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==भौतिक विशेषताएँ==
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मुख्‍य भूभाग में चार क्षेत्र हैं, नामत: महापर्वत क्षेत्र, [[गंगा नदी|गंगा]] और [[सिंधु नदी]] के मैदानी क्षेत्र और मरूस्‍थली क्षेत्र और दक्षिणी प्रायद्वीप।
मुख्‍य भूभाग में चार क्षेत्र हैं, नामत: महापर्वत क्षेत्र, [[गंगा नदी|गंगा]] और [[सिंधु नदी]] के मैदानी क्षेत्र और मरूस्‍थली क्षेत्र और दक्षिणी प्रायद्वीप।
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मरुस्‍थली क्षेत्र को दो भागों में बाँटा जा सकता है बड़ा मरुस्‍थल कच्‍छ के रण की सीमा से लुनी नदी के उत्‍तरी ओर आगे तक फैला हुआ है। [[राजस्थान]] सिंध की पूरी सीमा इससे होकर गुजरती है। छोटा मरुस्‍थल लुनी से [[जैसलमेर]] और [[जोधपुर]] के बीच उत्‍तरी भूभाग तक फैला हुआ बड़े और छोटे मरुस्‍थल के बीच का क्षेत्र बिल्‍कुल ही बंजर है जिसमें चूने के पत्‍थर की पर्वत माला द्वारा पृथक किया हुआ पथरीला भूभाग है।
मरुस्‍थली क्षेत्र को दो भागों में बाँटा जा सकता है बड़ा मरुस्‍थल कच्‍छ के रण की सीमा से लुनी नदी के उत्‍तरी ओर आगे तक फैला हुआ है। [[राजस्थान]] सिंध की पूरी सीमा इससे होकर गुजरती है। छोटा मरुस्‍थल लुनी से [[जैसलमेर]] और [[जोधपुर]] के बीच उत्‍तरी भूभाग तक फैला हुआ बड़े और छोटे मरुस्‍थल के बीच का क्षेत्र बिल्‍कुल ही बंजर है जिसमें चूने के पत्‍थर की पर्वत माला द्वारा पृथक किया हुआ पथरीला भूभाग है।


पर्वत समूह और पहाड़ी श्रृंखलाएँ जिनकी ऊँचाई 460 से 1,220 मीटर है, प्रायद्वीपीय पठार को [[गंगा]] और [[सिंधु नदी|सिंधु]] के मैदानी क्षेत्रों से अलग करती हैं। इनमें प्रमुख हैं अरावली, विंध्‍य, सतपुड़ा, मैकाला और अजन्‍ता। इस प्रायद्वीप की एक ओर पूर्व घाट दूसरी ओर पश्चिमी घाट है जिनकी ऊँचाई सामान्‍यत: 915 से 1,220 मीटर है,  कुछ स्‍थानों में 2,440 मीटर से अधिक ऊँचाई है। पश्चिमी घाटों और अरब सागर के बीच एक संकीर्ण तटवर्ती पट्टी है जबकि पूर्व घाट और बंगाल की खाड़ी के बीच का विस्‍तृत तटवर्ती क्षेत्र है। पठार का दक्षिणी भाग नीलगिरी पहाड़ियों द्वारा निर्मित है जहाँ पूर्वी और पश्चिमी घाट मिलते हैं। इसके आगे इलायची की पहाडियाँ पश्चिमी घाट के विस्‍तारण के रुप में मानी जा सकती हैं।
पर्वत समूह और पहाड़ी श्रृंखलाएँ जिनकी ऊँचाई 460 से 1,220 मीटर है, प्रायद्वीपीय पठार को [[गंगा]] और [[सिंधु नदी|सिंधु]] के मैदानी क्षेत्रों से अलग करती हैं। इनमें प्रमुख हैं अरावली, विंध्‍य, सतपुड़ा, मैकाला और अजन्‍ता। इस प्रायद्वीप की एक ओर पूर्व घाट दूसरी ओर पश्चिमी घाट है जिनकी ऊँचाई सामान्‍यत: 915 से 1,220 मीटर है,  कुछ स्‍थानों में 2,440 मीटर से अधिक ऊँचाई है। पश्चिमी घाटों और अरब सागर के बीच एक संकीर्ण तटवर्ती पट्टी है जबकि पूर्व घाट और बंगाल की खाड़ी के बीच का विस्‍तृत तटवर्ती क्षेत्र है। पठार का दक्षिणी भाग [[नीलगिरि पहाड़ियाँ|नीलगिरी पहाड़ियों]] द्वारा निर्मित है जहाँ पूर्वी और पश्चिमी घाट मिलते हैं। इसके आगे इलायची की पहाडियाँ पश्चिमी घाट के विस्‍तारण के रुप में मानी जा सकती हैं।


==भूगर्भीय संरचना==
==भूगर्भीय संरचना==
{{Main|भारत का भूगोल}}
भू‍वैज्ञानिक क्षेत्र व्‍यापक रुप से भौतिक विशेषताओं का पालन करते हैं और इन्‍हें तीन क्षेत्रों के समूह में रखा जा सकता है:  
भू‍वैज्ञानिक क्षेत्र व्‍यापक रुप से भौतिक विशेषताओं का पालन करते हैं और इन्‍हें तीन क्षेत्रों के समूह में रखा जा सकता है:  
*हिमाचल पर्वत श्रृंखला और उनके संबद्ध पर्वत समूह
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*प्रायद्वीपीय ओट
*प्रायद्वीपीय ओट


उत्‍तर में हिमाचलय पर्वत क्षेत्र और पूर्व में नागालुशाई पर्वत, पर्वत निर्माण गतिविधि के क्षेत्र है। इस क्षेत्र का अधिकांश भाग जो वर्तमान समय में विश्‍व का सार्वधिक सुंदर पर्वत दृश्‍य प्रस्‍तुत करता है, 60 करोड़ वर्ष पहले समुद्री क्षेत्र में था। 7 करोड़ वर्ष पहले शुरु हुए पर्वत-निर्माण गतिविधियों की श्रृंखला में तलछटें और आधार चट्टानें काफ़ी ऊँचाई तक पहुँच गई। आज हम जो इन पर उभार देखते हैं, उनको उत्‍पन्‍न करने में अपक्षय और अपरदक ने कार्य किया। भारत-गंगा के मैदानी क्षेत्र एक जलोढ़ भूभाग हैं जो दक्षिण के प्रायद्वीप से उत्‍तर में हिमाचल को अलग करते हैं।
उत्‍तर में हिमाचलय पर्वत क्षेत्र और पूर्व में नागालुशाई पर्वत, पर्वत निर्माण गतिविधि के क्षेत्र है। इस क्षेत्र का अधिकांश भाग जो वर्तमान समय में विश्‍व का सार्वधिक सुंदर पर्वत दृश्‍य प्रस्‍तुत करता है, 60 करोड़ वर्ष पहले समुद्री क्षेत्र में था। 7 करोड़ वर्ष पहले शुरू हुए पर्वत-निर्माण गतिविधियों की श्रृंखला में तलछटें और आधार चट्टानें काफ़ी ऊँचाई तक पहुँच गई। आज हम जो इन पर उभार देखते हैं, उनको उत्‍पन्‍न करने में अपक्षय और अपरदक ने कार्य किया। भारत-गंगा के मैदानी क्षेत्र एक जलोढ़ भूभाग हैं जो दक्षिण के प्रायद्वीप से उत्‍तर में हिमाचल को अलग करते हैं।


प्रायद्वीप सापेक्ष स्थिरता और कभी-कभार भूकंपीय परेशानियों का क्षेत्र है। 380 करोड़ वर्ष पहले के प्रारंभिक काल की अत्‍याधिक कायांतरित चट्टानें इस क्षेत्र में पायी जाती हैं, बाक़ी क्षेत्र गोंदवाना के तटवर्ती क्षेत्र से घिरा है, दक्षिण में सीढ़ीदार रचना और छोटी तलछटें लावा के प्रवाह से निर्मित हैं।
प्रायद्वीप सापेक्ष स्थिरता और कभी-कभार भूकंपीय परेशानियों का क्षेत्र है। 380 करोड़ वर्ष पहले के प्रारंभिक काल की अत्‍याधिक कायांतरित चट्टानें इस क्षेत्र में पायी जाती हैं, बाक़ी क्षेत्र गोंदवाना के तटवर्ती क्षेत्र से घिरा है, दक्षिण में सीढ़ीदार रचना और छोटी तलछटें लावा के प्रवाह से निर्मित हैं।
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==नदियाँ==
==नदियाँ==
{{ॠग्वैदिककालीन नदियाँ सूची1}}
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{{Main|भारत की नदियाँ}}
भारत की नदियों को चार समूहों में वर्गीकृत किया जा सकता है जैसे :-  
भारत की नदियों को चार समूहों में वर्गीकृत किया जा सकता है जैसे :-  
*हिमाचल से निकलने वाली नदियाँ  
*हिमाचल से निकलने वाली नदियाँ
*दक्षिण से निकलने वाली नदियाँ
*दक्षिण से निकलने वाली नदियाँ
*तटवर्ती नदियाँ
*तटवर्ती नदियाँ
*अंतर्देशीय नालों से द्रोणी क्षेत्र की नदियाँ
*अंतर्देशीय नालों से द्रोणी क्षेत्र की नदियाँ
===<u>हिमालय से निकलने वाली नदियाँ</u>===
[[हिमालय]] से निकलने वाली नदियाँ बर्फ़ और ग्‍लेशियरों के पिघलने से बनी हैं अत: इनमें पूरे वर्ष के दौरान निरन्‍तर प्रवाह बना रहता है। मॉनसून माह के दौरान हिमालय क्षेत्र में बहुत अधिक वृष्टि होती है और नदियाँ बारिश पर निर्भर हैं अत: इसके आयतन में उतार चढ़ाव होता है। इनमें से कई अस्‍थायी होती हैं। तटवर्ती नदियाँ, विशेषकर पश्चिमी तट पर, लंबाई में छोटी होती हैं और उनका सीमित जलग्रहण क्षेत्र होता है। इनमें से अधिकांश अस्‍थायी होती हैं। पश्चिमी राजस्थान के अंतर्देशीय नाला द्रोणी क्षेत्र की कुछ्‍ नदियाँ हैं। इनमें से अधिकांश अस्‍थायी प्रकृति की हैं। हिमालय से निकलने वाली नदी की मुख्‍य प्रणाली [[सिंधु नदी|सिंधु]], [[गंगा]], [[ब्रह्मपुत्र]] और मेघना नदी की प्रणाली की तरह है। दक्‍कन क्षेत्र में अधिकांश नदी प्रणालियाँ सामान्‍यत पूर्व दिशा में बहती हैं और [[बंगाल की खाड़ी]] में मिल जाती हैं। भारत में कई प्रकार की तटवर्ती नदियाँ हैं जो अपेक्षाकृत छोटी हैं। ऐसी नदियों में काफ़ी कम नदियाँ-पूर्वी तट के डेल्‍टा के निकट समुद्र में मिलती है, जबकि पश्चिम तट पर ऐसी 600 नदियाँ है। [[राजस्थान]] में ऐसी कुछ नदियाँ है जो समुद्र में नहीं मिलती हैं। ये खारे झीलों में मिल जाती है और रेत में समाप्‍त हो जाती हैं जिसकी समुद्र में कोई निकासी नहीं होती है।  
हिमालय से निकलने वाली नदियाँ बर्फ़ और ग्‍लेशियरों के पिघलने से बनी हैं अत: इनमें पूरे वर्ष के दौरान निरन्‍तर प्रवाह बना रहता है। मॉनसून माह के दौरान हिमालय क्षेत्र में बहुत अधिक वृष्टि होती है और नदियाँ बारिश पर निर्भर हैं अत: इसके आयतन में उतार चढ़ाव होता है। इनमें से कई अस्‍थायी होती हैं। तटवर्ती नदियाँ, विशेषकर पश्चिमी तट पर, लंबाई में छोटी होती हैं और उनका सीमित जलग्रहण क्षेत्र होता है। इनमें से अधिकांश अस्‍थायी होती हैं। पश्चिमी [[राजस्थान]] के अंतर्देशीय नाला द्रोणी क्षेत्र की कुछ्‍ नदियाँ हैं। इनमें से अधिकांश अस्‍थायी प्रकृति की हैं।
[[चित्र:Sindhu-River-1.jpg|thumb|left|250px|[[सिन्धु नदी]]<br />Sindhu river]]
हिमाचल से निकलने वाली नदी की मुख्‍य प्रणाली सिंधु और गंगा ब्रहमपुत्र मेघना नदी की प्रणाली की तरह है।
 
====<u>सिंधु नदी</u>====
विश्‍व की महान, नदियों में एक है, [[तिब्बत]] में मानसरोवर के निकट से निकलती है और भारत से होकर बहती है और तत्‍पश्‍चात् [[पाकिस्तान]] से हो कर और अंतत: कराची के निकट [[अरब सागर]] में मिल जाती है। भारतीय क्षेत्र में बहने वाली इसकी सहायक नदियों में [[सतलुज नदी|सतलुज]] (तिब्‍बत से निकलती है), [[व्यास नदी|व्‍यास]], [[रावी नदी|रावी]], [[चिनाब नदी|चिनाब]], और [[झेलम नदी|झेलम]] है।
[[चित्र:Ganga-Varanasi.jpg|thumb|250px|[[वाराणसी]] में [[गंगा नदी]] के घाट<br /> Ghats of Ganga River in Varanasi]]
 
====<u>गंगा</u>====
ब्रह्मपुत्र मेघना एक अन्‍य महत्‍वपूर्ण प्रणाली है जिसका उप द्रोणी क्षेत्र [[भागीरथी नदी|भागीरथी]] और [[अलकनंदा नदी|अलकनंदा]] में हैं, जो देवप्रयाग में मिलकर [[गंगा]] बन जाती है। यह [[उत्तरांचल]], [[उत्तर प्रदेश]], [[बिहार]] और [[पश्चिम बंगाल|प.बंगाल]] से होकर बहती है। राजमहल की पहाडियों के नीचे भागीरथी नदी, जो पुराने समय में मुख्‍य नदी हुआ करती थी, निकलती है जबकि पद्भा पूरब की ओर बहती है और [[बांग्लादेश]] में प्रवेश करती है।
=====<u>सहायक नदियाँ</u>=====
[[चित्र:Yamuna-Mathura-2.jpg|thumb|left|250px|[[यमुना नदी]]<br /> River Yamuna]]
[[यमुना नदी|यमुना]], [[रामगंगा नदी|रामगंगा]], [[घाघरा नदी|घाघरा]], [[गंडक नदी|गंडक]], [[कोसी नदी|कोसी]], [[महानदी]], और [[सोन नदी|सोन]]; गंगा की महत्‍वपूर्ण सहायक नदियाँ है। [[चंबल नदी|चंबल]] और [[बेतवा नदी|बेतवा]] महत्‍वपूर्ण उप सहायक नदियाँ हैं जो गंगा से मिलने से पहले यमुना में मिल जाती हैं। [[पद्मा नदी|पद्मा]] और [[ब्रह्मपुत्र नदी|ब्रह्मपुत्र]] [[बांग्लादेश]] में मिलती है और पद्मा अथवा गंगा के रुप में बहती रहती है।
 
====<u>ब्रह्मपुत्र</u>====
ब्रह्मपुत्र [[तिब्बत]] से निकलती है, जहाँ इसे सांगणो कहा जाता है और भारत में [[अरुणाचल प्रदेश]] तक प्रवेश करने तथा यह काफ़ी लंबी दूरी तय करती है, यहाँ इसे दिहांग कहा जाता है। पासी घाट के निकट देबांग और लोहित [[ब्रह्मपुत्र नदी]] से मिल जाती है और यह संयुक्‍त नदी पूरे [[असम]] से होकर एक संकीर्ण घाटी में बहती है। यह घुबरी के अनुप्रवाह में [[बांग्लादेश]] में प्रवेश करती है।
=====<u>सहायक नदियाँ</u>=====
भारत में ब्रह्मपुत्र की प्रमुख सहायक नदियाँ सुबसिरी, जिया भरेली, घनसिरी, पुथिभारी, पागलादिया और मानस हैं। बांग्‍लादेश में ब्रह्मपुत्र तिस्‍त आदि के प्रवाह में मिल जाती है और अंतत: गंगा में मिल जाती है। मेघना की मुख्‍य नदी बराक नदी मणिपुर की पहाडियों में से निकलती है। इसकी महत्‍वपूर्ण सहायक नदियाँ मक्‍कू, ट्रांग, तुईवई, जिरी, सोनई, रुक्‍वी, कचरवल, घालरेवरी, लांगाचिनी, महुवा और जातिंगा हैं। बराक नदी बांग्‍लादेश में भैरव बाजार के निकट गंगा-‍ब्रह्मपुत्र के मिलने तक बहती रहती है।
 
दक्‍कन क्षेत्र में अधिकांश नदी प्रणालियाँ सामान्‍यत पूर्व दिशा में बहती हैं और बंगाल की खाड़ी में मिल जाती हैं।
 
गोदावरी, कृष्‍णा, कावेरी, महानदी, आदि पूर्व की ओर बहने वाली प्रमुख नदियाँ हैं और नर्मदा, ताप्‍ती पश्चिम की बहने वाली प्रमुख नदियाँ है। दक्षिणी प्रायद्वीप में गोदावरी का दूसरी सबसे बड़ी नदी का द्रोणी क्षेत्र है जो भारत के क्षेत्र 10 प्रतिशत भाग है। इसके बाद कृष्‍णा नदी के द्रोणी क्षेत्र का स्‍थान है जबकि महानदी का तीसरा स्‍थान है। डेक्‍कन के ऊपरी भूभाग में नर्मदा का द्रोणी क्षेत्र है, यह अरब सागर की ओर बहती है, बंगाल की खाड़ी में गिरती हैं दक्षिण में कावेरी के समान आकार की है और परन्‍तु इसकी विशेषताएँ और बनावट अलग है।
 
कई प्रकार की तटवर्ती नदियाँ हैं जो अपेक्षाकृत छोटी हैं। ऐसी नदियों में काफ़ी कम नदियाँ-पूर्वी तट के डेल्‍टा के निकट समुद्र में मिलती है, जबकि पश्चिम तट पर ऐसी 600 नदियाँ है।
 
राजस्‍थान में ऐसी कुछ नदियाँ है जो समुद्र में नहीं मिलती हैं। ये खारे झीलों में मिल जाती है और रेत में समाप्‍त हो जाती हैं जिसकी समुद्र में कोई निकासी नहीं होती है। इसके अतिरिक्‍त कुछ मरुस्‍थल की नदियाँ होती है जो कुछ दूरी तक बहती हैं और मरुस्‍थल में लुप्‍त हो जाती है। ऐसी नदियों में लुनी और मच्‍छ, स्‍पेन, सरस्‍वती, बानस और घग्‍गर जैसी अन्‍य नदियाँ हैं।


====भारत की प्रमुख नदियों की सूची====
====भारत की प्रमुख नदियों की सूची====
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
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09:41, 10 जुलाई 2011 के समय का अवतरण

आँकड़े एक झलक

क्षेत्रफल 32,87,263 वर्ग किमी.[1]
-भूमध्य रेखा से दूरी [2] 876 किमी
-पूर्व से पश्चिम लंबाई 2,933 किमी
-उत्तर से दक्षिण लंबाई 3,214 किमी
-प्रादेशिक जलसीमा की चौड़ाई समुद्र तट से 12 समुद्री मील तक।
-एकान्तिक आर्थिक क्षेत्र संलग्न क्षेत्र से आगे 200 समुद्री मील तक।

सीमा 7 देश और 2 महासागर[3]
-समुद्री सीमा[4] 7516.5 किमी
-प्राकृतिक भाग (1) उत्तर का पर्वतीय प्रदेश (2) उत्तर का विशाल मैदान (3) दक्षिण का प्रायद्वीपीय पठार (4) समुद्र तटीय मैदान तथा (5) थार मरुस्थल
-स्थलीय सीमा[5] 15,200 किमी

राज्य 29
-संघशासित क्षेत्र[6] 7
-ज़िलों की संख्या 593
-उपज़िलों की संख्या 5,470
-सबसे बड़ा ज़िला लद्दाख (जम्मू-कश्मीर, क्षेत्रफल 82,665 वर्ग किमी.)।
-सबसे छोटा ज़िला थौबॅल (मणिपुर, क्षेत्रफल- 507 वर्ग किमी.)।
-द्वीपों की कुल संख्या 247 [7]
-तटरेखा से लगे राज्य गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल
-केन्द्रशासित प्रदेश (तटरेखा) दमन व दीव, दादरा एवं नगर हवेली, लक्षद्वीप, पांडिचेरी तथा अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह
-कर्क रेखा [8] गुजरात, राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा तथा मिज़ोरम
-प्रमुख नगर मुम्बई, नई दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलोर, हैदराबाद, तिरुअनन्तपुरम, सिकन्दराबाद, कानपुर, अहमदाबाद, जयपुर, जोधपुर, अमृतसर, चण्‍डीगढ़, श्रीनगर, जम्मू, शिमला, दिसपुर, इटानगर, कोचीन, आगरा आदि।
-राजधानी नई दिल्ली
-पर्वतीय पर्यटन अल्मोड़ा, नैनीताल, लैन्सडाउन, गढ़मुक्तेश्वर, मसूरी, कसौली, शिमला, कुल्लू घाटी, डलहौज़ी, श्रीनगर, गुलबर्ग, सोनमर्ग, अमरनाथ, पहलगाम, दार्जिलिंग, कालिंपोंग, राँची, शिलांग, कुंजुर, ऊटकमंड (ऊटी), महाबलेश्वर, पंचमढ़ी, माउण्ट आबू
-प्रथम श्रेणी के नगरों की संख्या 300
-द्वितीय श्रेणी के नगरों की संख्या 345
-तृतीय श्रेणी के नगरों की संख्या 947
-चतुर्थ श्रेणी के नगरों की संख्या 1,167
-पंचम श्रेणी के नगरों की संख्या 740
-षष्ठम श्रेणी के नगरों की संख्या 197
-कुल नगरों की संख्या 5,161
-सर्वाधिक नगरों वाला राज्य उत्तर प्रदेश (704 नगर)
-सबसे कम नगर वाला राज्य मेघालय (7 नगर)
-सर्वाधिक नगरीय जनसंख्या वाला राज्य उत्तर प्रदेश (3,45,39,582), मिज़ोरम (45.10%)
-सबसे कम नगरीय जनसंख्या वाला राज्य सिक्किम (59,870), हिमाचल प्रदेश (8.69%)
-संघशासित क्षेत्र सर्वाधिक जनसंख्या[9] दिल्ली 89.93%
-संघ शासित क्षेत्र कम जनसंख्या [10] दादरा तथा नगर हवेली (8.47%)
-संघशासित क्षेत्र (सबसे बड़ा)[11] अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह (8,293 वर्ग किमी.)
-सबसे छोटा संघ शासित क्षेत्र लक्षद्वीप (32 वर्ग किमी.)
-शहरों की संख्या 5,161
-गांवों की संख्या 6,38,588
-आबाद गांवों की संख्या 5,93,732
-ग़ैर-आबाद गांवों की संख्या 44,856
-सामुद्रिक मत्स्ययन का प्रमुख क्षेत्र पश्चिमी तट (75% तथा पूर्वी तट (25%) [12]
-सबसे बड़ा राज्य (क्षेत्रफल) राजस्थान (3,42,239 वर्ग किमी.)
-सबसे छोटा राज्य गोवा (3,702 वर्ग किमी.)

भूगोल
-प्रमुख पर्वत हिमालय, कराकोरम, शिवालिक, अरावली, पश्चिमी घाट, पूर्वी घाट, विन्ध्याचल, सतपुड़ा, अन्नामलाई, नीलगिरि, पालनी, नल्लामाला, मैकल, इलायची
-प्रमुख नदियाँ सिन्धु, सतलज, ब्रह्मपुत्र, गंगा, यमुना, गोदावरी, दामोदर, नर्मदा, ताप्ती, कृष्णा, कावेरी, महानदी, घाघरा, गोमती, रामगंगा, चम्बल आदि।
-पर्वत शिखर गाडविन आस्टिन या माउण्ट के 2 (8,611 मी.), कंचनजंघा (8,598 मी.), नंगा पर्वत (8,126 मी.), नंदादेवी (7,717 मी.), कामेत (7,756 मी.), मकालू (8,078 मी.), अन्नपूर्णा (8,078 मी.), मनसालू (8,156 मी.), बद्रीनाथ, केदारनाथ, त्रिशूल, माना, गंगोत्री, गुरुशिखर, महेन्द्रगिरि, अनाईमुडी आदि।
-झील डल, वुलर, नैनी, सातताल, नागिन, सांभर, डीडवाना, चिल्का, हुसैन सागर, वेम्बानद आदि।
-जलवायु मानसूनी
-वनक्षेत्र 750 लाख हेक्टेयर [13]
-प्रमुख मिट्टियाँ जलोढ़, काली, लाल, पीली, लैटेराइट, मरुस्थलीय, पर्वतीय, नमकीन एवं पीट तथा दलदली।
-सिंचाई [14] नहरें (40.0%) कुएँ (37.8%), तालाब (14.5%) तथा अन्य (7.7%)।
-कृषि के प्रकार तर खेती [15], आर्द्र खेती [16], झूम कृषि [17] तथा पर्वतीय कृषि [18]
-खाद्यान्न फ़सलें चावल, गेहूँ, ज्वार, बाजरा, रागी, जौ आदि।
-नक़दी फ़सलें गन्ना, चाय, काफ़ी, रबड़, नारियल, फल एवं सब्जियाँ, दालें, तम्बाकू, कपास तथा तिलहनी फ़सलें।
-खनिज संसाधन लौह अयस्क, कोयला, मैंगनीज, अभ्रक, बॉक्साइट, चूनापत्थर, यूरेनियम, सोना, चाँदी, हीरा, खनिज तेल आदि।

जनसंख्या 1,028,610,328 (2001) [19]
-पुरुष जनसंख्या 53,21,56,772
-महिला जनसंख्या 49,64,53,556
-अनुसूचित जाति [20] 16,66,35,700 (कुल जनसंख्या का 16.2%)
-अनुसूचित जनजाति [21] 8,43,26,240 (कुल जनसंख्या का 8.2%)
-प्रमुख जनजातियाँ गद्दी, गुज्जर, थारू, भोटिया, मिपुरी, रियाना, लेप्चा, मीणा, भील, गरासिया, कोली, महादेवी, कोंकना, संथाल, मुंडा, उराँव, बैगा, कोया, गोंड आदि।
-विश्व में स्थान (जनसंख्या) दूसरा
-विश्व जनसंख्या का प्रतिशत 16.87%
-जनसंख्या घनत्व 324 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी
-जनसंख्या वृद्धि दर (दशक) 21.54% (1991-2001)
-औसत वृद्धि दर [22] 1.95%
-लिंगानुपात ♀/♂ 933 : 1000
-राज भाषा हिन्दी [23]
-प्रति व्यक्ति आय 27,786 रु0 (2007-08)

अर्थव्यवस्था
-निर्यात की वस्तुएँ इंजीनियरी उपकरण, मसाले, तम्बाकू, चमड़े का सामान, चाय, लौह अयस्क आदि।
-आयात की वस्तुएँ रसायन, मशीनरी, उपकरण, उर्वरक, खनिज तेल आदि।
-व्यापार सहयोगी संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, नये राष्ट्रों के राष्ट्रकुल (सी.आई.एस.) के देश, जापान, इटली, जर्मनी, पूर्वी यूरोपीय देश।
-राष्ट्रीयकृत बैंकों की संख्या 20
-तेलशोधनशालाओं की संख्या 13
-कुल उद्यमों की संख्या 4,212 करोड़ (कृषि में संलग्न उद्यमों के अतिरिक्त)
-उद्यम (ग्रामीण क्षेत्र) 2,581 करोड़ (कृषि में संलग्न उद्यमों के अतिरिक्त)
-उद्यम (शहरी क्षेत्र) 1,631 करोड़ (38.7%)।
-कृषि कार्य का प्रतिशत [24] 15%
-गैर-कृषि कार्य का प्रतिशत [25] 85%
-उद्यम (10 या अधिक कामगार) 5.83 लाख [26]
-सर्वाधिक उद्यम (पांच राज्य) तमिलनाडु-4446999 (10.56%), महाराष्ट्र- 4374764 (10.39%), पश्चिम बंगाल- 4285688 (10.17%), आंध्र प्रदेश- 4023411 (9.55%), उत्तर प्रदेश- 4015926 (9.53%)।
-सर्वाधिक उद्यम (केन्द्र शासित) दिल्ली-753795(1.79%), चंडीगढ़- 65906 (0.16%), पाण्डिचेरी-49915 (0.12%)।
-प्रमुख उद्योग लौह-इस्पात, जलयान निर्माण, मोटर वाहन, साइकिल, सूतीवस्त्र, ऊनी वस्त्र, रेशमी वस्त्र, वायुयान, उर्वरक, दवाएं एवं औषधियां, रेलवे इंजन, रेल के डिब्बे, जूट, काग़ज़, चीनी, सीमेण्ट, मत्स्ययन, चमड़ा उद्योग, शीशा, भारी एवं हल्के रासायनिक उद्योग तथा रबड़ उद्योग।
-बड़े बन्दरगाहों की संख्या 12 बड़े एवं 139 छोटे बंदरगाह।
-प्रमुख बन्दरगाह मुम्बई, न्हावा शेवा, कलकत्ता, हल्दिया, गोवा, कोचीन, कांडला, चेन्नई, न्यू मंगलोर, तूतीकोरिन, विशाखापटनम, मझगाँव, अलेप्पी, भटकल, भावनगर, कालीकट, काकीनाडा, कुडलूर, धनुषकोडि, पाराद्वीप, गोपालपुर।
-पश्चिमी तट प्रमुख बंदरगाह कांडला, मुंबई, मार्मुगाओं, न्यू मंगलौर, कोचीन और जवाहरलाल नेहरू
-पूर्वी तट के प्रमुख बंदरगाह तूतीकोरिन, चेन्नई, विशाखापत्तनम, पारादीप और कोलकाता- हल्दिया।
-पुराना बंदरगाह (पूर्वी तट) चेन्नई
-सबसे गहरा बंदरगाह विशाखापत्तनम
-कार्यशील व्यक्तियों की संख्या 31.5 करोड़, मुख्य श्रमिक- 28.5 करोड़, सीमान्त श्रमिक- 3,0 करोड़
-ताजे जल की मछलियाँ सॉ-फिश, लाइवफिश, फैदरबैंक, एंकावी, ईल, बाटा, रेवा, तोर, चिताला, कटला, मिंगाल, मिल्कफिश, कार्प, पर्लशाट आदि।

परिवहन
-जल परिवहन कोलकाता (केन्द्रीय अन्तर्देशीय जल परिवहन निगम का मुख्यालय)
-सड़क मार्ग की कुल लम्बाई 33,19,664 किमी.
-राष्ट्रीय राजमार्गों की संख्या संख्यानुसार 109 जबकि कुल 143 (लगभग 19 निर्माणाधीन)।
-राष्ट्रीय राजमार्गों की कुल लम्बाई 66,590 किमी.
-सबसे लम्बा राष्ट्रीय राजमार्ग राजमार्ग संख्या 7 (लंबाई- 2369 किमी वाराणसी से कन्याकुमारी)
-राष्ट्रीय राजमार्ग (स्वर्ण चतुर्भुज) 5,846 किमी (योजना के अंतर्गत शामिल राष्ट्रीय राजमार्गों की कुल लम्बाई)
-राष्ट्रीय राजमार्ग (उत्तर-दक्षिण कॉरिडॉर) 7,300 किमी (योजना अंतर्गत शामिल राष्ट्रीय राजमार्गों की कुल लम्बाई)
-रेलमार्ग 63,465 किमी.
-रेलवे परिमण्डलों की संख्या 16
-सबसे बड़ा रेलवे परिमण्डल उत्तर रेलवे (11,023 किमी., मुख्यालय- नई दिल्ली)
-रेलवे स्टेशनों की संख्या लगभग 7,133 (31 मार्च, 2006 तक)
-रेल यात्रियों की संख्या 50,927 लाख प्रतिदिन (2002-03)
-रेल इंजनों की संख्या</ref> 8,025 (मार्च, 2006)।
-रेल सवारी डिब्बों की संख्या 42,570 (2001)
-रेल माल डिब्बों की संख्या 2,22,147 (2001)
-यात्री रेलगाड़ियों की संख्या 44,090
-अन्य सवारी रेल गाड़ियाँ 5,990
-अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों की संख्या पाँच [27]
-मुक्त आकाशीय हवाई अड्डा गया (बिहार)
-प्रस्तावित अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे बंगलौर, हैदराबाद, अहमदाबाद, गोवा, अमृतसर, गुवाहाटी एवं कोचीन।

अन्य
-जीव-जन्तु (अनुमानित) 75,000 जिनमें उभयचर- 2,500, सरीसृप- 450, पक्षी- 2,000 तथा स्तनपायी- 850
-राष्ट्रीय उद्यान 70
-वन्य प्राणी विहार 412
-प्राणी उद्यान 35
-राष्ट्रीय प्रतीक राष्ट्रध्वज- तिरंगा
-राजचिन्ह सिंहशीर्ष (सारनाथ)
-राष्ट्र गान जन गण मन [28]
-राष्ट्रीय गीत वन्दे मातरम् [29]
-राष्ट्रीय पशु बाघ (पैंथर टाइग्रिस)।
-राष्ट्रीय पक्षी मयूर (पावो क्रिस्टेशस)।
-स्वतन्त्रता दिवस 15 अगस्त
-गणतन्त्र दिवस 26 जनवरी

मुख्‍य भूभाग में चार क्षेत्र हैं, नामत: महापर्वत क्षेत्र, गंगा और सिंधु नदी के मैदानी क्षेत्र और मरूस्‍थली क्षेत्र और दक्षिणी प्रायद्वीप।

हिमालय की तीन श्रृंखलाएँ हैं, जो लगभग समानांतर फैली हुई हैं। इसके बीच बड़े - बड़े पठार और घाटियाँ हैं, इनमें कश्मीर और कुल्‍लू जैसी कुछ घाटियाँ उपजाऊ, विस्‍तृत और प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर हैं। संसार की सबसे ऊंची चोटियों में से कुछ इन्‍हीं पर्वत श्रृंखलाओं में हैं। अधिक ऊंचाई के कारण आना -जाना केवल कुछ ही दर्रों से हो पाता है, जिनमें मुख्‍य हैं -

  • चुंबी घाटी से होते हुए मुख्‍य भारत-तिब्‍बत व्‍यापार मार्ग पर जेलप ला और नाथू-ला दर्रे
  • उत्तर-पूर्व दार्जिलिंग
  • कल्‍पना (किन्‍नौर) के उत्तर - पूर्व में सतलुज घाटी में शिपकी ला दर्रा

पर्वतीय दीवार लगभग 2,400 कि.मी. की दूरी तक फैली है, जो 240 कि.मी. से 320 कि.मी. तक चौड़ी है। पूर्व में भारत तथा म्यांमार और भारत एवं बांग्लादेश के बीच में पहाड़ी श्रृंखलाओं की ऊंचाई बहुत कम है। लगभग पूर्व से पश्चिम तक फैली हुई गारो, खासी, जैंतिया और नगा पहाडियाँ उत्तर से दक्षिण तक फैली मिज़ो तथा रखाइन पहाडियों की श्रृंखला से जा मिलती हैं।

मरुस्‍थली क्षेत्र को दो भागों में बाँटा जा सकता है बड़ा मरुस्‍थल कच्‍छ के रण की सीमा से लुनी नदी के उत्‍तरी ओर आगे तक फैला हुआ है। राजस्थान सिंध की पूरी सीमा इससे होकर गुजरती है। छोटा मरुस्‍थल लुनी से जैसलमेर और जोधपुर के बीच उत्‍तरी भूभाग तक फैला हुआ बड़े और छोटे मरुस्‍थल के बीच का क्षेत्र बिल्‍कुल ही बंजर है जिसमें चूने के पत्‍थर की पर्वत माला द्वारा पृथक किया हुआ पथरीला भूभाग है।

पर्वत समूह और पहाड़ी श्रृंखलाएँ जिनकी ऊँचाई 460 से 1,220 मीटर है, प्रायद्वीपीय पठार को गंगा और सिंधु के मैदानी क्षेत्रों से अलग करती हैं। इनमें प्रमुख हैं अरावली, विंध्‍य, सतपुड़ा, मैकाला और अजन्‍ता। इस प्रायद्वीप की एक ओर पूर्व घाट दूसरी ओर पश्चिमी घाट है जिनकी ऊँचाई सामान्‍यत: 915 से 1,220 मीटर है, कुछ स्‍थानों में 2,440 मीटर से अधिक ऊँचाई है। पश्चिमी घाटों और अरब सागर के बीच एक संकीर्ण तटवर्ती पट्टी है जबकि पूर्व घाट और बंगाल की खाड़ी के बीच का विस्‍तृत तटवर्ती क्षेत्र है। पठार का दक्षिणी भाग नीलगिरी पहाड़ियों द्वारा निर्मित है जहाँ पूर्वी और पश्चिमी घाट मिलते हैं। इसके आगे इलायची की पहाडियाँ पश्चिमी घाट के विस्‍तारण के रुप में मानी जा सकती हैं।

भूगर्भीय संरचना

भू‍वैज्ञानिक क्षेत्र व्‍यापक रुप से भौतिक विशेषताओं का पालन करते हैं और इन्‍हें तीन क्षेत्रों के समूह में रखा जा सकता है:

  • हिमाचल पर्वत श्रृंखला और उनके संबद्ध पर्वत समूह
  • भारत-गंगा मैदान क्षेत्र
  • प्रायद्वीपीय ओट

उत्‍तर में हिमाचलय पर्वत क्षेत्र और पूर्व में नागालुशाई पर्वत, पर्वत निर्माण गतिविधि के क्षेत्र है। इस क्षेत्र का अधिकांश भाग जो वर्तमान समय में विश्‍व का सार्वधिक सुंदर पर्वत दृश्‍य प्रस्‍तुत करता है, 60 करोड़ वर्ष पहले समुद्री क्षेत्र में था। 7 करोड़ वर्ष पहले शुरू हुए पर्वत-निर्माण गतिविधियों की श्रृंखला में तलछटें और आधार चट्टानें काफ़ी ऊँचाई तक पहुँच गई। आज हम जो इन पर उभार देखते हैं, उनको उत्‍पन्‍न करने में अपक्षय और अपरदक ने कार्य किया। भारत-गंगा के मैदानी क्षेत्र एक जलोढ़ भूभाग हैं जो दक्षिण के प्रायद्वीप से उत्‍तर में हिमाचल को अलग करते हैं।

प्रायद्वीप सापेक्ष स्थिरता और कभी-कभार भूकंपीय परेशानियों का क्षेत्र है। 380 करोड़ वर्ष पहले के प्रारंभिक काल की अत्‍याधिक कायांतरित चट्टानें इस क्षेत्र में पायी जाती हैं, बाक़ी क्षेत्र गोंदवाना के तटवर्ती क्षेत्र से घिरा है, दक्षिण में सीढ़ीदार रचना और छोटी तलछटें लावा के प्रवाह से निर्मित हैं।

नदियाँ

ॠग्वैदिककालीन नदियाँ
प्राचीन नाम आधुनिक नाम
क्रुभु कुर्रम
कुभा काबुल
वितस्ता झेलम
आस्किनी चिनाव
पुरुष्णी रावी
शतुद्रि सतलज
विपाशा व्यास
सदानीरा गंडक
दृषद्वती घग्घर
गोमती गोमल
सुवास्तु स्वात
सिंधु सिन्ध
सरस्वती / दृशद्वर्ती घघ्घर / रक्षी / चित्तग
सुषोमा सोहन
मरूद्वृधा मरूवर्मन

भारत की नदियों को चार समूहों में वर्गीकृत किया जा सकता है जैसे :-

  • हिमाचल से निकलने वाली नदियाँ
  • दक्षिण से निकलने वाली नदियाँ
  • तटवर्ती नदियाँ
  • अंतर्देशीय नालों से द्रोणी क्षेत्र की नदियाँ

हिमालय से निकलने वाली नदियाँ बर्फ़ और ग्‍लेशियरों के पिघलने से बनी हैं अत: इनमें पूरे वर्ष के दौरान निरन्‍तर प्रवाह बना रहता है। मॉनसून माह के दौरान हिमालय क्षेत्र में बहुत अधिक वृष्टि होती है और नदियाँ बारिश पर निर्भर हैं अत: इसके आयतन में उतार चढ़ाव होता है। इनमें से कई अस्‍थायी होती हैं। तटवर्ती नदियाँ, विशेषकर पश्चिमी तट पर, लंबाई में छोटी होती हैं और उनका सीमित जलग्रहण क्षेत्र होता है। इनमें से अधिकांश अस्‍थायी होती हैं। पश्चिमी राजस्थान के अंतर्देशीय नाला द्रोणी क्षेत्र की कुछ्‍ नदियाँ हैं। इनमें से अधिकांश अस्‍थायी प्रकृति की हैं। हिमालय से निकलने वाली नदी की मुख्‍य प्रणाली सिंधु, गंगा, ब्रह्मपुत्र और मेघना नदी की प्रणाली की तरह है। दक्‍कन क्षेत्र में अधिकांश नदी प्रणालियाँ सामान्‍यत पूर्व दिशा में बहती हैं और बंगाल की खाड़ी में मिल जाती हैं। भारत में कई प्रकार की तटवर्ती नदियाँ हैं जो अपेक्षाकृत छोटी हैं। ऐसी नदियों में काफ़ी कम नदियाँ-पूर्वी तट के डेल्‍टा के निकट समुद्र में मिलती है, जबकि पश्चिम तट पर ऐसी 600 नदियाँ है। राजस्थान में ऐसी कुछ नदियाँ है जो समुद्र में नहीं मिलती हैं। ये खारे झीलों में मिल जाती है और रेत में समाप्‍त हो जाती हैं जिसकी समुद्र में कोई निकासी नहीं होती है।

भारत की प्रमुख नदियों की सूची

क्रम नदी लम्बाई (कि.मी.) उद्गम स्थान सहायक नदियाँ प्रवाह क्षेत्र (सम्बन्धित राज्य)
1 सिन्धु नदी 2,880 (709) मानसरोवर झील के निकट (तिब्बत) सतलुज, व्यास, झेलम, चिनाब, रावी, शिंगार, गिलगित, श्योक जम्मू और कश्मीर, लेह
2 झेलम नदी 720 शेषनाग झील, जम्मू-कश्मीर किशन, गंगा, पुँछ, लिदार, करेवाल, सिंध जम्मू-कश्मीर, कश्मीर
3 चिनाब नदी 1,180 बारालाचा दर्रे के निकट चन्द्रभागा जम्मू-कश्मीर
4 रावी नदी 725 रोहतांग दर्रा, कांगड़ा साहो, सुइल हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, पंजाब
5 सतलुज नदी 1440 (1050) मानसरोवर के निकट राकसताल व्यास, स्पिती, बस्पा हिमाचल प्रदेश, पंजाब
6 व्यास नदी 470 रोहतांग दर्रा तीर्थन, पार्वती, हुरला हिमाचल प्रदेश
7 गंगा नदी 2,510 (2071) गंगोत्री के निकट गोमुख से यमुना, रामगंगा, गोमती, बागमती, गंडक, कोसी, सोन, अलकनंदा, भागीरथी, पिण्डार, मंदाकिनी उत्तरांचल, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल
8 यमुना नदी 1375 यमुनोत्री ग्लेशियर चम्बल, बेतवा, केन, टोंस, गिरी, काली, सिंध, आसन उत्तरांचल, उत्तर प्रदेश, दिल्ली
9 रामगंगा नदी 690 नैनीताल के निकट एक हिमनदी से खोन उत्तरांचल, उत्तर प्रदेश
10 घाघरा नदी 1,080 मप्सातुंग (नेपाल) हिमनद शारदा, करनली, कुवाना, राप्ती, चौकिया उत्तर प्रदेश, बिहार
11 गंडक नदी 425 नेपाल तिब्बत सीमा पर मुस्ताग के निकट काली, गंडक, त्रिशूल, गंगा बिहार
12 कोसी नदी 730 नेपाल में सप्तकोशिकी (गोंसाईधाम) इन्द्रावती, तामुर, अरुण, कोसी सिक्किम, बिहार
13 चम्बल नदी 960 मऊ के निकट जानापाव पहाड़ी से काली, सिंध, सिप्ता, पार्वती, बनास मध्य प्रदेश
14 बेतवा नदी 480 भोपाल के पास उबेदुल्ला गंज के पास मध्य प्रदेश
15 सोन नदी 770 अमरकंटक की पहाड़ियों से रिहन्द, कुनहड़ मध्य प्रदेश, बिहार
16 दामोदर नदी 600 छोटा नागपुर पठार से दक्षिण पूर्व कोनार, जामुनिया, बराकर झारखण्ड, पश्चिम बंगाल
17 ब्रह्मपुत्र नदी 2,880 मानसरोवर झील के निकट (तिब्बत में सांग्पो) घनसिरी, कपिली, सुवनसिती, मानस, लोहित, नोवा, पद्मा, दिहांग अरुणाचल प्रदेश, असम
18 महानदी 890 सिहावा के निकट रायपुर सियोनाथ, हसदेव, उंग, ईब, ब्राह्मणी, वैतरणी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उड़ीसा
19 वैतरणी नदी 333 क्योंझर पठार उड़ीसा
20 स्वर्ण रेखा 480 छोटा नागपुर पठार उड़ीसा, झारखण्ड, पश्चिम बंगाल
21 गोदावरी नदी 1,450 नासिक की पहाड़ियों से प्राणहिता, पेनगंगा, वर्धा, वेनगंगा, इन्द्रावती, मंजीरा, पुरना महाराष्ट्र, कर्नाटक, आन्ध्र प्रदेश
22 कृष्णा नदी 1,290 महाबलेश्वर के निकट कोयना, यरला, वर्णा, पंचगंगा, दूधगंगा, घाटप्रभा, मालप्रभा, भीमा, तुंगप्रभा, मूसी महाराष्ट्र, कर्नाटक, आन्ध्र प्रदेश
23 कावेरी नदी 760 केरकारा के निकट ब्रह्मगिरी हेमावती, लोकपावना, शिमला, भवानी, अमरावती, स्वर्णवती कर्नाटक, तमिलनाडु
24 नर्मदा नदी 1,312 अमरकंटक चोटी तवा, शेर, शक्कर, दूधी, बर्ना मध्य प्रदेश, गुजरात
25 ताप्ती नदी 724 मुल्ताई से (बेतूल) पूरणा, बेतूल, गंजल, गोमई मध्य प्रदेश, गुजरात
26 साबरमती 716 जयसमंद झील (उदयपुर) वाकल, हाथमती राजस्थान, गुजरात
27 लूनी नदी नाग पहाड़ सुकड़ी, जनाई, बांडी राजस्थान, गुजरात, मिरूडी, जोजरी
28 बनास नदी खमनौर पहाड़ियों से सोड्रा, मौसी, खारी कर्नाटक, तमिलनाडु
29 माही नदी मेहद झील से सोम, जोखम, अनास, सोरन मध्य प्रदेश, गुजरात
30 हुगली नदी नवद्वीप के निकट जलांगी
31 उत्तरी पेन्नार 570 नंदी दुर्ग पहाड़ी पाआधनी, चित्रावती, सागीलेरू
32 तुंगभद्रा नदी पश्चिमी घाट में गोमन्तक चोटी कुमुदवती, वर्धा, हगरी, हिंद, तुंगा, भद्रा
33 मयूसा नदी आसोनोरा के निकट मेदेई
34 साबरी नदी 418 सुईकरम पहाड़ी सिलेरु
35 इन्द्रावती नदी 531 कालाहाण्डी, उड़ीसा नारंगी, कोटरी
36 क्षिप्रा नदी काकरी बरडी पहाड़ी, इंदौर चम्बल नदी
37 शारदा नदी 602 मिलाम हिमनद, हिमालय, कुमायूँ घाघरा नदी
38 तवा नदी महादेव पर्वत, पंचमढ़ी नर्मदा नदी
39 हसदो नदी सरगुजा में कैमूर पहाड़ियाँ महानदी
40 काली सिंध नदी 416 बागलो, ज़िला देवास, विंध्याचल पर्वत यमुना नदी
41 सिन्ध नदी सिरोज, गुना ज़िला चम्बल नदी
42 केन नदी विंध्याचल श्रेणी यमुना नदी
43 पार्वती नदी विंध्याचल, मध्य प्रदेश चम्बल नदी
44 घग्घर नदी कालका, हिमाचल प्रदेश
45 बाणगंगा नदी 494 बैराठ पहाड़ियाँ, जयपुर यमुना नदी
46 सोम नदी बीछा मेंड़ा, उदयपुर जोखम, गोमती, सारनी
47 आयड़ या बेडच नदी 190 गोमुण्डा पहाड़ी, उदयपुर बनास नदी
48 दक्षिण पिनाकिन 400 चेन्ना केशव पहाड़ी, कर्नाटक
49 दक्षिणी टोंस 265 तमसा कुंड, कैमूर पहाड़ी
50 दामन गंगा नदी पश्चिम घाट
51 गिरना नदी पश्चिम घाट, नासिक


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. (विश्व का 2.2% विश्व में 7वां स्थान)
  2. एकदम दक्षिणी भाग की भूमध्य रेखा से दूरी
  3. उत्तर में हिमालय पर्वतमाला से लगे हुए चीन, नेपाल तथा भूटान, पूर्व में पर्वतीय श्रृंखला से अलग हुआ म्यान्मार तथा पूर्व में ही बांग्लादेश, पश्चिम में पाकिस्तान एवं अफ़ग़ानिस्तान तथा दक्षिण में हिन्द महासागर, बंगाल की खाड़ी एवं अरब सागर
  4. द्वीपों सहित समुद्री सीमा की कुल लंबाई
  5. स्थलीय सीमा की लंबाई
  6. संघशासित क्षेत्रों की संख्या
  7. बंगाल की खाड़ी में द्वीपों की संख्या- 204, अरब सागर में द्वीपों की संख्या- 43।
  8. वे राज्य जिनसे होकर कर्क रेखा गुजरती है
  9. सर्वाधिक नगरीय जनसंख्या वाला संघ शासित क्षेत्र
  10. सबसे कम नगरीय जनसंख्या वाला संघ शासित क्षेत्र
  11. क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा संघशासित क्षेत्र
  12. प्रमुख सागरीय मछलियाँ- बटरफिश, स्वेत बेट, सारडाइन, प्रान, मैकरेल, ज्यूफिश, रिबनफिश, कैटफिश, सारंगा, दारा, ट्यूना, मुलेट्स, सियरफिश, शार्क, पामफ्रेट, श्रिम्प आदि। विश्व मत्स्ययन का- 2.7%।
  13. कुल क्षेत्रफल का 22.7%
  14. सिंचाई के साधन
  15. 200 सेमी. वार्षिक वर्षा वाले क्षेत्रों में बिना सिंचाई के
  16. 100 से 200 सेमी. वर्षा वालेऐ जलोढ़ एंव काली मिट्टी के क्षेत्रों में
  17. उत्तर-पूर्वी भारत, पश्चिमी घाट आदि क्षेत्रों में
  18. विशेष रूप से हिमालय के ढालों पर
  19. मणिपुर के सेनापति ज़िले के तीन उपज़िलों को छोड़कर
  20. अनुसूचित जातियों की संख्या
  21. अनुसूचित जनजातियों की संख्या
  22. औसत वार्षिक घातीय वृद्धि दर
  23. अनुच्छेद 344 (1), 351, आठवीं अनुसूची के अनुसार 22 भाषाऐं है जिनके नाम इस प्रकार है:- असमिया , बांग्ला , गुजराती , हिन्दी , कन्नड़ , कश्मीरी , कोंकणी , मलयालम , मणिपुरी , मराठी , नेपाली , उड़िया , पंजाबी , संस्कृत , सिंधी , तमिल , उर्दू , तेलुगु , बोडो , डोगरी , मैथिली , संथाली
  24. कृषि से संबंधित कार्य में संलग्न उद्यमों का प्रतिशत
  25. गैर-कृषि संबंधी कार्यों में संलग्न उद्यमों का प्रतिशत
  26. कुल उद्यमों का 1.4%
  27. जवाहर लाल नेहरू अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (सान्ताक्रुज, मुम्बई), सुभाष चन्द्र बोस हवाई अड्डा (दमदम- कोलकाता), इन्दिरा गाँधी अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (पालम, दिल्ली), मीनाम्बकम हवाई अड्डा (चेन्नई) तथा तिरुवनन्तपुरम।
  28. रचयिता-गुरुदेव रवीन्द्र नाथ टैगोर
  29. रचयिता- बंकिमचन्द्र चटर्जी