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*ये तिथियाँ पवित्र हैं और उनके लिए [[श्राद्ध]] किया जाता है। | *ये तिथियाँ पवित्र हैं और उनके लिए [[श्राद्ध]] किया जाता है। | ||
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12:48, 27 जुलाई 2011 के समय का अवतरण
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- मन्वादि में 14 मन्वन्तर होते हैं।
- चार युगों से एक महायुग होता है, जिसकी अवधि 43,20,000 वर्षों की होती है।
- एक सहस्र महायुग एक कल्प के बराबर होते हैं।
- कल्प को ब्रह्मा का एक दिन कहा जाता है।
- ब्रह्मा की रात्रि भी एक कल्प के बराबर होती है।
- एक कल्प में 14 मन्वन्तर होते हैं, प्रत्येक मन्वन्तर में 71 महायुग से थोड़ा अधिक होता है।
- विष्णु पुराण[1], मत्स्य पुराण[2], ब्रह्म पुराण[3], नारद पुराण[4] इन पुराणों में उन तिथियों का उल्लेख है, जिसमें प्रत्येक मन्वन्तर का आरम्भ हुआ, इसी से उन्हें मन्वादि तिथि कहा जाता है।
- ये तिथियाँ पवित्र हैं और उनके लिए श्राद्ध किया जाता है।
- विष्णुधर्मोत्तपुराशण[5] जहाँ 14 मन्वन्तरों के नाम एवं विवरण दिये गये हैं।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
अन्य संबंधित लिंक
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