"अपराधशत व्रत": अवतरणों में अंतर

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*[[शुक्ल पक्ष]] या [[कृष्ण पक्ष]] से आरम्भ होकर एक वर्ष तक [[हरि]]-पूजा की जाती है।  
*[[शुक्ल पक्ष]] या [[कृष्ण पक्ष]] से आरम्भ होकर एक वर्ष तक [[हरि]]-पूजा की जाती है।  
*[[भविष्योत्तर पुराण]]<ref>(भविष्योत्तर पुराण 146|6-21)</ref> में सौ अपराधों का उल्लेख है, जो इस व्रत से नष्ट हो जाते हैं;  
*[[भविष्योत्तर पुराण]]<ref>भविष्योत्तर पुराण 146|6-21)</ref> में सौ अपराधों का उल्लेख है, जो इस व्रत से नष्ट हो जाते हैं;  
*[[वराह पुराण]]<ref>(वराह पुराण 107)</ref> में 32 अपराध वर्णित हैं।
*[[वराह पुराण]]<ref>वराह पुराण 107)</ref> में 32 अपराध वर्णित हैं।
{{संदर्भ ग्रंथ}}
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==

12:06, 27 जुलाई 2011 का अवतरण

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. भविष्योत्तर पुराण 146|6-21)
  2. वराह पुराण 107)

अन्य संबंधित लिंक

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