"नीराजन नवमी": अवतरणों में अंतर

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*दुर्गा एवं आयुधों की रात्रि में पूजा की जाती है।
*दुर्गा एवं आयुधों की रात्रि में पूजा की जाती है।
*दूसरे दिन सूर्योदय पर इस नीराजन शान्ति को करना चाहिए।<ref>निर्णयामृत (पृष्ठ 76, श्लोक 931-933)।</ref>
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09:45, 21 मार्च 2011 के समय का अवतरण

  • भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
  • कृष्ण पक्ष की नवमी पर (सम्भवतः आश्विन मास में?) यह व्रत आता है।
  • दुर्गा एवं आयुधों की रात्रि में पूजा की जाती है।
  • दूसरे दिन सूर्योदय पर इस नीराजन शान्ति को करना चाहिए।[1]

 

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. निर्णयामृत (पृष्ठ 76, श्लोक 931-933)।

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