"तुम्हारे लिए कुछ भी असंभव नहीं -वंदना गुप्ता": अवतरणों में अंतर
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सबको सब कुछ नहीं मिलता | सबको सब कुछ नहीं मिलता | ||
सिर्फ एक चाह बलवती हो जाती है | सिर्फ एक चाह बलवती हो जाती है | ||
"यदि चाहोगे तो मिलेगा | "यदि चाहोगे तो मिलेगा ज़रूर " | ||
सुना है तुम पूरा करते हो | सुना है तुम पूरा करते हो |
10:49, 2 जनवरी 2018 के समय का अवतरण
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सुनो कृष्ण |
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