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'''देविका''' [[नेपाल]] में प्रवाहित होने वाली नदी है, जो [[गंडकी नदी]] की सहायक है। देविका, गंडकी और [[चक्रा नदी|चक्रा]] नदियों के त्रिवेणी संगम पर नेपाल का प्राचीन [[तीर्थ]] 'मुक्तिनाथ' बसा हुआ है। यह स्थान [[काठमांडू]] से 140 मील {{मील|मील=140}} दूर है।
'''देविका''' [[नेपाल]] में प्रवाहित होने वाली नदी है, जो [[गंडकी नदी]] की सहायक है। देविका, गंडकी और [[चक्रा नदी|चक्रा]] नदियों के त्रिवेणी संगम पर नेपाल का प्राचीन [[तीर्थ]] 'मुक्तिनाथ' बसा हुआ है। यह स्थान [[काठमांडू]] से 140 मील {{मील|मील=140}} दूर है।
==स्कंदपुराण का वर्णन==
==स्कंदपुराण का वर्णन==
[[स्कंदपुराण]] के अनुसार<ref>प्रभास खंड 278</ref> यह नदी 'मूलस्थान' ([[मुल्तान]], दक्षिणी [[पाकिस्तान]]) के प्रसिद्ध सूर्य मंदिर के निकट बहती थी। [[अग्नि पुराण]]<ref>[[अग्नि पुराण]] 200</ref> में इस नदी को सौवीर देश के अंतर्गत बताया गया है-
[[स्कंदपुराण]] के अनुसार<ref>प्रभास खंड 278</ref> यह नदी 'मूलस्थान' ([[मुल्तान]], दक्षिणी [[पाकिस्तान]]) के प्रसिद्ध सूर्य मंदिर के निकट बहती थी। [[अग्नि पुराण]]<ref>[[अग्नि पुराण]] 200</ref> में इस नदी को [[सौवीर|सौवीर देश]] के अंतर्गत बताया गया है-
<blockquote>'सौवीरराजस्य पुरा मैत्रेया भूत पुरोहित: तेन चायतनं विष्णो: कारितं देविका तटे।'</blockquote>
<blockquote>'सौवीरराजस्य पुरा मैत्रेया भूत पुरोहित: तेन चायतनं विष्णो: कारितं देविका तटे।'</blockquote>


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*[[पाणिनि]] ने देविका तट के धानों का उल्लेख किया है।<ref>अष्टाध्यायी 7, 3, 1</ref>
*[[पाणिनि]] ने देविका तट के धानों का उल्लेख किया है।<ref>अष्टाध्यायी 7, 3, 1</ref>
*[[विष्णु पुराण]]<ref>[[विष्णु पुराण]] 2, 15, 6</ref> में देविका के तट पर 'वीर नगर' नामक स्थान का उल्लेख है।
*[[विष्णु पुराण]]<ref>[[विष्णु पुराण]] 2, 15, 6</ref> में देविका के तट पर 'वीर नगर' नामक स्थान का उल्लेख है।
*कुछ विद्वानों के मत में देविका [[पंजाब]] की वर्तमान देह नदी है, जो [[रावी नदी|रावी]] में मिलती है।
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==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==

12:32, 26 जनवरी 2015 के समय का अवतरण

देविका नेपाल में प्रवाहित होने वाली नदी है, जो गंडकी नदी की सहायक है। देविका, गंडकी और चक्रा नदियों के त्रिवेणी संगम पर नेपाल का प्राचीन तीर्थ 'मुक्तिनाथ' बसा हुआ है। यह स्थान काठमांडू से 140 मील (लगभग 224 कि.मी.) दूर है।

स्कंदपुराण का वर्णन

स्कंदपुराण के अनुसार[1] यह नदी 'मूलस्थान' (मुल्तान, दक्षिणी पाकिस्तान) के प्रसिद्ध सूर्य मंदिर के निकट बहती थी। अग्नि पुराण[2] में इस नदी को सौवीर देश के अंतर्गत बताया गया है-

'सौवीरराजस्य पुरा मैत्रेया भूत पुरोहित: तेन चायतनं विष्णो: कारितं देविका तटे।'

अर्थात् "सौवार नरेश के मैत्रेय नामक पुरोहित ने देविका तट पर विष्णु का देवालय बनवाया था।

'नदी वेत्रवती चैव कृष्णवेणां च निम्नगाम्, इरावती वितस्तां च पयोष्णी देविकामपि'।

'देविकायामुपस्पृश्य तथा संदरिकाह्रदे अश्विन्यां रूपवर्चस्कं प्रेत्य वैलभते नर:'।

  • पाणिनि ने देविका तट के धानों का उल्लेख किया है।[5]
  • विष्णु पुराण[6] में देविका के तट पर 'वीर नगर' नामक स्थान का उल्लेख है।
  • कुछ विद्वानों के मत में देविका पंजाब की वर्तमान देह नदी है, जो रावी में मिलती है।[7]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. प्रभास खंड 278
  2. अग्नि पुराण 200
  3. भीष्मपर्व 9, 16
  4. अनुशासनपर्व 25, 21
  5. अष्टाध्यायी 7, 3, 1
  6. विष्णु पुराण 2, 15, 6
  7. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 451 |

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