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13:00, 27 जुलाई 2011 के समय का अवतरण
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- यह व्रत आश्विन शुक्ल पक्ष की एकादशी या द्वादशी पर करना चाहिए।[1]
- यह व्रत मलमास में नहीं होता है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ निर्णयसिन्धु (102), धर्माशास्त्र खण्ड 4 ('विष्णुशयन' गत अध्याय 5
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