"तुम्हारे लिए कुछ भी असंभव नहीं -वंदना गुप्ता": अवतरणों में अंतर
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सबको सब कुछ नहीं मिलता | सबको सब कुछ नहीं मिलता | ||
सिर्फ एक चाह बलवती हो जाती है | सिर्फ एक चाह बलवती हो जाती है | ||
"यदि चाहोगे तो मिलेगा | "यदि चाहोगे तो मिलेगा ज़रूर " | ||
सुना है तुम पूरा करते हो | सुना है तुम पूरा करते हो | ||
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मैं वो कण हूँ | मैं वो कण हूँ | ||
जिसका कोई अर्थ नहीं | जिसका कोई अर्थ नहीं | ||
कोई | कोई स्वरूप नहीं | ||
फिर भी तुमसे न कहूं तो किस्से कहूं | फिर भी तुमसे न कहूं तो किस्से कहूं | ||
सोच | सोच | ||
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तो सुनो प्यारे | तो सुनो प्यारे | ||
जानना है मुझे | जानना है मुझे स्वरूप संसार का | ||
अपने जीवन रहते ही | अपने जीवन रहते ही | ||
10:49, 2 जनवरी 2018 के समय का अवतरण
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सुनो कृष्ण |
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