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08:06, 21 मार्च 2011 के समय का अवतरण
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- यह व्रत भाद्रपद शुक्ल पक्ष द्वादशी को करना चाहिए।
- अवियोग द्वादशी में शिव एवं गौरी, ब्रह्मा एवं सावित्री, विष्णु एवं लक्ष्मी तथा सूर्य एवं उनकी पत्नी निक्षुभा की पूजा करनी चाहिए।[1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हेमाद्रि (व्रतखण्ड 1, 1177-1180)।
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