"प्रवासी पक्षी/ कूँज -कुलदीप शर्मा": अवतरणों में अंतर
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - " खिलाफ " to " ख़िलाफ़ ") |
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replacement - "जरूर" to "ज़रूर") |
||
(इसी सदस्य द्वारा किए गए बीच के 2 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 31: | पंक्ति 31: | ||
बड़ी दूर से आए हैं | बड़ी दूर से आए हैं | ||
ये अतिथि | ये अतिथि | ||
ख़ाली करो इन के लिए | |||
इस झील के सारे तट | इस झील के सारे तट | ||
हटाओ सारी बंदूकें | हटाओ सारी बंदूकें | ||
पंक्ति 70: | पंक्ति 70: | ||
अपने नन्हे बच्चों को | अपने नन्हे बच्चों को | ||
बेसहारा छोड़कर आए हैं ये | बेसहारा छोड़कर आए हैं ये | ||
एक निहायत | एक निहायत ज़रूरी अभियान पऱ | ||
हो सकता है तुम्हारे साथ शामिल हों | हो सकता है तुम्हारे साथ शामिल हों | ||
ये इस बार दीवाली की शुभ कामनाओं में | ये इस बार दीवाली की शुभ कामनाओं में | ||
हो सकता है लोहड़ी पर | हो सकता है लोहड़ी पर | ||
सुनाएं तुम्हें ये परीकथा | सुनाएं तुम्हें ये परीकथा | ||
जिसे तुम भूल गए हो दादी | जिसे तुम भूल गए हो दादी माँ के बाद़ | ||
10:50, 2 जनवरी 2018 के समय का अवतरण
| ||||||||||||||
|
|