"कर्नाटक महिला हिन्दी सेवा समिति, बेंगलूर": अवतरणों में अंतर

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* समिति ने 60 से अधिक पुस्तकों का भी प्रकाशन किया है।  
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* समिति प्रथमा, मध्यमा, उत्तमा, हिन्दी भाषा भूषण, हिन्दी भाषा प्रवीण का संचालन करती है। इन्हें कर्नाटक राज्य से विभिन्न पदों के लिए मान्यता मिली है।
* समिति प्रथमा, मध्यमा, उत्तमा, हिन्दी भाषा भूषण, हिन्दी भाषा प्रवीण का संचालन करती है। इन्हें कर्नाटक राज्य से विभिन्न पदों के लिए मान्यता मिली है।
* [[असम]], [[गोवा]], [[पश्चिम बंगाल]], [[केरल]] आदि राज्यों ने भी परीक्षाओं को मान्यता दी है।  
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13:51, 25 मार्च 2014 के समय का अवतरण

कर्नाटक महिला हिन्दी सेवा समिति बेंगलूर में स्थित एक हिंदी सेवी संस्था है।

स्थापना

'कर्नाटक महिला हिन्दी सेवा समिति राष्ट्रभाषा प्रचार-प्रसार' की स्थापना 1952 में हुई। इसके निर्माण में श्री शिवानंद स्वामी जी तथा माता आऊबाई जी का योगदान है।

उद्देश्य

हिन्दी क्षेत्र में महिलाओं में अधिक जागृति लाने के उद्देश्य से यह समिति केवल महिलाओं से संगठित हुई। इसकी सभी पदाधिकारी महिलाएँ ही हैं। किंतु कार्य-क्षेत्र केवल महिलाओं के लिए ही सीमित नहीं है। इसके समस्त कार्यक्रमों में स्त्रियाँ तथा पुरुष दोनों कार्य कर रहे हैं।

विशेषताएँ

  • समिति प्रचार, परीक्षा, प्रकाशन साहित्य-निर्माण, पुस्तक बिक्री, शिक्षा विद्यालय, पुस्तकालय, अर्थ व लेख परीक्षा, राज्यस्तरीय हिन्दी लेखक एवं भाषण प्रतियोगिताएँ, नाटक व कला प्रदर्शन, पुनश्चर्या-पाठ्यक्रम आदि कार्य करती है। * इसके अतिरिक्त दैनिक समाचारों से छात्रों को अवगत कराने व साहित्यिक एवं सांस्कृतिक क्षेत्रों में हिन्दी की प्रगति की जानकारी देने के उद्देश्य से कई केंद्रों में समिति ने दस वाचनालय भी चलाए हैं।
  • इसके अतिरिक्त पुस्तकालयों का भी संचालन किया जा रहा है।
  • समिति ने 60 से अधिक पुस्तकों का भी प्रकाशन किया है।
  • समिति प्रथमा, मध्यमा, उत्तमा, हिन्दी भाषा भूषण, हिन्दी भाषा प्रवीण का संचालन करती है। इन्हें कर्नाटक राज्य से विभिन्न पदों के लिए मान्यता मिली है।
  • असम, गोवा, पश्चिम बंगाल, केरल आदि राज्यों ने भी परीक्षाओं को मान्यता दी है। [1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. लोंढे, शंकरराव। हिन्दी की स्वैच्छिक संस्थाएँ (हिंदी) भारतकोश। अभिगमन तिथि: 25 मार्च, 2014।

बाहरी कड़ियाँ

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