"कहरानामा -जायसी": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
छो (Text replacement - " दुख " to " दु:ख ")
 
पंक्ति 3: पंक्ति 3:
<blockquote>या भिनुसारा चलै कहारा होतहि पाछिल पहारे। सबद सुनावा सखियन्ह माना, हंस के बोला मारा रे।।</blockquote>  
<blockquote>या भिनुसारा चलै कहारा होतहि पाछिल पहारे। सबद सुनावा सखियन्ह माना, हंस के बोला मारा रे।।</blockquote>  
*[[जायसी]] ने [[हिन्दी]] में 'कहारा लोक धुन' के आधार पर इस ग्रंथ की रचना करके स्वयं को गाँव के लोक जीवन एवं सामाजिक सौहार्द बनाने का प्रयत्न किया है।  
*[[जायसी]] ने [[हिन्दी]] में 'कहारा लोक धुन' के आधार पर इस ग्रंथ की रचना करके स्वयं को गाँव के लोक जीवन एवं सामाजिक सौहार्द बनाने का प्रयत्न किया है।  
*कहरानामा में कहरा का अर्थ कहर, कष्ट, दुख या कहा और गीत विशेष है। हमारे देश [[भारत]] में [[ब्रह्मा]] का गुणगान करना, आत्मा और परमात्मा के प्रेम परक गीत गाना की अत्यंत प्राचीन लोक परंपरा है।<ref>{{cite web |url=http://www.kavitakosh.org/kk/index.php?title=%E0%A4%AE%E0%A4%B2%E0%A4%BF%E0%A4%95_%E0%A4%AE%E0%A5%8B%E0%A4%B9%E0%A4%AE%E0%A5%8D%E0%A4%AE%E0%A4%A6_%E0%A4%9C%E0%A4%BE%E0%A4%AF%E0%A4%B8%E0%A5%80_/_%E0%A4%AA%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%9A%E0%A4%AF |title=कविता कोश |accessmonthday=[[16 अक्टूबर]] |accessyear=[[2010]] |last= |first= |authorlink= |format=एच.टी.एम.एल |publisher= |language=[[हिन्दी]]}}</ref>  
*कहरानामा में कहरा का अर्थ कहर, कष्ट, दु:ख या कहा और गीत विशेष है। हमारे देश [[भारत]] में [[ब्रह्मा]] का गुणगान करना, आत्मा और परमात्मा के प्रेम परक गीत गाना की अत्यंत प्राचीन लोक परंपरा है।<ref>{{cite web |url=http://www.kavitakosh.org/kk/index.php?title=%E0%A4%AE%E0%A4%B2%E0%A4%BF%E0%A4%95_%E0%A4%AE%E0%A5%8B%E0%A4%B9%E0%A4%AE%E0%A5%8D%E0%A4%AE%E0%A4%A6_%E0%A4%9C%E0%A4%BE%E0%A4%AF%E0%A4%B8%E0%A5%80_/_%E0%A4%AA%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%9A%E0%A4%AF |title=कविता कोश |accessmonthday=[[16 अक्टूबर]] |accessyear=[[2010]] |last= |first= |authorlink= |format=एच.टी.एम.एल |publisher= |language=[[हिन्दी]]}}</ref>  
*इनके अतिरिक्त 'महरी बाईसी' तथा 'मसलानामा' भी आपकी ही रचनाएँ मानी जाती हैं परन्तु [[जायसी]] की प्रसिद्धि का आधार तो '[[पद्मावत]]' [[महाकाव्य]] ही है।
*इनके अतिरिक्त 'महरी बाईसी' तथा 'मसलानामा' भी आपकी ही रचनाएँ मानी जाती हैं परन्तु [[जायसी]] की प्रसिद्धि का आधार तो '[[पद्मावत]]' [[महाकाव्य]] ही है।
{{लेख प्रगति|आधार= |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक=|पूर्णता=|शोध=}}
{{लेख प्रगति|आधार= |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक=|पूर्णता=|शोध=}}

14:06, 2 जून 2017 के समय का अवतरण

कहरानामा का रचना काल 947 हिजरी बताया गया है।

  • यह काव्य ग्रंथ 'कहरवा' या 'कहार गीत' उत्तर प्रदेश की एक लोक - गीत पर आधारित है। कहरानामा में कवि ने संसार से डोली जाने की बात की है।

या भिनुसारा चलै कहारा होतहि पाछिल पहारे। सबद सुनावा सखियन्ह माना, हंस के बोला मारा रे।।

  • जायसी ने हिन्दी में 'कहारा लोक धुन' के आधार पर इस ग्रंथ की रचना करके स्वयं को गाँव के लोक जीवन एवं सामाजिक सौहार्द बनाने का प्रयत्न किया है।
  • कहरानामा में कहरा का अर्थ कहर, कष्ट, दु:ख या कहा और गीत विशेष है। हमारे देश भारत में ब्रह्मा का गुणगान करना, आत्मा और परमात्मा के प्रेम परक गीत गाना की अत्यंत प्राचीन लोक परंपरा है।[1]
  • इनके अतिरिक्त 'महरी बाईसी' तथा 'मसलानामा' भी आपकी ही रचनाएँ मानी जाती हैं परन्तु जायसी की प्रसिद्धि का आधार तो 'पद्मावत' महाकाव्य ही है।
पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. कविता कोश (हिन्दी) (एच.टी.एम.एल)। । अभिगमन तिथि: 16 अक्टूबर, 2010

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख