"कला-संस्कृति और धर्म सामान्य ज्ञान 27": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
('{{सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी}} {{कला सामान्य ज्ञान नो...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
छो (Text replacement - "विद्वान " to "विद्वान् ")
 
(2 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 9 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 8: पंक्ति 8:
|
|
<quiz display=simple>
<quiz display=simple>
{निम्नलिखित में से किस स्थान पर 'सूर्य मन्दिर' नहीं है?
|type="()"}
-मार्त्तण्ड ([[जम्मू-कश्मीर]])
+[[पाटलिपुत्र]] ([[बिहार]])
-मोधरा ([[गुजरात]])
-सूर्यनकोविल ([[तमिलनाडु]])
||[[चित्र:Patna-Golghar.jpg|right|100px|गोलघर, पटना]]'पाटलिपुत्र' प्राचीन समय से ही [[भारत]] के प्रमुख नगरों में गिना जाता था। [[पाटलीपुत्र]] वर्तमान [[पटना]] का ही प्राचीन नाम था। आज पटना भारत के [[बिहार]] प्रान्त की राजधानी है। आधुनिक पटना दुनिया के गिने-चुने उन विशेष प्रचीन नगरों में से एक है, जो अति प्राचीन काल से आज तक आबाद हैं। पाटलिपुत्र की विशेष ख्याति भारत के ऐतिहासिक काल के विशालतम साम्राज्य, [[मौर्य साम्राज्य]] की राजधानी के रूप में हुई। [[चंद्रगुप्त मौर्य]] के समय में पाटलिपुत्र की समृद्धि तथा शासन-सुव्यवस्था का वर्णन [[यूनानी]] राजदूत [[मैगस्थनीज़]] ने भली-भांति किया है। उसमें पाटलिपुत्र के स्थानीय शासन के लिए बनी एक समिति की भी चर्चा की गई है। उस समय यह नगर 9 मील {{मील|मील=9}} लंबा तथा डेढ़ मील चौड़ा एवं चर्तुभुजाकार था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[पाटलिपुत्र]], [[बिहार]]
{[[पारसी|पारसियों]] का पवित्र धार्मिक [[ग्रंथ]] कौन-सा है?
|type="()"}
-तोराह
-[[हदीस]]
+[[जेंदावेस्ता]]
-[[कुरान]]
||'जेंदावेस्ता' [[पारसी धर्म]] के मानने वालों का पवित्र धार्मिक [[ग्रंथ]] है। यह ग्रंथ [[वेद|वेदों]] के समकालीन माना जाता है। [[इतिहास]] के अनुसार मूल [[जेंदावेस्ता]] के लोप हो जाने पर पैगम्बर [[जरथुष्ट्र]] ने उसका पुनर्निर्माण अपने उपदेशों को मिलाकर किया था। पारसियों के इस धर्म ग्रंथ में [[सरस्वती नदी]] का नाम 'हरहवती' मिलता है। पारसी धार्मिक साहित्य 'जेंदावेस्ता' के प्राचीन 'यष्ट' भाग [[ऋग्वेद]] के [[मंत्र|मंत्रों]] की छाया समान हैं। [[हिन्दू]] शब्द का सर्वाधिक पुराना उल्लेख अग्नि पूजक आर्यों के पवित्रतम ग्रन्थ 'जेंदावेस्ता' में मिलता है, क्योंकि अग्निपूजक आर्य और इन्द्रपूजक आर्य एक ही [[आर्य|आर्य जाति]] की दो शाखाएँ थीं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[जेंदावेस्ता]]
{'[[नाकोडा पार्श्वनाथ तीर्थ]]' किस राज्य में स्थित है?
|type="()"}
+[[राजस्थान]]
-[[मध्य प्रदेश]]
-[[छत्तीसगढ़]]
-[[उत्तर प्रदेश]]
||[[चित्र:Parsvanath-Temple-Nakoda-2.jpg|right|100px|नाकोडा पार्श्वनाथ तीर्थ]][[नाकोडा पार्श्वनाथ तीर्थ]] एक अत्यंत प्राचीन [[तीर्थ स्थल]] है, जो [[राजस्थान]] में [[बाड़मेर]] के 'नाकोडा' ग्राम में स्थित है। किदवंतियों के आधार पर [[जैन]] श्वेताम्बर नाकोडा पार्श्वनाथ तीर्थ का प्राचीनतम उल्लेख [[महाभारत]] काल यानि भगवान [[नेमिनाथ तीर्थंकर|नेमिनाथ]] के समय काल से जुड़ता है, किन्तु आधारभूत ऐतिहासिक प्रमाण से इसकी प्राचीनता [[विक्रम संवत]] 200-300 वर्ष पूर्व यानि 2000-2300 [[वर्ष]] पूर्व की मानी जा सकती है। अतः श्री नाकोडा पार्श्वनाथ तीर्थ [[राजस्थान]] के उन प्राचीन जैन तीर्थों में से एक है, जो 2000 वर्ष से भी अधिक समय से इस क्षेत्र की खेड़पटन एवं मेवानगर की ऐतिहासिक समृद्ध और सांस्कृतिक धरोहर का श्रेष्ठ प्रतीक है। यह तीर्थ स्थान [[जैन धर्म]] के प्रमुख स्थानों में से एक है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[श्री नाकोडा पार्श्वनाथ तीर्थ]]
{"यत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमंते तत्र देवता" किस [[ग्रंथ]] से उद्धृत है?
|type="()"}
-[[रामायण]]
-[[ऋग्वेद]]
+[[मनुस्मृति]]
-[[अभिज्ञानशाकुन्तलम]]
||[[भारत]] में [[वेद|वेदों]] के उपरान्त सर्वाधिक मान्यता और प्रचलन '[[मनुस्मृति]]' का ही है । इसमें चारों [[वर्ण व्यवस्था|वर्णों]], चारों [[आश्रम व्यवस्था|आश्रमों]], [[सोलह संस्कार|सोलह संस्कारों]] तथा सृष्टि उत्पत्ति के अतिरिक्त राज्य की व्यवस्था, राजा के कर्तव्य, भांति-भांति के विवादों, सेना का प्रबन्ध आदि सभी विषयों पर परामर्श दिया गया है। भारत में 'मनुस्मृति' का सर्वप्रथम मुद्रण 1813 ई. में [[कलकत्ता]] में हुआ था। 2694 [[श्लोक|श्लोकों]] का यह [[ग्रंथ]] 12 अध्यायों में विभक्त है। यह [[हिन्दू धर्म]] का सबसे प्रधान ग्रंथ है। इसके रचयिता के विषय में मतभेद है। कुछ का मत है कि पहले यह एक 'मानव धर्मशास्त्र' था, जो अब उपलब्ध नहीं है। अत: वर्तमान 'मनुस्मृति' को [[मनु]] के नाम से प्रचारित करके उसे प्रामाणिकता प्रदान की गई।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मनुस्मृति]]
{[[भीमबेटका गुफ़ाएँ भोपाल|भीमबेटका गुफ़ा]] किस राज्य में स्थित हैं?
|type="()"}
-[[गुजरात]]
+[[मध्य प्रदेश]]
-[[महाराष्ट्र]]
-[[राजस्थान]]
||[[चित्र:Bhimbetka-Caves-Bhopal.jpg|right|100px|भीमबेटका गुफ़ाएँ, भोपाल]]'मध्य प्रदेश' में अनेक मन्दिर, क़िले व गुफ़ाएँ हैं, जिनमें क्षेत्र के पूर्व [[इतिहास]] और स्थानीय राजवंशों व राज्यों, दोनों के ऐतिहासिक अध्ययन की दृष्टि से रोमांचक प्रमाण मिलते हैं। यहाँ के प्रारम्भिक स्मारकों में से एक [[सतना ज़िला|सतना]] के पास [[भरहुत]] का [[स्तूप]] (लगभग 175 ई.पू.) है, जिसके [[अवशेष]] अब '[[राष्ट्रीय संग्रहालय कोलकाता|राष्ट्रीय संग्रहालय]]', [[कोलकाता]] में रखे हैं। [[ग्वालियर]], [[मांडू]], [[दतिया]], [[चंदेरी]], [[जबलपुर]], [[ओरछा]], [[रायसेन]], [[सांची]], [[विदिशा]], [[उदयगिरि मध्य प्रदेश|उदयगिरि]], [[भीमबेटका गुफ़ाएँ भोपाल|भीमबेटका]], [[इंदौर]] और [[भोपाल]] ऐतिहासिक महत्‍व के स्‍थल हैं। माहेश्‍वर, [[ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग|ओंकारेश्वर]], [[उज्जैन]], [[चित्रकूट]] और [[अमरकंटक]] ऐसे स्‍थान हैं, जहाँ आकर तीर्थयात्रियों के मन को शांति मिलती है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[मध्य प्रदेश]]
{[[विद्यासागर सेतु]] कहाँ स्थित है?
|type="()"}
-[[कटक]]
-[[रामेश्वरम]]
+[[कोलकाता]]
-[[मदुरा]]
||[[चित्र:Vidyasagar-Setu.jpg|right|100px|विद्यासागर सेतु]]'कोलकाता' [[पश्चिम बंगाल]] की राजधानी है। इसका एक उपनाम '''डायमण्ड हार्बर''' भी है। यह [[भारत]] का सबसे बड़ा शहर और प्रमुख बंदरगाहों में से एक हैं। [[कोलकाता]] का पुराना नाम 'कलकत्ता' था। [[1 जनवरी]], [[2001]] से कलकत्ता का नाम आधिकारिक तौर पर कोलकाता हुआ था। कोलकाता एक धार्मिक शहर है। यहाँ हर ग‍ली में मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरुद्वारा, यहूदी सभागार आदि मिल जाएँगे। इन मंदिरों और मस्जिदों के अलावा भी यहाँ देखने लायक़ बहुत कुछ है। यहाँ का '[[विद्यासागर सेतु]]' [[हुगली नदी]] पर बना हुआ है और कोलकाता से [[हावड़ा ज़िला|हावड़ा]] को जोड़ता है। 19वीं शताब्दी के बंगाली समाज सुधारक [[ईश्वर चंद्र विद्यासागर]] के नाम पर इस सेतु का नाम रखा गया है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कोलकाता]], [[कोलकाता पर्यटन]], [[विद्यासागर सेतु]]
{निम्न में से किस [[सूर्य मंदिर (बहुविकल्पी)|सूर्य मन्दिर]] को 'ब्लैक पैगोडा' कहा जाता है?
|type="()"}
+[[कोणार्क सूर्य मन्दिर]]
-[[कटारमल सूर्य मन्दिर]]
-[[मार्तण्ड सूर्य मंदिर|मार्तण्ड सूर्य मन्दिर]]
-इनमें से कोई नहीं
||[[चित्र:A-View-Of-Sun-Temple-Konark.jpg|right|100px|कोणार्क सूर्य मन्दिर]]'कोणार्क सूर्य मन्दिर' [[भारत]] के [[उड़ीसा|उड़ीसा राज्य]] के [[पुरी ज़िला|पुरी ज़िले]] के [[कोणार्क]] नामक क़स्बे में स्थित है। यह [[सूर्य मन्दिर कोणार्क|सूर्य मन्दिर]] अपने निर्माण के 750 साल बाद भी अपनी अद्वितीयता, विशालता व कलात्मक भव्यता से हर किसी को निरुत्तर कर देता है। वास्तव में जिसे हम कोणार्क सूर्य मन्दिर के रूप में पहचानते हैं, वह पार्श्व में बने उस [[सूर्य मंदिर (बहुविकल्पी)|सूर्य मन्दिर]] का जगमोहन या महामण्डप है, जो कि बहुत पहले ध्वस्त हो चुका है। कोणार्क के सूर्य मन्दिर को [[अंग्रेज़ी]] में "ब्लैक पैगोडा" भी कहा जाता है। [[भारत]] से ही नहीं, बल्कि दुनिया भर से लाखों पर्यटक इसको देखने कोणार्क आते हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कोणार्क सूर्य मन्दिर]]
{[[भारत]] का राष्ट्रीय [[वाद्य यंत्र]] कौन-सा है?
{[[भारत]] का राष्ट्रीय [[वाद्य यंत्र]] कौन-सा है?
|type="()"}
|type="()"}
पंक्ति 70: पंक्ति 14:
-[[बाँसुरी]]
-[[बाँसुरी]]
-[[तबला]]
-[[तबला]]
||[[चित्र:Sitar.jpg|right|100px|सितार]]'सितार' के जन्म के विषय में विद्वानों के अनेक मत हैं। अभी तक किसी भी मत के पक्ष में कोई ठोस प्रमाण नहीं प्राप्त हो सका हैं। कुछ विद्वानों के मतानुसार [[सितार]] का निर्माण [[वीणा]] के एक प्रकार के आधार पर हुआ है। भारतीयता को महत्त्व देने वाले भारतीय विद्वान इस मत को सहज में ही मान लेते हैं। सितार को [[भारत]] का राष्ट्रीय वाद्य यंत्र होने का गौरव भी प्राप्त है। सितार बहुआयामी साज होने के साथ ही एक ऐसा [[वाद्य यंत्र]] है, जिसके ज़रिये भावनाओं को प्रकट किया जाता हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सितार]]
||[[चित्र:Sitar.jpg|right|100px|सितार]]'सितार' के जन्म के विषय में विद्वानों के अनेक मत हैं। अभी तक किसी भी मत के पक्ष में कोई ठोस प्रमाण नहीं प्राप्त हो सका हैं। कुछ विद्वानों के मतानुसार [[सितार]] का निर्माण [[वीणा]] के एक प्रकार के आधार पर हुआ है। भारतीयता को महत्त्व देने वाले भारतीय विद्वान् इस मत को सहज में ही मान लेते हैं। सितार को [[भारत]] का राष्ट्रीय वाद्य यंत्र होने का गौरव भी प्राप्त है। सितार बहुआयामी साज होने के साथ ही एक ऐसा [[वाद्य यंत्र]] है, जिसके ज़रिये भावनाओं को प्रकट किया जाता हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सितार]]


{[[रवीन्द्रनाथ टैगोर]] को 'हिंदुस्तान का सबसे बड़ा शायर' की उपाधि किसने दी थी?
{[[रवीन्द्रनाथ टैगोर]] को 'हिंदुस्तान का सबसे बड़ा शायर' की उपाधि किसने दी थी?
पंक्ति 79: पंक्ति 23:
-[[ओंकारनाथ ठाकुर]]
-[[ओंकारनाथ ठाकुर]]
||[[चित्र:Faiyaz-Khan.jpg|right|100px|फ़ैयाज़ ख़ाँ]]'फ़ैयाज़ ख़ाँ' [[ध्रुपद]] तथा [[ख़याल]] गायन शैली के श्रेष्ठतम गायक थे। पिछली शताब्दी के पूर्वार्द्ध के जिन संगीतज्ञों की गणना शिखर पुरुष के रूप में की जाती है, उनमें [[फ़ैयाज़ ख़ाँ]] का नाम भी शामिल है। ध्रुपद, [[धमार]], ख़याल, तराना और [[ठुमरी]] आदि, इन सभी शैलियों की गायकी पर उन्हें कुशलता प्राप्त थी। वर्ष [[1930]] के आस-पास फ़ैयाज़ ख़ाँ ने [[रवीन्द्रनाथ ठाकुर|गुरुदेव रवीन्द्रनाथ ठाकुर]] के निवास स्थान 'जोरासांकों ठाकुरबाड़ी' पर आयोजित संगीत समारोह में भाग लिया था। समारोह के दौरान वे रवीन्द्रनाथ ठाकुर से अत्यन्त प्रभावित हुए और उन्हें '''हिंदुस्तान का सबसे बड़ा शायर''' की उपाधि दी। अपने प्रभावशाली [[संगीत]] से फ़ैयाज़ ख़ाँ ने देश के सभी संगीत केन्द्रों में खूब यश अर्जित किया था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[फ़ैयाज़ ख़ाँ]]
||[[चित्र:Faiyaz-Khan.jpg|right|100px|फ़ैयाज़ ख़ाँ]]'फ़ैयाज़ ख़ाँ' [[ध्रुपद]] तथा [[ख़याल]] गायन शैली के श्रेष्ठतम गायक थे। पिछली शताब्दी के पूर्वार्द्ध के जिन संगीतज्ञों की गणना शिखर पुरुष के रूप में की जाती है, उनमें [[फ़ैयाज़ ख़ाँ]] का नाम भी शामिल है। ध्रुपद, [[धमार]], ख़याल, तराना और [[ठुमरी]] आदि, इन सभी शैलियों की गायकी पर उन्हें कुशलता प्राप्त थी। वर्ष [[1930]] के आस-पास फ़ैयाज़ ख़ाँ ने [[रवीन्द्रनाथ ठाकुर|गुरुदेव रवीन्द्रनाथ ठाकुर]] के निवास स्थान 'जोरासांकों ठाकुरबाड़ी' पर आयोजित संगीत समारोह में भाग लिया था। समारोह के दौरान वे रवीन्द्रनाथ ठाकुर से अत्यन्त प्रभावित हुए और उन्हें '''हिंदुस्तान का सबसे बड़ा शायर''' की उपाधि दी। अपने प्रभावशाली [[संगीत]] से फ़ैयाज़ ख़ाँ ने देश के सभी संगीत केन्द्रों में खूब यश अर्जित किया था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[फ़ैयाज़ ख़ाँ]]
{[[पैगम्बर मुहम्मद]] की कही गई बातें तथा उनकी स्मृतियाँ किस [[ग्रंथ]] में संकलित हैं?
|type="()"}
+[[हदीस]]
-[[क़ुरान]]
-तोराह
-[[जेंदावेस्ता]]
{[[दक्षिण भारत]] से उत्तर भारत में [[भक्ति आन्दोलन]] किसने चलाया?
|type="()"}
+[[रामानन्द]]
-[[शंकराचार्य]]
-[[विवेकानन्द]]
-[[कबीर]]
||स्वामी रामानन्द का केन्द्र मठ [[काशी]] के 'पंच गंगाघाट' पर स्थित था। एक किंवदन्ती के अनुसार छुआ-छूत मतभेद के कारण [[राघवानन्द|गुरु राघवानन्द]] ने उन्हें नया सम्प्रदाय चलाने की अनुमति दी थी। दूसरा वर्ग एक प्राचीन रामावत सम्प्रदाय की कल्पना करता है और [[रामानन्द]] को उसका एक प्रमुख आचार्य मानता है। डॉ. फर्कुहर के अनुसार यह रामावत सम्प्रदाय दक्षिण [[भारत]] में था और उसके प्रमुख [[ग्रन्थ]] '[[वाल्मीकि रामायण]]' तथा '[[अध्यात्म रामायण]]' थे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[रामानन्द]]


{निम्नलिखित में से [[पारसी धर्म]] के संस्थापक कौन थे?
{निम्नलिखित में से [[पारसी धर्म]] के संस्थापक कौन थे?
पंक्ति 86: पंक्ति 45:
+[[ज़रथुष्ट्र]]
+[[ज़रथुष्ट्र]]
-मिकादो
-मिकादो
||[[चित्र:Zoroaster.jpg|right|100px|ज़रथुष्ट्र]]'ज़रथुष्ट्र' [[पारसी धर्म]] के संस्थापक थे। ग्रीक भाषा में इन्हें 'ज़ोरोस्टर' कहा जाता है और आधुनिक [[फ़ारसी भाषा|फ़ारसी]] में 'जारटोस्थ'। पारसी धर्म [[ईरान]] का राजधर्म हुआ करता था। क्योंकि पैगंबर [[ज़रथुष्ट्र]] ने इस [[धर्म]] की स्थापना की थी, इसीलिए इसे 'ज़रथुष्ट्री धर्म' भी कहा जाता है। सम्भवत: ज़रथुष्ट्र किसी संस्थागत धर्म के प्रथम पैगम्बर थे। इतिहासकारों का मत है कि वे 1700-1500 ई.पू. के बीच सक्रिय थे। पारसी धर्म पैगम्बरी धर्म है, क्योंकि ज़रथुष्ट्र को पारसी धर्म में 'अहुर मज्दा' (ईश्वर) का पैगम्बर माना गया है। लगभग 77 वर्ष और 11 दिन की आयु में ज़रथुष्ट्र की मृत्यु हुई।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[ज़रथुष्ट्र]], [[पारसी धर्म]]
||[[चित्र:Zoroaster.jpg|right|100px|ज़रथुष्ट्र]]'ज़रथुष्ट्र' [[पारसी धर्म]] के संस्थापक थे। ग्रीक भाषा में इन्हें 'ज़ोरोस्टर' कहा जाता है और आधुनिक [[फ़ारसी भाषा|फ़ारसी]] में 'जारटोस्थ'। पारसी धर्म [[ईरान]] का राजधर्म हुआ करता था। क्योंकि पैगंबर [[ज़रथुष्ट्र]] ने इस [[धर्म]] की स्थापना की थी, इसीलिए इसे 'ज़रथुष्ट्री धर्म' भी कहा जाता है। सम्भवत: ज़रथुष्ट्र किसी संस्थागत धर्म के प्रथम पैगम्बर थे। इतिहासकारों का मत है कि वे 1700-1500 ई.पू. के बीच सक्रिय थे। पारसी धर्म पैगम्बरी धर्म है, क्योंकि ज़रथुष्ट्र को पारसी धर्म में '[[अहुर मज़्दा]]' (ईश्वर) का पैगम्बर माना गया है। लगभग 77 वर्ष और 11 दिन की आयु में ज़रथुष्ट्र की मृत्यु हुई।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[ज़रथुष्ट्र]], [[पारसी धर्म]]
 
{निम्नलिखित में से किस स्थान पर 'सूर्य मन्दिर' नहीं है?
|type="()"}
-मार्त्तण्ड ([[जम्मू-कश्मीर]])
+[[पाटलिपुत्र]] ([[बिहार]])
-मोधरा ([[गुजरात]])
-सूर्यनकोविल ([[तमिलनाडु]])
||[[चित्र:Patna-Golghar.jpg|right|100px|गोलघर, पटना]]'पाटलिपुत्र' प्राचीन समय से ही [[भारत]] के प्रमुख नगरों में गिना जाता था। [[पाटलीपुत्र]] वर्तमान [[पटना]] का ही प्राचीन नाम था। आज पटना भारत के [[बिहार]] प्रान्त की राजधानी है। आधुनिक पटना दुनिया के गिने-चुने उन विशेष प्रचीन नगरों में से एक है, जो अति प्राचीन काल से आज तक आबाद हैं। पाटलिपुत्र की विशेष ख्याति भारत के ऐतिहासिक काल के विशालतम साम्राज्य, [[मौर्य साम्राज्य]] की राजधानी के रूप में हुई। [[चंद्रगुप्त मौर्य]] के समय में पाटलिपुत्र की समृद्धि तथा शासन-सुव्यवस्था का वर्णन [[यूनानी]] राजदूत [[मैगस्थनीज़]] ने भली-भांति किया है। उसमें पाटलिपुत्र के स्थानीय शासन के लिए बनी एक समिति की भी चर्चा की गई है। उस समय यह नगर 9 मील {{मील|मील=9}} लंबा तथा डेढ़ मील चौड़ा एवं चर्तुभुजाकार था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[पाटलिपुत्र]], [[बिहार]]
</quiz>
</quiz>
|}
|}

14:37, 6 जुलाई 2017 के समय का अवतरण

सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी
राज्यों के सामान्य ज्ञान


इस विषय से संबंधित लेख पढ़ें:- कला प्रांगण, कला कोश, संस्कृति प्रांगण, संस्कृति कोश, धर्म प्रांगण, धर्म कोश

पन्ने पर जाएँ

1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 | 15 | 16 | 17 | 18 | 19 | 20 | 21 | 22 | 23 | 24 | 25 | 26 | 27 | 28 | 29 | 30 | 31 | 32 | 33 | 34 | 35 | 36 | 37 | 38 | 39 | 40 | 41 | 42 | 43 | 44 | 45 | 46 | 47 | 48 | 49 | 50 | 51 | 52 | 53 | 54 | 55 | 56 | 57 | 58 | 59 | 60 | 61 | 62 | 63 | 64 | 65 | 66 | 67 | 68 | 69 | 70 | 71 | 72 | 73 | 74 | 75 | 76 | 77 | 78 | 79 | 80 | 81 | 82 | 83 | 84 | 85 | 86 | 87 | 88 | 89 | 90 | 91 | 92 | 93 | 94 | 95 | 96 | 97 | 98 | 99 | 100 | 101 | 102 | 103 | 104 | 105 | 106 | 107 | 108 | 109 | 110 | 111 | 112 | 113 | 114 | 115 | 116 | 117 | 118 | 119 | 120 | 121 | 122 | 123 | 124 | 125 | 126 | 127 | 128 | 129 | 130 | 131 | 132 | 133 | 134 | 135 | 136 | 137 | 138 | 139 | 140 | 141 | 142 | 143 | 144 | 145 | 146 | 147 | 148 | 149 | 150 | 151 | 152 | 153 | 154 | 155 | 156 | 157 | 158 | 159 | 160 | 161 | 162 | 163 | 164 | 165 | 166 | 167 | 168 | 169 | 170 | 171 | 172 | 173 | 174 | 175 | 176 | 177 | 178 | 179 | 180 | 181 | 182 | 183 | 184 | 185 | 186 | 187 | 188 | 189 | 190 | 191 | 192 | 193 | 194 | 195 | 196 | 197 | 198 | 199 | 200 | 201 | 202 | 203 | 204 | 205 | 206 | 207 | 208 | 209 | 210 | 211 | 212 | 213 | 214 | 215 | 216 | 217 | 218 | 219 | 220 | 221 | 222 | 223 | 224 | 225 | 226 | 227 | 228 | 229 | 230 | 231 | 232 | 233 | 234 | 235 | 236 | 237 | 238 | 239 | 240 | 241 | 242 | 243 | 244 | 245 | 246 | 247 | 248 | 249 | 250 | 251 | 252 | 253 | 254 | 255 | 256 | 257 | 258 | 259 | 260 | 261 | 262 | 263 | 264 | 265 | 266 | 267 | 268 | 269 | 270 | 271 | 272 | 273 | 274 | 275 | 276 | 277 | 278 | 279 | 280 | 281 | 282 | 283 | 284 | 285 | 286 | 287 | 288 | 289 | 290 | 291 | 292 | 293 | 294 | 295 | 296 | 297 | 298 | 299 | 300 | 301 | 302 | 303 | 304 | 305 | 306 | 307 | 308 | 309 | 310 | 311 | 312 | 313 | 314 | 315 | 316 | 317 | 318 | 319 | 320 | 321| 322 | 323| 324 | 325 | 326 | 327 | 328 | 329 | 330 | 331 | 332 | 333 | 334 | 335 | 336 | 337 | 338 | 339| 340 | 341 | 342 | 343 | 344 | 345 | 346 | 347 | 348 | 349 | 350 | 351 | 352 | 353 | 354 | 355 | 356 | 357 | 358 | 359 | 360 | 361 | 362 | 363 | 364 | 365 | 366 | 367 | 368 | 369 | '370 | 371 | 372 | 373 | 374 | 375 | 376 | 377 | 378 | 379 | 380 | 381 | 382 | 383 | 384 | 385 | 386 | 387 | 388 | 389 | 390 | 391 | 392 | 393 | 394 | 395 | 396 | 397 | 398 | 399 | 400 | 401 | 402 | 403 | 404 | 405 | 406 | 407 | 408 | 409 | 410 | 411 | 412 | 413 | 414 | 415 | 416 | 417 | 418 | 419 | 420 | 421 | 422 | 423 | 424 | 425 | 426 | 427 | 428 | 429 | 430 | 431 | 432 | 433 | 434 | 435 | 436 | 437 | 438 | 439 | 440 | 441 | 442 | 443 | 444 | 445 | 446 | 447 | 448 | 449 | 450 | 451 | 452 | 453 | 454 | 455 | 456 | 457 | 458 | 459 | 460 | 461 | 462 | 463 | 464 | 465 | 466 | 467 | 468 | 469 | 470 | 471 | 472 | 473 | 474 | 475 | 476

1 भारत का राष्ट्रीय वाद्य यंत्र कौन-सा है?

वीणा
सितार
बाँसुरी
तबला

3 पैगम्बर मुहम्मद की कही गई बातें तथा उनकी स्मृतियाँ किस ग्रंथ में संकलित हैं?

हदीस
क़ुरान
तोराह
जेंदावेस्ता

5 निम्नलिखित में से पारसी धर्म के संस्थापक कौन थे?

लाओत्से
कुंग-फू-सू
ज़रथुष्ट्र
मिकादो

6 निम्नलिखित में से किस स्थान पर 'सूर्य मन्दिर' नहीं है?

मार्त्तण्ड (जम्मू-कश्मीर)
पाटलिपुत्र (बिहार)
मोधरा (गुजरात)
सूर्यनकोविल (तमिलनाडु)

पन्ने पर जाएँ

1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 | 15 | 16 | 17 | 18 | 19 | 20 | 21 | 22 | 23 | 24 | 25 | 26 | 27 | 28 | 29 | 30 | 31 | 32 | 33 | 34 | 35 | 36 | 37 | 38 | 39 | 40 | 41 | 42 | 43 | 44 | 45 | 46 | 47 | 48 | 49 | 50 | 51 | 52 | 53 | 54 | 55 | 56 | 57 | 58 | 59 | 60 | 61 | 62 | 63 | 64 | 65 | 66 | 67 | 68 | 69 | 70 | 71 | 72 | 73 | 74 | 75 | 76 | 77 | 78 | 79 | 80 | 81 | 82 | 83 | 84 | 85 | 86 | 87 | 88 | 89 | 90 | 91 | 92 | 93 | 94 | 95 | 96 | 97 | 98 | 99 | 100 | 101 | 102 | 103 | 104 | 105 | 106 | 107 | 108 | 109 | 110 | 111 | 112 | 113 | 114 | 115 | 116 | 117 | 118 | 119 | 120 | 121 | 122 | 123 | 124 | 125 | 126 | 127 | 128 | 129 | 130 | 131 | 132 | 133 | 134 | 135 | 136 | 137 | 138 | 139 | 140 | 141 | 142 | 143 | 144 | 145 | 146 | 147 | 148 | 149 | 150 | 151 | 152 | 153 | 154 | 155 | 156 | 157 | 158 | 159 | 160 | 161 | 162 | 163 | 164 | 165 | 166 | 167 | 168 | 169 | 170 | 171 | 172 | 173 | 174 | 175 | 176 | 177 | 178 | 179 | 180 | 181 | 182 | 183 | 184 | 185 | 186 | 187 | 188 | 189 | 190 | 191 | 192 | 193 | 194 | 195 | 196 | 197 | 198 | 199 | 200 | 201 | 202 | 203 | 204 | 205 | 206 | 207 | 208 | 209 | 210 | 211 | 212 | 213 | 214 | 215 | 216 | 217 | 218 | 219 | 220 | 221 | 222 | 223 | 224 | 225 | 226 | 227 | 228 | 229 | 230 | 231 | 232 | 233 | 234 | 235 | 236 | 237 | 238 | 239 | 240 | 241 | 242 | 243 | 244 | 245 | 246 | 247 | 248 | 249 | 250 | 251 | 252 | 253 | 254 | 255 | 256 | 257 | 258 | 259 | 260 | 261 | 262 | 263 | 264 | 265 | 266 | 267 | 268 | 269 | 270 | 271 | 272 | 273 | 274 | 275 | 276 | 277 | 278 | 279 | 280 | 281 | 282 | 283 | 284 | 285 | 286 | 287 | 288 | 289 | 290 | 291 | 292 | 293 | 294 | 295 | 296 | 297 | 298 | 299 | 300 | 301 | 302 | 303 | 304 | 305 | 306 | 307 | 308 | 309 | 310 | 311 | 312 | 313 | 314 | 315 | 316 | 317 | 318 | 319 | 320 | 321| 322 | 323| 324 | 325 | 326 | 327 | 328 | 329 | 330 | 331 | 332 | 333 | 334 | 335 | 336 | 337 | 338 | 339| 340 | 341 | 342 | 343 | 344 | 345 | 346 | 347 | 348 | 349 | 350 | 351 | 352 | 353 | 354 | 355 | 356 | 357 | 358 | 359 | 360 | 361 | 362 | 363 | 364 | 365 | 366 | 367 | 368 | 369 | '370 | 371 | 372 | 373 | 374 | 375 | 376 | 377 | 378 | 379 | 380 | 381 | 382 | 383 | 384 | 385 | 386 | 387 | 388 | 389 | 390 | 391 | 392 | 393 | 394 | 395 | 396 | 397 | 398 | 399 | 400 | 401 | 402 | 403 | 404 | 405 | 406 | 407 | 408 | 409 | 410 | 411 | 412 | 413 | 414 | 415 | 416 | 417 | 418 | 419 | 420 | 421 | 422 | 423 | 424 | 425 | 426 | 427 | 428 | 429 | 430 | 431 | 432 | 433 | 434 | 435 | 436 | 437 | 438 | 439 | 440 | 441 | 442 | 443 | 444 | 445 | 446 | 447 | 448 | 449 | 450 | 451 | 452 | 453 | 454 | 455 | 456 | 457 | 458 | 459 | 460 | 461 | 462 | 463 | 464 | 465 | 466 | 467 | 468 | 469 | 470 | 471 | 472 | 473 | 474 | 475 | 476
सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी
राज्यों के सामान्य ज्ञान