उद्योगों का और तेज़ीसे विकास करने के लिए वर्ष 2000 में नई औद्योगिक नीति की घोषणा की। इसमें इलेक्ट्रॉनिक तथा सूचना प्रौद्योगिकी, बांस तथा इमारती लकडी पर आधारित उत्पाद, खाद्य तथा फलों का प्रसंस्करण, वस्त्र, हथकरघा तथा हस्तशिल्प जैसे लघु और कुटीर उद्योग शामिल हैं।
- औद्योगिक नीति में राज्य से बाहर के निवेश को आकर्षित करने के लिए ऐसे सभी बडे, मध्यम तथा लघु पैमाने के उद्योगों को, जिनमें कि स्थानीय लोग भागीदारी हों, की स्थापना के लिए साझे उपक्रम लगाने की अनुमति दी गई है। विद्यमान औद्योगिक संपदाओं के विकास के अतिरिक्त संरचनात्मक विकास कार्य जैसे कि लुंआगमुआल, आइजोल में औद्योगिक प्रोत्साहन संस्थान (आई.आई.डी.सी.), निर्यात प्रोत्साहन, औद्योगिक पार्क, लेंगरी, एकीकृत संरचनात्मक केंद्र (आई.आई.डी.सी.), पुकपुई, लुंगत्तेई तथा खाद्य पार्क, छिंगछिप आदि योजनायें पूरी होने वाली हैं।
- चाय की वैज्ञानिक तरीके से खेती प्रारंभ की गई है। निर्यातोन्मुखी औद्योगिक इकाइयों (ई.ओ.यूज.) की स्थापना को बढावा देने के लिए 'एप्परेल प्रशिक्षण तथा डिजाइन केंद्र' और रत्नों की कटाई तथा पॉलिश करने की इकाइयां लगाने की योजना है। कुटीर उद्योगों में हथकरघा तथा हस्तशिल्प को उच्च प्राथमिकता दी गयी है तथा ये दोनों क्षेत्र मिज़ोरम तथा इसके पड़ोसी राज्यों मेघालय तथा नागालैंड में उपभोक्ताओं की मांग को पूरा करने के लिए फल-फूल रहे हैं।
- राज्य की शांतिपूर्ण स्थिति, म्यांमार तथा बांग्लादेश की सीमाओं के व्यापार के लिए खुलने तथा भारत की सरकार की ‘पूर्व की ओर देखो नीति’ के कारण मिज़ोरम देश का दूरस्थ राज्य मात्र नहीं रहेगा। निकट भविष्य में मिज़ोरम में औद्योगिक की गति में भारी तेज़ीआएगी।
- लघु उद्योग
लघु उद्योगों में रेशम, हथकरघा और हस्तशिल्प उद्योग, आरा मिल तथा फर्नीचर कार्यशालाएँ तेल परिशोधन अनाज की मिल व अदरक प्रसंस्करण शामिल हैं। राज्य के 3,087 लघु उद्योगों में से 287 आइज़ोल ज़िले में स्थित हैं।
ऊर्जा
- बिजली
- तुईरियाल पनबिजली परियोजना (60 मेगावाट) का निर्माण कार्य भी प्रगति पर है।
- कोलोडाइन पनबिजली परियोजना (500 मेगावाट) का सर्वेक्षण तथा अन्वेषण कार्य सी.डब्ल्यू.सी. द्वारा दिसबर 2005 तक पूरा कर लिया गया है। इस उपक्रम से 500 मेगावाट बिजली के उत्पादन के अलावा क्षेत्र में जल परिवहन की सुविधाएं प्राप्त होंगी। मिज़ोरम सरकार ने इस परियोजना को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है।
- तीन मेगावाट क्षमता की तुईपांगुली तथा काऊतलाबंग राज्य पनबिजली परियोजनाओं को हाल में ही चालू किया गया है जिसने राज्य की पनबिजली उत्पादन क्षमता को 15 मेगावाट कर दिया है।
- मेशम-II (3 मेगावाट), सेरलुई ‘बी’ (12 मेगावाट) तथा लामसियाल परियोजना के शुरू होने की उम्मीद है।
- दूर संचार
राज्य की राजधानी के साथ-साथ सभी ज़िला मुख्यालयों में दूर-संचार सेवा उपलब्ध है। यहाँ एसटीडी सुविधा भी उपलब्ध है। नार्थ-इस्ट टेलकॉम सर्किल। के अंतर्गत तीन एसएसएएस (सेकेंडरी स्विचिंग एरिया) में मिज़ोरम भी एक है, यहाँ का टेलीफोन एक्सचेंज भरोसेमंद ट्रांसमिशन मीडिया, आप्टिक फाइबर केवल से जुड़ा हुआ है साथ ही यह डिजिटल माइक्रोवेव (एम/डब्ल्यू), एमसीपीसी व इंटरमीडिएट डिजिटल रिपीटर (आईडीआर) सिस्टम से जुड़ा है। राज्य में इंडिया टेलीफोन कार्ड (आईटीसी), इंटरसेट व आईएसडीएस सुविधाएं भी उपलब्ध है।[5]
प्रशासन
भारत के राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त राज्यपाल राज्य का प्रमुख होता है और मुख्यमंत्री, मंत्रिमंडल तथा 40 सदस्यों वाली विधानसभा उसका सहयोग करती इस राज्य को तीन प्रशासनिक ज़िलों में बांटा गया है-आइज़ोल, छिमटुईपुर, लुंग्लेई।
परिवहन
बेहतर परिवहन सुविधा के लिए सरकार ने विश्व बैंक के अनुदान की मदद से कुल 350 करोड़ रुपये की लागत से मिज़ोरम राज्य सडक परियोजना शुरू की है। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत मिज़ोरम में 384 गांवो को जोड़ने वाली 2,421 कि.मी. लंबी सड़क बनाने का कार्य तेज़ीसे प्रगति पर है।
- सड़क मार्ग
राज्य में सड़कों (सड़क सीमा संगठन तथा राज्य लोक निर्माण विभाग) की कुल लंबाई 5,982.25 किलोमीटर है। राज्य में परिवहन और संचार व्यवस्था की बुरी स्थिति इसके आर्थिक विकास के मार्ग में प्रमुख बाधा है। फिर भी, एक सड़क प्रणाली का विकास किया गया है, जिसके तहत एकल सड़क के ज़रिये आइज़ोल और लुंग्लेई शहरों को असम में सिल्चर तथा मेघालय में शिलांग से जोड़ा गया है। उत्तर-दक्षिण में सड़कों की लंबाई 277 किमी तथा पूर्व-पश्चिम में 121 किमी है।
- रेल मार्ग
मिज़ोरम में पहले रेलमार्ग नहीं था पर बाद में राज्य में बैराबी में रेलमार्ग स्थापित किया गया है। राज्य में रेल संपर्क बैराबी में स्थापित किया गया है जो कि राज्य की राजधानी से 110 किलोमीटर दूर स्थित है। सिल्चर (असम) होते हुए रेलमार्ग से यहाँ जाया जा सकता है जो कि एजवाल से 180 किलोमीटर है।
- वायु मार्ग
राज्य की राजधानी आइजोल विमान सेवा से जुड़ी है। भारत की कम क्षमता और छोटे मार्ग वाली घरेलू हवाई सेना वायुदूत, आइज़ोल से सिल्चर और पश्चिम बंगाल में कोलकाता (भूरपूर्व कलकत्ता) तक हवाई सेवा उपलब्ध कराती है।
शिक्षा
- मिज़ोरम में शिक्षा की दर तेज़ीसे बढी हैं। वर्तमान में यह 88.8 प्रतिशत है, जो पूरे देश में दूसरे स्थान पर है।
- मिज़ोरम शिक्षा के क्षेत्र में सबसे पहले स्थान पर आने के लिए प्रयासरत है।
- मिज़ोरम में कोई विश्वविद्यालय नहीं है, लेकिन यहाँ पूर्वोत्तर पर्वतीय विश्वविद्यालय का एक परिसर है।
- मिज़ोरम में कई महाविद्यालय हैं, जिनमें हरांगबाना महाविद्यालय, धर्मशास्त्रीय महाविद्यालय, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, एक पॉलीटेक्निक, महिला पॉलीटेक्निक, शिक्षण प्रशिक्षण महाविद्यालय और शैक्षिक प्रशिक्षण के दो ज़िला संस्थान शामिल हैं।
संस्कृति
मिज़ो के सांस्कृतिक जीवन में नृत्य और संगीत मूल तत्त्व हैं। यहाँ के त्योहारों में ईसाई धर्म के पर्व और स्थानीय कृषि त्योहार (मिज़ो में पर्व को कुट कहते हैं), जैसे चपचारकुट, पाल कुट और मिमकुट शामिल हैं। आइज़ोल में पूर्वोत्तर विश्वविद्यालय का परिसर स्थित है।
भाषा
- मिज़ो तथा अंग्रेजी यहाँ की प्रमुख व राजकीय भाषाएँ हैं; अपनी लिपि न होने के कारण मिज़ो भाषा के लिए रोमन लिपि का उपयोग होता है।
- 'मिज़ो’ शब्द की उत्पत्ति के बारे में ठीक से ज्ञात नहीं है।
- 19 वीं शताब्दी में यहाँ ब्रिटिश मिशनरियों का प्रभाव फैल गया और इस समय अधिकांश मिज़ो नागरिक ईसाई धर्म को ही मानते हैं।
- मिज़ो भाषा की अपनी कोई लिपि नहीं है। मिशनरियों ने मिज़ो भाषा और औपचारिक शिक्षा के लिए 'रोमन लिपि' को अपनाया।
धर्म
1890 के दशक में आरंभ हुए धर्मपरिवर्तन (हालांकि 1920 और 1930 के दशक में अधिकांश परिवर्तन हुए) के कारण लगभग 85.57 प्रतिशत जनता अब ईसाई धर्म का पालन करती है; इनमें अधिकांश प्रोटेस्टेंट हैं। राज्य में हिन्दू (5 प्रतिशत) और और बौद्ध (7.83 प्रतिशत) अल्पसंख्यक भी है।
- राज्य की लगभग की अधिकतर जनसंख्या ईसाई धर्म को मानती है और इनमे से अधिकतर प्रेसबिटेरियन और बैप्टिस्ट हैं।
- चकमा जाति के लोग थेरावाद बौद्ध हैं।
- राज्य में हिंदू और मुस्लिमों की संख्या लगभग ना के बराबर है।
जनजीवन
मिज़ोरम की आबादी विभिन्न समूहों के मेल से बनी है, जिन्हें आमतौर पर मिज़ो कहते हैं, स्थानीय भाषा में जिसका अर्थ उच्च भूमि के निवासी है। इस क्षेत्र की जनजातियों, जिनमें से कई पहले मनुष्यों का शिकार करती थीं, में कूकी, पावी, लखेर और चकमा शामिल हैं। इन्हें तिब्बती-बर्मी लोगों के वर्ग में रखा गया है और ये कई तिब्बती-बर्मी बोलियों का उपयोग करते हैं; कुछ जनजातियाँ इतनी अलग-थलग हैं कि उनकी बोली पड़ोसी घाटी में रहने वालों को भी समझ में नहीं आती है। जनसंख्या का घनत्व 42 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी है। उत्तर से दक्षिण की ओर घनत्व कम होता जाता है, क्योंकि दक्षिण की ओर आर्द्रता तथा तापमान में वृद्धि होती जाती है, जो निवास के लिए अनुपयुक्त स्थिति है। पश्चिम से पूर्व की ओर भी घनत्व में कमी आती है। इस क्षेत्र में 22 शहर और 699 गांव हैं, जिनमें से 663 तक बिजली पहुँच गई है। लगभग 95 प्रतिशत जनसंख्या अनुसूचित जनजाति की है।
त्योहार
- मिज़ो नागरिक (मिज़ोरम) मूलत: किसान हैं।
- अत: उनकी तमाम गतिविधियां तथा त्योहार भी जंगल की कटाई करके की जाने वाली झूम खेती से ही जुड़े हुए हैं।
- त्योहार के लिए मिज़ो शब्द ‘कुट’ है।
- मिज़ो लोगों के विभिन्न त्योहारों में से आज कल केवल तीन मुख्य त्योहार ‘चपचार’, ‘मिम कुट’ और ‘थालफवांग कुट’ मनाए जाते हैं।
जनजातियाँ
मिज़ोरम की अधिकतर जनसंख्या मिज़ो नागरिकों की है। मिज़ो कई प्रजातियों में बँटे हुए हैं। जो मिज़ो/लुशाई, म्हार, पोई, कमा, राल्ते, पोवाई, कुकी, है। इनमें लुशाई जाति के नागरिकों की संख्या सबसे अधिक है, जोकि राज्य की कुल जनसंख्या के दो तिहाई भाग से अधिक है। अन्य प्रमुख प्रजातियों में राल्ते, म्हार, कमा, पोई और पोवाई हैं। गैर मिज़ो प्रजातियों में सबसे प्रमुख चकमा जाति के लोग हैं।
- जनसंख्या
2001 में मिज़ोरम की जनसँख्या लगभग 8,90,000 थी। 1991-2001 के दशक में वृद्धि दर 29.18 प्रतिशत थी, जो पिछले दशक से कम है (1981-1991 के दौरान 39.70 प्रतिशत)। लिंग अनुपात प्रति 1,000 पुरुषों पर 938 महिलाओं का है।
पर्यटन स्थल
- समुद्र तल से लगभग 4,000 फुट की उंचाई पर स्थित पर्वतीय नगर आइजोल, मिज़ोरम का एक धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र है।
- म्यांमार की सीमा के निकट चमफाई एक सुंदर पर्यटन स्थल है।
- तामदिल एक प्राकृतिक झील है जहां मनोहारी वन हैं। यह आइजोल से 80 किलोमीटर और पर्यटक स्थल सैतुअल से 10 किलोमीटर की दूरी पर है।
- वानतांग जलप्रपात मिज़ोरम में सबसे ऊंचा और अति सुंदर जलप्रपात है। यह थेनजोल कस्बे से पांच किलोमीटर दूरी पर है।
- पर्यटन विभाग ने राज्य में सभी बडे कस्बों में पर्यटक आवास गृह तथा अन्य कस्बों में राजमार्ग रेस्तरां तथा यात्री सरायों का निर्माण किया है।
- जोबौक के निकट ज़िला पार्क में अल्पाइन पिकनिक हट तथा बेरो त्लांग में मनोरंजन केंद्र भी बनाए गए हैं।
|
|
|
|
|
बाहरी कड़ियाँ
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 1.2 1.3 1.4 1.5 1.6 Mizoram at a glance (अंग्रेज़ी) (एच.टी.एम.एल) मिज़ोरम की आधिकारिक वेबसाइट। अभिगमन तिथि: 3 जून, 2011।
- ↑ 16 से 664 लाख वर्ष पुरानी चट्टानें
- ↑ निवेश के अवसर (हिन्दी) भारत सरकार। अभिगमन तिथि: 11 जून, 2011।
- ↑ जिसमें भूखंड को जला कर साफ़ किया जाया है और मिश्रित फ़सल बोई जाती है
- ↑ मूल संरचना (हिन्दी) भारत सरकार। अभिगमन तिथि: 11 जून, 2011।
संबंधित लेख