"ऋषितीर्थ मथुरा": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "==सम्बंधित लिंक==" to "==संबंधित लेख==") |
No edit summary |
||
पंक्ति 2: | पंक्ति 2: | ||
तत्र स्नातो नरो देवि! मम लोक महीयते ।।<br /> | तत्र स्नातो नरो देवि! मम लोक महीयते ।।<br /> | ||
यहाँ बद्रीधाम वाले [[नर–नारायण]] ऋषि भगवान श्री [[कृष्ण]] की आराधना में तत्पर रहते हैं । यह [[ध्रुव तीर्थ मथुरा|ध्रुव तीर्थ]] के दक्षिण में स्थित हैं । यहाँ स्नान करने पर मनुष्य भवगत लोक को प्राप्त होता है । | यहाँ बद्रीधाम वाले [[नर–नारायण]] ऋषि भगवान श्री [[कृष्ण]] की आराधना में तत्पर रहते हैं । यह [[ध्रुव तीर्थ मथुरा|ध्रुव तीर्थ]] के दक्षिण में स्थित हैं । यहाँ स्नान करने पर मनुष्य भवगत लोक को प्राप्त होता है । | ||
{{प्रचार}} | |||
{{लेख प्रगति | |||
|आधार= | |||
|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 | |||
|माध्यमिक= | |||
|पूर्णता= | |||
|शोध= | |||
}} | |||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{ब्रज के दर्शनीय स्थल}} | {{ब्रज के दर्शनीय स्थल}} |
11:47, 18 जनवरी 2011 के समय का अवतरण
दक्षिणे ध्रुवतीर्थस्य ऋषितीर्थं प्रकीर्तितम ।
तत्र स्नातो नरो देवि! मम लोक महीयते ।।
यहाँ बद्रीधाम वाले नर–नारायण ऋषि भगवान श्री कृष्ण की आराधना में तत्पर रहते हैं । यह ध्रुव तीर्थ के दक्षिण में स्थित हैं । यहाँ स्नान करने पर मनुष्य भवगत लोक को प्राप्त होता है ।
|
|
|
|
|