"मदन महोत्सव": अवतरणों में अंतर
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*तिथिव्रत; 'नमः कामाय देवाय मूर्तये। ब्रह्म विष्णु सुशानां मनः क्षोभ कराय वै।।' नामक मन्त्र के साथ मध्याह्न में [[कामदेव]] की प्रतिमा या चित्र की पूजा की जाती है। | *तिथिव्रत; 'नमः कामाय देवाय मूर्तये। ब्रह्म विष्णु सुशानां मनः क्षोभ कराय वै।।' नामक मन्त्र के साथ मध्याह्न में [[कामदेव]] की प्रतिमा या चित्र की पूजा की जाती है। | ||
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*कर्ता चिन्ता रोग से मुक्त हो जाता है, यश एवं धन पाता है। | *कर्ता चिन्ता रोग से मुक्त हो जाता है, यश एवं धन पाता है। | ||
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12:56, 27 जुलाई 2011 के समय का अवतरण
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- चैत्र शुक्ल त्र्योदशी पर यह व्रत किया जाता है।
- तिथिव्रत; 'नमः कामाय देवाय मूर्तये। ब्रह्म विष्णु सुशानां मनः क्षोभ कराय वै।।' नामक मन्त्र के साथ मध्याह्न में कामदेव की प्रतिमा या चित्र की पूजा की जाती है।
- कामदेव के समक्ष मिष्ठान रखे जाते हैं; दो गायों का दान; पत्नी को अपने पति की पूजा यह समझ कर करनी चाहिए कि ये (मेरे पति) स्वयं काम हैं; रात्रि में जागर, नृत्योत्सव, प्रकाश एवं नाटकाभिनय किया जाता है।
- यह व्रत प्रति वर्ष किया जाना चाहिए।
- कर्ता चिन्ता रोग से मुक्त हो जाता है, यश एवं धन पाता है।
- हेमाद्रि [1] में शिव द्वारा मदन का जलाना एवं इस तिथि पर उसके पुनर्जन्म की गाथी दी हुई है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हेमाद्रि (व्रत0 2, 21-24, भविष्योत्तरपुराण से उद्धरण
संबंधित लेख
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