"यूआईडी": अवतरणों में अंतर
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यूआईडी सोलह अंकों वाला नागरिकता [[पहचान पत्र]] है। यूआईडी का पूरा नाम यूनिक आइडेंटिफ़िकेशन ऑथरिटी | {{सूचना बक्सा संक्षिप्त परिचय | ||
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'''यूआईडी''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Unique Identification'') सोलह अंकों वाला [[नागरिकता]] [[पहचान पत्र]] है। यूआईडी का पूरा नाम 'यूनिक आइडेंटिफ़िकेशन ऑथरिटी ऑफ़ इंडिया' (यूआईडीएआई) है। यूआईडी नंबर से आम आदमी को घर बैठे आवागमन, तरजीह, पारदर्शिता और जवाबदेही उपलब्ध होने में मदद मिलेगी। यूआईडी के माध्यम से किसी भी व्यक्ति की जन्म तिथि, स्थान, स्थायी पता, उम्र, पेशा, आय आदि की विस्तृत जानकारी मिलेगी। | |||
==योजना== | ==योजना== | ||
आम जनता को वर्ष [[2011]] तक | आम जनता को वर्ष [[2011]] तक नागरिकता पहचान पत्र के लिए ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड या फिर वोटर आईडी जैसे तमाम कार्डों के झंझट से मुक्ति मिल जाएगी। देश में अभी तक कोई सर्वमान्य [[नागरिकता]] पहचान पत्र नहीं है। इस कमी को पूरा करने के लिए [[भारत सरकार]] ने देश के हर नागरिक को एक ‘स्मार्ट कार्ड’ यानी यूनिक आईडेंटिफ़िकेशन नंबर जारी करने की योजना बनाई है। इस महत्त्वाकांक्षी योजना पर काम शुरू हो चुका है। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के मुताबिक़ यूआईडी संख्या में पहला और दूसरा अंक ख़ास होगा और बाकी अंक रैंडम प्रक्रिया के तहत चुने जाएँगे। यूआईडी के आधार का पहला तथा अंतिम अंक एक जैसा नहीं होगा। किसी को वीआईपी संख्या नहीं दी जाएगी। यूआईडी नम्बर कंप्यूटर के ज़रिये चुना जाएगा।<ref>{{cite web |url=http://hindi.business-standard.com/storypage.php?autono=38988|title=आधार में नहीं चलेगा वीआईपी कारोबार |accessmonthday=[[30 सितम्बर]] |accessyear=[[2010]] |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=बिज़नेस स्टेंडर्ड |language=[[हिन्दी]] }}</ref> | ||
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के | |||
==प्रयोग== | ==प्रयोग== | ||
यूआईडी के तहत सरकार द्वारा देश के समस्त नागरिकों को एक यूनिक नंबर दिया जाएगा। इसके जरिए देश की आंतरिक | यूआईडी के तहत सरकार द्वारा देश के समस्त नागरिकों को एक यूनिक नंबर दिया जाएगा। इसके जरिए देश की आंतरिक सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं के समाधान के अलावा वस्तुओं और सेवाओं के सार्वजनिक बंटवारे के लिए एक व्यवस्थित तंत्र भी विकसित किया जायेगा। शुरुआत में यूनिक आईडेंटिफ़िकेशन संख्या मतदाता पहचान पत्र या राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्ट्रार के आधार पर आवंटित की जाएगी। यूआईडी में देश के नागरिकों की सही पहचान पर किसी भी तरह की जालसाजी की संभावना खत्म करने के लिए इसमें फोटो और बायोमैट्रिक आंकड़े जोड़े जाएंगे। लोगों के फ़ायदे के लिए इसके आसान पंजीकरण और जानकारी के अद्यतन की प्रक्रिया को भी आसान बनाया जाएगा। यूआईडी निर्वाचन आयोग के वोटर आईडी तथा आयकर विभाग से प्राप्त होने वाले पैन कार्ड की भरपाई भी कर सकेगा।<ref>{{cite web |url=http://www.livehindustan.com/news/tayaarinews/gyan/67-75-64437.html |title=यूआईडी |accessmonthday=[[30 सितम्बर]] |accessyear=[[2010]] |last= |first= |authorlink= |format=एच.टी.एम.एल |publisher=हिन्दुस्तान |language=[[हिन्दी]] }}</ref> | ||
==नया नाम== | ==नया नाम== | ||
सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र के सह संस्थापक [[नन्दन नीलेकणी]] ने देश में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति के लिए सोलह अंकों की विशेष पहचान यूआईडी देने की सरकार की महत्त्वाकांक्षी परियोजना का अप्रैल 2010 में नया नाम 'आधार' दिया गया। साथ ही इसका नया चिह्न भी पेश किया गया। निलेकणि ने कहा कि कुछ लोग इसे '''डीयूआई''' कहते थे जबकि कुछ आईयूडी नाम लेते थे। विभिन्न तरह से नाम लिये जाने से थोड़ी कठिनाई होती थी। उन्होंने कहा कि यूआईडी का नाम ऐसा होना चाहिए जिससे उसे सही तरीके से लोगों को समक्ष प्रस्तुत कर दिया जाए और जिस मकसद से इसका गठन किया गया है, उस भावना को लोगों तक पहुँचाया जाए। यूआईडी के नये चिह्न में [[सूर्य देव|सूर्य]] और मध्य में अंगुलियों के निशान है। यूआईडीएआई के महानिदेशक आर एस शर्मा के अनुसार अगले वर्ष [[फ़रवरी]] में पहला 16 अंकों का विशेष पहचान पत्र जारी किया जाएगा।<ref>{{cite web |url=http://www.livehindustan.com/news/desh/national/39-39-112889.html|title=यूआईडी को मिला नया नाम, लोगो |accessmonthday=[[30 सितम्बर]] |accessyear=[[2010]] |last= |first= |authorlink= |format=एच.टी.एम.एल |publisher=हिन्दुस्तान |language=[[हिन्दी]] }}</ref> | |||
==== | ====गठन==== | ||
देश के हर नागरिक को यूआईडी नंबर देने की | देश के हर नागरिक को यूआईडी नंबर देने की ज़िम्मेदारी इंफोसिस के सह-संस्थापक नन्दन नीलेकणी की अध्यक्षता में गठित भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) को सौंपा गयी है। इसका गठन [[जून]] [[2009]] में हुआ था। | ||
==शुरुआत== | ==शुरुआत== | ||
आदिवासी गाँव | आदिवासी गाँव थेंभली के दस आदिवासियों को विशिष्ट पहचान संख्या यूआईडी प्रदान कर आधार की शुरुआत हुई। यूनीक पहचान नंबर परियोजना पर 3023.1 करोड़ रुपये का खर्च आएगा, जिसमें [[मार्च]] [[2011]] तक जारी होने वाले यूआईडी नंबर की परियोजना से जुडे़ खर्च शामिल होंगे। [[प्रधानमंत्री]] [[मनमोहन सिंह]] ने कहा कि विशिष्ट पहचान कार्ड का वितरण आम आदमी के कल्याण के लिए एक बड़े प्रयास की शुरुआत है। उन्होंने कहा कि ग़रीबों के पास कोई परिचय पत्र नहीं होता। इस कमी के चलते वे बैंक खाता नहीं खोल सकते या राशन कार्ड हासिल नहीं कर सकते। वे सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ नहीं उठा सकते और कई बार इन लाभों को दूसरे हड़प जाते हैं। आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़े लोगों को यूआईडी से बहुत लाभ होगा।<ref>{{cite web |url=http://www.livehindustan.com/news/desh/national/39-39-139762.html|title=दस आदिवासियों को यूनिक आईडी के साथ आधार की शुरुआत |accessmonthday=[[30 सितम्बर]] |accessyear=[[2010]] |last= |first= |authorlink= |format=एच.टी.एम.एल |publisher=हिन्दुस्तान |language=[[हिन्दी]] }}</ref> | ||
[[महाराष्ट्र]] में जनजाति बहुल [[नंदुरबार ज़िला|नंदुरबार ज़िले]] को विशिष्ट पहचान या आधार संख्या लॉन्च करने के लिए चुना गया है। कुपोषण की वजह से होने वाली मौतों के लिए यह ज़िला चर्चा में रहता है और अब यहाँ से यूआईडी योजना जारी किए जाने से पूरे देश की नज़रें इसकी ओर पड़ेंगी और इस ज़िले की हालत में कुछ सुधार होने की उम्मीद है।<ref>{{cite web |url=http://hindi.business-standard.com/storypage.php?autono=39291|title=यूआईडी योजना बदल देगी नंदूरबार की तस्वीर! |accessmonthday=[[30 सितम्बर]] |accessyear=[[2010]] |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=बिज़नेस स्टेंडर्ड |language=[[हिन्दी]] }}</ref> प्रधानमंत्री ने तेम्भली गाँव की रहने वाली '''रंजना सोनावाने''' को पहला यूआईडी नंबर दिया गया। इस तरह रंजना सोनावाने यूआईडी पाने वाली पहली भारतीय बन गईं। साथ ही 9 और लोगों को यह कार्ड दिया गया।<ref>{{cite web |url=http://www.24dunia.com/hindi-news/shownews/0/%E0%A4%B0%E0%A4%82%E0%A4%9C%E0%A4%A8%E0%A4%BE-%E0%A4%95%E0%A5%8B-%E0%A4%AE%E0%A4%BF%E0%A4%B2%E0%A4%BE-%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%A4-%E0%A4%95%E0%A4%BE-%E0%A4%AA%E0%A4%B9%E0%A4%B2%E0%A4%BE-UID-%E0%A4%A8%E0%A4%82%E0%A4%AC%E0%A4%B0/5276694.html|title=रंजना को मिला भारत का पहला UID नंबर |accessmonthday=[[30 सितम्बर]] |accessyear=[[2010]] |last= |first= |authorlink= |format= एच टी एम एल|publisher=वेब दुनिया |language=[[हिन्दी]] }}</ref> | |||
[[महाराष्ट्र]] में जनजाति [[ | |||
==उद्देश्य== | ==उद्देश्य== | ||
कैबिनेट की बैठक के बाद जारी सरकारी बयान में कहा गया कि यूआईडी परियोजना का उद्देश्य उन लोगों को पहचान पत्र जारी कर समग्र विकास की प्रक्रिया से जोड़ना है, जिनके पास फिलहाल कोई पहचान नहीं है।<ref>{{cite web |url=http://www.livehindustan.com/news/desh/national/39-39-139086.html|title=यूआईडीएआई विधेयक को कैबिनेट की मंजूरी |accessmonthday=[[30 सितम्बर]] |accessyear=[[2010]] |last= |first= |authorlink= |format=एच टी एम एल |publisher=हिन्दुस्तान |language=हिन्दी }}</ref> सरकारी बयान के | कैबिनेट की बैठक के बाद जारी सरकारी बयान में कहा गया कि यूआईडी परियोजना का उद्देश्य उन लोगों को पहचान पत्र जारी कर समग्र विकास की प्रक्रिया से जोड़ना है, जिनके पास फिलहाल कोई पहचान नहीं है।<ref>{{cite web |url=http://www.livehindustan.com/news/desh/national/39-39-139086.html|title=यूआईडीएआई विधेयक को कैबिनेट की मंजूरी |accessmonthday=[[30 सितम्बर]] |accessyear=[[2010]] |last= |first= |authorlink= |format=एच.टी.एम.एल |publisher=हिन्दुस्तान |language=[[हिन्दी]] }}</ref> सरकारी बयान के मुताबिक़ भारतीय विशिष्ट पहचान पत्र प्राधिकार (यूआईडीएआई) द्वारा संचालित स्कीम के दूसरे चरण में मार्च 2011 तक दस करोड़ यूआईडी नंबर जारी किए जाएंगे। जिससे देश के सभी नागरिकों को विशिष्ट पहचान पत्र (यूआईडी) जारी किया जा सकेगा।<ref>{{cite web |url=http://www.livehindustan.com/news/business/businessnews/45-45-129267.html|title=दस करोड़ लोगों को मिलेगा यूआईडी, 3023 करोड़ रुपए मंजूर |accessmonthday=[[30 सितम्बर]] |accessyear=[[2010]] |last= |first= |authorlink= |format=एच.टी.एम.एल |publisher=हिन्दुस्तान |language=[[हिन्दी]] }}</ref> यूआईडी के मुख्य उद्देश्य निम्न हैं- | ||
*हर व्यक्ति की पहचान स्थापित करना। | *हर व्यक्ति की पहचान स्थापित करना। | ||
* | *ग़रीब परिवारों तक केंद्रीय योजनाओं का लाभ पहुँचाना। | ||
*कोई व्यक्ति किसी दूसरे के नाम का पैसा नहीं ले पाए। | *कोई व्यक्ति किसी दूसरे के नाम का पैसा नहीं ले पाए। | ||
*आगामी समय में यूनीक नंबर के साथ पैन कार्ड जारी हो सकते हैं। | *आगामी समय में यूनीक नंबर के साथ पैन कार्ड जारी हो सकते हैं। | ||
*लाइसेंस बनवाने, बैंक एकाउंट खुलवाने, राशन लेने व अन्य सरकारी योजनाओं में भी विशेष नंबर का उपयोग संभव हुआ। | *लाइसेंस बनवाने, बैंक एकाउंट खुलवाने, राशन लेने व अन्य सरकारी योजनाओं में भी विशेष नंबर का उपयोग संभव हुआ। | ||
==== | ====सहायक==== | ||
*यूआईडी परियोजना से गोपनीयता सुरक्षित रहेगी तथा इससे निजी | *यूआईडी परियोजना से गोपनीयता सुरक्षित रहेगी तथा इससे निजी जानकारियाँ सार्वजनिक नहीं हो सकेंगी। | ||
*सरकार द्वारा प्रस्तावित सोलह अंकों की विशेष पहचान संख्या (यूआईडी) योजना बैंक में खाता खोलने, पासपोर्ट लेने या ड्राइविंग लाइसेंस लेने सहित तमाम कार्यों के लिये सहायक हो सकेगी। | *सरकार द्वारा प्रस्तावित सोलह अंकों की विशेष पहचान संख्या (यूआईडी) योजना बैंक में खाता खोलने, पासपोर्ट लेने या ड्राइविंग लाइसेंस लेने सहित तमाम कार्यों के लिये सहायक हो सकेगी। | ||
*यूआईडी के कारण फर्जी बैंक एकाउंट खोलने पर रोक लगेगी और | *यूआईडी के कारण फर्जी बैंक एकाउंट खोलने पर रोक लगेगी और ग़लत तरीके से पैसा कमाने (काला धन) पर भी अंकुश लगेगा। इससे कर वसूली बढ़ेगी। | ||
*अगले पाँच साल में 1.2 अरब की आबादी में से 60 करोड़ लोग यूआईडी के दायरे में होंगे।<ref>{{cite web |url=http://www.livehindustan.com/news/business/businessnews/45-45-76908.html|title=यूआईडी के बगैर नहीं चलेगा काम |accessmonthday=[[30 सितम्बर]] |accessyear=[[2010]] |last= |first= |authorlink= |format=एच टी एम एल |publisher=हिन्दुस्तान |language=हिन्दी }}</ref> | *अगले पाँच साल में 1.2 अरब की आबादी में से 60 करोड़ लोग यूआईडी के दायरे में होंगे।<ref>{{cite web |url=http://www.livehindustan.com/news/business/businessnews/45-45-76908.html|title=यूआईडी के बगैर नहीं चलेगा काम |accessmonthday=[[30 सितम्बर]] |accessyear=[[2010]] |last= |first= |authorlink= |format=एच.टी.एम.एल |publisher=हिन्दुस्तान |language=[[हिन्दी]] }}</ref> | ||
==मुख्यालय== | ==मुख्यालय== | ||
यूआईडीएआई ने [[नई दिल्ली]] में अपना मुख्यालय बनाया गया। आठ क्षेत्रीय कार्यालयों में से छह की स्थापना की गई। यूआईडीएआई प्रौद्योगिकी केन्द्र स्थापित किया गया और [[बेंगलोर|बेंगलूरु]] में परीक्षण डाटा केन्द्र भी बनाया गया। विभिन्न जानकारियों के लिए मानदंड तय किए गए और पुष्टि की प्रक्रिया भी निर्धारित की गयी। | यूआईडीएआई ने [[नई दिल्ली]] में अपना मुख्यालय बनाया गया। आठ क्षेत्रीय कार्यालयों में से छह की स्थापना की गई। यूआईडीएआई प्रौद्योगिकी केन्द्र स्थापित किया गया और [[बेंगलोर|बेंगलूरु]] में परीक्षण डाटा केन्द्र भी बनाया गया। विभिन्न जानकारियों के लिए मानदंड तय किए गए और पुष्टि की प्रक्रिया भी निर्धारित की गयी। | ||
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यूआईडी
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विवरण | 'यूआईडी' सोलह अंकों वाला नागरिकता पहचान पत्र है। यूआईडी का पूरा नाम 'यूनिक आइडेंटिफ़िकेशन ऑथरिटी ऑफ़ इंडिया' (यूआईडीएआई) है। |
गठन | जून 2009 |
उद्देश्य | उन लोगों को पहचान पत्र जारी कर समग्र विकास की प्रक्रिया से जोड़ना है, जिनके पास फिलहाल कोई पहचान नहीं है। |
मुख्यालय | नई दिल्ली में है। इसके अतिरिक्त आठ क्षेत्रीय कार्यालयों में से छह की स्थापना की गई। यूआईडीएआई प्रौद्योगिकी केन्द्र स्थापित किया गया और बेंगलूरु में परीक्षण डाटा केन्द्र भी बनाया गया। |
संबंधित लेख | आधार कार्ड |
अन्य जानकारी | सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र के सह संस्थापक नन्दन नीलेकणी ने देश में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति के लिए सोलह अंकों की विशेष पहचान यूआईडी देने की सरकार की महत्त्वाकांक्षी परियोजना को नया नाम 'आधार' दिया। इसलिए इसे आधार कार्ड भी कहते हैं। |
यूआईडी (अंग्रेज़ी: Unique Identification) सोलह अंकों वाला नागरिकता पहचान पत्र है। यूआईडी का पूरा नाम 'यूनिक आइडेंटिफ़िकेशन ऑथरिटी ऑफ़ इंडिया' (यूआईडीएआई) है। यूआईडी नंबर से आम आदमी को घर बैठे आवागमन, तरजीह, पारदर्शिता और जवाबदेही उपलब्ध होने में मदद मिलेगी। यूआईडी के माध्यम से किसी भी व्यक्ति की जन्म तिथि, स्थान, स्थायी पता, उम्र, पेशा, आय आदि की विस्तृत जानकारी मिलेगी।
योजना
आम जनता को वर्ष 2011 तक नागरिकता पहचान पत्र के लिए ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड या फिर वोटर आईडी जैसे तमाम कार्डों के झंझट से मुक्ति मिल जाएगी। देश में अभी तक कोई सर्वमान्य नागरिकता पहचान पत्र नहीं है। इस कमी को पूरा करने के लिए भारत सरकार ने देश के हर नागरिक को एक ‘स्मार्ट कार्ड’ यानी यूनिक आईडेंटिफ़िकेशन नंबर जारी करने की योजना बनाई है। इस महत्त्वाकांक्षी योजना पर काम शुरू हो चुका है। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के मुताबिक़ यूआईडी संख्या में पहला और दूसरा अंक ख़ास होगा और बाकी अंक रैंडम प्रक्रिया के तहत चुने जाएँगे। यूआईडी के आधार का पहला तथा अंतिम अंक एक जैसा नहीं होगा। किसी को वीआईपी संख्या नहीं दी जाएगी। यूआईडी नम्बर कंप्यूटर के ज़रिये चुना जाएगा।[1]
प्रयोग
यूआईडी के तहत सरकार द्वारा देश के समस्त नागरिकों को एक यूनिक नंबर दिया जाएगा। इसके जरिए देश की आंतरिक सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं के समाधान के अलावा वस्तुओं और सेवाओं के सार्वजनिक बंटवारे के लिए एक व्यवस्थित तंत्र भी विकसित किया जायेगा। शुरुआत में यूनिक आईडेंटिफ़िकेशन संख्या मतदाता पहचान पत्र या राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्ट्रार के आधार पर आवंटित की जाएगी। यूआईडी में देश के नागरिकों की सही पहचान पर किसी भी तरह की जालसाजी की संभावना खत्म करने के लिए इसमें फोटो और बायोमैट्रिक आंकड़े जोड़े जाएंगे। लोगों के फ़ायदे के लिए इसके आसान पंजीकरण और जानकारी के अद्यतन की प्रक्रिया को भी आसान बनाया जाएगा। यूआईडी निर्वाचन आयोग के वोटर आईडी तथा आयकर विभाग से प्राप्त होने वाले पैन कार्ड की भरपाई भी कर सकेगा।[2]
नया नाम
सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र के सह संस्थापक नन्दन नीलेकणी ने देश में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति के लिए सोलह अंकों की विशेष पहचान यूआईडी देने की सरकार की महत्त्वाकांक्षी परियोजना का अप्रैल 2010 में नया नाम 'आधार' दिया गया। साथ ही इसका नया चिह्न भी पेश किया गया। निलेकणि ने कहा कि कुछ लोग इसे डीयूआई कहते थे जबकि कुछ आईयूडी नाम लेते थे। विभिन्न तरह से नाम लिये जाने से थोड़ी कठिनाई होती थी। उन्होंने कहा कि यूआईडी का नाम ऐसा होना चाहिए जिससे उसे सही तरीके से लोगों को समक्ष प्रस्तुत कर दिया जाए और जिस मकसद से इसका गठन किया गया है, उस भावना को लोगों तक पहुँचाया जाए। यूआईडी के नये चिह्न में सूर्य और मध्य में अंगुलियों के निशान है। यूआईडीएआई के महानिदेशक आर एस शर्मा के अनुसार अगले वर्ष फ़रवरी में पहला 16 अंकों का विशेष पहचान पत्र जारी किया जाएगा।[3]
गठन
देश के हर नागरिक को यूआईडी नंबर देने की ज़िम्मेदारी इंफोसिस के सह-संस्थापक नन्दन नीलेकणी की अध्यक्षता में गठित भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) को सौंपा गयी है। इसका गठन जून 2009 में हुआ था।
शुरुआत
आदिवासी गाँव थेंभली के दस आदिवासियों को विशिष्ट पहचान संख्या यूआईडी प्रदान कर आधार की शुरुआत हुई। यूनीक पहचान नंबर परियोजना पर 3023.1 करोड़ रुपये का खर्च आएगा, जिसमें मार्च 2011 तक जारी होने वाले यूआईडी नंबर की परियोजना से जुडे़ खर्च शामिल होंगे। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि विशिष्ट पहचान कार्ड का वितरण आम आदमी के कल्याण के लिए एक बड़े प्रयास की शुरुआत है। उन्होंने कहा कि ग़रीबों के पास कोई परिचय पत्र नहीं होता। इस कमी के चलते वे बैंक खाता नहीं खोल सकते या राशन कार्ड हासिल नहीं कर सकते। वे सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ नहीं उठा सकते और कई बार इन लाभों को दूसरे हड़प जाते हैं। आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़े लोगों को यूआईडी से बहुत लाभ होगा।[4] महाराष्ट्र में जनजाति बहुल नंदुरबार ज़िले को विशिष्ट पहचान या आधार संख्या लॉन्च करने के लिए चुना गया है। कुपोषण की वजह से होने वाली मौतों के लिए यह ज़िला चर्चा में रहता है और अब यहाँ से यूआईडी योजना जारी किए जाने से पूरे देश की नज़रें इसकी ओर पड़ेंगी और इस ज़िले की हालत में कुछ सुधार होने की उम्मीद है।[5] प्रधानमंत्री ने तेम्भली गाँव की रहने वाली रंजना सोनावाने को पहला यूआईडी नंबर दिया गया। इस तरह रंजना सोनावाने यूआईडी पाने वाली पहली भारतीय बन गईं। साथ ही 9 और लोगों को यह कार्ड दिया गया।[6]
उद्देश्य
कैबिनेट की बैठक के बाद जारी सरकारी बयान में कहा गया कि यूआईडी परियोजना का उद्देश्य उन लोगों को पहचान पत्र जारी कर समग्र विकास की प्रक्रिया से जोड़ना है, जिनके पास फिलहाल कोई पहचान नहीं है।[7] सरकारी बयान के मुताबिक़ भारतीय विशिष्ट पहचान पत्र प्राधिकार (यूआईडीएआई) द्वारा संचालित स्कीम के दूसरे चरण में मार्च 2011 तक दस करोड़ यूआईडी नंबर जारी किए जाएंगे। जिससे देश के सभी नागरिकों को विशिष्ट पहचान पत्र (यूआईडी) जारी किया जा सकेगा।[8] यूआईडी के मुख्य उद्देश्य निम्न हैं-
- हर व्यक्ति की पहचान स्थापित करना।
- ग़रीब परिवारों तक केंद्रीय योजनाओं का लाभ पहुँचाना।
- कोई व्यक्ति किसी दूसरे के नाम का पैसा नहीं ले पाए।
- आगामी समय में यूनीक नंबर के साथ पैन कार्ड जारी हो सकते हैं।
- लाइसेंस बनवाने, बैंक एकाउंट खुलवाने, राशन लेने व अन्य सरकारी योजनाओं में भी विशेष नंबर का उपयोग संभव हुआ।
सहायक
- यूआईडी परियोजना से गोपनीयता सुरक्षित रहेगी तथा इससे निजी जानकारियाँ सार्वजनिक नहीं हो सकेंगी।
- सरकार द्वारा प्रस्तावित सोलह अंकों की विशेष पहचान संख्या (यूआईडी) योजना बैंक में खाता खोलने, पासपोर्ट लेने या ड्राइविंग लाइसेंस लेने सहित तमाम कार्यों के लिये सहायक हो सकेगी।
- यूआईडी के कारण फर्जी बैंक एकाउंट खोलने पर रोक लगेगी और ग़लत तरीके से पैसा कमाने (काला धन) पर भी अंकुश लगेगा। इससे कर वसूली बढ़ेगी।
- अगले पाँच साल में 1.2 अरब की आबादी में से 60 करोड़ लोग यूआईडी के दायरे में होंगे।[9]
मुख्यालय
यूआईडीएआई ने नई दिल्ली में अपना मुख्यालय बनाया गया। आठ क्षेत्रीय कार्यालयों में से छह की स्थापना की गई। यूआईडीएआई प्रौद्योगिकी केन्द्र स्थापित किया गया और बेंगलूरु में परीक्षण डाटा केन्द्र भी बनाया गया। विभिन्न जानकारियों के लिए मानदंड तय किए गए और पुष्टि की प्रक्रिया भी निर्धारित की गयी।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ आधार में नहीं चलेगा वीआईपी कारोबार (हिन्दी) बिज़नेस स्टेंडर्ड। अभिगमन तिथि: 30 सितम्बर, 2010।
- ↑ यूआईडी (हिन्दी) (एच.टी.एम.एल) हिन्दुस्तान। अभिगमन तिथि: 30 सितम्बर, 2010।
- ↑ यूआईडी को मिला नया नाम, लोगो (हिन्दी) (एच.टी.एम.एल) हिन्दुस्तान। अभिगमन तिथि: 30 सितम्बर, 2010।
- ↑ दस आदिवासियों को यूनिक आईडी के साथ आधार की शुरुआत (हिन्दी) (एच.टी.एम.एल) हिन्दुस्तान। अभिगमन तिथि: 30 सितम्बर, 2010।
- ↑ यूआईडी योजना बदल देगी नंदूरबार की तस्वीर! (हिन्दी) बिज़नेस स्टेंडर्ड। अभिगमन तिथि: 30 सितम्बर, 2010।
- ↑ रंजना को मिला भारत का पहला UID नंबर (हिन्दी) (एच टी एम एल) वेब दुनिया। अभिगमन तिथि: 30 सितम्बर, 2010।
- ↑ यूआईडीएआई विधेयक को कैबिनेट की मंजूरी (हिन्दी) (एच.टी.एम.एल) हिन्दुस्तान। अभिगमन तिथि: 30 सितम्बर, 2010।
- ↑ दस करोड़ लोगों को मिलेगा यूआईडी, 3023 करोड़ रुपए मंजूर (हिन्दी) (एच.टी.एम.एल) हिन्दुस्तान। अभिगमन तिथि: 30 सितम्बर, 2010।
- ↑ यूआईडी के बगैर नहीं चलेगा काम (हिन्दी) (एच.टी.एम.एल) हिन्दुस्तान। अभिगमन तिथि: 30 सितम्बर, 2010।
बाहरी कड़ियाँ
- यूआईडी के क्रियान्वयन को कैबिनट की स्वीकृति
- दस आदिवासी बने यूआईडी के सदस्य
- हमारी, आपकी..सबकी पहचान, बोले तो ‘यूआईडी’ लॉन्च
- भारतीयों को पहचान देने वाले नंबर मिलने लगे
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