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!कहावत लोकोक्ति मुहावरे
|
!अर्थ
*  आई तो ईद, न आई तो जुम्मेरात, आई तो रोज़ी नहीं तो राज़ा।
|-
* आई मौज फ़कीर की, दिया झोपड़ा फूँक।
| style="width:30%"|
*  आई है जान के साथ, जाएगी जनाज़े के साथ।
1-आसमान से गिरा खजूर में अटका।
*  आओ-आओ घर तुम्हारा, खाना माँगे दुश्मन हमारा।
| style="width:70%"|
*  आग का जला आग ही से अच्छा होता है।
अर्थ - एक मुसीबत से निकलकर दूसरी मुसीबत में फंस जाना।
*  आग खाएगा तो अंगार उगलेगा
|-
*  आग बिना धुआँ नहीं।
|2- आसाढ़ी पूनो दिना, गाज बीजु बरसंत।<br />
*  आग लगने पर कुआं खोदना।
*  आगे जाए घुटने टूट, पीछे देखे आँख फूटे।
*  आगे नाथ न पीछे पगहा।
*  आज मेरी मँगनी, कल मेरा ब्याह,<br />
टूट गई टंगड़ी, रह गया ब्याह।
* आसमान से गिरा खजूर में अटका।
आसाढ़ी पूनो दिना, गाज बीजु बरसंत।<br />
नासे लच्छन काल का, आनंद मानो सत।।
नासे लच्छन काल का, आनंद मानो सत।।
|
आद्रा में जौ बोवै साठी। <br />
अर्थ - आषाढ़ की पूर्णिमा को यदि बादल गरजें, बिजली चमके और पानी बरसे तो वह वर्ष बहुत सुख से बीतेगा।
दु:खै मारि निकारै लाठी।।
|-
आद्रा बरसे पुनर्वसुजाय, दीन अन्न कोऊ न खाय।।
|3- आद्रा में जौ बोवै साठी। दु:खै मारि निकारै लाठी।।
आस-पास रबी बीच में खरीफ। <br />
|
अर्थ - जो किसान आद्रा नक्षत्र में धान बोता है वह दु:ख को लाठी मारकर भगा देता है।
|-
|4- आद्रा बरसे पुनर्वसुजाय, दीन अन्न कोऊ न खाय।।
|
अर्थ - यदि आर्द्रा नक्षत्र में वर्षा हो और पुनर्वसु नक्षत्र में पानी न बरसे तो ऐसी फ़सल होगी कि कोई दिया हुआ अन्न नहीं खाएगा।
|-
|5- आस-पास रबी बीच में खरीफ। <br />
नोन-मिर्च डाल के, खा गया हरीफ।।
नोन-मिर्च डाल के, खा गया हरीफ।।
*  आँख के अंधे नाम नैनसुख।
*  आटे के साथ घुन भी पिसता है।
*  आदमी–आदमी अंतर, कोई हीरा कोई कंकर।
*  आम के आम गुठलियों के दाम।
*  आँख एक नहीं, कजरौटा दस-दस।
*  आँख ओट पहाड़ ओट।
*  आँख और कान में चार अंगुल का फ़र्क़।
*  आँख के आगे नाक, सूझे क्या खाक।
*  आँख बची और माल दोस्तों का।
*  आँख सुख कलेजे ठंडक।
*  आँख एक नहीं कलेजा टूक-टूक।
*  आटे का चिराग, घर रखूँ तो चूहा खाए, बाहर रखूँ तो कौआ ले जाए।
*  आठ वार नौ त्योहार।
* आदमी की दवा आदमी है।
* आदमी को ढाई गज़ कफ़न काफ़ी है।
*  आदमी जाने बसे, सोना जाने कसे।
*  आदमी पानी का बुलबुला है।
*  आधा तीतर आधी बटेर।
*  आधी छोड़ पूरी को धावे, आधी रहे ना पूरी पावे।
*  आप काज़ महा काज़।
* आप न जावे सासुरे औरों को देय सीख।
*  आप भला तो जग भला।
|
|
अर्थ - खरीफ की फ़सल के बीच में रबी की फ़सल अच्छी नहीं होती है।
* आप मरे जग परलय।
|-
* आप मरे बिन स्वर्ग न जावे।
|6- आँख के अंधे नाम नैनसुख।
* आप मियाँ जी माँगते, द्वार खड़े दरवेश।
|
आपा तजे तो हरि को भजे।
अर्थ - नाम बड़ा होना और व्यक्ति का व्यवहार और गुण उसके विपरीत होना।
आब–आब कर मर गया, सिरहाने रखा पानी।
|-
आ बला गले लग, आ बैल मुझे मार।
|7- आटे के साथ घुन भी पिसता है।
आम खाने से काम, पेड गिनने से क्या काम।
|
आए की खुशी न गए का गम।
अर्थ - दोषी व्यक्ति के साथ निर्दोष व्यक्ति भी मारा जाता है।
* आए थे हरि भजन को ओटन लगे कपास।
|-
आस-पास बरसे दिल्ली पड़ी तरसे।
|8- आदमी–आदमी अंतर, कोई हीरा कोई कंकर।
* आसमान का थूका मुँह पर आता है।
|
आसमान से गिरा खजूर पर अटका।
अर्थ - हर आदमी का गुण और स्वाभाव दूसरे से भिन्न  होता है्।
आकाश से बातें करना।
|-
आकाश पाताल एक करना।
|9- आम के आम गुठलियों के दाम।
आग पर तेल छिड़कना।
|
आग पर पानी डालना।
अर्थ - दोहरा लाभ होना।
* आग पानी या आग और फूल का बैर होना।
|-
* आग बबूला होना।
|10- आँख एक नहीं, कजरौटा दस-दस।
* आग में कूदना।
|
* आग लगने पर कुआँ खोदना।
अर्थ - व्यर्थ का आडम्बर रचना।
* आग लगाकर तमाशा देखना।
|-
* आगा-पीछा करना।
|11- आँख ओट पहाड़ ओट।
* आगे का पैर पीछे पड़ना।
|
आटा गीला होना।
अर्थ - आँख से ओझल होने पर समझना चाहिए कि बहुत दूर हो गए।
* आटे के साथ घुन पीसना।
|-
* आटे दाल का भाव मालूम होना।
|12- आँख और कान में चार अंगुल का फ़र्क़।
आठ-आठ आँसू रोना।
|
* आड़े आना।
अर्थ - आँखों देखी बात का विश्वास करना, कानों से सुनी बात का नहीं।
* आड़े हाथों लेना।   
|-
आधा तीतर आधा बटेर।
|13- आँख के आगे नाक, सूझे क्या खाक।
* आपे से बाहर होना।
|
आव न देखा ताव।
अर्थ - आँख के आगे परदा पड़ा है तो क्या रास्ता सूझेगा।
आवाज़ उठाना।
|-
* आसन डोलना।
|14- आँख बची और माल दोस्तों का।
* आसमान के तारे तोड़ना।
|
आसमान टूट पड़ना।
अर्थ - पलक झपकने से माल गायब हो सकता है।
आसमान पर चढ़ा देना।
|-
आसमान पर दिमाग होना।
|15- आँख सुख कलेजे ठंडक।
आसमान फट पड़ना।
|
आसमान सिर पर उठाना।
अर्थ - परम शान्ति का होना।
* आस्तीन का साँप।
|-
|16- आँख एक नहीं कलेजा टूक-टूक।
|
अर्थ - बनावटी दु:ख प्रकट करना।
|-
|17- आई तो ईद, न आई तो जुम्मेरात,<br />
आई तो रोज़ी नहीं तो राज़ा।
|
अर्थ - आमदनी हुई तो मौज ही मौज, नहीं तो फाका ही सही।
|-
|18- आई मौज फ़कीर की, दिया झोपड़ा फूँक।
|
अर्थ - मनमौजी और विरक्त आदमी को किसी का मोह नहीं होता और ना ही किसी चीज़ की परवाह होती है ।
|-
|19- आई है जान के साथ, जाएगी जनाज़े के साथ।
|
अर्थ - लाइलाज बीमारी।
|-
|20- आओ-आओ घर तुम्हारा, <br />
खाना माँगे दुश्मन हमारा।
|
अर्थ - झूठ-मूठ का सत्कार करना, मन ना होने पर भी आदर देना ।
|-
|21- आग, कहते मुँह नहीं जलता।
|
अर्थ -  केवल नाम लेने से कोई हानि-लाभ नहीं हो जाता है।
|-
|22- आग का जला आग ही से अच्छा होता है।
|
अर्थ - कष्ट देने वाली वस्तु से भी कभी कभी कष्ट का निवारण हो जाता है।
|-
|23- आग खाएगा तो अंगार उगलेगा,
|
अर्थ - बुरे काम करने का बुरा फल ही मिलता है।
|-
|24- आग बिना धुआँ नहीं।
|
अर्थ - हर चीज़ का कारण अवश्य ही होता है।
|-
|25- आग लगने पर कुआं खोदना।
|
अर्थ - आवश्यकता पड़ने पर काम करना, पहले से कुछ न करना।
|-
|26- आगे जाए घुटने टूट, पीछे देखे आँख फूटे।
|
अर्थ - जिधर जाएँ उधर ही मुसीबत आना।
|-
|27- आगे नाथ न पीछे पगहा।
|
अर्थ - किसी का भी बंधन ना होना, पूर्णत: बंधनरहित होना।
|-
|28- आज का बनिया कल का सेठ।
|
अर्थ - काम करते रहने से ही आदमी बड़ा हो जाता है अर्थात उन्नति करता है।
|-
|29- आज मेरी मँगनी, कल मेरा ब्याह,<br />
टूट गई टंगड़ी, रह गया ब्याह।
|
अर्थ - उम्मीदें कभी कभी विफल भी हो जाती हैं।
|-
|30- आटे का चिराग, घर रखूँ तो चूहा खाए,<br />
बाहर रखूँ तो कौआ ले जाए।
|
अर्थ - ऐसी वस्तु जिसे बचाने में कठिनाई हो, जिसकी रक्षा करना मुश्किल हो जाए ।
|-
|31- आठ कनौजिया नौ चूल्हे।
|
अर्थ - अलगाव की स्थिति होना।
|-
|32- आठ वार नौ त्योहार।
|
अर्थ - मौज मस्ती से भरा जीवन जीना।
|-
|33- आदमी की दवा आदमी है।
|
अर्थ - मनुष्य ही मनुष्य के काम आता है या मनुष्य ही मनुष्य की सहायता करते हैं।
|-
|34- आदमी को ढाई गज़ कफ़न काफ़ी है।
|
अर्थ - आदमी बेकार की सुख-सुविधा जुटाने में लगा रहता है, जीवन के लिए ज़रूरी ज़रूरतें तो कम ही होती हैं।
|-
|35- आदमी जाने बसे, सोना जाने कसे।
|
अर्थ - व्यक्ति व्यवहार से और सोना कसौटी पर कसने से पहचाना जाता है।
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|36- आदमी पानी का बुलबुला है।
|
अर्थ - मनुष्य का जीवन नाशवान है, इसीलिए यह जीवन अनमोल है।
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|37- आधा तीतर आधी बटेर।
|
अर्थ - बेमेल चीज़ों का सम्मिश्रण होना।
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|38- आधी छोड़ पूरी को धावे, आधी रहे ना पूरी पावे।
|
अर्थ - अधिक लालच करने से हानि ही होती है।
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|39- आप काज़ महा काज़।
|
अर्थ - अपना काम स्वयं करना ही अच्छा होता है।
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|40- आप न जावे सासुरे औरों को देय सीख।
|
अर्थ - स्वयं तो काम करते नहीं और दूसरों को सीख देते हैं।
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|41- आप पड़ोसन लड़े।
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अर्थ - बिना बात ही झगड़ा करना।
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|42- आप भला तो जग भला।
|
अर्थ - भले आदमी को सब लोग भले ही मिलते हैं।
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|43- आप मरे जग परलय।
|
अर्थ - अपने मरने के बाद दुनिया में कुछ भी होता रहे।
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|44- आप मरे बिन स्वर्ग न जावे।
|
अर्थ - अपना काम स्वयं किए बिना ठीक नहीं होता।
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|45- आप मियाँ जी माँगते, द्वार खड़े दरवेश।
|
अर्थ - अपने पास कुछ भी नहीं है दूसरों की सहायता क्या करेगें।
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|46- आपा तजे तो हरि को भजे।
|
अर्थ - स्वार्थ को छोड़ने से ही परमार्थ प्राप्त होता है।
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|47- आब–आब कर मर गया, सिरहाने रखा पानी।
|
अर्थ - वस्तु के पास होने पर भी सही भाषा ना जानने से समस्या आती है।
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|48- आ बला गले लग, आ बैल मुझे मार।
|
अर्थ - बिना बात मुसीबत मोल लेना।
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|49- आम खाने से काम, पेड गिनने से क्या काम।
|
अर्थ - अपने मतलब की बात करना।
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|50- आए की खुशी न गए का गम।
|
अर्थ - हर हालात में एक जैसा ही रहना।
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|51- आए थे हरि भजन को ओटन लगे कपास।
|
अर्थ - उच्च लक्ष्य लेकर चलना पर कोई घटिया सा काम करने लगना।
|-
|52- आस-पास बरसे दिल्ली पड़ी तरसे।
|
अर्थ - जिसे आवश्यकता हो उसे न मिलकर किसी और को मिलना।
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|53- आसमान का थूका मुँह पर आता है।
|
अर्थ - बड़े लोगों की निंदा करने से अपनी ही बदनामी होती है।
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|54- आसमान से गिरा खजूर पर अटका।
|
अर्थ - कोई काम पूरा होते-होते रह गया, एक मुसीबत से निकले तो दूसरी मुसीबत में फंस जाना।
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|55- आकाश कुसुम।
|
अर्थ - अनहोनी बात।
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|56- आकाश चूमना।
|
अर्थ - बुलन्द होना।
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|57- आकाश से बातें करना।
|
अर्थ - बहुत ऊँचा होना।
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|58- आकाश पाताल एक करना।
|
अर्थ - कोई उपाय न छोड़ना।
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|59- आग पर तेल छिड़कना।
|
अर्थ - और भड़काना।
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|60- आग पर पानी डालना।
|
अर्थ - झगड़ा मिटाना।
|-
|61- आग पानी या आग और फूल का बैर होना।
|
अर्थ - स्वाभाविक शत्रुता होना।
|-
|62- आग बबूला होना।
|
अर्थ - बहुत गुस्सा होना।
|-
|63- आग में कूदना।
|
अर्थ - जान जोखिम में डालना।
|-
|64- आग लगने पर कुआँ खोदना।
|
अर्थ - पहले से कोई उपाय न कर रखना।
|-
|65- आग लगाकर तमाशा देखना।
|
अर्थ - झगड़ा पैदा करके खुश होना।
|-
|66- आगा-पीछा करना।
|
अर्थ - हिचकिचाना।
|-
|67- आगे का पैर पीछे पड़ना।
|
अर्थ - क़िस्मत उलटी होना।
|-
|68- आटा गीला होना।
|
अर्थ - विपत्ति में पड़ना।
|-
|69- आटे के साथ घुन पीसना।
|
अर्थ - दोषी के साथ निर्दोष की भी हानि होना।
|-
|70- आटे दाल का भाव मालूम होना।
|
अर्थ - दुनियादारी ज्ञात होना।
|-
|71- आठ-आठ आँसू रोना।
|
अर्थ - बहुत पछतावा होना।
|-
|72- आड़े आना।
|
अर्थ - मुसीबत में सहायता करना।  
|-
|73- आड़े हाथों लेना।   
|
अर्थ - बातों से लज्जित कर देना।
|-
|74- आधा तीतर आधा बटेर।
|
अर्थ - बेमेल काम।
|-
|75- आपे से बाहर होना।
|
अर्थ - क्रोध से अपने वश में न रहना।
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|76- आ बनना।
|
अर्थ - मुसीबत पड़ना।
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|77- आव न देखा ताव।
|
अर्थ - बिना कारण।
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|78- आवाज़ उठाना।
|
अर्थ - विरोध प्रकट करना।  
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|79- आसन डोलना।
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अर्थ - विचलित होना।
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|80- आसमान के तारे तोड़ना।
|
अर्थ - असंभव कार्य करना।
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|81- आसमान टूट पड़ना।
|
अर्थ - अचानक विपत्ति आ पड़ना।
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|82- आसमान पर चढ़ा देना।
|
अर्थ - बहुत तारीफ करना।
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|83- आसमान पर दिमाग होना।
|
अर्थ - बहुत घंमडी होना।
|-
|84- आसमान फट पड़ना।
|
अर्थ - अचानक आफ़त आ पड़ना।
|-
|85- आसमान सिर पर उठाना।
|
अर्थ - बहुत हो-हल्ला मचाना।
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|86- आस्तीन का साँप।
|
अर्थ - विश्वासघाती मित्र।
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09:37, 23 मई 2011 का अवतरण

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                              अं                                                                                              क्ष    त्र    श्र
  • आई तो ईद, न आई तो जुम्मेरात, आई तो रोज़ी नहीं तो राज़ा।
  • आई मौज फ़कीर की, दिया झोपड़ा फूँक।
  • आई है जान के साथ, जाएगी जनाज़े के साथ।
  • आओ-आओ घर तुम्हारा, खाना माँगे दुश्मन हमारा।
  • आग का जला आग ही से अच्छा होता है।
  • आग खाएगा तो अंगार उगलेगा
  • आग बिना धुआँ नहीं।
  • आग लगने पर कुआं खोदना।
  • आगे जाए घुटने टूट, पीछे देखे आँख फूटे।
  • आगे नाथ न पीछे पगहा।
  • आज मेरी मँगनी, कल मेरा ब्याह,

टूट गई टंगड़ी, रह गया ब्याह।

  • आसमान से गिरा खजूर में अटका।
  • आसाढ़ी पूनो दिना, गाज बीजु बरसंत।

नासे लच्छन काल का, आनंद मानो सत।।

  • आद्रा में जौ बोवै साठी।

दु:खै मारि निकारै लाठी।।

  • आद्रा बरसे पुनर्वसुजाय, दीन अन्न कोऊ न खाय।।
  • आस-पास रबी बीच में खरीफ।

नोन-मिर्च डाल के, खा गया हरीफ।।

  • आँख के अंधे नाम नैनसुख।
  • आटे के साथ घुन भी पिसता है।
  • आदमी–आदमी अंतर, कोई हीरा कोई कंकर।
  • आम के आम गुठलियों के दाम।
  • आँख एक नहीं, कजरौटा दस-दस।
  • आँख ओट पहाड़ ओट।
  • आँख और कान में चार अंगुल का फ़र्क़।
  • आँख के आगे नाक, सूझे क्या खाक।
  • आँख बची और माल दोस्तों का।
  • आँख सुख कलेजे ठंडक।
  • आँख एक नहीं कलेजा टूक-टूक।
  • आटे का चिराग, घर रखूँ तो चूहा खाए, बाहर रखूँ तो कौआ ले जाए।
  • आठ वार नौ त्योहार।
  • आदमी की दवा आदमी है।
  • आदमी को ढाई गज़ कफ़न काफ़ी है।
  • आदमी जाने बसे, सोना जाने कसे।
  • आदमी पानी का बुलबुला है।
  • आधा तीतर आधी बटेर।
  • आधी छोड़ पूरी को धावे, आधी रहे ना पूरी पावे।
  • आप काज़ महा काज़।
  • आप न जावे सासुरे औरों को देय सीख।
  • आप भला तो जग भला।
  • आप मरे जग परलय।
  • आप मरे बिन स्वर्ग न जावे।
  • आप मियाँ जी माँगते, द्वार खड़े दरवेश।
  • आपा तजे तो हरि को भजे।
  • आब–आब कर मर गया, सिरहाने रखा पानी।
  • आ बला गले लग, आ बैल मुझे मार।
  • आम खाने से काम, पेड गिनने से क्या काम।
  • आए की खुशी न गए का गम।
  • आए थे हरि भजन को ओटन लगे कपास।
  • आस-पास बरसे दिल्ली पड़ी तरसे।
  • आसमान का थूका मुँह पर आता है।
  • आसमान से गिरा खजूर पर अटका।
  • आकाश से बातें करना।
  • आकाश पाताल एक करना।
  • आग पर तेल छिड़कना।
  • आग पर पानी डालना।
  • आग पानी या आग और फूल का बैर होना।
  • आग बबूला होना।
  • आग में कूदना।
  • आग लगने पर कुआँ खोदना।
  • आग लगाकर तमाशा देखना।
  • आगा-पीछा करना।
  • आगे का पैर पीछे पड़ना।
  • आटा गीला होना।
  • आटे के साथ घुन पीसना।
  • आटे दाल का भाव मालूम होना।
  • आठ-आठ आँसू रोना।
  • आड़े आना।
  • आड़े हाथों लेना।
  • आधा तीतर आधा बटेर।
  • आपे से बाहर होना।
  • आव न देखा ताव।
  • आवाज़ उठाना।
  • आसन डोलना।
  • आसमान के तारे तोड़ना।
  • आसमान टूट पड़ना।
  • आसमान पर चढ़ा देना।
  • आसमान पर दिमाग होना।
  • आसमान फट पड़ना।
  • आसमान सिर पर उठाना।
  • आस्तीन का साँप।