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*व्योमव्रत के देवता सूर्य हैं। हेमाद्रि (व्रत खण्ड 2, 904-5, [[भविष्य पुराण]] से उद्धरण)। | *व्योमव्रत के देवता सूर्य हैं।<ref>हेमाद्रि (व्रत खण्ड 2, 904-5, [[भविष्य पुराण]] से उद्धरण)।</ref> | ||
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10:47, 21 मार्च 2011 के समय का अवतरण
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- श्वेत चन्दन लेप से अँगूठे भर का व्योम बनाकर सूर्य के समक्ष रख देना चाहिए।
- करवीर के पुष्पों से सूर्य पूजा करनी चाहिए।
- प्रतिमा के पूर्व, दक्षिण, पश्चिम एवं उत्तर क्रम से कुंकुम, अगुरु, श्वेत चन्दन एवं चतु:सम एवं मध्य में लाल चन्दन रखना चाहिए।
- व्योमव्रत का मंत्र यह है, 'खखोल्काय नम:'
- व्योमव्रत के देवता सूर्य हैं।[1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हेमाद्रि (व्रत खण्ड 2, 904-5, भविष्य पुराण से उद्धरण)।
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