"हाइड्रोजन": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
No edit summary
 
(9 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 45 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
{{Elementbox
{{सूचना बक्सा हाइड्रोजन}}
|name=हाइड्रोजन
'''हाइड्रोजन''' ([[अंग्रेज़ी]]:''Hydrogen'') [[आवर्त सारणी]] का प्रथम [[तत्व]] है। हाइड्रोजन का [[हिन्दी]] नाम 'उदजन' है। यह अन्य सभी तत्वों से हल्का होता है। इसका प्रतीकानुसार 'उ' (H) तथा [[परमाणु संख्या]] 1 होती है। इसका [[परमाणु द्रव्यमान]] 1.008 होता है। इसका [[इलेक्ट्रॉनिक विन्यास]] 1s<sup>1</sup> होता है। इसे आवर्त सारणी के उपवर्ग IA में रखा गया है। यह 's' - ब्लॉक का सदस्य है। कुछ मामले में हाइड्रोजन की समानता [[हैलोजन]] के साथ होने के कारण इसे इन [[तत्व|तत्वों]] के साथ उपवर्ग VIIA में भी रख दिया गया है। प्रथम तत्त्व होने के कारण हाइड्रोजन का 9वाँ स्थान है। [[सूर्य (तारा)|सूर्य]] और [[तारा|तारों]] का आधा भाग हाइड्रोजन का बना है। हाइड्रोजन को भविष्य का [[ईंधन]] कहा जाता है। इसके [[नाभिक]] में सिर्फ़ एक [[प्रोटॉन]] होता है। यह आवर्त सारणी का एकमात्र ऐसा तत्त्व है, इसके नाभिक में [[न्यूट्रॉन]] नहीं पाया जाता है। इसकी खोज 1766 ई. में हेनरी कैवेंडिस ने की। हाइड्रोजन सभी [[अम्ल|अम्लों]] का अनिवार्य अंग है।<ref>(DAVY का कथन)</ref>
|symbol=H
==हाइड्रोजन निर्माण की विधि==
|number=1
(i) [[लाल रंग|लाल]] तप्त [[लोहा|लोहे]] पर भाप प्रवाहित करने पर हाइड्रोजन [[गैस]] प्राप्त होती है।
|pronounce=
<blockquote>3Fe + 4H<sub>2</sub>O → Fe<sub>3</sub>O<sub>4</sub> + 4H<sub>2</sub>↑</blockquote>
|left=-
<blockquote>3लो + 4उ<sub>2</sub>जा → लो<sub>3</sub>जा<sub>4</sub> + 4उ<sub>2</sub>↑</blockquote>
|right=[[हिलियम]]
(ii) हाइड्रोजन की [[जल]] से प्रतिक्रिया करने पर हाइड्रोजन गैस प्राप्त होती है।
|above=-
<blockquote>CaH<sub>2</sub> + 2H<sub>2</sub>O → Ca(OH)<sub>2</sub> + H<sub>2</sub>↑</blockquote>
|below=[[लिथियम|Li]]
<blockquote>चू.उ<sub>2</sub> + 2उ<sub>2</sub>जा → चू(जा.उ)<sub>2</sub> + उ<sub>2</sub>↑</blockquote>
|series=अधातु
(iii) [[सोडियम]] की जल के साथ प्रतिक्रिया करने पर हाइड्रोजन गैस प्राप्त होती है।
|series comment=
<blockquote>2Na + 2H<sub>2</sub>O → 2NaOH + H<sub>2</sub>↑</blockquote>
|group=1
<blockquote>2क्षा + 2उ<sub>2</sub>जा → 2क्षा.जा.उ + उ<sub>2</sub>↑</blockquote>
|period=1
 
|block=s
==हाइड्रोजन का अधिशोषण==
|series color=
[[पलाडियम]] जैसी कुछ [[धातु|धातुओं]] के महीन चूर्ण द्वारा हाइड्रोजन गैस शीघ्रता से अवशोषित कर ली जाती है। धातु को गर्म करने पर अधिशोषित गैस पुनः बाहर निकल जाती है। हाइड्रोजन के इस प्रकार अधिशोषित होने की क्रिया को हाइड्रोजन का अधिशोषण कहते हैं।
|phase color=
==तेलों का हाइड्रोजनीकरण==
|appearance=प्लाज़्मा अवस्था में बैंगनी प्रभा सहित रंगहीन गैस  
उच्च [[दाब]] पर निकेल उत्प्रेरक की उपस्थिति में हाइड्रोजन वनस्पलि तेलों से संयोग करके उन्हें वनस्पति घी में परिणत कर देता है, इस प्रक्रिया को तेलों का [[हाइड्रोजनीकरण]] कहते हैं।
|image name=Hydrogenglow.jpg
==हाइड्रोजन का उपयोग==
|image size=
# प्रायः अन्य गैसों के साथ मिश्रित कर [[ईंधन]] के रूप में उपयोग करा जाता है।
|image name comment=
# हैबर विधि से [[अमोनिया]] के उत्पादन में होता है।
|image name 2=Hydrogen Spectra.jpg
# वनस्पति घी के निर्माण में उपयोग होता है।
|image size 2=
# गैसोलिन के उत्पाद में भी उपयोग होता है
|image name 2 comment=हाइड्रोजन की वर्णक्रम रेखाएँ
# [[जारक]] हाइड्रोजन लौ ([[ताप]] 2800°C) का उपयोग धातुओं को काटने तथा जोड़ने में होता है।
|atomic mass=1.00794
# हल्की गैस होने के कारण गुब्बारे में भरने में होता है, किन्तु ज्वलनशील होने के कारण आजकल इसकी जगह [[यानाति]] या [[यानाति]]-हाइड्रोजन मिश्रण (He 85% + H<sub>2</sub> 15%) का व्यवहार होता है।
|atomic mass 2=7
# [[द्रव]] हाइड्रोजन बाण-हवाई (रॉकेट) ईंधन के रूप में प्रयुक्त होता है।
|atomic mass comment=
 
|electron configuration=1s<sup>1</sup>
==हाइड्रोजन के रूप==
|electrons per shell=1
====नवजात हाइड्रोजन====
|color=रंगहीन
रासायनिक प्रतिक्रिया के फलस्वरूप किसी [[यौगिक]] से तुरन्त निकली हुई हाइड्रोजन गैस नवजात कहलाती है। यह आण्विक हाइड्रोजन से अधिक क्रियाशील होता है।
|phase=गैस
====परमाण्विक हाइड्रोजन====
|phase comment=
हाइड्रोजन [[अणु]] के विघटन से प्राप्त होने वाले हाइड्रोजन को परमाण्विक हाइड्रोजन कहते हैं।
|density gplstp=0.08988
====ऊर्ध्व (ऑर्थों) हाइड्रोजन====
|density gpcm3nrt=
हाइड्रोजन का वह रूप जिसमें हाइड्रोजन आणु के [[परमाणु|परमाणुओं]] के नाभिक एक ही दिशा में चक्रण करते हैं, ऊर्ध्व-हाइड्रोजन कहलाता है।
|density gpcm3nrt 3=
====परा (पारा) हाइड्रोजन====
|density gpcm3mp=0.07 (0.0763 solid)<ref>{{cite book|url=http://books.google.com/books?id=vEwj1WZKThEC&pg=PA240|page=240|title=Inorganic chemistry|author=Wiberg, Egon; Wiberg, Nils; Holleman, Arnold Frederick|publisher=Academic Press|year=2001|isbn=0123526515}}</ref>
हाइड्रोजन का वह रूप जिसमें हाइड्रोजन आणु के परमाणुओं के नाभिक एक दूसरे के विपरीत दिशा में चक्रण करते हैं, परा-हाइड्रोजन कहलाता है।
|melting point K=14.01
 
|melting point C=-259.14
==हाइड्रोजन के समस्थानिक==
|melting point F=-434.45
{{main|हाइड्रोजन के समस्थानिक}}
|melting point pressure=
हाइड्रोजन के तीन [[समस्थानिक]] होते हैं, ये है-
|sublimation point K=
#प्रोटियम (<sub>1</sub>H<sup>1</sup>)
|sublimation point C=
#ड्यूटेरियम (<sub>1</sub>H<sup>2</sup> या D)
|sublimation point F=
#ट्राइटियम (<sub>1</sub>H<sup>3</sup> या T)
|sublimation point pressure=
 
|boiling point K=20.28
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक3|माध्यमिक=|पूर्णता=|शोध=}}
|boiling point C=-252.87
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
|boiling point F=-423.17
|boiling point pressure=
|triple point K=13.8033
|triple point kPa=7.042
|triple point K 2=
|triple point kPa 2=
|critical point K=32.97
|critical point MPa=1.293
|heat fusion=(H<sub>2</sub>) 0.117
|heat fusion 2=
|heat fusion pressure=
|heat vaporization=(H<sub>2</sub>) 0.904
|heat vaporization pressure=
|heat capacity=(H<sub>2</sub>) 28.836
|heat capacity pressure=
|vapor pressure 1=
|vapor pressure 10=
|vapor pressure 100=
|vapor pressure 1 k=
|vapor pressure 10 k=15
|vapor pressure 100 k=20
|vapor pressure comment=
|crystal structure=षटकोणीय
|oxidation states=1, -1
|oxidation states comment=amphoteric oxide
|electronegativity=2.20
|number of ionization energies=1
|1st ionization energy=1312.0
|2nd ionization energy=
|3rd ionization energy=
|atomic radius=
|atomic radius calculated=
|covalent radius=31±5
|Van der Waals radius=120
|magnetic ordering=[[diamagnetic]]<ref>[http://www-d0.fnal.gov/hardware/cal/lvps_info/engineering/elementmagn.pdf Magnetic susceptibility of the elements and inorganic compounds], in Handbook of Chemistry and Physics 81st edition, CRC press. </ref>
|electrical resistivity=
|electrical resistivity at 0=
|electrical resistivity at 20=
|thermal conductivity=0.1805
|thermal conductivity 2=
|thermal diffusivity=
|thermal expansion=
|thermal expansion at 25=
|speed of sound=(गैस, 27 °C) 1310
|speed of sound rod at 20=
|speed of sound rod at r.t.=
|Tensile strength=
|Young's modulus=
|Shear modulus=
|Bulk modulus=
|Poisson ratio=
|Mohs hardness=
|Vickers hardness=
|Brinell hardness=
|CAS number=1333-74-0
|isotopes=
{{Elementbox_isotopes_stable | mn=1 | sym=H | na=99.985% | n=0 }}
{{Elementbox_isotopes_stable | mn=2 | sym=H | na=0.015% | n=1 | link=Deuterium }}
{{Elementbox_isotopes_decay | mn=3 | sym=H | na=[[Trace radioisotope|trace]] | hl=12.32 [[years|y]] | dm=[[beta minus decay|β<sup>&minus;</sup>]] | de=0.01861 | pn=3 | ps=[[helium|He]] | link=Tritium }}
}}
<references/>
<references/>
[[Category:रसायन विज्ञान]]
==संबंधित लेख==
[[Category:विज्ञान_कोश]]
{{आवर्त सारणी}}{{रसायन विज्ञान}}
[[Category:रसायन विज्ञान]][[Category:रासायनिक तत्त्व]][[Category:गैसें]][[Category:भौतिक रसायन]][[Category:पदार्थ प्रावस्थाएँ]][[Category:विज्ञान_कोश]]
__INDEX__
__INDEX__

12:14, 14 फ़रवरी 2021 के समय का अवतरण

हाइड्रोजन
प्लाज़्मा अवस्था में बैंगनी प्रभा सहित रंगहीन गैस

हाइड्रोजन की वर्णक्रम रेखाएँ
हाइड्रोजन की वर्णक्रम रेखाएँ
साधारण गुणधर्म
नाम, प्रतीक, संख्या हाइड्रोजन, H, 1
हिन्दी नाम उदजन
तत्व श्रेणी अधातु
समूह, आवर्त, कक्षा 1, 1, s
मानक परमाणु भार 1.00794g·mol−1
इलेक्ट्रॉन विन्यास 1s1
इलेक्ट्रॉन प्रति शेल 1
भौतिक गुणधर्म
रंग रंगहीन
अवस्था गैस
घनत्व (0 °C, 101.325 kPa)
0.08988 g/L
तरल घनत्व
(गलनांक पर)
0.07 (0.0763 ठोस) g·cm−3
तरल घनत्व (गलनांक पर) 0.07099 g·cm−3
गलनांक 14.01 K, -259.14 °C, -434.45 °F
क्वथनांक 20.28 K, -252.87 °C, -423.17 °F
त्रिगुण बिंदु 13.8033 K (-259°C), 7.042 kPa
संकट बिंदु 32.97 K, 1.293 MPa
संलयन ऊष्मा (H2) 0.117 किलो जूल-मोल
वाष्पन ऊष्मा (H2) 0.904 किलो जूल-मोल
विशिष्ट ऊष्मीय
क्षमता
(H2) 28.836

जूल-मोल−1किलो−1

वाष्प दाब
P (Pa) 1 10 100 1 k 10 k 100 k
at T (K) 15 20
परमाण्विक गुणधर्म
ऑक्सीकरण अवस्था 1, -1
(उदासीन ऑक्साइड)
इलेक्ट्रोनेगेटिविटी 2.20 (पाइलिंग पैमाना)
आयनीकरण ऊर्जाएँ 1st: 1312.0 कि.जूल•मोल−1
सहसंयोजक त्रिज्या 31±5 pm
वैन्डैर वाल्स त्रिज्या 120 pm
विविध गुणधर्म
क्रिस्टल संरचना षटकोणीय
चुम्बकीय क्रम प्रतिचुम्बकीय
ऊष्मीय चालकता (300 K) 0.1805 W·m−1·K−1
ध्वनि की गति (गैस, 27 °C) 1310 m/s
सी.ए.एस पंजीकरण
संख्या
1333-74-0
समस्थानिक
समस्थानिक प्रा. प्रचुरता अर्द्ध आयु क्षरण अवस्था क्षरण ऊर्जा
(MeV)
क्षरण उत्पाद
1H 99.985% 1H 0 न्यूट्रॉन के साथ स्थिर
2H 0.015% 2H 1 न्यूट्रॉन के साथ स्थिर
3H ट्रेस 12.32 y β 0.01861 3He

हाइड्रोजन (अंग्रेज़ी:Hydrogen) आवर्त सारणी का प्रथम तत्व है। हाइड्रोजन का हिन्दी नाम 'उदजन' है। यह अन्य सभी तत्वों से हल्का होता है। इसका प्रतीकानुसार 'उ' (H) तथा परमाणु संख्या 1 होती है। इसका परमाणु द्रव्यमान 1.008 होता है। इसका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 1s1 होता है। इसे आवर्त सारणी के उपवर्ग IA में रखा गया है। यह 's' - ब्लॉक का सदस्य है। कुछ मामले में हाइड्रोजन की समानता हैलोजन के साथ होने के कारण इसे इन तत्वों के साथ उपवर्ग VIIA में भी रख दिया गया है। प्रथम तत्त्व होने के कारण हाइड्रोजन का 9वाँ स्थान है। सूर्य और तारों का आधा भाग हाइड्रोजन का बना है। हाइड्रोजन को भविष्य का ईंधन कहा जाता है। इसके नाभिक में सिर्फ़ एक प्रोटॉन होता है। यह आवर्त सारणी का एकमात्र ऐसा तत्त्व है, इसके नाभिक में न्यूट्रॉन नहीं पाया जाता है। इसकी खोज 1766 ई. में हेनरी कैवेंडिस ने की। हाइड्रोजन सभी अम्लों का अनिवार्य अंग है।[1]

हाइड्रोजन निर्माण की विधि

(i) लाल तप्त लोहे पर भाप प्रवाहित करने पर हाइड्रोजन गैस प्राप्त होती है।

3Fe + 4H2O → Fe3O4 + 4H2

3लो + 4उ2जा → लो3जा4 + 4उ2

(ii) हाइड्रोजन की जल से प्रतिक्रिया करने पर हाइड्रोजन गैस प्राप्त होती है।

CaH2 + 2H2O → Ca(OH)2 + H2

चू.उ2 + 2उ2जा → चू(जा.उ)2 + उ2

(iii) सोडियम की जल के साथ प्रतिक्रिया करने पर हाइड्रोजन गैस प्राप्त होती है।

2Na + 2H2O → 2NaOH + H2

2क्षा + 2उ2जा → 2क्षा.जा.उ + उ2

हाइड्रोजन का अधिशोषण

पलाडियम जैसी कुछ धातुओं के महीन चूर्ण द्वारा हाइड्रोजन गैस शीघ्रता से अवशोषित कर ली जाती है। धातु को गर्म करने पर अधिशोषित गैस पुनः बाहर निकल जाती है। हाइड्रोजन के इस प्रकार अधिशोषित होने की क्रिया को हाइड्रोजन का अधिशोषण कहते हैं।

तेलों का हाइड्रोजनीकरण

उच्च दाब पर निकेल उत्प्रेरक की उपस्थिति में हाइड्रोजन वनस्पलि तेलों से संयोग करके उन्हें वनस्पति घी में परिणत कर देता है, इस प्रक्रिया को तेलों का हाइड्रोजनीकरण कहते हैं।

हाइड्रोजन का उपयोग

  1. प्रायः अन्य गैसों के साथ मिश्रित कर ईंधन के रूप में उपयोग करा जाता है।
  2. हैबर विधि से अमोनिया के उत्पादन में होता है।
  3. वनस्पति घी के निर्माण में उपयोग होता है।
  4. गैसोलिन के उत्पाद में भी उपयोग होता है
  5. जारक हाइड्रोजन लौ (ताप 2800°C) का उपयोग धातुओं को काटने तथा जोड़ने में होता है।
  6. हल्की गैस होने के कारण गुब्बारे में भरने में होता है, किन्तु ज्वलनशील होने के कारण आजकल इसकी जगह यानाति या यानाति-हाइड्रोजन मिश्रण (He 85% + H2 15%) का व्यवहार होता है।
  7. द्रव हाइड्रोजन बाण-हवाई (रॉकेट) ईंधन के रूप में प्रयुक्त होता है।

हाइड्रोजन के रूप

नवजात हाइड्रोजन

रासायनिक प्रतिक्रिया के फलस्वरूप किसी यौगिक से तुरन्त निकली हुई हाइड्रोजन गैस नवजात कहलाती है। यह आण्विक हाइड्रोजन से अधिक क्रियाशील होता है।

परमाण्विक हाइड्रोजन

हाइड्रोजन अणु के विघटन से प्राप्त होने वाले हाइड्रोजन को परमाण्विक हाइड्रोजन कहते हैं।

ऊर्ध्व (ऑर्थों) हाइड्रोजन

हाइड्रोजन का वह रूप जिसमें हाइड्रोजन आणु के परमाणुओं के नाभिक एक ही दिशा में चक्रण करते हैं, ऊर्ध्व-हाइड्रोजन कहलाता है।

परा (पारा) हाइड्रोजन

हाइड्रोजन का वह रूप जिसमें हाइड्रोजन आणु के परमाणुओं के नाभिक एक दूसरे के विपरीत दिशा में चक्रण करते हैं, परा-हाइड्रोजन कहलाता है।

हाइड्रोजन के समस्थानिक

हाइड्रोजन के तीन समस्थानिक होते हैं, ये है-

  1. प्रोटियम (1H1)
  2. ड्यूटेरियम (1H2 या D)
  3. ट्राइटियम (1H3 या T)


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. (DAVY का कथन)

संबंधित लेख