"अलाउद्दीन आलमशाह": अवतरणों में अंतर
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'''अलाउद्दीन''' (1445-1451 ई.) [[सैयद वंश]] के [[मुहम्मदशाह]] का पुत्र था। मुहम्मदशाह की मृत्यु के बाद अलाउद्दीन ने 'आलमशाह' की उपाधि ग्रहण की और अलाउद्दीन आलमशाह के नाम से सिंहासन पर बैठा। | |||
*वह आराम पसन्द एवं विलासी प्रवृत्ति का व्यक्ति था। | *वह आराम पसन्द एवं विलासी प्रवृत्ति का व्यक्ति था। | ||
*अलाउद्दीन आलमशाह को अपने वज़ीर हमीद ख़ाँ से अनबन होने के कारण [[दिल्ली]] छोड़कर [[बदायूँ]] में शरण लेनी पड़ी तथा हमीद ख़ाँ ने [[बहलोल लोदी]] को दिल्ली आमंत्रित किया। | *अलाउद्दीन आलमशाह को अपने वज़ीर [[हमीद ख़ाँ]] से अनबन होने के कारण [[दिल्ली]] छोड़कर [[बदायूँ]] में शरण लेनी पड़ी तथा हमीद ख़ाँ ने [[बहलोल लोदी]] को दिल्ली आमंत्रित किया। | ||
*बहलोल लोदी ने दिल्ली आने के कुछ दिन बाद हमीद ख़ाँ की हत्या करवाकर 1450 ई. में दिल्ली प्रशासन को अपने अधिकार में कर लिया। | *बहलोल लोदी ने दिल्ली आने के कुछ दिन बाद हमीद ख़ाँ की हत्या करवाकर 1450 ई. में दिल्ली प्रशासन को अपने अधिकार में कर लिया। | ||
*दूसरी तरफ सुल्तान अलाउद्दीन आलमशाह ने अपने को बदायूँ में ही सुरक्षित महसूस किया और वहीं पर 1476 ई. में उसकी मृत्यु हो गई। | *दूसरी तरफ सुल्तान अलाउद्दीन आलमशाह ने अपने को बदायूँ में ही सुरक्षित महसूस किया और वहीं पर 1476 ई. में उसकी मृत्यु हो गई। | ||
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08:33, 17 अगस्त 2013 का अवतरण
अलाउद्दीन (1445-1451 ई.) सैयद वंश के मुहम्मदशाह का पुत्र था। मुहम्मदशाह की मृत्यु के बाद अलाउद्दीन ने 'आलमशाह' की उपाधि ग्रहण की और अलाउद्दीन आलमशाह के नाम से सिंहासन पर बैठा।
- वह आराम पसन्द एवं विलासी प्रवृत्ति का व्यक्ति था।
- अलाउद्दीन आलमशाह को अपने वज़ीर हमीद ख़ाँ से अनबन होने के कारण दिल्ली छोड़कर बदायूँ में शरण लेनी पड़ी तथा हमीद ख़ाँ ने बहलोल लोदी को दिल्ली आमंत्रित किया।
- बहलोल लोदी ने दिल्ली आने के कुछ दिन बाद हमीद ख़ाँ की हत्या करवाकर 1450 ई. में दिल्ली प्रशासन को अपने अधिकार में कर लिया।
- दूसरी तरफ सुल्तान अलाउद्दीन आलमशाह ने अपने को बदायूँ में ही सुरक्षित महसूस किया और वहीं पर 1476 ई. में उसकी मृत्यु हो गई।
- इस प्रकार लगभग 37 वर्ष के बाद सैय्यद वंश समाप्त हो गया।
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