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प्रसिद्ध भारतीय कला आलोचक गीता कपूर ने 20वीं सदी के दौरान इस उपमहाद्वीप में समकालीन कला के उद्भव के दस्तावेज़ तैयार किए हैं। [[कला]], फ़िल्म, सांस्कृतिक सिद्धांत पर उनका निबंध व्यापक रूप से पसंद किया गया है। उन्होंने राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शनी भी लगाईं। भारतीय उन्नत शिक्षण संस्थान, शिमला में उन्होंने सभा आयोजित की। उन्होंने 2011 में, हांगकांग स्थित एशिया आर्ट आर्काइव (A.A.A.) में अपने संग्रह को डिजीटल किया और फ़रवरी 2011 में [[जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय|जवाहरलाल नेहरु यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली]] में 'एक और लाइफ' नामक प्रदर्शनी का आयोजन किया। | प्रसिद्ध भारतीय कला आलोचक गीता कपूर ने 20वीं सदी के दौरान इस उपमहाद्वीप में समकालीन कला के उद्भव के दस्तावेज़ तैयार किए हैं। [[कला]], फ़िल्म, सांस्कृतिक सिद्धांत पर उनका निबंध व्यापक रूप से पसंद किया गया है। उन्होंने राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शनी भी लगाईं। भारतीय उन्नत शिक्षण संस्थान, शिमला में उन्होंने सभा आयोजित की। उन्होंने 2011 में, हांगकांग स्थित एशिया आर्ट आर्काइव (A.A.A.) में अपने संग्रह को डिजीटल किया और फ़रवरी 2011 में [[जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय|जवाहरलाल नेहरु यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली]] में 'एक और लाइफ' नामक प्रदर्शनी का आयोजन किया। |
07:33, 7 नवम्बर 2017 के समय का अवतरण
गीता कपूर (अंग्रेज़ी: Geeta Kapur, जन्म- 1943) भारत की अग्रणी कला समीक्षक, इतिहासकार और क्यूरेटर हैं। वह भारत में कला आलोचनात्मक लेखन के अग्रदूतों में से एक हैं।
परिचय
गीता कपूर का जन्म 1943 को एम. एन कपूर, जोकि मॉडर्न स्कूल, नई दिल्ली के प्रिंसिपल थे, के यहाँ हुआ था। गीता उनकी बड़ी पुत्री हैं। उनके पति विवान सुंदरम हैं, जोकि स्थापना कलाकार हैं।
शिक्षा
गीता ने 1947 से 1959 तक आधुनिक विद्यालय में अध्ययन करते हुए कला में श्रेष्ठता प्राप्त की। तत्पश्चात् उन्होंने न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय से 1963 में आर्ट्स में एम. ए. और रॉयल कॉलेज ऑफ़ आर्ट, लंदन से आर्ट्स में पुन: एम. ए. है। वह 1967 से 1973 तक आई. आई. टी., दिल्ली के मानविकी और सामाजिक विज्ञान विभाग में पढ़ा चुकी हैं।
कार्यक्षेत्र
प्रसिद्ध भारतीय कला आलोचक गीता कपूर ने 20वीं सदी के दौरान इस उपमहाद्वीप में समकालीन कला के उद्भव के दस्तावेज़ तैयार किए हैं। कला, फ़िल्म, सांस्कृतिक सिद्धांत पर उनका निबंध व्यापक रूप से पसंद किया गया है। उन्होंने राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शनी भी लगाईं। भारतीय उन्नत शिक्षण संस्थान, शिमला में उन्होंने सभा आयोजित की। उन्होंने 2011 में, हांगकांग स्थित एशिया आर्ट आर्काइव (A.A.A.) में अपने संग्रह को डिजीटल किया और फ़रवरी 2011 में जवाहरलाल नेहरु यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली में 'एक और लाइफ' नामक प्रदर्शनी का आयोजन किया।
प्रमुख पुस्तकें
इनकी प्रमुख पुस्तकें हैं-
- कॉन्टेम्पॉरेरी इंडियन आर्टिस्ट (Contemporary Indian artists)
- वेन वाज मॉडर्निज्म: ऐस्सेस ऑन कॉन्टेम्पॉरेरी कल्चरल प्रैक्टिस इन इंडियन (When was Modernism: Essays on Contemporary Culturalce Practice in India)
- एंड्स एंड मीन: क्रिटिकल इंसक्रिप्शन इन कॉन्टेम्पॉरेरी आर्ट (Ends and Means: Critical inscription in contemporary art)
पुरस्कार एवं सम्मान
चित्रकला में में विशेष योगदान के लिए भारत सरकार द्वारा उन्हें 2009 में पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
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