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12:55, 27 जुलाई 2011 के समय का अवतरण

  • भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
  • यह संवत्सर व्रत है।
  • जो व्यक्ति एक वर्ष तक ख़ाली भूमि पर (थाली या केले के पात पर नहीं) भोज्यपदार्थ रख कर पितरों को अर्पित करता है, वह पृथ्वी का स्वामी हो जाता है।[1]

 


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हेमाद्रि (व्रत0 2, 687, पद्म पुराण से उद्धरण

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