"एकलिंग महात्म्य": अवतरणों में अंतर
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*[[मेवाड़]] के [[सिसोदिया वंश]] की वंशावलि बताने वाले इस ग्रंथ का रचयिता 'कान्हा व्यास' [[महाराणा कुम्भा]] का दरबारी था। | *[[मेवाड़]] के [[सिसोदिया वंश]] की वंशावलि बताने वाले इस ग्रंथ का रचयिता 'कान्हा व्यास' [[महाराणा कुम्भा]] का दरबारी था। | ||
*कान्हा व्यास की इस कृति में 15वीं [[शताब्दी]] का सामाजिक वसांस्कृतिक वर्णन मिलता है। | *कान्हा व्यास की इस कृति में 15वीं [[शताब्दी]] का सामाजिक वसांस्कृतिक वर्णन मिलता है। | ||
*महाराणा कुम्भा के शासन काल का सुन्दर वर्णन 'एकलिंगी महात्म्य' में है। इसमें [[चित्तौड़]] व [[एकलिंगजी उदयपुर|एकलिंगजी]] का वर्णन है।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=उपकार राजस्थान वार्षिकी 2010|लेखक=|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=उपकार प्रकाशन, आगरा|संकलन= भारतकोश पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या= | *महाराणा कुम्भा के शासन काल का सुन्दर वर्णन 'एकलिंगी महात्म्य' में है। इसमें [[चित्तौड़]] व [[एकलिंगजी उदयपुर|एकलिंगजी]] का वर्णन है।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=उपकार राजस्थान वार्षिकी 2010|लेखक=|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=उपकार प्रकाशन, आगरा|संकलन= भारतकोश पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=72|url=}}</ref> | ||
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11:57, 30 जून 2014 के समय का अवतरण
एकलिंगी महात्मय राजस्थान के इतिहास पर प्रकाश डालने वाला ग्रंथ है, जिसकी रचना कान्हा व्यास द्वारा की गई थी।
- मेवाड़ के सिसोदिया वंश की वंशावलि बताने वाले इस ग्रंथ का रचयिता 'कान्हा व्यास' महाराणा कुम्भा का दरबारी था।
- कान्हा व्यास की इस कृति में 15वीं शताब्दी का सामाजिक वसांस्कृतिक वर्णन मिलता है।
- महाराणा कुम्भा के शासन काल का सुन्दर वर्णन 'एकलिंगी महात्म्य' में है। इसमें चित्तौड़ व एकलिंगजी का वर्णन है।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ उपकार राजस्थान वार्षिकी 2010 |प्रकाशक: उपकार प्रकाशन, आगरा |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 72 |