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'''सेलम''' उत्तर-मध्य [[तमिलनाडु]] राज्य, दक्षिण-पूर्व [[भारत]] का एक शहर है। यह तिरुमनीमुत्तर नदी के निकट, कालरायन व [[पचाईमलाई पहाड़ियाँ|पचाईमलाई पहाड़ियों]] के मध्य अट्टूर दर्रे के समीप स्थित है। यह [[बंगलोर]], [[त्रिचनापल्ली]] और कड्डालोर को जाने वाली सड़कों के जंक्शन पर स्थित है, जो [[चेन्नई]] (भूतपूर्व मद्रास) से 332 कि.मी. दक्षिण-पश्चिम में है। | |||
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पुरातात्त्विक प्रमाणों से यह पता चलता है कि यह क्षेत्र नवपाषाण काल में बसा हुआ था। ऐतिहासिक काल में यह भूमि स्वंतत्र कांगूनाड का हिस्सा थी, लेकिन बाद में यह [[चोल साम्राज्य|चोल]], [[विजयनगर साम्राज्य|विजयनगर]] व [[मुस्लिम]] शासकों के कब्जे में रही। 1797 में यह [[अंग्रेज़]] ब्रिटिश अधिकार में चला गया। | पुरातात्त्विक प्रमाणों से यह पता चलता है कि यह क्षेत्र [[नवपाषाण काल]] में बसा हुआ था। ऐतिहासिक काल में यह भूमि स्वंतत्र कांगूनाड का हिस्सा थी, लेकिन बाद में यह [[चोल साम्राज्य|चोल]], [[विजयनगर साम्राज्य|विजयनगर]] व [[मुस्लिम]] शासकों के कब्जे में रही। 1797 में यह [[अंग्रेज़]] ब्रिटिश अधिकार में चला गया। | ||
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11:06, 9 फ़रवरी 2021 के समय का अवतरण
सेलम उत्तर-मध्य तमिलनाडु राज्य, दक्षिण-पूर्व भारत का एक शहर है। यह तिरुमनीमुत्तर नदी के निकट, कालरायन व पचाईमलाई पहाड़ियों के मध्य अट्टूर दर्रे के समीप स्थित है। यह बंगलोर, त्रिचनापल्ली और कड्डालोर को जाने वाली सड़कों के जंक्शन पर स्थित है, जो चेन्नई (भूतपूर्व मद्रास) से 332 कि.मी. दक्षिण-पश्चिम में है।
इतिहास
पुरातात्त्विक प्रमाणों से यह पता चलता है कि यह क्षेत्र नवपाषाण काल में बसा हुआ था। ऐतिहासिक काल में यह भूमि स्वंतत्र कांगूनाड का हिस्सा थी, लेकिन बाद में यह चोल, विजयनगर व मुस्लिम शासकों के कब्जे में रही। 1797 में यह अंग्रेज़ ब्रिटिश अधिकार में चला गया।
औद्योगिक इकाइयाँ
इस शहर का नाम 'सेल नाड'[1] से लिया गया है। यह शब्द एक प्रारंभिक चेर वंश के राजा के आगमन को सूचित करता है। सूती व रेशम हथकरघा बुनाई के लिए प्रसिद्ध सेलम का विकास एक बड़े औद्योगिक केंद्र के रूप में हुआ है, जिसके अंतर्गत विद्युत व रसायन फैक्ट्रियाँ, उपकरण, कार्यशालाएँ, पीतल की रोलिंग मिलें व स्टेनलेस स्टील के बर्तनों का निर्माण शामिल है। यहाँ मद्रास विश्वविद्यालय से संबद्ध अनेक महाविद्यालय हैं।
कृषि व खनिज
सेलम के आस-पास के क्षेत्र में पूर्व में पहाड़ियों (शेवरॉय, कालरायन, कोल्लाईमलाई व पचाईमलाई) की श्रृंखला और पश्चिम में कावेरी नदी की घाटी के क्षेत्र आते हैं। यह मूल रूप से कृषि प्रधान क्षेत्र है, जिसे फल, कॉफ़ी, कपास व मूंगफली उगाने में विशेषज्ञता प्राप्त है। खनिजों में लौह अयस्क, बॉक्साइट व मैंगनीज के भंड़ार शामिल हैं। 1937 में मेत्तूर बांध बनने के बाद विशेषकर सेलम में बड़े पैमाने के उद्योग विकसित हुए हैं।
जनसंख्या
यहाँ की जनसंख्या सन 2001 के अनुसार नगर निगम क्षेत्र में 6,93,236 और ज़िले में कुल 29,92,754 है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 'चेर नाड' का बिगड़ा रुप
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख