"हावड़ा ब्रिज": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
('*पश्चिम बंगाल के शहर कोलकाता का यह एक [[कोलकाता पर्...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
No edit summary
 
(7 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 17 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
[[चित्र:Howrah-Bridge-Kolkata-2.jpg|thumb|220px|हावड़ा पुल, [[कोलकाता]]<br />Howrah Bridge, Kolkata]]
*[[पश्चिम बंगाल]] के शहर [[कोलकाता]] का यह एक [[कोलकाता पर्यटन|पर्यटन स्थल]] है।
*[[पश्चिम बंगाल]] के शहर [[कोलकाता]] का यह एक [[कोलकाता पर्यटन|पर्यटन स्थल]] है।
*यह पुल आज कोलकाता की पहचान बन चुका है।  
*यह पुल आज कोलकाता की पहचान बन चुका है।
*इसे ही रविंद्रा सेतु कहा जाता है।  
*इसे ही रविंद्रा सेतु भी कहा जाता है।
*यह झुलता हुआ पुल है।  
*यह झूलता हुआ पुल है।
*इस पुल पर हमेशा गाडि़यों का आवागमन होता रहता है।  
*इस पुल पर हमेशा गाड़ियों का आवागमन होता रहता है।
*इस पुल पर आप सुबह के सैर का भी मजा ले सकते हैं।
*इस पुल पर आप सुबह के [[सैर]] का भी मजा ले सकते हैं।  
 
*यह अपने तरह का छठवाँ सबसे बड़ा पुल है।
[[Category:पश्चिम_बंगाल]][[Category:पश्चिम बंगाल के पर्यटन स्थल]] [[Category:कोलकाता के पर्यटन स्थल]] [[Category:पर्यटन कोश]]__INDEX__
==स्थापना==
[[चित्र:Howrah-Bridge-Kolkata.jpg|thumb|हावड़ा ब्रिज, [[कोलकाता]]<br />Howrah Bridge, Kolkata|220px]]
हावड़ा ब्रिज कोलकाता (पश्चिम बंगाल ) में स्थित है. इसका निर्माण 1939 में शुरू हुआ और यह 1943 में जनता के लिए खोला गया था। [[हावड़ा]] और कोलकाता को जोड़ने वाला हावड़ा ब्रिज जब बनकर तैयार हुआ था तो इसका नाम था न्यू हावड़ा ब्रिज। 14 जून 1965 को गुरु [[रवींद्रनाथ टैगोर]] के नाम पर इसका नाम रवींद्र सेतू कर दिया गया पर प्रचलित नाम फिर भी हावड़ा ब्रिज ही रहा।
==राशि==
अनुमान यह है कि इस बड़े पुल के निर्माण की राशि 333 करोड़ रुपए थी। यह दुनिया में ब्रैकट पुल से एक है। यह इस्पात की 26,500 टन से बनाया गया है। 60,000 वाहनों और पैदल चलने वालों को रोज़ ढोता है।
==इतिहास==
इसके पहले हुगली नदी पर तैरता पुल था। पर नदी में पानी बढ़ जाने पर इस पुल पर जाम लग जाता था। 1933 में इसकी जगह बड़ा ब्रिज बनाने का निर्णय हुआ। 1937 से नया पुल बनना शुरू हुआ। इस ब्रिज को बनाने का काम जिस ब्रिटिश कंपनी को सौंपा गया उससे यह ज़रूर कहा गया था ‍कि वह [[भारत]] में बने स्टील का इस्तेमाल करेगा। इस ब्रिज में ज़्यादातर [[भारत]] का ही स्टील लगा है।
{{प्रचार}}
__NOTOC__
==संबंधित लेख==
{{भारत के सेतु}}{{पश्चिम बंगाल के पर्यटन स्थल}}
[[Category:पश्चिम_बंगाल]][[Category:सेतु]][[Category:भारत में सेतु]][[Category:यातायात स्थापत्य]][[Category:पश्चिम बंगाल के पर्यटन स्थल]] [[Category:कोलकाता]] [[Category:कोलकाता के पर्यटन स्थल]] [[Category:पर्यटन कोश]]
__INDEX__

11:58, 8 मार्च 2022 के समय का अवतरण

हावड़ा पुल, कोलकाता
Howrah Bridge, Kolkata
  • पश्चिम बंगाल के शहर कोलकाता का यह एक पर्यटन स्थल है।
  • यह पुल आज कोलकाता की पहचान बन चुका है।
  • इसे ही रविंद्रा सेतु भी कहा जाता है।
  • यह झूलता हुआ पुल है।
  • इस पुल पर हमेशा गाड़ियों का आवागमन होता रहता है।
  • इस पुल पर आप सुबह के सैर का भी मजा ले सकते हैं।
  • यह अपने तरह का छठवाँ सबसे बड़ा पुल है।

स्थापना

हावड़ा ब्रिज, कोलकाता
Howrah Bridge, Kolkata

हावड़ा ब्रिज कोलकाता (पश्चिम बंगाल ) में स्थित है. इसका निर्माण 1939 में शुरू हुआ और यह 1943 में जनता के लिए खोला गया था। हावड़ा और कोलकाता को जोड़ने वाला हावड़ा ब्रिज जब बनकर तैयार हुआ था तो इसका नाम था न्यू हावड़ा ब्रिज। 14 जून 1965 को गुरु रवींद्रनाथ टैगोर के नाम पर इसका नाम रवींद्र सेतू कर दिया गया पर प्रचलित नाम फिर भी हावड़ा ब्रिज ही रहा।

राशि

अनुमान यह है कि इस बड़े पुल के निर्माण की राशि 333 करोड़ रुपए थी। यह दुनिया में ब्रैकट पुल से एक है। यह इस्पात की 26,500 टन से बनाया गया है। 60,000 वाहनों और पैदल चलने वालों को रोज़ ढोता है।

इतिहास

इसके पहले हुगली नदी पर तैरता पुल था। पर नदी में पानी बढ़ जाने पर इस पुल पर जाम लग जाता था। 1933 में इसकी जगह बड़ा ब्रिज बनाने का निर्णय हुआ। 1937 से नया पुल बनना शुरू हुआ। इस ब्रिज को बनाने का काम जिस ब्रिटिश कंपनी को सौंपा गया उससे यह ज़रूर कहा गया था ‍कि वह भारत में बने स्टील का इस्तेमाल करेगा। इस ब्रिज में ज़्यादातर भारत का ही स्टील लगा है।


संबंधित लेख