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'''दुर्गा मंदिर''' [[वाराणसी]] में स्थित दुर्गाकुण्ड में माँ [[दुर्गा]] का भव्य एवं विशाल मंदिर है। जहां हर समय दर्शनार्थियों का आना लगा रहता है। खासकर [[नवरात्र]] में तो इस मंदिर का महत्व और बढ़ जाता है। शारदीय नवरात्र के चौथे दिन माँ को [[कूष्माण्डा चतुर्थ|कुष्माण्डा माता]] के रूप में पूजा जाता है। इस दौरान मंदिर को भव्य तरीक़े से सजाया जाता है। मंदिर के चारो ओर लाइटिंग बेहतरीन ढंग से की जाती है। रात को जब मंदिर पर लगी ये लाइटें झिलमिलाते हैं तो अलग ही नज़ारा उभरता है। [[सावन]] महीने में भी मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। इस दौरान गीत-संगीत के कार्यक्रम का भी आयोजन मंदिर परिसर में होता है। जिसमें नामचीन संगीत कलाकार भाग लेते हैं। पूरे महीने मेला लगा रहता है। मंदिर के मुख्य द्वार समेत अलग-बगल फूल-माला एवं धार्मिक सामग्रियों की कई दुकानें हैं।<ref>{{cite web |url=http://www.kashikatha.com/%E0%A4%A6%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%B6%E0%A4%A8%E0%A5%80%E0%A4%AF-%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%A5%E0%A4%B2/%E0%A4%AE%E0%A4%82%E0%A4%A6%E0%A4%BF%E0%A4%B0/ |title=मंदिर|accessmonthday=10 जनवरी |accessyear=2014 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=काशी कथा |language=हिंदी }}</ref>
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10:26, 8 नवम्बर 2016 के समय का अवतरण

दुर्गा मंदिर, वाराणसी

दुर्गा मंदिर वाराणसी में स्थित दुर्गाकुण्ड में माँ दुर्गा का भव्य एवं विशाल मंदिर है। जहां हर समय दर्शनार्थियों का आना लगा रहता है। ख़ासकर नवरात्र में तो इस मंदिर का महत्व और बढ़ जाता है। शारदीय नवरात्र के चौथे दिन माँ को कुष्माण्डा माता के रूप में पूजा जाता है। इस दौरान मंदिर को भव्य तरीक़े से सजाया जाता है। मंदिर के चारो ओर लाइटिंग बेहतरीन ढंग से की जाती है। रात को जब मंदिर पर लगी ये लाइटें झिलमिलाते हैं तो अलग ही नज़ारा उभरता है। सावन महीने में भी मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। इस दौरान गीत-संगीत के कार्यक्रम का भी आयोजन मंदिर परिसर में होता है। जिसमें नामचीन संगीत कलाकार भाग लेते हैं। पूरे महीने मेला लगा रहता है। मंदिर के मुख्य द्वार समेत अलग-बगल फूल-माला एवं धार्मिक सामग्रियों की कई दुकानें हैं।[1]



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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. मंदिर (हिंदी) काशी कथा। अभिगमन तिथि: 10 जनवरी, 2014।

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