"मूँगफली": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
No edit summary |
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति 4: | पंक्ति 4: | ||
[[भारत]] में मूँगफली को 'ग़रीबों का काजू' के नाम से भी जाना जाता है। भारत में सिकी हुई मूँगफली खाना काफ़ी प्रचलित है, इसे हम आमतौर पर 'टाइम पास' के नाम से भी जानते हैं।<ref name="वेब दुनिया" /> | [[भारत]] में मूँगफली को 'ग़रीबों का काजू' के नाम से भी जाना जाता है। भारत में सिकी हुई मूँगफली खाना काफ़ी प्रचलित है, इसे हम आमतौर पर 'टाइम पास' के नाम से भी जानते हैं।<ref name="वेब दुनिया" /> | ||
==उत्पादन== | ==उत्पादन== | ||
[[चित्र:Colourful-Peanut-Gujarat.jpg|thumb|रंग बिरंगी मूँगफली, [[गुजरात]]]] | |||
*साधारण तौर पर मूँगफली की बुवाई [[जून]]-[[जुलाई]] माह में करते हैं। | *साधारण तौर पर मूँगफली की बुवाई [[जून]]-[[जुलाई]] माह में करते हैं। | ||
*मूँगफली के उत्पादन के लिए [[तापमान]] 22° से 25°C होना चाहिए। | *मूँगफली के उत्पादन के लिए [[तापमान]] 22° से 25°C होना चाहिए। |
07:20, 8 अप्रैल 2011 का अवतरण
मूँगफली एक प्रमुख तिलहन फ़सल है। मूँगफली में वनस्पतिक प्रोटीन का एक सस्ता स्रोत है। मूँगफली में सभी पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं। प्रकृति ने भरपूर मात्रा में मूँगफली को विभिन्न पोषक तत्वों से सजाया-सँवारा है। मूँगफली में प्रोटीन, चिकनाई और शर्करा पाई जाती है। एक अंडे के मूल्य के बराबर मूँगफलियों में जितना प्रोटीन व ऊष्मा होती है, उतनी दूध व अंडे से संयुक्त रूप में भी प्राप्त नहीं होती। मूँगफली वनस्पतिक प्रोटीन का एक सस्ता स्रोत है। मूँगफली पाचन शक्ति बढ़ाने में भी उचित है।[1]
भारत में मूँगफली को 'ग़रीबों का काजू' के नाम से भी जाना जाता है। भारत में सिकी हुई मूँगफली खाना काफ़ी प्रचलित है, इसे हम आमतौर पर 'टाइम पास' के नाम से भी जानते हैं।[1]
उत्पादन
- साधारण तौर पर मूँगफली की बुवाई जून-जुलाई माह में करते हैं।
- मूँगफली के उत्पादन के लिए तापमान 22° से 25°C होना चाहिए।
- मूँगफली के उत्पादन के लिए 60 से 130 सेंटीमीटर वर्षा उपयुक्त होती है।
- मूँगफली के उत्पादन के लिए हल्की दोमट मिट्टी उत्तम होती है। मिट्टी भुरभुरी एवं पोली होनी चाहिए।
मूँगफली के गुण
- मूँगफली शरीर में गर्मी पैदा करती है, इसलिए सर्दी के मौसम में ज़्यादा लाभदायक है। यह खाँसी में उपयोगी है व मेदे और फेफड़े को बल देती है।
- इसे भोजन के साथ सब्ज़ी, खीर, खिचड़ी आदि में डालकर नित्य खाना चाहिए। मूँगफली में तेल का अंश होने से यह वायु की बीमारियों को भी नष्ट करती है।[1]
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख