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09:47, 21 मार्च 2011 के समय का अवतरण
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- पूर्णिमा देवी की प्रतिमा की पूजा की जाती है।
- पाँच पूर्णिमाओं पर एकभक्त।
- अन्त में पाँच पात्रों का, जिनमें क्रम से दूध, दही, घी, मधु एवं श्वेत शक्कर भरी रहती है, दान दिया जाता है।
- कर्ता को सभी वांछित फल प्राप्त होते हैं।[1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हेमाद्रि (व्रतखण्ड 2, 195-196, भविष्योत्तरपुराण से उद्धरण)।
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