"रत्नेश पाण्डेय": अवतरणों में अंतर

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'''रत्नेश पाण्डेय''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Ratnesh Pandey'', जन्म- [[12 मई]], [[1985]], [[मध्य प्रदेश]]) एक भारतीय पर्वतारोही हैं, जिन्होंने 21 मई 2016 को विश्व के सबसे ऊँचे पर्वत शिखर [[माउंट एवरेस्ट]] पर चढ़ाई कर [[राष्ट्रगान]] ''जन गण मन'' गाने वाले प्रथम भारतीय है। इन्होंने [[यूरोप]], अफ्रीका महाद्वीप समेत 10 देशों में 21 से अधिक पर्वत शिखरों पर सफलतापूर्वक आरोहण किया हैं। इन्होंने दिव्यांगों और किन्नरों के दल को भी सफल पर्वतारोहण करा विश्व कीर्तिमान रचा। रत्नेश ने मोटरबाइक स्टंट के लिए गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स बनाया है  उन्हें नवंबर 2016 में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा खेल अलंकरण पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 16 सितंबर 2023 को इन्हें [[मध्य प्रदेश]] का सर्वोच्च विक्रम पुरस्कार वर्ष 2021 के लिए प्राप्त हुआ जो कि साहसिक खेलों की श्रेणी में प्रथम बार दिया गया। 2022 में खेल एवं युवा मंत्रालय, [[भारत सरकार]] ने इन्हें फिट इंडिया चैंपियन नियुक्त किया हैं।
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'''रत्नेश पाण्डेय''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Ratnesh Pandey'', जन्म- [[12 मई]], [[1985]], [[मध्य प्रदेश]]) एक भारतीय पर्वतारोही हैं, जिन्होंने 21 मई 2016 को विश्व के सबसे ऊँचे पर्वत शिखर माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई कर राष्ट्रगान जन गण मन गाने वाले प्रथम भारतीय है। इन्होंने [[यूरोप]], अफ्रीका महाद्वीप समेत 10 देशों में 21 से अधिक पर्वत शिखरों पर सफलतापूर्वक आरोहण किया हैं। इन्होंने दिव्यांगों और किन्नरों के दल को भी सफल पर्वतारोहण करा विश्व कीर्तिमान रचा। रत्नेश ने मोटरबाइक स्टंट के लिए गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स बनाया है  उन्हें नवंबर 2016 में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा खेल अलंकरण पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 16 सितंबर 2023 को इन्हें [[मध्य प्रदेश]] का सर्वोच्च विक्रम पुरस्कार वर्ष 2021 के लिए प्राप्त हुआ जो कि साहसिक खेलों की श्रेणी में प्रथम बार दिया गया। 2022 में खेल एवं युवा मंत्रालय, [[भारत सरकार]] ने इन्हें फिट इंडिया चैंपियन नियुक्त किया हैं।


== प्रारंभिक जीवन ==
== प्रारंभिक जीवन ==
रत्नेश सतना, [[मध्य प्रदेश]], [[भारत\\ से हैं। उन्होंने बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में स्नातक किया है और मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में पोस्ट ग्रेजुएट हैं। इन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग एंड एलाइड स्पोर्ट्स, मनाली में पर्वतारोहण का प्रशिक्षण प्राप्त किया व मास्टर ट्रेनर इन माउंटेनियरिंग का खिताब भी प्राप्त किया। वर्तमान में वह सतना में रहते हैं।
रत्नेश सतना, मध्य प्रदेश, भारत से हैं। उन्होंने बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में स्नातक किया है और मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में पोस्ट ग्रेजुएट हैं। इन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग एंड एलाइड स्पोर्ट्स, मनाली में पर्वतारोहण का प्रशिक्षण प्राप्त किया व मास्टर ट्रेनर इन माउंटेनियरिंग का खिताब भी प्राप्त किया। वर्तमान में वह सतना में रहते हैं।


== करियर ==
== करियर ==
रत्नेश पाण्डेय ने 21 मई 2016 को [[माउंट एवरेस्ट]] फतह किया, जहाँ उन्होंने माउंट एवरेस्ट के शिखर पर प्रथम बार भारतीय राष्ट्रगान [[जन गण मन]] गाकर इतिहास रचा सितंबर 2016 में, रत्नेश पाण्डेय ने इंटरनेशनल क्लाइंबिंग एंड माउंटेनियरिंग फेडरेशन द्वारा आयोजित एक पर्वतारोहण अभियान में ईरान के सबसे ऊंचे पर्वत माउंट दमावंद और इसके तीसरे सबसे ऊंचे पर्वत माउंट सबलान पर चढ़ाई की। अप्रैल 2015 [[नेपाल]] [[भूकम्प]] के वजह से वो एवरेस्ट चढ़ने में असफल रहे, जहाँ उनके साथ के 21 पर्वतारोहियों की मौत हो गई। तूफान में फंसने से उनका दल से संपर्क टूट गया। उस दौरान हुए हादसे में तीन दिन बाद नेपाली सेना का हेलीकॉप्टर द्वारा रत्नेश को सुरक्षित बेस कैंप लाया गया था। फिर वर्ष 2016 में पुनः प्रयास के बाद उन्होंने माउंट एवरेस्ट फतह करने में सफलता हासिल की।
[[चित्र:Ratnesh Pandey on Mount Everest.jpeg|thumb|right|200px|माउंट एवरेस्ट के शिखर पर रत्नेश पाण्डेय]]
रत्नेश पाण्डेय ने 21 मई 2016 को माउंट एवरेस्ट फतह किया, जहाँ उन्होंने माउंट एवरेस्ट के शिखर पर प्रथम बार भारतीय राष्ट्रगान [[जन गण मन]] गाकर इतिहास रचा सितंबर 2016 में, पाण्डेय ने इंटरनेशनल क्लाइंबिंग एंड माउंटेनियरिंग फेडरेशन द्वारा आयोजित एक पर्वतारोहण अभियान में ईरान के सबसे ऊंचे पर्वत माउंट दमावंद और इसके तीसरे सबसे ऊंचे पर्वत माउंट सबलान पर चढ़ाई की। अप्रैल 2015 नेपाल भूकम्प के वजह से वो एवरेस्ट चढ़ने में असफल रहे, जहाँ उनके साथ के 21 पर्वतारोहियों की मौत हो गई। तूफान में फंसने से उनका दल से संपर्क टूट गया। उस दौरान हुए हादसे में तीन दिन बाद नेपाली सेना का हेलीकॉप्टर द्वारा रत्नेश को सुरक्षित बेस कैंप लाया गया था। फिर वर्ष 2016 में पुनः प्रयास के बाद उन्होंने माउंट एवरेस्ट फतह करने में सफलता हासिल की।


5 दिसंबर 2015 को रत्नेश ने इंदौर में 32.3 किलोमीटर मोटरसाइकल की सीट के ऊपर खड़े होकर और दोनों हाँथ छोड़कर बाइक चलाई। दूसरी बार, उन्होंने बाइक के जरिए बगैर रुके 175 सर्किल बनाए। इसके अलावा उन्होंने पीछे की ओर मुँह करके बिना हैंडल पकड़े 14 किलोमीटर मोटर साइकिल चलाई है। मोटरसाइकिल की सीट पर खड़े होकर सबसे लंबी लगातार सवारी करने के लिए गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में इनका नाम आया।
5 दिसंबर 2015 को रत्नेश ने इंदौर में 32.3 किलोमीटर मोटरसाइकल की सीट के ऊपर खड़े होकर और दोनों हाँथ छोड़कर बाइक चलाई। दूसरी बार, उन्होंने बाइक के जरिए बगैर रुके 175 सर्किल बनाए। इसके अलावा उन्होंने पीछे की ओर मुँह करके बिना हैंडल पकड़े 14 किलोमीटर मोटर साइकिल चलाई है। मोटरसाइकिल की सीट पर खड़े होकर सबसे लंबी लगातार सवारी करने के लिए गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में इनका नाम आया।
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अगस्त 2018 में, रत्नेश ने दो बार माउंट एल्ब्रस (18,511 फीट) पर चढ़ाई की, साथ ही पूर्वी और पश्चिमी चोटियों पर भारत का ध्वज और मध्य प्रदेश के खेल और युवा कल्याण विभाग का झंडा फहराया। इन्होंने निहाल सरकार के साथ इटली में आयोजित UIAA आइस क्लाइंबिंग वर्ल्ड कप 2017 में भारत का प्रतिनिधित्व किया। रत्नेश ने 14 जुलाई 2021 को 14,980 फीट ऊंचे माउंट मेरु और 21 जुलाई 2021 को 19,340 फीट ऊंचे माउंट किलिमंजारो, तंजानिया की चढ़ाई की।
अगस्त 2018 में, रत्नेश ने दो बार माउंट एल्ब्रस (18,511 फीट) पर चढ़ाई की, साथ ही पूर्वी और पश्चिमी चोटियों पर भारत का ध्वज और मध्य प्रदेश के खेल और युवा कल्याण विभाग का झंडा फहराया। इन्होंने निहाल सरकार के साथ इटली में आयोजित UIAA आइस क्लाइंबिंग वर्ल्ड कप 2017 में भारत का प्रतिनिधित्व किया। रत्नेश ने 14 जुलाई 2021 को 14,980 फीट ऊंचे माउंट मेरु और 21 जुलाई 2021 को 19,340 फीट ऊंचे माउंट किलिमंजारो, तंजानिया की चढ़ाई की।


एक प्रशिक्षक के रूप में अक्टूबर 2020 में रत्नेश ने प्रथम किन्नरों के दल को पर्वतारोहण कराया। 25 किन्नरों के दल को हिमालय के शिखर पर चढ़ाया था जिसकी आधिकारिक पुष्टि भारतीय पर्वतारोहण संस्थान, दिल्ली ने की। इस अभियान को पाण्डेय ने किन्नर अखाड़ा की अध्यक्ष आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी और राष्ट्रीय ट्रांसजेंडर कमीशन के आर्यन पाशा के साथ मिलकर पूर्ण किया। वर्ष 2021 में हरियाणा के स्कूली शिक्षा विभाग के पर्वतारोहण अभियान में सहभागिता निभाते हुए 25 दिव्यांगों को सफलता पूर्वक पर्वतारोहण कराया। रत्नेश के कार्यों को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा सम्मानित किया गया।
एक प्रशिक्षक के रूप में अक्टूबर 2020 में रत्नेश ने प्रथम किन्नरों के दल को पर्वतारोहण कराया। 25 किन्नरों के दल को हिमालय के शिखर पर चढ़ाया था जिसकी आधिकारिक पुष्टि भारतीय पर्वतारोहण संस्थान, दिल्ली ने की। इस अभियान को पाण्डेय ने किन्नर अखाड़ा की अध्यक्ष आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी और राष्ट्रीय ट्रांसजेंडर कमीशन के आर्यन पाशा के साथ मिलकर पूर्ण किया। वर्ष 2021 में हरियाणा के स्कूली शिक्षा विभाग के पर्वतारोहण अभियान में सहभागिता निभाते हुए 25 दिव्यांगों को सफलता पूर्वक पर्वतारोहण कराया। रत्नेश के कार्यों को हरियाणा के मुख्यमंत्री [[मनोहर लाल खट्टर]] और स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा सम्मानित किया गया।


== राजनीति ==
== राजनीति ==
रत्नेश पाण्डेय [[भारतीय जनता पार्टी]] के नेता हैं। सितंबर 2023 में रत्नेश पाण्डेय ने भाजपा की रीति-नीति एवं प्रधानमंत्री [[नरेन्द्र मोदी]], मुख्यमंत्री [[शिवराजसिंह चौहान]] के विकास कार्यों से प्रभावित होकर भाजपा मध्य प्रदेश अध्यक्ष और सांसद वीडी शर्मा के समक्ष भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। प्रदेश अध्यक्ष VD शर्मा ने रत्नेश पाण्डेय को भाजपा की प्राथमिक सदस्यता दिलाई।
[[चित्र:Narendra Modi & Ratnesh Pandey.jpg|thumb|right|220px|रत्नेश पाण्डेय एवं प्रधानमंत्री [[नरेन्द्र मोदी]]]]
रत्नेश पाण्डेय [[भारतीय जनता पार्टी]] के नेता हैं। सितंबर 2023 में रत्नेश पाण्डेय ने भाजपा की रीति-नीति एवं प्रधानमंत्री [[नरेन्द्र मोदी]], मुख्यमंत्री [[शिवराज सिंह चौहान]] के विकास कार्यों से प्रभावित होकर भाजपा मध्य प्रदेश अध्यक्ष और सांसद वीडी शर्मा के समक्ष भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद वीडी शर्मा ने रत्नेश पाण्डेय को भाजपा की प्राथमिक सदस्यता दिलाई।


== सामाजिक कार्य  ==
== सामाजिक कार्य  ==
अपने पर्वतारोहण कारनामों से इतर, रत्नेश पाण्डेय अपनी संस्था "रत्नेश पाण्डेय फाउंडेशन" के माध्यम से विभिन्न सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैं। यह फाउंडेशन कई तरह की सामाजिक समस्याओं का समाधान करने का प्रयास करता है। उदाहरण के लिए, उन्होंने [[कोविड]]-19 के कारण माता-पिता खो चुकी एक महिला की आर्थिक मदद कर उसके होम लोन का भुगतान करवाया। साथ ही, उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विश्व हिंदू परिषद के तत्वावधान में आयोजित "यूथ फॉर राम कैम्पेन" द्वारा आयोजित 10,000 किलोमीटर की बाइक रैली में भाग लिया। यह रैली अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए जागरूकता और धन उगाहने के लिए निकाली गई थी। उन्होंने धार्मिक निष्ठा का प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रीय ध्वज के साथ माउंट एवरेस्ट पर भगवा ध्वज भी फहराया था। कोविड-19 महामारी के दौरान, पाण्डेय ने प्रतिदिन 500 गायों को भोजन कराने का सराहनीय कार्य किया, जिसके लिए उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स से चौथा पुरस्कार प्राप्त हुआ। इसके अलावा, वह युवाओं को प्रेरित करने और उन्हें सामाजिक कार्यों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का भी आयोजन करते हैं।
अपने पर्वतारोहण कारनामों से इतर, रत्नेश पाण्डेय अपनी संस्था "रत्नेश पाण्डेय फाउंडेशन" के माध्यम से विभिन्न सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैं। यह फाउंडेशन कई तरह की सामाजिक समस्याओं का समाधान करने का प्रयास करता है। उदाहरण के लिए, उन्होंने कोविड-19 के कारण माता-पिता खो चुकी एक महिला की आर्थिक मदद कर उसके होम लोन का भुगतान करवाया। साथ ही, उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विश्व हिंदू परिषद के तत्वावधान में आयोजित "यूथ फॉर राम कैम्पेन" द्वारा आयोजित 10,000 किलोमीटर की बाइक रैली में भाग लिया। यह रैली अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए जागरूकता और धन उगाहने के लिए निकाली गई थी। उन्होंने धार्मिक निष्ठा का प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रीय ध्वज के साथ माउंट एवरेस्ट पर भगवा ध्वज भी फहराया था। कोविड-19 महामारी के दौरान, पाण्डेय ने प्रतिदिन 500 गायों को भोजन कराने का सराहनीय कार्य किया, जिसके लिए उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स से चौथा पुरस्कार प्राप्त हुआ। इसके अलावा, वह युवाओं को प्रेरित करने और उन्हें सामाजिक कार्यों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का भी आयोजन करते हैं।


== पुरस्कार और सम्मान ==
== पुरस्कार और सम्मान ==
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* अप्रैल 2017: असम पर्यटन विकास निगम द्वारा अंबुबाची मेले के ब्रांड एंबेसडर के रूप में नियुक्त किया गया।
* अप्रैल 2017: असम पर्यटन विकास निगम द्वारा अंबुबाची मेले के ब्रांड एंबेसडर के रूप में नियुक्त किया गया।
* 16 सितंबर 2023: मध्य प्रदेश का सर्वोच्च विक्रम पुरस्कार वर्ष 2021 प्राप्त किया, जो साहसिक खेलों की श्रेणी में पहली बार दिया गया था।
* 16 सितंबर 2023: मध्य प्रदेश का सर्वोच्च विक्रम पुरस्कार वर्ष 2021 प्राप्त किया, जो साहसिक खेलों की श्रेणी में पहली बार दिया गया था।
* अक्टूबर 2022: खेल एवं युवा मंत्रालय, [[भारत सरकार]] द्वारा फिट इंडिया चैंपियन नियुक्त किया गया।
* अक्टूबर 2022: खेल एवं युवा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा फिट इंडिया चैंपियन नियुक्त किया गया।
यह रत्नेश पाण्डेय को प्राप्त पुरस्कारों और सम्मानों की एक संक्षिप्त सूची है। उनकी अदम्य साहस और दृढ़ संकल्प के लिए उन्हें कई अन्य पुरस्कारों और सम्मानों से भी सम्मानित किया गया है।
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11:10, 12 मई 2024 के समय का अवतरण

रत्नेश पाण्डेय
रत्नेश पाण्डेय
रत्नेश पाण्डेय
पूरा नाम रत्नेश पाण्डेय
जन्म 12 मई, 1985
जन्म भूमि सतना, मध्य प्रदेश, भारत
कर्म भूमि भारत
खेल-क्षेत्र पर्वतारोहण
पुरस्कार-उपाधि विक्रम पुरस्कार (2021)
प्रसिद्धि अंतर्राष्ट्रीय पर्वतारोही
विशेष योगदान रत्नेश पाण्डेय विश्व के सबसे ऊँचे पर्वत शिखर माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई कर राष्ट्रगान गाने वाले प्रथम भारतीय है।
नागरिकता भारतीय
अन्य जानकारी मध्य प्रदेश का सर्वोच्च खेल पुरस्कार, विक्रम पुरस्कार 2021 से सम्मानित किया, जो साहसिक खेलों की श्रेणी में पहली बार दिया गया था।

रत्नेश पाण्डेय (अंग्रेज़ी: Ratnesh Pandey, जन्म- 12 मई, 1985, मध्य प्रदेश) एक भारतीय पर्वतारोही हैं, जिन्होंने 21 मई 2016 को विश्व के सबसे ऊँचे पर्वत शिखर माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई कर राष्ट्रगान जन गण मन गाने वाले प्रथम भारतीय है। इन्होंने यूरोप, अफ्रीका महाद्वीप समेत 10 देशों में 21 से अधिक पर्वत शिखरों पर सफलतापूर्वक आरोहण किया हैं। इन्होंने दिव्यांगों और किन्नरों के दल को भी सफल पर्वतारोहण करा विश्व कीर्तिमान रचा। रत्नेश ने मोटरबाइक स्टंट के लिए गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स बनाया है उन्हें नवंबर 2016 में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा खेल अलंकरण पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 16 सितंबर 2023 को इन्हें मध्य प्रदेश का सर्वोच्च विक्रम पुरस्कार वर्ष 2021 के लिए प्राप्त हुआ जो कि साहसिक खेलों की श्रेणी में प्रथम बार दिया गया। 2022 में खेल एवं युवा मंत्रालय, भारत सरकार ने इन्हें फिट इंडिया चैंपियन नियुक्त किया हैं।

प्रारंभिक जीवन

रत्नेश सतना, मध्य प्रदेश, भारत से हैं। उन्होंने बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में स्नातक किया है और मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में पोस्ट ग्रेजुएट हैं। इन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग एंड एलाइड स्पोर्ट्स, मनाली में पर्वतारोहण का प्रशिक्षण प्राप्त किया व मास्टर ट्रेनर इन माउंटेनियरिंग का खिताब भी प्राप्त किया। वर्तमान में वह सतना में रहते हैं।

करियर

माउंट एवरेस्ट के शिखर पर रत्नेश पाण्डेय

रत्नेश पाण्डेय ने 21 मई 2016 को माउंट एवरेस्ट फतह किया, जहाँ उन्होंने माउंट एवरेस्ट के शिखर पर प्रथम बार भारतीय राष्ट्रगान जन गण मन गाकर इतिहास रचा सितंबर 2016 में, पाण्डेय ने इंटरनेशनल क्लाइंबिंग एंड माउंटेनियरिंग फेडरेशन द्वारा आयोजित एक पर्वतारोहण अभियान में ईरान के सबसे ऊंचे पर्वत माउंट दमावंद और इसके तीसरे सबसे ऊंचे पर्वत माउंट सबलान पर चढ़ाई की। अप्रैल 2015 नेपाल भूकम्प के वजह से वो एवरेस्ट चढ़ने में असफल रहे, जहाँ उनके साथ के 21 पर्वतारोहियों की मौत हो गई। तूफान में फंसने से उनका दल से संपर्क टूट गया। उस दौरान हुए हादसे में तीन दिन बाद नेपाली सेना का हेलीकॉप्टर द्वारा रत्नेश को सुरक्षित बेस कैंप लाया गया था। फिर वर्ष 2016 में पुनः प्रयास के बाद उन्होंने माउंट एवरेस्ट फतह करने में सफलता हासिल की।

5 दिसंबर 2015 को रत्नेश ने इंदौर में 32.3 किलोमीटर मोटरसाइकल की सीट के ऊपर खड़े होकर और दोनों हाँथ छोड़कर बाइक चलाई। दूसरी बार, उन्होंने बाइक के जरिए बगैर रुके 175 सर्किल बनाए। इसके अलावा उन्होंने पीछे की ओर मुँह करके बिना हैंडल पकड़े 14 किलोमीटर मोटर साइकिल चलाई है। मोटरसाइकिल की सीट पर खड़े होकर सबसे लंबी लगातार सवारी करने के लिए गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में इनका नाम आया।

अगस्त 2018 में, रत्नेश ने दो बार माउंट एल्ब्रस (18,511 फीट) पर चढ़ाई की, साथ ही पूर्वी और पश्चिमी चोटियों पर भारत का ध्वज और मध्य प्रदेश के खेल और युवा कल्याण विभाग का झंडा फहराया। इन्होंने निहाल सरकार के साथ इटली में आयोजित UIAA आइस क्लाइंबिंग वर्ल्ड कप 2017 में भारत का प्रतिनिधित्व किया। रत्नेश ने 14 जुलाई 2021 को 14,980 फीट ऊंचे माउंट मेरु और 21 जुलाई 2021 को 19,340 फीट ऊंचे माउंट किलिमंजारो, तंजानिया की चढ़ाई की।

एक प्रशिक्षक के रूप में अक्टूबर 2020 में रत्नेश ने प्रथम किन्नरों के दल को पर्वतारोहण कराया। 25 किन्नरों के दल को हिमालय के शिखर पर चढ़ाया था जिसकी आधिकारिक पुष्टि भारतीय पर्वतारोहण संस्थान, दिल्ली ने की। इस अभियान को पाण्डेय ने किन्नर अखाड़ा की अध्यक्ष आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी और राष्ट्रीय ट्रांसजेंडर कमीशन के आर्यन पाशा के साथ मिलकर पूर्ण किया। वर्ष 2021 में हरियाणा के स्कूली शिक्षा विभाग के पर्वतारोहण अभियान में सहभागिता निभाते हुए 25 दिव्यांगों को सफलता पूर्वक पर्वतारोहण कराया। रत्नेश के कार्यों को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा सम्मानित किया गया।

राजनीति

रत्नेश पाण्डेय एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

रत्नेश पाण्डेय भारतीय जनता पार्टी के नेता हैं। सितंबर 2023 में रत्नेश पाण्डेय ने भाजपा की रीति-नीति एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विकास कार्यों से प्रभावित होकर भाजपा मध्य प्रदेश अध्यक्ष और सांसद वीडी शर्मा के समक्ष भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद वीडी शर्मा ने रत्नेश पाण्डेय को भाजपा की प्राथमिक सदस्यता दिलाई।

सामाजिक कार्य

अपने पर्वतारोहण कारनामों से इतर, रत्नेश पाण्डेय अपनी संस्था "रत्नेश पाण्डेय फाउंडेशन" के माध्यम से विभिन्न सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैं। यह फाउंडेशन कई तरह की सामाजिक समस्याओं का समाधान करने का प्रयास करता है। उदाहरण के लिए, उन्होंने कोविड-19 के कारण माता-पिता खो चुकी एक महिला की आर्थिक मदद कर उसके होम लोन का भुगतान करवाया। साथ ही, उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विश्व हिंदू परिषद के तत्वावधान में आयोजित "यूथ फॉर राम कैम्पेन" द्वारा आयोजित 10,000 किलोमीटर की बाइक रैली में भाग लिया। यह रैली अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए जागरूकता और धन उगाहने के लिए निकाली गई थी। उन्होंने धार्मिक निष्ठा का प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रीय ध्वज के साथ माउंट एवरेस्ट पर भगवा ध्वज भी फहराया था। कोविड-19 महामारी के दौरान, पाण्डेय ने प्रतिदिन 500 गायों को भोजन कराने का सराहनीय कार्य किया, जिसके लिए उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स से चौथा पुरस्कार प्राप्त हुआ। इसके अलावा, वह युवाओं को प्रेरित करने और उन्हें सामाजिक कार्यों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का भी आयोजन करते हैं।

पुरस्कार और सम्मान

रत्नेश पाण्डेय को उनकी उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए कई पुरस्कारों और सम्मानों से सम्मानित किया गया है।

  • नवंबर 2016: मध्य प्रदेश सरकार द्वारा खेल अलंकरण पुरस्कार से सम्मानित।
  • 2015: मध्य प्रदेश सरकार द्वारा मध्य प्रदेश राज्य का प्रथम आधिकारिक पर्वतारोही घोषित किया गया।
  • सतना स्मार्ट सिटी: रत्नेश को सतना स्मार्ट सिटी द्वारा ब्रांड एंबेसडर के रूप में नियुक्त किया गया। वे खेल और शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करते हुए राज्य के सरकारी स्कूलों और कॉलेजों से जुड़े हुए हैं।
  • अप्रैल 2017: असम पर्यटन विकास निगम द्वारा अंबुबाची मेले के ब्रांड एंबेसडर के रूप में नियुक्त किया गया।
  • 16 सितंबर 2023: मध्य प्रदेश का सर्वोच्च विक्रम पुरस्कार वर्ष 2021 प्राप्त किया, जो साहसिक खेलों की श्रेणी में पहली बार दिया गया था।
  • अक्टूबर 2022: खेल एवं युवा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा फिट इंडिया चैंपियन नियुक्त किया गया।

यह रत्नेश पाण्डेय को प्राप्त पुरस्कारों और सम्मानों की एक संक्षिप्त सूची है। उनकी अदम्य साहस और दृढ़ संकल्प के लिए उन्हें कई अन्य पुरस्कारों और सम्मानों से भी सम्मानित किया गया है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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